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आहार का एक पहलू - अनाहार
इस संदर्भ में आहार के दूसरे पहलू पर विचार करना होगा । वह पहलू है - अनाहार, उपवास । उपवास आहार का ही एक पहलू है । खाना और न खाना — दोनों जुड़े हुए हैं । विष द्रव्यों के निष्कासन का सबसे अच्छा उपाय है— उपवास । यह धार्मिक दृष्टि से बहुत स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बहुत महत्त्वपूर्ण है और भावात्मक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है । ये विष द्रव्य भावनाओं को विकृत करते हैं ।
महत्वपूर्ण है, स्वास्थ्य की
भगवान महावीर ने कहा
'रापगामं न निसेवियव्वा, पायं रसा दित्तिकरा नराणं । दत्तं च कामा समभिद्दवंति, दुमं जहा साउफलं व पक्खी ॥' रसों का -दूध, दही, नवनीत, चीनी आदि का - अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। ये रस विकार पैदा करते हैं, आदमी को दृप्त बनाते हैं । जहां दृप्ति होती है वहां काम वासनाएं उभरने लगती हैं और वे व्यक्ति को पीड़ित करती हैं, जैसे स्वादु फल वाले पेड़ को पक्षी पीड़ित करते हैं ।
आहार और स्वास्थ्य
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अहिंसा के अछूते पहलु
अधिक रसों का सेवन नहीं करना चाहिए । जब रस-त्याग की बात से मांसाहार के त्याग की बात स्वतः प्राप्त हो जाती है । मनुष्य को इस तथ्य के प्रति अधिक सावधान रहना चाहिए कि किस प्रकार के भोजन से भावात्मक स्वास्थ्य कैसा होता है । आज का आदमी केवल यह देखता है, सोचता है कि किस प्रकार के भोजन से शारीरिक स्वास्थ्य ठीक रहता है । यह भ्रान्ति है । यह एक पहलू हो सकता है पर यही नहीं हो सकता । भोजन के तीन परिणाम होने चाहिए - शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य और भावात्मक स्वास्थ्य । भोजन का चुनाव करते समय हमारा विमर्श होना चाहिए कि यह भोजन भावात्मक स्वास्थ्य को बढ़ाने वाला है या घटाने वाला ? दूसरा विमर्श यह हो कि यह भोजन मानसिक स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है या हानिकारक ? तीसरा विमर्श यह हो कि यह भोजन शारीरिक स्वास्थ्य के लिए उपकारक है या हानिकारक ? यदि केवल शारीरिक स्वास्थ्य के पहलू को ही ध्यान में रखकर भोजन का चुनाव किया जाता है तो बात बनती नहीं । यदि भावनात्मक स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो शारीरिक स्वास्थ्य से क्या होगा ?
भोजन के विमर्श का पहला बिन्दु है - भावनात्मक स्वास्थ्य | भावनात्मक स्वास्थ्य का सीधा सम्बन्ध है अहिंसा से । जिसका भावनात्मक स्वास्थ्य जितना अच्छा होगा, वह उतना ही अच्छा अहिंसक होगा । जो भावात्मक दृष्टि से बीमार होगा वह हिंसक होगा, अपराधी होगा, हत्यारा होगा । ये अपराध और हत्याएं भावनात्मक अस्वास्थ्य के कारण होती हैं ।
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