________________
भूमिका
समय धर्म शब्द के निक्षेपों का विवेचन हुआ है। २७ इससे यह सिद्ध होता है कि सूत्रकृताङ्गनिर्युक्ति, दशवैकालिकनिर्युक्ति के बाद निर्मित हुई है। इसी प्रकार सूत्रकृताङ्गनिर्युक्ति की गाथा १२७ में कहा गया है, 'गंथोपुव्वुद्दिट्ठो' । २८ हम देखते हैं कि उत्तराध्ययननुिर्यक्ति (गाथा २६७ - २६८) में 'ग्रन्थ' शब्द के निक्षेपों का भी कथन हुआ है।२९ इससे सूत्रकृताङ्गनिर्युक्ति भी दशवैकालिकनिर्युक्ति एवं उत्तराध्ययननियुक्ति से परवर्ती ही सिद्ध होती है।
|३०
४. उपर्युक्त पाँच नियुक्तियों के यथाक्रम से निर्मित होने के पश्चात् ही तीन छेद सूत्रों यथा — दशाश्रुतस्कन्ध, बृहत्कल्प एवं व्यवहार पर नियुक्तियाँ भी उनके उल्लेख क्रम से ही लिखी गयीं हैं। दशाश्रुतस्कन्धनिर्युक्ति के प्रारम्भ में ही प्राचीनगोत्रीय सकल श्रुत के ज्ञाता और दशाश्रुतस्कन्ध, बृहत्कल्प एवं व्यवहार के रचयिता भद्रबाहु को नमस्कार किया गया है। इनमें भी इन तीनों ग्रन्थों का उल्लेख उसी क्रम से है जिस क्रम से निर्युक्ति-लेखन की प्रतिज्ञा में है । ३° उपर्युक्त आठ निर्युक्तियों की रचना के पश्चात् ही सूर्यप्रज्ञप्ति एवं इसिभासियाइं की नियुक्ति की रचना होनी थी। इन दोनों ग्रन्थों पर नियुक्तियाँ लिखी भी गयीं या नहीं, आज यह निर्णय करना अत्यन्त कठिन है। पूर्वोक्त प्रतिज्ञा गाथा के अतिरिक्त हमें इन नियुक्तियों के सन्दर्भ में कही भी, कोई भी सूचना नहीं मिलती है । अतः इन नियुक्तियों की रचना होना संदिग्ध ही है। या तो इन नियुक्तियों के लेखन का क्रम आने से पूर्व ही नियुक्तिकार का स्वर्गवास हो चुका होगा या फिर जैसा कि हम ऊपर कह चुके हैं इन दोनों ग्रन्थों में कुछ विवादित प्रसङ्गों का उल्लेख होने से नियुक्तिकार ने इनकी रचना करने का निर्णय ही स्थगित कर दिया होगा।
अत: सम्भावना यही है कि ये दोनों निर्युक्तियाँ लिखी ही नहीं गईं। इसके कारण भले ही कुछ भी रहे हों । प्रतिज्ञागाथा के अतिरिक्त सूत्रकृताङ्गनिर्युक्ति गाथा १८९ में ऋषिभाषित का नाम अवश्य आया है । ३१ वहाँ यह कहा गया है कि जिस-जिस सिद्धान्त या मत में जिस किसी अर्थ का निश्चय करना होता है उसमें पूर्व कहा गया अर्थ ही मान्य होता है, जैसे कि - ऋषिभाषित में। किन्तु यह उल्लेख ऋषिभाषित मूल ग्रन्थ के सम्बन्ध में ही सूचना देता है न कि उसकी नियुक्ति के सम्बन्ध में।
नियुक्तिकार और रचना- काल
नियुक्तियों के कर्ता कौन हैं? उनका रचना काल क्या है? ये दोनों प्रश्न एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। अतः हम उन पर अलग-अलग विचार न करके एक साथ ही विचार करेंगे।
-