Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Samvao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 468
________________ समवानो ४३५ परिशिष्ट ३ मेहरह मोरियपुत्त सिरिचंद सिरिभूइ सिरिया सिरिसोम सुयसागर सुरिंददत्त सुरूवा रक्खिया सुलसा सिव सुवण्णकूला सुविहि विमलघोस विमलवाहण विसनंदी विस्सभूइ विस्ससेण वीर वीरसेण वेजयंती संकरिसण संख संभव संभूत सुव्वत मणोरमा मनोहरा महाविमाण विजया विमला विसाला वेजयंती सागरदत्ता सिद्धत्था सुदसणा सुप्पभा सुप्पसिद्धा सूरप्पभा सुव्वया सुसीमा सुहम्ह सुहम सिवसेण सिवा सीतल सीमंकर सीमंधर सीहगिरि सीहरह सीहसेण सुइ सुंदर सुंदरबाहु सुंदरी सुकोसल सुग्गीव सुघोस संमुइ सूरदेव सूरसिरि सच्चइ सच्चसेण सणंकुमार ४४ समुद्र सूरसेण सेज्जंस सतय सेणा सेणिय सतरह कालोय घणोदहि लवणसमुह समुद्द रामा रायललिय रावण रुप्पि रेवई रोह रोहिणी लक्खणा लच्छिमई लट्ठबाहु ललियमित्त लोहजंघ वइरजंघ वइरणाम वज्जणाभ वद्धमाण वप्पा वरदत्त वसिट्ठ वसुंधरा वसुदेव वसुपुज्ज वामा वायुभूति वाराह वारिसेण वारुणी वासुदेव वासुपुज्ज विअत्त सुचंद ४५ सुरक्षा-साधन सुजसा सेयंस सेवाल सेसवती सोम सोमदत्त सोमदेव सोमा हरिसेण सुणंद सुदंसण खात पागार फलिह सुदंसणा सुदाम सुद्धदंत सुनंद ४३. शिबिका समुद्ददत्त समुद्दविजय सयंजल सयंपभ सयंभु सयधणु सयय सयाउ सव्वाणंद सव्वाणुभूइ सहदेवी साइबुद्ध सागर सागरदत्त सामकोछ सामचंद सामा सिद्धत्थ सिद्धस्था सुपास सुप्पभ सुप्पभा सुबंधु सुभद्द सुभद्दा सुभूम सुमंगल सुमंगला विजय अग्गिसप्पभा अपराजिया अभयकरी अरुणप्पभा उडुविमाण उत्तरकुरा चंदप्पभा जयंती णागदत्ता णिन्वुतिकरी देवकुरु पंचवण्णा विजया विण्हु सुमणा सिरि सुमति विदब्भ विपुलवाहण सिरिउत्त सिरिकता सुमित्त विमल सुमित्तविजय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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