Book Title: Agam 37 Chhed 04 Dashashrutskandh Sutra Ek Adhyayan
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshwanath Vidyapith

View full book text
Previous | Next

Page 221
________________ २०४ दशाश्रुतस्कन्धनियुक्ति : एक अध्ययन थंभ (स्तम्भ) स्तम्भ थेराण (स्थविरानाम्) स्थविरों का दमग (द्रमक) गरीब, रङ्क दसआओ (दशा:) दशायें दसमीउ (दशम्या:) दशमीतक दसह (दसधा) दसबार दसुत्तरसयं (दसोत्तरशतं) एक सौ दस दाली (दे) दाल दुच्चरियाई (दुश्चरितानि) कुत्सित आचरण दुच्चिरिए (दुश्चरिते) कुत्सित आचरण दुण्णेओ (दुर्जेयो) कठिनाई से जानने योग्य दुम्मोए (दुमोकः) दुःख से छुड़ाने योग्य दुवालसङ्गं (द्वादशाङ्ग) बारह अङ्ग-आगम दोक्खर (दुष्कर) कष्टसाध्य धम्म (धर्म) धर्म धुत्ते (धूर्त) धूर्त नायं (ज्ञातं) विदित नायादीएK (ज्ञातादिषु) ज्ञातादि में निआण (निदान) किसी व्रतानुष्ठान की फल-प्राप्ति का सङ्कल्प-विशेष णिक्कारण (निष्कारण) कारण रहित अहेतुक णिक्खमणे (निष्क्रमणे) निर्गमन निज्जूढाओ (निर्मूढाः) उद्धृत, ग्रन्थान्तर से अवतरित निद्दओ (निर्दय) दयाहीन नियपच्चअ (नियप्रत्यय) आत्मनिश्चय णिवकहणा (नृपकथनात्) राजा के आदेश से पंचमिया (पाञ्चमिका) पाँचवीं

Loading...

Page Navigation
1 ... 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232