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॥ श्राचारंग ॥ १ सूत्रबी
॥ तुजे हनै विस
श्री धर्मस्वामिति शाईलगत इश्री महावीरदेव । इति संसारमा दिएका ज्ञानावर नेल इमक चिरंजीवीए शमका अत किस ॥ मंत्रक बोल्पामा सांस
ल्प।
C
॥ यामया सेतिएंगे|] लगवया एवम स्कायं । इदमाग सिनोसन्ना लदई।। तंज || २चिमाउदा दिसाऊ । श्रागउदमं अथवा दाददिर दिसघकी के
पश्चिमदीसका श्राव्याऊं
वादले दिसा० उतरा दिसथ की वो
नौकारणदेवासि । दाहिणा वा । दिसा | जय अथवा ऊईदिशि की मान्य
लिसिज पूर्वा નીમુનભિવિરિ सिनो आगमन) पूर्व नव
हकिएक जोगाइ
सदस्म मी० इत्पा
स्पाप्रांणीयानइंसंज्ञासमा ज्ञान नऊ ते के सम्यग्ज्ञानन
1 से से ज्ञा जिमन करतेक दियइबs दर्ज | पूर्वदिसि थकी श्राव्य ॥
प्रद्मेसि । पञ्चच्चिमा उ वा दिसा मागमं सिराजे वा दिसा | अथवा दिसिथ की ऊं प्रायउं
दमेसि
तथारी बिजी दिसि थकी प्रायदिसि बिदि सिकन्दवा या कति बायन ईसानच्या रिए हने ांतिरातिश्राव विदिभिदेती निरीक्षणीय रिबार विद सियार दि सिऊई ने दो सदासय दिसि जोगीप मंसि । अन्नयरीजवा रिसाउ | अणु दिसावा या दुनैानुसारि थवा न थी एक नइ ९६। तथापूर्व जन्मिॐ कुनार की नाही रास्ता दिस दिनाची संज्ञान थी॥" थवादेव तदाति चममुच्यत कहीयइ ॥ ६०३५६ वो नजारा ॥ इसिससार व्यातिरिय
राजा मागि उहाउ वा दिसा
मंसि श्रादा दिसावा
याचक्क गाव
परिक जीवन जिम र्विश्क फंतिम दिवैवजी एक जीवन जान जानावरणीयकर्म विशेष जानते है एमाद श्रात्मा शरीर देवदामा पानी नइ ॥ सदन रिजहार९६६ उबइ ॥ दिवाने अर्थ प्रमं सि एवामागसिप सातंवंतिया उदबाइए। नचिमेाया उनवाइए कत्र्यासीकिदा इज्चुए काया तस्य धी त्रिदिना मेरे मोदिजन्मि का था। श्वश्मक सोच मेरी संपदने परवी | वणिजाने इम अवधिमन / परम देती करते नैवाग | नीर्थकर थकी अराध्य तय ज्ञान व तेजाइते | ॐश्वदिमिरो देवनिश्श्या नगरने विवजित स्पइहोपनिजी एइ सेज्ञान ॐ इत इजीलाई कि लदी पर्याय के व जाती स्मरण र उपाद सिकरी जागो तेन समीप सलली जाम लिमी कहवा की राजा धारण एक था वो नाजारा दक स्वयमय जाएगा स्वा मावि महादेव इदपे चालवस्सामि | से हों उद्या सदसम्म याए। प्रवागरले सिंवातिए सोचा तेजदा पुरच्चिसाइतिवचनाव हवेनाव्यतावस ज्या लेना दी जई धर्मकविनेश ज्यनैधर्मनै विषया वालागी तिर्णमाश्वी किलका रमा तरा ज्यादातर कडस्फेले 9 ननरकादिमकल है स्वर्ग बने भागल प्राज्ञष्मी इसराकर राज्य सक जब साधक धर्म कर वापतेमा व थानाय इससे जी उत्रने किस तानने नटराज वासक पाश्रमामैना निकल कल्या धर्मय कदा बोकपितामच तापसी समस्त तापमनिकापाता मानती रहे अन्यामावस्यानाति के नापस उदघोषा की तापसोस बार आनाकुटिङस्पति
