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२८.
अहिंसा के अछूते पहलु
का अतिरिक्त स्राव शुरू हो जाता है । हमारे रक्त में एड्रीनेलिन का मिश्रण हो जाता है । वह स्राव जब मिलता है तो अतिरिक्त शक्ति आती है । लीवर के पास जो सुगर का भण्डार होता है, अधिक चीनी भी हमें मिलने लग जाती है । सारी जैविक रासायनिक और शारीरिक प्रक्रियाएं और मनोवैज्ञानिक प्रक्रियाएं बदल जाती हैं, ऐसा क्यों होता है ? चंचलता के कारण होता है । जब चंचलता बढ़ती है तो हिंसा की भावना आती है, आक्रामक मुद्रा बनती है और सांस तेज हो जाती है । सांस बहुत बढ़ जाती है । एक मिनट में १०-१५ श्वास लेते हैं, उस स्थिति में श्वास की संख्या २०, ३०, ४०, तक चली जाती है । ये सारे परिवर्तन आते हैं । जिस व्यक्ति ने ध्यान का प्रयोग किया है, शरीर को साधा है, वह कभी भी इस प्रकार की हिंसा में जा नहीं सकता । चंचलता को कम करने का एक बहुत बड़ा माध्यम है ध्यान और चंचलता को कम करने का अर्थ है हिंसा की प्रवृत्ति को कम कर देना ।
संकेत की भाषा
यह सारी भाषा संकेत की भाषा है । इसे समझना बड़ा कठिन हो रहा है । आज का युग सांकेतिक भाषा को पकड़ नहीं पा रहा है । अगर संकेत हमारी समझ में आ जाएं तो आज जितने अपराध, जितनी हिंसाएं बढ़ रही हैं और जैसा हो रहा है, उनकी रोकथाम की जा सकती है । पर संकेत की बात को कैसे समझें ? उनके लिए हमारी दृष्टि कैसी होनी चाहिए ? एक घटना के माध्यम से इसे समझें ।
राजस्थान का एक राज्य था- - जोधपुर राज्य । वहां के राजा को एक बार जरूरत हुई पैसे की। उसने अपने पुराने अभिलेख देखे । एक लेख मिला, जिसमें लिखा था— कभी खजाने को धन की जरूरत पड़े तो मकराना और खाटू के बीच में धन गड़ा हुआ है, उसे निकाल लिया जाए। राजा ने देखा - बात तो ठीक है पर मकराना से खाटू की दूरी होगी २०-३० मिलोमीटर | कैसे पता लगाएं, पता लगाना कठिन है । कहां पता लगे । इतनी दूरी में कहां-कहां खोदें। धन कहां गड़ा है, असमंजस में पड़ गए । हम भी असमंजस में पड़े हुए हैं । कहते हैं कि हमारे भीतर में बहुत संपदा है । पर कहां छिपी है, कहां से निकालें ? पता नहीं चलता, क्योंकि हम संकेत की भाषा को नहीं जानते । आखिर राजा ने दीवान को बुलाया और सारी बात बतलाई । दीवान ने कहा, बीकानेर राज्य में मेरा एक दामाद है जसवंत बँद | अगर आप उसे बुलाएं तो समाधान मिल सकता है । बुलाया उसे । वह आया । उसने पुराना लेख पढ़ा और संकेत की भाषा को पकड़ा। उसने कहा - समाधान हो गया है, खजाना मिल जाएगा। राजा ने पूछा, कैसे मिल जाएगा ? कहां खोदोगे ? उसने कहा, जरूरत नहीं है अन्यत्र
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