Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Samvao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

Previous | Next

Page 458
________________ समवानो ४२५ परिशिष्ट २ रयणि रहनेमिज्ज रहस्सगय राइण्ण राम भूमि-मान ग्रन्थ-विभाग कला कुल व्यक्ति व्यक्ति व्यक्ति व्यक्ति समुद्र कला ग्रन्थ-विभाग प्र० २३७।१; २३६१ प्र०२२३१२ प्र० २४२११ १४।८3; ६५।२,३ ७२१७ लेह कला रामा राय व्यक्ति राजा-प्रकार ग्रन्थ व्यक्ति व्यक्ति व्यक्ति मास वनस्पति लौकिक-ग्रन्थ पर्वत रायगिह रायललिय रायहाणी जनपद-ग्राम व्यक्ति वसति-प्रकार वट्टखेड्ड ७२७ १४।२।३; प्र० १२२ प्र०२५७११ प्र०२५७११ प्र० १२२।३ २६/७ प्र० २३१३ २६१ प्र०१८; २३, २७, २८ प्र २३२।१ ७२।७ २०१५, प्र०५८ १४१७ प्र० २०३, २१२ प्र०२५६०२ ७२।७ ७२७ २३॥३, ४, २४११३ प्र०८७, २२२॥ २३११४ व्यक्ति कला पर्वत चक्रवर्ति-रत्न वनस्पति ७।३; ६।४; प्र० १६६ लच्छिमई ३६१ लट्ठबाहु ७२।७ ललियमित्त प्र० २२७।२ लवणसमुद्द १०१६; १२५ लेणविहि प्र० २४१; २४१।२; लेसज्झयण २४७।२,३; २५६; २५६ प्र०२२१११ लोगबिंदुसार १४१७; १७१८२०१४; लोहजंघ ४८११; ६४१३,६; वइरजंघ ७११४; ७२।६; ७७१, वइरणाभ २; ८३१५; ८६३ वइसाह ६६।१६७/४;प्र०२२; वउल २६; ८१, ६४-६७; वंजण १६; २१०१३; २३४।२; वक्खारपव्वय २४१ प्र० २४४११ वज्जणाभ प्र० २४२।३ १२।४; ३३१२; ३७।३; वट्टवेयड्डपव्वय ६८११,४ बड्डइरयण प्र०२४६११ वणप्फइ वहि ७२।७ ३०१३ वत्थुनिवेस १४८ वत्थुमाण ७।४; ५३१२; ५७/५; वद्धमाण प्र०५ प्र० २२३३३ १७८ २५ वरदत्त ७२१७ वरुण ३२।५ प्र० १५१०२ वलायमरण ३०१३ ववहार प्र० २३८१ वसट्टमरण १४१८ वसिट्ठ १४१८ वसुंधरा १४% वसुदेव प्र०२४०११, २५२।२।। वसुपुज्ज ५९ वाइय २६१ वाउ प्र०२२१११ वामा रावण राहुचरिय रिसभ रुप्पकूला रुप्पि कुल व्यक्ति कला काल नदी पर्वत कला कला व्यक्ति हप्पि वप्पा स्यगिंद रुयय व्यक्ति पर्वत पर्वत कला नक्षत्र व्यक्ति रूव प्र. २२१०२, २३॥ प्र० २२६, २३२॥३ ३०१३ ७६१ १७४६ वड वलयामुह रेवई काल व्यक्ति व्यक्ति काल पातालकलश मरण ग्रन्थ मरण व्यक्ति व्यक्ति व्यक्ति व्यक्ति २६१ रोहिअंसा रोहिअंसा रोहिया रोहिणी रोहिणी लक्षण व्यक्ति नदी नदी नदी व्यक्ति नक्षत्र लौकिक-ग्रन्थ व्यक्ति १७६ ८८ प्र०२३७११ प्र०२३८१ प्र० २२०१२ ७२७ कला काल व्यक्ति लक्खणा ३०१३ ५।१६) प्र० १४६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470