Book Title: Agam 37 Chhed 04 Dashashrutskandh Sutra Ek Adhyayan
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 226
________________ शब्दानुक्रमणिका २०९ ४८ १०७. १२२ ६४ सबलत्तं (शबलत्वं) शबलदोष सब्भिंतर (साभ्यन्तर) अभ्यन्तर .. सयगुणसहस्स (शतगुणसहस्र) सैकड़ों गुण वाले हजार सयण (सदन) गृह सयणी (शायनी, स्वापनी) मनुष्य की दस दशाओं में दसवीं सरीर भविओ (शरीरभविकः) सांसारिक शरीर सल्ले (शल्य) पापानुष्ठान से लगने वाला कर्म सावण (श्रावण) मास विशेष साहग (साधक) साधना करने वाला। सिगय (सिकता) बालू, रेत तर सुट्ट (सुष्ठु) अच्छा, शोभन, सुन्दर सुयसमाहिपडिमा (श्रुतसमाधिप्रतिमा) प्रतिमा-विशेष सेआ (श्रेयसी) श्रेयस्कर सेलो (शैल:) पर्वतः सोउं (श्रोतुं) सुनने के लिए सोहम्मे (सौधमें) प्रथम देवलोक ६० १०० ४७ १४० स . १३३ हत्थपायं (हस्तपादं) हाथ-पैर हलिद्दा (हरिद्रा) औषधि-विशेष, हल्दी हायणि (हायनी) मनुष्य की दस दसाओं में छठवीं अवस्था .

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