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एगसट्ठिमो समवायो : इकसठवां समवाय
मूल
संस्कृत छाया
हिन्दी अनुवाद १. पंचसंवच्छरियस्स णं जुगस्स पञ्चसांवत्सरिकस्य युगस्य ऋतुमासेन १. ऋतुमास से अनुमापित पंचसांवत्सरिक रिदुमासेणं मिज्जमाणस्स एगढेि मीयमानस्य एकषष्ठिः ऋतुमासाः युग के ऋतुमास' इकसठ होते हैं। उदुमासा पण्णत्ता।
प्रज्ञप्ताः । २. मंदरस्स णं पव्वयस्स पढमे कंडे मन्दरस्य पर्वतस्य प्रथमं काण्ड २. मन्दर पर्वत का प्रथम कांड इकसठ
एगसट्ठिजोयणसहस्साइं उड्ढं एकषष्ठियोजनसहस्राणि ऊर्ध्वमुच्चत्वेन हजार योजन ऊंचा है। उच्चत्तेणं पण्णत्ते।
प्रज्ञप्तम् । ३. चंदमंडलेणं एगसद्धिविभागविभाइए चन्द्रमण्डलं एकष्ठिविभागविभाजितं ३. चन्द्रमण्डल (चन्द्रविमान) योजन के समंसे पण्णत्ते। समांशं प्रज्ञप्तम् ।
इकसठवें भाग से विभाजित होने पर
समांश होता है। ४. एवं सूरस्सवि। एवं सूरस्यापि ।
४. सूर्यमण्डल (सूर्यविमान) योजन के इकसठवें भाग से विभाजित होने पर समांश होता है।
टिप्पण
१. ऋतुमास (उदुमासा)
युग में पांच संवत्सर होते हैं
(१) चन्द्र संवत्सर (२) चन्द्र संवत्सर (३) अभिवधित संवत्सर
(४) चन्द्र संवत्सर (५) अभिवधित संवत्सर ।
प्रत्येक चन्द्रमास २६३२ दिन का होता है और एक चन्द्रसंवत्सर (२८१२४१२) ३५४१२ दिन का होता है।
प्रत्येक अभिवधितमास ३११२१ दिन का होता है और एक अभिवधित संवत्सर
१२४
) ३८३
૬૨
दिन का होता है। इस प्रकार एक युग में पांच संवत्सरों के कुल दिन ।
१८३० होते हैं।
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