Book Title: Agam 37 Chhed 04 Dashashrutskandh Sutra Ek Adhyayan
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 217
________________ ७४ २०० ___ दशाश्रुतस्कन्धनियुक्ति : एक अध्ययन ओदइयाईयाणं (औदयिकादिकानां) औदयिकादि भावों का ओमोयरिए (अवमौदर्ये) कम आहार ग्रहण करना ओरमई (उपरमति) रुकना, निवृत्त होना, ओवरई (उपरति:) विरामस्थान ओसरणं (अपसरणं) दूर हट जाना ओहतो (ओघतः) सामान्य रूप से ओहाण (अवधान) उपयोग ७३ १० ६७ १२८ ३० ६५ १०१ ५६ १३७,१३९ ८७ EO कज्जम्मि (कायें) कार्य या प्रयोजन कडग (कटक) पर्वतखण्ड कत्तिओ (कार्तिको) कार्तिकमास कद्दम (कर्दम) कीचड़ कम्मासपट्ट (कर्पासपट:) श्वेत सूती वस्त्र कषायबंधो (कषायबन्धः) कषायबन्ध काइए (कायिक) शरीरसम्बन्धी काईयभूमी (कायिकभूमिः) जीवों से युक्त भूमि कायगुत्तो (कायगुप्तः) कायगुप्ति कारगमिसिं (कारकमृषि) कर्ता ऋषि कारणियं (कारणिक) प्रयोजन से किया जाना किमिराग (कृमिराग) किरमिजी रङ्ग कुंथू (कुन्थु) एक क्षुद्र जन्तु कुडसीसग (कुण्डशीर्षक) बाँस निर्मित सिरत्राण कुप्पवयणं (कुप्रवचनं) जिनेतर प्रणीत सिद्धान्त कुसुंभय (कुसुम्भक) कुसुम का रङ्ग ६७ १०१ ७२ ११८ ३४ १०१ १४ ५० खंडो (खण्ड:) अंश खंता (क्षन्ता) सहन करने वाले खद्धाऽऽदाणिय (ऋद्धाऽऽदानिक) समृद्ध खमगस्स (क्षमकस्य) तपस्वी श्रमण खलहाणे (खलधान्यं) खलिहान खामण (क्षमण) खमाना

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