श्रवत्
वायाकारस के त्रिसादि
पुते माथ
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जण कारण घटवी फिरो साधकस
जावई श्राधादिभिघ की ॐ ॥
张
वथवा निरीदिसिविदिसथ को ऊंचा । वियदमुं व्यर्थ या बली बली उपर लीप्पो दश व्याहवे। एकेन विशिष्ट ज्ञानऊपजते
कस ॥
दिसावा
माउ दिसाचा प्रामं सि । जायरीन वा दिसा | रमादान्मानवांत रियुंक्रमणक जेतेष्यामादग्रात्मात्र प्रथवा विदिसिका यातागतिकरे ए बइ जीव मुकी एक दिशिक की द स्म रई ॥
दृष्टांत पूर्वप्रकारे
कदेश
मंसि । एवमेगे सिस्मात्तं । एतावतजी दिसलीविदिस यक जियायै ध कर्ज ॥ इणिसंसारमादि परित्रम
करेजीव
वेति
माया अथवाइए। जोइमा उदिसा | अणु दिसा उवा| फसंचर | साउदि साउ | साफ दिसा जीवन ज्ञानि ते ऊंण्डवे। जेश्वी दिव्य दिसभी स्कादि जेा वादीत लोष | आत्मवादी लोकवाद मवादी लोकवादी ( श्रीमत/ तथा कावा करता मोथा वर्तम कदै जाहे ॥ लाव दिस मरणात्मा जीवनका यह तेज्ञानावरणयादिकर्म कर्म का मजेने परिसम्म खसाखसककरावीत काम वादीने मि विवात्मानो जाए। वादी पतले एकोननवादी एम ले एकदम अकर्मक रिस्क कसो वावादी सोप्पमतीतिरात्रिकाले आत्माक कवि मोदनवा
| सोबास यावादी ॥ ॥ला गावादी कम्मावादी किरियावादी करिस्मे वह कारा विस्सं चदा करजया आकार डन्ड धर्मविधवा । एतनामाना स्त्रिता बकस / दिवइदन विशेष जापान प्रदेषा ज्ञपरिज्ञाकरी न दे जाणिवायू त्याख्यान परिस लागोसवा पूर्वपतला सर्व कर्मन समाइजेसन जान फलदेषा ब नाती क्रियाविशेष
वादित
निजी
3
फा परि ज्ञानक मनिया दिकपाल कर्म ज्ञेयरिता जा सपसेलली धर्मस
फल
त्यसयतावस विसमफान्न सविस्सामि॥ बः॥ यावति सावंतला गं सिकम्म सम्मारं सायरिजापियच्चासति । परिणाशिवा जातीमा उनी प्रत्याख्यान परिज्ञाइख्य । एशर्वाक्कयत लावतद्विनिविदि। सर्वमिविदिप्रापणा की या कर्मम दिन नर गतिमा विदा बतां नानाप्रकार स्पर्श ताप जना मरणा क सन या तिवा उनर एव उका गतागतिकर5 सदस 'लिंद रूपा नामका राजा दिए लेकिया की रणजी रोक लो कि * एक दिसा बास बर साउ दिसा उसका उसका दिमागमा दिने वि जिनसे विमेन च गतिक से सारा द के नायिकाम्म) खयं परिसे। जोइ माउ दिसा सादति । रोग वा जोणी साध विरुवा फासेर मिसदे विबकरमा दोरे जावजीवनाहि इम दी साथ सिक्षाव्य पूर्व धर्म वितेनुवचन में लीन पो करता जातिस्मा म्हारे उप निमज्जन्मा तरनेश विष ज्या पानी दे वानपथक लोक सोगथी इन्ही मते विज्ञपट मतियागमन स्वमन्य जातिस्म रहे। जाएं। प्रत्येक भवन । इमं निराई वीर श्रेयास
