Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Nayadhammakahao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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नायाधम्मकहाओ
१३-५४ अज्झयणाणि
११. एवं हरिस अग्गिसिहस्स पुण्णस्स जलकंतस्स अभियगतिस्स वेलंबस्स घोसस्स वि एए चैव छ-छ अज्झयणा । एवमेते दाहिणिल्लाणं चउपण्णं अज्झयणा भवति । सव्वाओ वि वाणारसीए काममहावणे चेइए।
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१२. एवं खलु जंबू! समणेनं भगवया महावीरेण धम्मकहाणं तझ्यस्स वग्गस्स अयम पण्णत्ते ॥
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दूसरा श्रुतस्कन्ध, तृतीय वर्ग सूत्र ११-१२
१३-५४ अध्ययन
११. इसी प्रकार हरी, अग्निशिख, पूर्ण, जलकान्त, अमितगति, वेलम्ब और घोष के भी ऐसे ही छह, छह अध्ययन हैं। इस प्रकार दक्षिण दिग्वर्ती भवनवासी देवों की देवियों के ये चौवन अध्ययन हैं। सभी में वाराणसी नगरी और काममहावन चैत्य हैं।
१२. जम्बू! इस प्रकार श्रमण भगवान महावीर ने धर्मकथाओं के तृतीय वर्ग का यह अर्थ प्रज्ञप्त किया है।
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