Book Title: Agam 37 Chhed 04 Dashashrutskandh Sutra Ek Adhyayan
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 212
________________ . गाथानुक्रमणिका १९५ दसणनाणचरित्तं दंसणवयसामाइय धुवलोओ उ जिणाणं णिच्चं न करेइ दुक्खमोक्खं नेच्छइ जलूगवेज्जग नाम ठवणा दविए नामं ठवणा मोहो दव्वे नायं गणिअंगुणिअं पच्छित्ते बहुपाणो कालो पज्जोसमणाए अक्खराइं पडिमापडिवत्राणं एगाहं परिचिअकालामंतणखामण परिवसणा पज्जुसणा पसत्थ विगईगहणं पाएण एरिसो सिज्झइति पायसहरणं छेत्ता पच्चागय पावइ धुवमायाति पावे वज्जे वेरे पणगे पासत्थि पंडरज्जा परिण्ण पुव्वाहारोसवण जोग विवडीय पुव्वाहीयं नासइ पुरिमचरिमाण कप्पो बाले सुत्ते सुई कुडसीसग बाला मंदा किश बाहिं ठित्ततिवसभेहिं बोहण पडिमा उदयण भावे कसायबन्धो अहिगारो भावे उ सम्मद्दिट्ठी भासणे संपाइमवहो दुण्णेओ भिक्खूणं उवहाणे पगयं भिक्खूणं उवहाणे उवासगाणं rx r o ar or r or 3 w 5 5 na om Jowo owo room y vom Vom Umyys y x r o or on or w a m y s

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