तमावस्या
प्रथवीवादिक्रिया महिला यायवार्त्तिकरूपमकरीम
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दिवजश्रमतोकितिकनिहाकर्मनाविपश्तगवतश्रीवमी दिवजीवस्यासणीकर्मनशक्वैिश्वतनिक नेहनापरिवंदा माननैदेति जावस्त्रपावनधाशौकी धोइनन्मनेमूर नामा परि माकेदारकमेपेरिजाबानीपत्यायामपरिजा जयंरिजा देवीमुलीनाकारतधाजूलमाबु प्रसादेन नादानेपाम सेवाविशेषणश्यकीवीस्पाइसजजारात्रि इसाबंधव्यापारिवइएकजगोप्रत्याव्यानपरिक्षामा
बापतोलाजपत्याव्यानपरिजांसावधयोगपचस्व दतथा मध्यारागसंशया मेधजजीवनका प्राचारंगर दबातल रखूनुसगवयायरिणायावश्या मस्सावधजीवियस्सोपरिवेदणामाश्याग जाईमरणमायण र बौ तथाऽखनिगमवानथेनिक पतलासर्वकर्मसमासप्रवक्तजपरिज्ञामाणिवायतलाकारणथकीयापकाकर्मसमारं सगून श्रीवईमान निजकेवल
जीवयातमाहोमादिकहजार अधोवशेष:करीकदश्न RSSMनयोतिणिकारलिजाणिवा पसरपरिमाकही दिवप्रत्यारपानपरिज्ञादिषामवानिकरिमोदावदपीक बरसे
हसकिनलोकन विषऽकर्मना ए|उरकूपरिघायादावाप्यावंतिसवातिलागसिकम्मसमारसा परिजाणियबासर्वतिमा जस्सातलोगेसि समोरसतवीतजपरिजाइसंसारनकारण तेमुनिपरिजातकर्मकत्वाऽश्रीसुधर्मास्वामिदैवाजिमनीची दिवानाउदेसाधारेवशयहिउदमा जीव-त्रासिमाबका। जारपाकप्रत्याख्यानपरि माइपञ्चयखया रसामुनेहमीपमासलीमकलो श्रीवाधारंगसूत्रन जीवनियादिक तेदून विषारजीवनी आस्तिसावदेषाध्यान्न
विषकास्त्रपरि जाधयनेषयामा बाइसकसमाप्तः ॥१॥ ई संबंध नाममाताकुम्मसम्मासापरिन्नाटासवंतिमऊमुणीपरिमाय काम्मन्निाबमा शपथमाध्ययनपटमोद्देशकःसमाप्त। उमाजागाचा अविषक पाईकरीमानक अपदावनिकहवाथाऽपूर्तिबाधिवा पचानकर करणयबाकाय THINNER तिकउणलाकरकर जीवजीजीवरामबलीकेश काबसननीयरिणअविविसि पलाकविष ताकत हवीगादायकायवीय कायनिक
करमावरखनाल प्रसस्त मामाद नावविकल
व बीवक्षिAn नियाकारिणामवीरसमोनाग्रस्ताव लानाAMANARA मावनिका means lanाइलाएपरिकारमा उस्साबादेप्रविजाणअस्सिालाप पचदिए तन्वतमाहापासी भारापय उर
पवर्त दिवैएकश्मकदैत्यवीनीएकदेवताविष, जाजताष्ट्रथिवीकायादिकनारेथ दिनाचाशअनेरोकहनेउस्वरुपदम्बिएककेतिस्फकरैतेक खनेकारणएस अधिष्ठत पुरेसप्यात जीव रूपमधीवधनसमाती कीजेला जपूनावतासंतासेदसंघउसय स्वतीथी तथोपरखी धाश्मकदेवरिगारमानुमिकललोकपसरयष्टथिवीकाया मिष्यमश्वेहउपनेतालवासयिकडेमइसतिण मपाले निम्त्रारपिन रास्तपरजगारमाकना युणविषेश्वर महापकगार मष्मजीवनाविकनानाATEST । प्राक्षमालामपयसायमादिहपदबाध्य कस्तोऊमततेएककेवजीत थारुखनाचालिमुकामहापहवामुग्मनावतारकलीन
