Book Title: Agam 37 Chhed 04 Dashashrutskandh Sutra Ek Adhyayan
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 228
________________ सन्दर्भ ग्रन्थ-सूची २११ छन्दोऽनुशासन, हेमचन्द्र : सं० एच० डी० वेलणकर, भारतीय विद्याभवन, बम्बई १९६१। छन्दोमञ्जरी, गङ्गादास : व्याख्या० ब्रह्मानन्द त्रिपाठी, चौखम्बा सुरभारती,ग्र०मा० ३६,चौखम्बा सुरभारती प्रकाशन, वाराणसी १९७८। जैन विद्या के विविध आयाम : सम्पा० प्रो०एस०एम० जैन एवं डॉ० अशोक खण्ड - ५ कुमार सिंह, श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा, कलकत्ता हीरक जयन्ती सङ्गोष्ठी ग्रन्थ, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी १९९४। जैनागम साहित्य मनन और मीमांसाः आचार्य देवेन्द्र मुनि, तारक गुरु जैन ग्रं०मा० सं०७१,तारकगुरुजैन ग्रन्थालय, उदयपुर १९७७। जैन भाषा-दर्शन प्रो० सागरमल जैन, बी०एल०क्रमाङ्क ३, बी०एल० इंस्टीच्यूट ऑव इण्डोलाजी, दिल्ली १९८६) जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश, भाग-२ : सं०क्षु० जिनेन्द्रवर्णी, ज्ञानपीठ मूर्तिदेवी जैन ग्र०मा० ४०, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, दिल्ली तृ०सं० १९९२। जैन लक्षणावली, भाग-२ सं० बालचन्द्र सिद्धान्तशास्त्री,वीरसेवा मन्दिर ग्रन्थमाला सं० १५, वीर सेवा मन्दिर प्रकाशन, दिल्ली १९७३। जिनरत्नकोश, खण्ड एक संग्रा० एच०डी० वेलणकर, गवर्नमेण्ट ओरिएण्टल सिरीज भाण्डारकर ओरिएण्टल रिसर्च इंस्टीच्यूट, पूना १९४४। जैन साहित्य का बृहद् इतिहास : पं0 बेचरदास दोशी, पार्श्वनाथ विद्यापीठ भाग - १ ग्रन्थमाला सं० ७, वाराणसी द्वि०पुनर्मु० १९८९ जैन साहित्य का वृहद् इतिहास : डॉ० मोहन लाल मेहता, सं० पं० दलसुख भाग - ३ मालवणिया एवं डॉ० मेहता,पी०वी० ग्र०मा० ११,पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी द्वि०पुनर्मु० १९८९)

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