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दशाश्रुतस्कन्धनियुक्ति : एक अध्ययन
१३२
१३२ र
१२
५७
छाया
छाया
१४१.. ११८
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गौरी
दस गाथाओं में चरण-विशेष के अन्तिमपद के गुरुवर्ण की ह्रस्व के रूप में गणना करने से गाथा-लक्षण घटित हो जाते हैं तो सोलह गाथाओं में चरण-विशेष के अन्तिमपद के लघु वर्ण की गुरु के रूप में गणना करने से छन्द लक्षण घटित हो जाता है। कवि परम्परा के अनुसार छन्द-पूर्ति के लिए प्रयोजनानुरूप चरण के अन्तिम वर्ण के गुरु का ह्रस्व और ह्रस्व का गुरु उच्चारण या गणना करने का विधान है।८ इन गाथाओं की सूची इसप्रकार है
अन्तिम गुरु की लघुगणना करने मात्र से छन्द की दृष्टि से शुद्ध होने वाली गाथायें
क्र०सं०
गाथा सं०
चरण
गाथा
धात्री
क्षमा
विद्या
or my 5 w gva
३४
४१
४२
१२५
लघु की गुरु गणना करने मात्र से छन्द की दृष्टि से शुद्ध हो जाने वाली गाथायेंक्र०सं० गाथा सं० चरण गाथा
गौरी
देही
उद्गाथा उद्गाथा