रताविति संक्षिपापापुदीसियालङमाणापुढापामाणगाराामानिणगपत्यमाणमिणविरुवर Iमीनोग्राश्रितसवयवएतलेश्थवीकायमउसवेतमपणेनेकजीवाटितपणेदेष्यासोपतलैजाणी जेतेदनाारसअकीनिवासकहे।३० मावली
मतिकतावाधमनपर्यायज्ञानवेनदासवेश्वशासिनिवपीनमुफलाऊल
हाला
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दिक तथा सेयमिव लेहनामनादिपुराणसस्त्र । पृथिवीन अशा स्त्र समारं सता अनेक रथवीच्चाश्रित दक वनस्पती प्रभु नाजी व विणास | सिद्धीथ्वी कायन इजक दवा तेएकरी 2थिवी का विष कर्मन इस यतो सरूप कसे। दिविवेद नारंगध की नियम होते दमइफमस्वरूप श्रीक्षीत रागना इसमास रख लुइस मारनकरण करावनुमतिकरी वाक्या का रिलायंस श्री वर्धमान स्वामी ॥
सहिदsa
विदि। साना पृष्ठविकम्मसम्मारेले | पुढविस समारं समाएगा। रोग व पाऐविहिंसइ । तञ्चख तुला (परिज्ञा प्रवेदी परिज्ञाऽमजा णि धत्याख्यान परिज्ञाय चरिखको पदवी / प्रसंसान दे | अन्फज्ञान) प्रणामसेवादि याजन्ममरण कविवर्य | मोगी ताकि शादी के थिवी नारानका ज्ञाश्वेदी दिवषाधी लोक जे कार तिरु करणादि अर्थथम इममा पृथ्वीका यनेपाली उपनेते ना तिघातविमि रणब इमजीवी समारसकर इते कामदेषा क दाइ ॥ की मनमोकी लुट स् कि कार विक (इबाइ जीवतव्यन ऊना कथा स्प गव्या परिणाय वेश्या | मस्साचव जिविया परिवंद माण या जाईमरण मोयेणार सरकपरिघा याद स्व० स्वयमेव प्राणपथवी कायमै | घाव अनेश पासे फुटवीसस मालकरराव ॥
यसमा स॥
करतांनुमोदन ही नुमा दाव नही॥
मस्त्रम मालकर 5॥
पृथ्वी का शुभ समार सते रुनेच्या गमि का
मिसयमेव वुड विसचं समा रंसन्नहिंवा सुट विस समारं सावे । अन्नदिवा पुढविसचं समारं लेतेस मणु जागा तसे लिहितो धान दिवेजेश्री सग निशि स्फे करीने सम्पदर्शना । ते कुमपानी खजु तथागारसा समीप संसप्याप इणि थाई शिक्षज्ञानदर्शनष्पितनलीसम्पक जाति दिकनीशा बीस्फाइ "निश्चै सगवंत सभी वि एतावता श्रीवासमा सम्र्पकारपो
मनुष्य
न
मारारा
हियाए। तसिबोदिए मेते संबुशमाणे 1 सरागन श्वचनि मजा णि बैौजेच्या शतेनर्थदेउ तिने
या एीय समुहाए। सोचाखनुगवण गावातीए इद जाइते हम इतनमान का रानपरमार्थजाणिवा ॐ प्रम नीली
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वारंग
सवमादिएकमपनी सस्वखुनिश्चरस्थवी तथाएट्यवीम पथिचीवनश्रारंसमा तपारथिवीना मला तथाश्रनिराग्रारंवकरसादिषीमनमादिदामिअणि वनमानस्फे कायनाउसमारसनारसमानाका रसणीया॥ सिनरकनाकारया तकदेखाइएकश्वक्तिजेकारबाल्याप्तीशाइएक्षमून्निलोक कर्मपथा रणसणीया
