Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Mayachand Matthen
Publisher: Vikramnagar
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यासमणिकदत्तादेषप्तीका नामसलतीसोनिकतेप्रीतालादि तथाउदी अध त्रिी रागादिकपरिणामिपऊवतीरूपन) तथाशनविपैसूसीयारथथाएतलनिअनुसा निकरुपनागुरदेषड्यनथागीत गानादिवासंसप्ता
विषऽमूर्षियशप्रत्यासक्तया॥ रिबीमारसंगवस्मसंगपुणविषऽजेवाएता बतातेद
नापुण्यदतेरुनेविषमूवीयूएस्पादिपंचविषय
रूपलोक कया एहनविषर अविरतसा समागासवाईयासविसणमारणसहाउंसति प्रदतिरिपाईमुच्चमारणावसमुन्ति साहसुप्राविएसाला तेदन फलकदैनापश्वी न्यूणाणायकहती श्रीवीतरागनीअाज्ञामादिन्टी हारणिकारणिवत्र जएदवैतिषमन्नविषयमतितापणनविष दिनेशपथावाटी अन्य विषयलोकविजय एडवीनतीविजीशष्टादिक यशायास्वादत्रजपवाल
यावारिवानसमऊल अंगारकघर याकारी देषाबिक सवकसमाचारकहता असंयमानुनधानउकर।
सिवय तावतागपस्थासाक्चारित्रथका लाशिष्यसेयमलजाला जरनाक
जमाना-नाश्ष गवियाहिए।
प ताणारगाएमासापुरणागुणासापकसमायारापमानश्रगारमावास/बालकमा अदेणगारोएरुचामुषबोलता विस्तारार्थवववनवरवनस्य एवनस्पतिकायनानाप्रकारशकरीसमारेसा वनस्पतिकर्मममारं3n वनस्पति निश्रालापव्याख्यानेका गाउादायासाश्रयणगारामालियागपदमाणा जमिणविरुवसावदिसाबदि वहस्साईकम्मसम्मानका वास कायसमारसता अनेरा अनेक रूप प्राय दणाम
निदाखलुनिश्चतगवतश्श्रीवीतरागप्रज्ञावेद इणिजीवतव्यनई॥ स्सससमारंसमाण अणेवणेगावपारणविदेसंतितमरवखुसगवतापरितापावदिनाश्मिरसाचवजीवि अमेसा॥ अरूचानादि जामश्वार्थजातिजरामरणकाविधानमन] उस्कपतिद्यातदेव जेस्वयमववनस्पति कायसमारंस यस्सपरिवंदणमाणपत्रणाए जातीमरणामात्रणाए। उकपमिघायदसेसयमेवधणस्ससबंसमारंस

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