________________
उठता।
अनुभव का उत्पल
लघुता का प्रसाद
यह सच है लघु बने बिना कोई भी ऊँचा नहीं
जल स्वतन्त्रता से घूमता-फिरता नीचे चला आया । वह पात्र में पड़ा और तपा कि लघु हो गया । वाष्प बन अनन्त में लीन हो गया।
Jain Education International
तपे बिना कौन लघु हो सकता है ? और बिना कौन अनन्त को छू सकता है ?
४१
For Private & Personal Use Only
लघु
बने
www.jainelibrary.org