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— अनुभव का अन्यत
अनुभव का उत्पल
जीवन के नैतिक-मूल्य
अकिंचन हूं, इसीलिए मैं महान् हूं। कामनाएं सीमित हैं, इसीलिए मैं सुखी हूं।
इन्द्रियों पर नियंत्रण रखता हूं, इसीलिए मैं स्वतन्त्र हूं।
कथनी और करनी में भेद नहीं जानता, इसीलिए मैं ज्ञानी हूं।
___ बाहरी वस्तुएं मुझे खींच नहीं सकती, इसीलिए मैं सरस हूं।
अपनी कमजोरियों को देखता हूं, इसीलिए मैं पवित्र हूं।
सबको आत्म-तुल्य मानता हूं, इसीलिए मैं अभय
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