Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Mayachand Matthen
Publisher: Vikramnagar
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प्राचा०५६ स्वर
पनपनापायापायकेसस्थिायलास्यक्षाणांगोयनउपायनियर यानिवचनात जपएरुवामध्यवसायनिषमतो थौवस्त्रनामावोकिदा वाजश्वुली माया पासुकाणी एस्वचारित्रीयअनादिवानीएकमयस्वउठवलीयरीताटिलागतीबमकेगलमयकल्प त्रिवलनमा मनाशीतकालमापनासहतिवारइतेचारित्रीय संपणावश्नहीं। वलीमणारी नाटिलागतोबीनकबजन्वितस्यकामधिकपमहापतनश्मांतगरण पामाजिलिकत्सरवनापरल२ पुषवयकाबारलेउपगणनउराषणकारवभावात वानवा जपाहा
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यनकाशा दियानाक्षारका नाममा नामावका मोक्षारनाशवबाझारका अयतिमंचमाणगामंतरेसु प्रमाण नावावस्वरापाखुनिश्वरप्रवेक्ति अदाजश्तेवस्त्रावतीतकालकमनी खनुनिश्चतेहेमंतसीयालअतिक्रम्प यामउनकासा सपथकोपतावनाधरणहारमश्वस्त्रपात्रमापसामग्रीजी मलय कोसंपमिलेदरामय ।
अशीसमीपीकागई। जिदेवीकिलहावा चशीसनश्मसावहिवनबाझिवा वाश्मनाए मनिवामउत्सावा एवउदषामsan अमावलए एयंखुवबंधारियस्म सामगिधी अदाण एवंजारणका उवातिवातारवादमातमिन्दपस्विन्ने तथापनीर्सवश्ययाऽमप्राणीपरिसवपरित जबली जरिवकातिप्रतिक्रप्परक्षेत्रका रुपनायु अताटिराईवस्त्रवाकिवा अथ उपरिणाविवासरीवस्त्ररा वीनिसंग विवरण थकीशीतभारतमकरिश्तकहता-वातादिवालिवानामतीचापलीव षकिवाएपहिश्श्याम
लनासणीतरीनरकात मेकर विवरा अथवः
मचे एककल्पनाविना विवस्वनउधरणहारा
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अहापरिकुमादिवाईयरिझाबका। अहापरिकुलाईवना परितक्ता अवासंतस्तरी अउवाप्रमाब

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