मिलीनरंकरपबश्श्रावधभिवीकायनामाप्रकारशस्वकर
पाप सूबटवा३ मेरोसिंगासवतिएसखसुरकथयसरवनुमादापसरवलुमारोएसखस्नुनिराश्वलंगदिपालाप जमिणविरुवस्वेदि अधिवीमविश्कर्मसमारे पृथिवीसस्त्र समारंस अप अनिराबेशियादिकश्रमिक जीवनाशकाजकारक्षितमना बलविकिविदश्नन्त
(दिवैशिष्यश्मकदैमावष्टनिधीकाय नाजीवश्राषिकी सकरा
दए
मकनेकदतिकारश्रीयककदेब सिमाजजन्दथिवीका
यभीवेदना प्रबतिदमोस्वरूपकदेखितिमहसतलोनिमजा । सहाठिविकम्मसमारंण उडविसळसमारंसमाणे अणिमोगस्वेपाणिविहिंसशसेबेमिश्रापागधमाश अपेगे | तयाधीस्पृश्ननाबाविकपकरी एणीपरिन्दनायुल्फ वश्करीवेदर वामलालदिषा (परिपपररायदे गिपरै हनहनाको एकपगा
कहताधुकोसा
करीब ताधिसेक्षा
सेद शमशेअप्पिागपायमाशाप्पगपाध्यमझे अप्पेगेगुकमा अगिगुप्फमशा अपघमन/अपिगागुमशअम जोधपणिपरै कहिषाश्करी बेद) एणीपरै अदषजैकरी एणी पासा बैदे. एणीपरै पविजेट अपर्णवेडरबैदर
गेजसमशेशअमेगकमिमशेयरोणालिप्तशिपिगेनदरमशशअपिगेपासमशेशअमगेपिनमशिराप्रपोजरमशेश ३ १६गमाहिकोई पक जातिधनविरमकाष्टीपगुजरनेवरुषनश्काईएकसालानश्क रीमईदषनधारासंबेदरलतिवारेनेआषश्देषश्नही काम मासलेनहाजीसबालश्नदीनासघनदीaaaaश्तहमवेदनानी श्रथवतिजीवनश्रीपरमिमोक्षनश्वेदनाasiaमश्थाकाथमाजवनश्चय ऋविनाasam 3-लीजीऊपरली नौधाबावामधीजीपापो
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प्रकारे हदय ऐणेषकारे सन्न प्रकारेस्कंध प्रकारेबाज॥ ऐनेषकारे दाय एयुजिबेट | अपिगदिययमशशअपगेयामशअप्पेगेरकंधमशिश अप्पिगबाऊमशाशअप्पगहामशर अप्पागे
णेषकारे नरकदै गबर वेद श्रेणीपरे प्रामपणे उट णे कश होत अंगुलिमश२ अप्पेगेपदमश शअमेगगीवमझ२ अपिगहणुयमशशअपंगहोमश अंपगेदंतमझे
अ निकाला गत3 अगावी अ. कर्ण_नासिका पप्रकार शअप्पेगेनिशमशेशअप्पेगतामझेशअप्पंगगेममश शुश्रणगेकर्णमन अगिनासमक्ष अपग
समस्तक पतलाअगोपोगप्रतिकर केईएकदमूर्मगत कोईएक्तेदनविपासकादि विते चीकायनामी आष समुद प्रकारेनिलाड सारिश्तदश्वकादिकज्ञप्ति करे
सरकरीमागधीरकवतसिन र वनश्रीराक्षबउ बारेमेश्वविदमाउपजशनिमश्या
वेदनावयतिमश्यवानजीवनकर्मब दयश्रयाचे निमश अपिगसमुहमशापगमिसाइमश अपिगेसीसमशेर अप्पिसंपसारमशा अप्पेशउद्यापन वितिणकार विषारी गटशियीकायनेवि स्वाधारसकर्मबंधना अपरिजाप्ताइएनावमात्रा अनपदष्टवीकायविषश्प्रसमा एअारनपरिक्षातफण्तावतारAASHIK
एवष्माण
कर्मनवाया दारा
यानपरिमा सखंसमारसमाणसं श्वातआरसा अप्परिणायासवेतिपक्षमवेअसमारंसमासस्म श्वेतारसापरिणाता
बिशस्वदसऊदातादिसमारतण कारपरिज्ञाऽश्याश्तश्कशकर्मवाधाamanoms|
3-3०२.
