Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Nayadhammakahao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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आमुख
प्रस्तुत अध्ययन में वर्णित घटना का मुख्य स्थान अवरकंका है अत: इसका नाम अवरकंका रखा गया। ___ समय क्षेत्र (मनुष्य लोक) के मुख्य तीन विभाग हैं--जम्बूद्वीप, धातकीखण्ड तथा पुष्करार्द्ध। अवरकंका राजधानी की अवस्थिति धातकीखण्ड द्वीप के भारतवर्ष में है। वहां के राजा पद्मनाभ ने नारद के मुख से द्रौपदी के सौन्दर्य का वर्णन सुना। उसमें आसक्त होकर उसने द्रौपदी का अपहरण करवा लिया। वासुदेव श्रीकृष्ण ने पद्मनाभ को पराजित कर द्रौपदी को मुक्त करवाया।
__ अवरकंका ज्ञात में द्रौपदी के जीवन के दो वृत्तों का विस्तृत निरूपण हुआ है१. अतीत जीवन (सूत्र ४-११९) २. वर्तमान जीवन (सूत्र १२०-३२४)
द्रौपदी के अतीत जीवन में मुख्यत: नागश्री ब्राह्मणी और श्रेष्ठी पुत्री सुकुमालिका का भव आता है। श्रेष्ठी पुत्री सुकुमालिका के भव में तपस्या और आतापना से उत्कृष्ट पुण्य का अर्जन किया। साथ ही शरीर के प्रति अति ममत्व एवं
के प्रति अति ममत्व एवं बकुशवृत्ति से निदान कर आगामी भवपरम्परा का बीजारोपण भी किया।
द्रौपदी के भव में उसके जन्म, स्वयंवर, अपहरण, खोज, युद्ध आदि का सविस्तर निरूपण हुआ है।
पाण्डव वीर थे; पर संकल्प दृढ़ न होने के कारण विजय पद्मनाभ की हुई। वासुदेव श्रीकृष्ण ने पाण्डवों को उनकी पराजय का कारण बताया और विजय का संकल्प किया-'अहं, णो पउमनाभे रायत्ति।' फलत: वे विजयी हुए। प्रस्तुत अध्ययन में अनेक घटनाओं का परिणाम सहित निरूपण हुआ हैघटना
परिणाम धर्मरुचि मुनि की अहिंसात्मक दृष्टि
सुगति और मोक्ष निदान और वाकुशिकता
पंचपतित्व अपरीक्षणीय की परीक्षा
निर्वासन इस अध्ययन में देव-आराधन विधि, समुद्र से मार्ग की याचना, कृष्ण का नृसिंह रूप, दो वासुदेवों का परोक्ष मिलन आदि अनेक घटनाओं का निरूपण हुआ है।
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