Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Samvao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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समवायो
३७१
प्रकीर्णक समवाय : सू० २३७-२४०
१. भरहो सगरो मघवं,
सणंकुमारो य रायसद्लो । संती कुंथु य अरो,
हवइ सुभूमो य कोरव्वो॥ २. नवमो य महापउमो,
हरिसेणो चेव रायसददुलो। जयनामो य नरवई, बारसमो बंभवत्तो य॥
१. भरतः सगरो मघवा,
सनत्कुमारश्च राजशार्दूल: । शान्तिः कुन्थुश्च अरः,
भवति सुभूमश्च कौरव्यः ।। २. नवमश्च
महापद्मः, हरिषेणश्चैव राजशार्दूलः । जयनामा
नरपतिः, द्वादशः
ब्रह्मदत्तश्च ।।
१. भरत ७. अर २. सगर ८. कुरुवंशज सुभूम ३. मघवा ६. महापद्म ४ राजशार्दूल १०. राजशार्दूल
सनत्कुमार हरिषेण ५. शान्ति ११. नरपति जय ६. कुन्थु १२. ब्रह्मदत्त।"
२३७. एएसि णं बारसण्हं चक्कवट्टीणं एतेषां द्वादशानां चक्रवत्तिनां द्वादश २३७. इन बारह चक्रवतियों के बारह स्त्रीबारस इत्थिरयणा होत्था, स्त्रीरत्नानि बभूवुः, तद्यथा
रत्न थे, जैसेतं जहा१. पढमा होइ सुभद्दा, १. प्रथमा भवति सुभद्रा, १. सुभद्रा ७. सूर्यश्री भद्दा सुणंदा जया य विजया य । भद्रा सुनन्दा जया च विजया च । २. भद्रा
८. पद्मश्री कण्हसिरि सूरसिरि, कृष्णश्री: सूरश्रीः , । ३. सुनन्दा ६. वसुन्धरा पउमसिरि वसंघरा देवी॥ पद्मश्री: वसुन्धरा देवी।। ४. जया १०. देवी लच्छिमई कुरुमई, लक्ष्मीमती कुरुमती, ५. विजया ११. लक्ष्मीमती
इत्थिरयणाण नामाइं॥ स्त्रीरत्नानां नामानि॥ ६. कृष्णश्री १२. कुरुमती। बलदेव-वासुदेव-पदं बलदेव-वासुदेव-पदम्
बलदेव-वासुदेव-पद २३८. जंबट्टीवे णं दीवे भरहे वासे जम्बूद्वीपे द्वीपे भरते वर्षे अस्यां २३८. जम्बूद्वीप द्वीप के भरत क्षेत्र में इस
इमीसे ओसप्पिणीए नव बलदेव- अवसपिण्यां नव बलदेव-वासुदेवपितरो अवसर्पिणी में नौ बलदेवों और नौ वासुदेवपितरो होत्था, तं जहा- बभूवुः, तद्यथा
वासुदेवों के नौ पिता थे, जैसे१. पयावती य बंभे, १. प्रजापतिश्च
ब्रह्मा, १. प्रजापति ६. महासिंह रोट्टे सोमे सिवेति य। रुद्रः सोमः शिव इति च ।
२. ब्रह्मा ७. अग्निसिंह महसिहे अग्गिसिहे, महासिंहः अग्निसिंहश्च, ३. रुद्र
८. दशरथ दसरहे नवमे य वसुदेवे ॥ दशरथो नवमश्च वसुदेवः ।। ४. सोम ६. वसुदेव ।
५. शिव
२३६. जंबुद्दीवे णं दीवे भरहे वासे जम्बूद्वीपे द्वीपे भरते वर्षे अस्यां २३६. जम्द्वीप द्वीप के भरत क्षेत्र में इस
इमीसे ओसप्पिणीए णव वासुदेव- अवसपिण्यां नव वासुदेवमातरो बभूवुः, अवसर्पिणी में नौ वासुदेवों की नौ मायरो होत्था, तं जहा- तद्यथा
माताएं थीं, जैसे१. मियावई उमा चेव, १. मृगावती उमा चैव, १. मृगावती ६. लक्ष्मीमती
पहवी सीया य अम्मया। पृथ्वी सीता च अम्बका । २. उमा ७. शेषवती लच्छिमती सेसवती, लक्ष्मीमती
शेषवती,
८. कैकयी केकई देवई इय॥ कैकयी देवकी इति ॥ ४. सीता ६. देवकी।
५. अम्बका
३. पृथ्वी
२४०. जंबुद्दीवे णं दीवे भरहे वासे इभीसे जम्बूद्वीपे द्वीपे भरते वर्षे अस्यां २४०. जम्बूद्वीप द्वीप के भरत क्षेत्र में इस
ओसप्पिणीए णव बलदेव मायरो अवसपिण्यां नव बलदेवमातरो बभूवः, अवसर्पिणी में नौ बलदेवों की नौ होत्था, तं जहातद्यथा
माताएं थीं, जैसे
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