Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Nayadhammakahao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 465
________________ नायाधम्मकहाओ चेलपेडा चोरसाहिय चोलोवणय छक्कट्ठ छन्नालय छप्पय छन्भामरी छरुप्पवाय छाण छिंडी (दे.) छिण्णावाय जइण जवखदेउल जच्च जहुल जर जल्ल जसंसी जाण जाणय जाणुय जायरूव जाय जाल जाल जासुमण जिण जुंजिय (दे.) जुवाणग जूयखलए जोड़ता जोह जोह झय शामेता झुसिर झूसणा झोड़ (दे.) टंक टिट्टिय (दे.) डंक (द.) इज्झत डालय (दे.) डिंभय Jain Education International वस्वमंजूषा पवित्र चुरा सकने योग्य चूलापनयन- शिखाधारण संस्कार अलिंद त्रिकाष्ठिका भंवरा पद्ममरी वीणा खड्गशास्त्र गोवर बाड़ के छेद आवागमन रहित तीव्र गति से यक्षायतन जात्य - उत्तम गुणों से युक्त जटिल जरा कोडी से जुआ खेलने वाला प्रख्यात यान ज्ञानदाता चिकित्साशास्त्रज्ञ सोना यज्ञ, पूजा झरोखा ज्वाला जपाकुसुम ज्ञाता भूखा युवक जूए का अड्डा जोतकर ज्योत्स्ना योद्धा ध्वज जलाकर पोलयुक्त आराधना ठूंठ एक दिशा में छिन्न पर्वत टि टि की आवाज सिखाना डंक दह्यमान वृक्ष की डाल बच्चा ४३९ 9/9/90 डोहल १/१७/१२ पोंदे १/१/१११ पट्टग १/१/८३ णाइय णेय १/१/१८ १/५/५२ १/१/३३ १/१७/२२ तंत १/१/८५ तक्कर १/७/२६ १/२/११ १/१५/११ तरच्छ 9/8/98 णवत्थि गोल्लिय तच्छण सोल्लिया (दे.) तलवर (दे.) १/२/११ तलाय १/१२/१६ १/६/२० १/१/१४५ तवणिज्ज १/१/७६ तहारूव १/१/४ ताल १/२/७ तालविंट १/१/७ तालिय तिंदूसए तिगिच्छियसाला तित्त तिलडासगडिया तिवलिय तलिम (दे.) १/१३/२२ १/१/५६ १/२/१२ १/१/१८ १/१/१५६ १/१/२४ तुंड १/१/७ तुडिग १/१/१८६ तुरुक्क 9/3/90 तूणइल्ल १२/१८/८ तेयंसि १ / ८ /६६ तोण १/१/१८ १/३/१८ १/२/२५ १/६/२० १/१/६३ १/१/२६ १/१/१८३ थिमिय १/२/६ शुभिय तेल्लल्ला थंडिल थारुगिणिया १/१/२०४ थेर १/१२/२ थोर १/१/१५८ योदय १/३/२१ दउदर १/१६/५२ दगरय (दे.) दगवारय दंत दप्पणिज्ज For Private & Personal Use Only दोहद, घनीभूत इच्छा आनन्द नर्तक नादित-वाद्य विशेष ज्ञेय नेपथ्य प्रेरित क्लान्त तस्कर क्षुरप्र से त्वचा को पतला करना मल्लिका लकड़बग्घा कोतवाल तालाब शय्या लोलुप सोना श्रमणचर्या के अनुरूप वेश वाला वाद्य विशेष लाल बजाने वाले, प्रेक्षाकारी प्रताड़ित गेंद आरोग्यशाला आर्ट तिलंदड़ों से भरी गाड़ी तीन रेखाओं से युक्त मुख बाजूबन्ध लोबान तूणवादक तेजस्वी शारीरिक दीप्ति से युक्त तूणीर सौराष्ट्र में निर्मित तेलपात्र स्थण्डिल परिचारिका विशेष शान्त शिखर स्थविर स्थूल चातक जलोदर जलकण झारी शान्त बलवर्धक परिशिष्ट-४ १/८/३० १/१/१०६ १/१/७६ १/१/११८ 9/99/90 १/१६/२४७ १/६/४२ १/४/१२ १/२/११ १/१३/३० १/१६/ २५६ १/१/१७८ १/१/२४ १/१/६६ १/१६/५५ १/२/११ १/१/२४ १/१/१६५ १/१/११८ १/१/७६ १/६/१० १/१८/८ १/१३/२२ १/६/४ १/१/२०२ १/१/१७ १/१/१५६ १/१/१२८ १/१/१८ १/१/७६ १/१/४ १/१८/३५ १/१/१७ १/१६/१६ १/१/८२ 9/94/8 १/१/१८ १/१/४ १/१/१५६ १/१/३३ १/१३/२८ १/१/३३ १/२/३७ १/१/१८६ १/१/२४ www.jainelibrary.org

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