Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Mayachand Matthen
Publisher: Vikramnagar
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परनिरान आरायमाहानिरसनही २|तयाअगएदवीप्रतिझाकअनेरामनि|| अनशन आएपउआहारतेस्पछए शानभाएकरदवी एबीजवसांगनोलियो मिति आदारनविष
त्रीजीसोग
किस्सामि आदमघरमासाधिस्सामिााादहुपरिन्न स्पायरिकस्मामिाादधसाविधिस्यामि आदन पतिनाकहऊप्रनिरानिमिशादा अनिरानापमाहारादिलेसनदी पतिज्ञाकाधीलापनदीऽणि थाकीसितकदताजिदपर्वताप तयासतेवदतांक जानिan चव्धसागवावाप्रनिसाकरीकि परतेसाकचारित्रीयउतरवता
यासवनपरिलाईयासे पायनापजा माया हीविजोषिमानिसउाजीवत तशरीरनिरपिपरवमया वत॥
कायनातयावि परिसागकर
रतिकदा सावधा परिलमा आगारकस्सामिाादव सामातिधरसामिपवासश्रदाकिट्टियामवाचनसमहिजाणामारणा सात सुशन सुसमाहियसेकहतारुकीयही सादरीलझ्याविनाध्यवसायधिशष पर्यायकदाजिमविधिसहितमलेषनावकसमर्थनईमलपचरखाणकाधारलासयातिमी जाणिव
का जगरहनत उरोगादिकश्करीपहिलामादरीषतिजापानिव जाबिऊमामिमममाअयवसायनसरीषयणनिर्जराणसरीबीजाणिवीविणकारणमितिहासात निश्प असममिति जापालिवासलीसावमउपचाणकरत भाक्मिणासनकरिवईअंतक्रियाकारककदरणियरिमरणतेदनशहितमुष मनिश्रेयमारू
अतिदनश्काला विशन्न सुसमादितलिस्मानमाविम्सकालपरियासतविअंतिकार। शवविमोदायतणदितंयुदोरखमणि आयुगामिजालिएक्षनीव्याख्यापूर्वी इतिश्रीविमाकाप्रथयनेयंवमध्देशकसमाप्तः ॥ीरस्कः दिवबहाउपारंपा जेमिरकण्जेसिकरुती चारित्रिया परिजोणिवी इसिबमीश्वव॥ तीयोपचमादसवालमाविमायतन प्रत्याख्यानकथाहासंघयू नाम,
शिबलसदिएकत्वतावनासावताचारित्रियरंगिनमरणकरेइएकवी
संबधकहरसूत्र aldarसम अफगामियानिबिमिराइतिश्रीविमोक्षाध्याने पंचामाउवाकसम्मान:munaनिरकुणगाव

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