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तिथवीकायनातकर्मबंधनौकार ने कहता अायणपश्टटवीकीयौसमारंम निदिकदती अनिण्यासदृष्टीकार्यमासमा किती अनिरापास
गजपरिनामाणीप्रत्याख्यानपाईपवर गखीमधीवीकहीजश्यति
नकर
मकरावा सतितपरिमायामदावी नेवसयसनविस समारासना सेवापदिनविससमारसावकाविनेटविस करतापत अनुमोदहनही अम्मति जेदनशएयवीकाथन समारंसज्ञपरिजाप्रत्यास्मानप्रज्ञा परिक्षात्र तेमुनिपरिक्षाकर्ममा, इतिश्रीशास्त्रपरिक्षा |
SAधमाक सेजनजाणिवाश्रीसुधर्मावा मिकदरवशमकदजेदवउजिनस्वरसमीपश्सासल्या मनातीयोउद्देशकः समारतेसमकाजामेजा जस्सातबुढाविकम्मसमारंभापरिमायास्वंति सजगी परिणातकम्मानिबेमितिशास्त्र दिवमीजउजवझपारसीयश्वश्वीमहसमश्वीकायमाजीवक त्यतिदमरविणसिकमी केहवोज तिवनीकरणदारवजीकेदवलीकेवउबलवीर्य अंगोय बुधकदका रिणिकारिणक्रमागरातनपकायजीवपणमिहनेविधिकर्मनौबांधदेवाबासुधा काटन मातमार्यप्रतिपक्षसाद उसलध्ययासक्तिमयमा मस्वामिक्षतिक दबासकहती दिवेश्यावीकायनोविराधनामावनिमनगाकदवारको गलतमयमा
विष्टानपेराकमकरण परिताध्ययनेछित्तीयसक:yaसामिासजहावित्रणगाराअकॅडेनिठायपरिवाश्रमाटाबमा । गार दिवराहव साक्षत्यतसमस्तमायावलीवितामएवंयुणविसीयकरश्तकदम हिवाकिमकरीनश्याललोमीन यावातरेतर्वसयोगलमीनेतिवम एपदेशम साक वानिलिवनावना बज्यापतिजामाबजीयालयतावाताधि जितवनविषश्सदेवयोगमातापितादिपश्चात्मयोगस्वसेरी दासत्ववति वाजिलिकारगयामापरिणामयाणकारणकदाइतेदवाराष॥
दिनानिवपाल आणविटाहिए जाएसघाए।निरकाता नामवापालिया विजदिनाविासानिय पाठातार मुसाजायोपण
परीस पसूजी-पवान दिवशीयरुशिष्यपनिकदैवयद्यपिताटरीमति निष्काकिण्टीपकारि दिपकाय लोकसमयपश्वमवयनमाणीकरिवत्तकदेवशति काबारमाहामायमस ज्ञामादि पकायविषऽसजवणायकीप्रसरीमधीया नावनलयन थानभूको मतिकऊबुजिउनमरुपमायणपऽपकार्यस्पोरा रूपापल्याकहता सेयनि विश्रीवीतरागनीमाशाईसलसह दिवउपवनसयसयमक हायतेपका नकदइएनईबतानश्ननमकदात्माना वन नादि सावदेषाध्य विनापान
हीर यावीशमहावीदिलिागंचआगाएअसिसामा अतालयासाबमिनिवसालोगशाशरकाको जोगवश्दीपकायलोकवासयकी अमेराईपदार्थबयनीवुविश्व रागिपएकमश्रीवासरागनश्वधनसम्पग्पकारिजाणी उनमरुषा नीवनी
