Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Samvao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 463
________________ परिशिष्ट ३ विशेषनाम-वर्गानुक्रम १. अन्य-तोथिंक ४. ऋतु छरुप्पगय जणवाय हेमंत अण्णाणियवाइ आजीविय किरियावाइ तेरासिम वेणइवाइ मागहिया मिढयलक्षण मुट्ठिजुद्ध रहस्सगय राहुचरिय जुद्धातिजुद्ध जूय ५. कला पट्ट रूव लेणविहि अभियंद अभिवड्डिय अहोरत्त आइच्च आणंद भातव आवध ईसाण उवसम उस्सप्पिणी ओसप्पिणी गंधव्व चंदसंवच्छर चंददिण लेह २. आभूषण एकावलि कडिसुत्तग कुंडल तिरीड तिलय वट्टखेड्ड वत्थु-निवेस वत्थुमाण वाइय विज्जागय सउणस्य सज्जीव मुत्तावलि णक्खत्तमास सभास ३. आयुध अज्ज अट्ठावय अछि जुद्ध अण्णविहि असिलक्खण आभरणविहि आससिक्खा इत्थीलक्खण ईसत्थ कडगच्छेज्ज काकणिलक्खण कुक्कुडलक्षण खंधावार-निवेस खंधावारमाण गंधजुत्ति गणिय गयलक्खण गहचरिय गाहा गीय गोणलक्षण चंदचरिय चक्कलक्खण चम्मलक्षण चार छत्तलक्खण तरुणीपडिकम्म दंडजुद्ध दंडलक्खण दगमट्टिय दोभाकर धणुव्वेय धातुपाग नगर-निवेस नगरमाण नालियाखेड्ड निजुद्ध निज्जीव पडिचार पडिवह पत्तच्छेज्ज पत्तगच्छेज्ज पहेलिया पाणविहि पुक्खरगय पुरिसलक्खण पोरेकव्व बाहुजुद्ध मंतगय मणिपाग मणिलक्षण मधुसित्थ समताल सयणविहि सरगय सिलोग सुत्तखेड्ड सुवण्णपाग तट्ठव तिट्ठ पलंब पलिओवम पोरिसी असि कणग बंभ गया चक्क सूरचरिय भावियप्पा भूमह माहिंद मित्त जत सोभाकर हत्थिसिक्खा हयलक्खण हिरण्णपाग मुहुत्त नंदग मुसल मुसुंढि संख सतग्धि सत्ति हल रक्खस रिसभ रोद्द वाउ ६.काल अग्गिवेसायण वायावच्च Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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