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समवानो
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समवाय ३६ : टिप्पण
मेरु पर्वत पांच हैं -जम्बूद्वीप में एक, धातकीखंड में दो और पुष्कराध में दो। इसी प्रकार धातकीखंड और पुष्करार्ध के पूर्व तथा पश्चिम विभाग करने वाले चार इषुकार पर्वत हैं।'
३. उनतालीस लाख नरकावास (एगणचत्तालोसं निरयावाससयसहस्सा) दूसरी पृथ्वी में
२५ लाख चौथी पृथ्वी में १० लाख पांचवीं पृथ्वी में
३ लाख छठी पृथ्वी में
६६६६५ सातवीं पृथ्वी में
कुल योग
३६ लाख ४. उत्तर-प्रकृतियां उनतालीस हैं (एगूणचत्तालीसं उत्तरपगडीओ)
ज्ञानावरणीय कर्म की मोहनीय कर्म की गोत्र कर्म की आयुष्य कर्म की
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कुल योग
१. समवायांयवृत्ति, पन १२ ।
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