Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Nayadhammakahao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text ________________
नायाधम्मकहाओ
४४१
परिशिष्ट-४
परज्झ परद्ध परहुअ परासर परिगीय परिघाड़ेमाण (द.) परिपेरंतेणं परिमास (दे.) परिवसावेत्ता परिवेसतिया परिसा परिसामिय परुन्न पलिच्छन्न
भूआ चावलों के आटे से बनी पिण्डी पहना राजा के पास रहने वाला धातुसाम्य करने वाले ढोल (द.) श्वेत पांव वाले श्वेतकमल
पीठ
रेखा तट
प्रेक्षागृह
मगलपाठक
मृदु
पल्ल
मयूरांग सारहीन
पेट
पराधीन पीड़ित कोकिल शरभ संगीत दौड़ता हुआ परिपार्श्व में नौका का काष्ठ परिवासित करवाकर परोसने वाली परिषद श्यामल जोर-जोर से रोना चारों ओर से आवृत्त गोल आकार का धान्य रखने का पात्र तलाइ घुमाव प्लवक, छलांग भरने वाला यान प्याऊ आसक्त जन्मप्रसंग प्रश्न अवान्तर श्रेणी समूह हर्षातिरेक का अनुभव करना प्रायोग्य पालन कर पौ फटना अग्रगामी प्रातिहार्य मदिरालय सूंड सामान्य आदमी पदातिसेना तलहटी कबूतर परीक्षापूर्वक दिए जाने वाले मणि आदि झूमका पापी पाश
कपड़े से बनी गुड़िया वस्त्र पर चित्रांकन करना बच्चा बार-बार लांघना जीर्ण वृक्ष
पल्लल पल्लोट्ट पवग पवहण पवा पसंग पसव पसिण पसेणि पहकर (दे.) पहिट्ठ पाउग्ग पाउणित्ता पाउप्पभाय पागट्ठि पाडिहेर पाणघरय पाय पाययजण पायत्ताणीअ पायमूल पारावय पारिच्छेज्ज
१/२/४५ पिउच्छा (दे.) १/१/१६० पिठुडी
१/१/२४ पिणद्ध १/१/१७८ पीठमद्द
१/१/७६ पीणणिज्ज १/१८/४६ पीणाइय
१/४/७ पुंडपइय १/६/१० पुंडरी १/१२/१६ पुट्ठ १/७/२६ पुलग
१/१/५ पुलिण १/१/३३ पेच्छणधर १/१८/५० पुस्समाणव
१/२/६ पेलव १/१/१५८ पेहुण (दे.)
पोच्चड (दे.) १/१/१५८ पोट्ट
१/१/३३ पोत्तुल्लए (दे.) १/१/७६ पोत्थकम्म १/३/११ पोयग १/२/११ पोलंड १/२/११ पोल्लरुक्ख १/२/११ फरिहा १/१/१५४ फलय १/१/७८ फालिय १/१/३३ फुप्फुयायंत १/६/४३ फेरंड १/१/१२५ बंधुजीवग १/२/७३ बरहिण १/१/२४ बहुया
१/१५७ बार १/८/४४ बालग्गाह १/१८/१६ बूर १/१/१७५ बोल १/१/११३ भइ
१/१/३३ भंडकरंडग १/१/१५६ भंडग १/१/२४ भंडण १/८/६६ भंडिवडेंसय (दे.)
भक्खेय १/१/२४ भद्दिया
१/२/११ भर १/१७/२७ भवणवडेंसग १/१/१०६ भववक्कंति १/१/१७ भाइल्लग
खाई
१/१६/२१६
१/३/५ १/१/२४ १/१/२४ १/१/२४ १/१/१५६ १/१७/१४ १/१/८६ १/१/१५६
१/१/६ १/१/१८ १/३/१६ १/८/६८
१/१/३३ १/३/२६
१/३/२२ १/१/१८६
१/१८/८ १/१३/२०
१/३/१६ १/१/१५३ १/१/१५६
१/१२/३ १/१८/३५ १/१२/१६ १/८/७२ १/७/१४ १/१/२४ १/१/३३ १/७/४४ १/२/११ १/१८/७ १/१/१८ १/८/६७ १/८/१९६
१/१/१७
१/८/६५ १/१६/१८५
२/८/५ १/५/७३ १/१६/७६ १/१/१०५
१/१/२७ १/८/२८ १/२/६०
पट्टिका स्फटिक डोलते-फुफकारते हुए पर्वकाण्ड दुपहरिया मयूर
वधू द्वार
बच्चे को खिलाने वाला वनस्पति विशेष कोलाहल
भृति
आभरणमंजूषा किराना कलह उद्यानविशेष
भक्ष्य
पालंब पाव पास पासवण पासादीय
भाग्यशालिनी आघात भवनमुख्य मनुष्यभव योग्य गति का संग्रहण भागीदार
मूत्र
चित्त को प्रसन्न करने वाली
Jain Education Intemational
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480