Book Title: Agam 37 Chhed 04 Dashashrutskandh Sutra Ek Adhyayan
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshwanath Vidyapith

View full book text
Previous | Next

Page 223
________________ ५७ २०६ दशाश्रुतस्कन्धनियुक्ति : एक अध्ययन पाईणं (प्राचीनं) गोत्र-विशेष पाउस (प्रावृष्) वर्षा पागइया (प्राकटिता) व्यक्त होना पायप्पडीघाओ (पापप्रतिघात:) पाप का निवारण पुहुत्तेहिं (पृथक्त्वैः ) पृथक्त्व से पेस (प्रेष्य) भेजने योग्य पोसह (पोषध, पौषध) आहारादि के त्यागपूर्वक किया जाता व्रत अनुष्ठान विशेष ५द ४३ १२५ १२५ बंधव (बान्धव) भ्राता, निकट सम्बन्धी बंधा (बन्धाः) कर्म-बन्धन बइल्ल (दे) बैल बला (बला) मनुष्य की दस दशाओं में से चौथी अवस्था बला (बलात्) जबरदस्ती बलितो (दे) अनुकूल बायाला (द्विचत्वारिंशत्) बयालिस (४२) बाला (बाला) मनुष्य की दस अवस्थाओं में पहली दशा बालाई (बालादि) बालादि बोडे (दे) भग्न, बोहण (बोधन) बोध, शिक्षा ११२ ४६ १४ ९१ ५० भंडी (दे) गाड़ी भत्तिमं (भक्तिमत्) भक्तियुक्त भेरवाणं (भैरवानां) सिंहादि पशुओं का भय भाउय (प्रातृ) भाई, बन्धु भाणग (भाणक) उद्घोषक भारियकम्मो (भारितकर्म) बलवान कर्म भासणे (भासणे) कथन, प्रतिपादन . भीसण (भीषण) भयङ्कर, भयजनक भायेणमोए (भोजनमोच:) आहार-त्याग २१,३० ८९

Loading...

Page Navigation
1 ... 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232