Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Nayadhammakahao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 464
________________ परिशिष्ट-४ ४३८ नायाधम्मकहाओ कोढ़ कुष्ठ कुहनी कोप्पर कोत्थ कोमुइरयणिसर कोयव (दे.) कोरेंट कोल खंडरक्ख छात्र भेड गेंडा खंडाखंडि खंडिय खंतिखम खंधावार खग्ग खणि खण्णुय (दे.) खत्त (दे.) खत्तखणग खरमुहि खरय खिंखिणिया खिंसा दूध १/१३/२८ गणेत्तिया (दे.) १/२/२३ गहतोय उदरदेश १/१/१६५ गब्भघर शरद ऋतु का चन्द्रमा १/१/१७ गब्भेल्लग (दे.) रजाई १/१७/२२ गमणपयार कटसरैया के फूल १/१/२४ गमणी सूअर १/१/१७८ गयकलभय अनधिकृत भूमि पर अधिकार १/१८/२१ गयाणी करने वाला गरुल टुकड़ा-टुकड़ा १/६/४३ गलत्थल्ल (द.) १/१/१४३ गलय समर्थ होने पर भी क्षमा करने वाला १/१/१६४ गल्ल सेना का पड़ाव (छावनी) १/८/१५८ गवेलग १/५/३५ गवसण खान १/७/४४ गामकंटग १/२/६ गालावेत्ता भींत १/१८/२२ गाह भीत फोड़कर चोरी करने वाला १/१८/२१ गिद्ध वाद्य विशेष १/१/३३ गुल कठोर १/६/३२ गेवेज्ज क्षुद्रघण्टिका, घुघुरू १/१/५७ गोयर कुत्सा १/८/१४६ गोरस तिरस्कार योग्य १/३/२४ गोहूम रोष १/१८/१४ घंस नाराजगी १/८/४१ घट्ट दूधिया द्रव रस पैदा होना १/७/१४ घडिअ चिह १/२/२६ घुघुयंत (दे.) मुद्रिका १/१/३३ घूय छोटा १/७/१० चंपग निमग्न १/१/१६० चक्काग मोच खाकर १/१/१०५ चच्चा (दे.) १/१/११२ चडगर (दे.) कपर्दिका १/१८/७ चमर ढाल १/६/१६ चमू कफ १/१/१०६ चाउग्घंट क्षोभ १/४/११ चार गिरहकट १/१८/१८ चारगसाला कपोल १/१/१७ चास जो गूंथकर बनाई जाए १/१३/२० चिंध गात्रोवर्तन १/१६/७८ चिकुर गन्धवर्तिका १/१/१८ चियाय गंभीरक नामक बन्दरगाह १/८/६६ चिलिण गाजना १/१/३३ चिल्लग (द.) लेखापाल १/८१ चिल्लल गणनीय, गणना कर दिए जाने वाले १८/६६ चेड खिंसणिज्ज खिज्जणा खिज्जिय खीराइय खुइ खुड्डय खुड्डाग (दे.) खुत्त (दे.) खुम्मिय (दे.) खुर खुल्लए खेडग खेल खोभ गंठिभेयग गंड गथिम गंधट्टय गंधवट्टि गंभीरय गज्जिय गणग गणिम कलई पर पहनने की रुद्राक्ष माला १/१६/१८५ लोकान्तिक देव १/८/२०२ तलघर १/८/४० पोत के भीतर रहने वाले परिचारक १/१७/९ जाने की त्वरा १/१/५६ विद्या का एक प्रकार १/१६/१८५ हाथी का बच्चा १/१/१६३ गजसेना १/१/३३ गरुड़ १/५/४७ गले में बांह डालकर १/६/४२ गला १/१७/२७ नीरोग, स्वस्थ १/५/११६ १/२/७ व्यतिरेकधर्म का पर्यालोचनपूर्वक निर्णय १/१/१६ इन्द्रियविषय १/१/११२ छनवाकर १/१२/६ मगर विशेष १/४/४ आकांक्षावान १/२/२८ गुड़ १/८/६६ ग्रैवेयक, गले का आभूषण १/१/२४ चरागाह १/१७/१५ ८/६६ १७/१४ संघर्षण १/१/१५६ घिसा हुआ १/१/१८ मित्र १/२/६५ धू-धू शब्द करते हुए १/८/७२ उल्लू १/८/७२ पुष्पविशेष १/१/३३ चकवा १/१७/१४ चन्दन आदि से चर्चित करके १/१/१२७ १/१/६७ चमरी गाय १/१/२५ सेना १/१/१४३ चार घण्टाओं वाले १/१/६८ कारागृह १/२/३६ कारागृह १/२/३४ चाष पक्षी १/१/३३ चिह १/८/७२ रागद्रव्य १/१/३३ त्याग १/८/१८ आर्द्र १/१/१०५ चमकता हुआ १/१६/१६३ कीचड़युक्त जलस्रोत १/१/१५८ सेवक १/१/८१ टुकड़ी Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480