Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Mayachand Matthen
Publisher: Vikramnagar

View full book text
Previous | Next

Page 113
________________ सवित तसाएदवामरणमप्रकरणहारअंतक्रियाकारकदियदलणीपलश्य यामरण अनसामिहिपऊनानेमासिद्धिचम्फावेय०णिपरिएप्रोक्तवहानसा दिमरणविगतमारनायतनाश्रयकमपलइंदितापायननिवारकतथासुषजन्मांतरणसुषनाकारणसणीनियाकमकस्तायुक्तालथानियसकर्मक्रयत्न सलीमाचगामीकतेथकीउपापउपतेदनाअनुगाभिषणायकतिवभिश्रीसुधर्मस्वामिकदेवाऊऽमकजिमश्रीनगवेतसमीप संसप३॥इतिश्राविमोकाया यविधिदेवाकसमाप्त॥ ॥ श्रीरस्तःधि आचारंग सावितबवि अतिकारण।शचय विमोदादातान्टिीमुदावमा निस्सिमााणा गामियातिबिमितिश्रीहि हिवैपावमेवपेसाक बावउछाउदेसश्कारणि जेसिव निवास्त्रिीयोजिनकल्पकादिकबिऊ जिला निरूपायनाउपगरल विहानसादिमश्णकलशहाखानसा विपजतश्चारि वस्त्रकरीरिखुमिएकतावस्पउएतावतार बश्तेस्नएदउअध्धव त्रियाइसक्तिपरिज्ञामरणादरीयाएदवसबंध परिपवतिनऊवस्वमाहिएकश्मउएक सायनऊ ॥ बासूत्र। मिमियजाणियो।अनावली जीवस्त्रयाविस्पा मिक्षाध्ययनवउदिशकः|| श्रीशाजशिदोदि वाचदिपरिखुसिए यायातिपदि) तस्मानाएवंसal इमवीतवैमादी उमांगकिम॥ अदितिमाकरपलीययाचा इत्यादिमाघउद्दिसजिमवषाणपउतिमम्जाणिवाजील गतिमाकनीसामयी माणीवी म अथवादिवशा निasयावंजाररसामि मिश्रादसापिकाशवबाजायजा जाएवखखातस्मलिनुस्सा सामगियो अदा वतीप्रमाणदेमंतअतिक्रम्पायीमश्रामविवारने जीवस्त्र तेपरववान।। गएवंजाणिका अशतिकातरवस्वादमात गिम्दयमिवान्नाप्रहापरिजुम्लाईवलायरिदविका अदापरिजमा कर

Loading...

Page Navigation
1 ... 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146