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ARHI
तसंपत्यकाबारीरमअधि जेप्रमानदालचित्रपकायनाक तिसर्वप्रमाणसिघामानपत्रात्मानउअसारख्यानक अपकायनाअन्सारमानकरेएन शताझानरूपदघाजीवनाना अस्पारयानकर॥ स्पास्यानकर६॥
बरालयोपणासरीरमा दिजीवनशन मासिनकरिया
मणीमादिपणिजीवसबहिवार वन्नाणप्रज्ञाशशरकझापाजालायंप्रज्ञाशकवासना अन्नाश्करजिअनागोअज्ञाकशासलायंप्रभाकर नयकीलान इमोजागीमा पकायाविषेत्रा मुकदमहासागानुसाव जय जेएयोगी जीवनयपिएककेसमारंसश्तेदनसमा/ पीनधास्त्रक पवास क्सनकरवयानेहीणाचारीविपरीयथकानिएहबउकहना सकरतीनिक मानाप्रकारचा स्विकरीपाणी विराधना
रीसमारत नाश्देषीवश तमारप्रिवत्तइत्तेकदै दोशिशव्यस चारदाकद यमादेनोनयकासावधानी सांत्राता लकामाणापुढापासा अरणगाराामातिएकेपवदमाण जमिणेविस्वस्वेदिंसनेहिंउदयसमारंसेणं उदयसबेस। स्वतीधीपरती | अ अनेराअगस्यबेषियादिजीव तिदीनिश्चैसगवतपरिक्षाएकजपरिवीजी, मसकरुता ए जीवनयनर पर प्रसंसा मान र्थकपासकद तांदेिखिएन
प्रत्याख्यानपरिज्ञा कदी जिणकारीण मारेसमाण अस्मिणिगुश्वेयारणेविदंसशायरवनुमगवयापरिमायवेदिशा मस्सवेवजीवियस्सापश्विक्षणमा अनिरूकदा जाना तथा जातिमरणमोचनायिनि उदका 50 खतियाननिमिनामनारणीनियापणपउदकारतका अनिदिवाकरतांअनिरापालिकरावा अनेराकर तले अधोरसमकनजन्ममरणखेदऊस्पयत । नेकदे। कमोतिषजधर्मनश्देति॥4 3.२१अर्थ
यणा जाईमरणामायणा कंपनिघायदे मेसयमेवउदयससमारंलीत/अप्लदिवा उदयससमा अपअरनर करतोपत अनुमोदमनदी न दनअक्षितत अवामित्रालालमणीयताले एदवाउपवाससली अदमाची आदाणीयरनत्रयस्य
फसायजेश्रर्थकामूलपणात उपजैतेक रितेवरुषजयकार तदनसम्पकपकारिख 1159-5kapadeat
तिनीकारणचनजेधमनातकरमनाकार आगामकरी सावति श्रोदयससमारतसमानातिप्रदियाए।तेसेअबादीण भासतंसंबुनमाण आयाणीयं
उजेकानिएतरकारसिकर्मक्यतथमिारूपोएमिथ्यात
नकारणबधिबीउनासकामावली ghanistassosiationN SLAS200rsatyaMISkseiaspattisashyacidos
61524124
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| कविan
सीतली लगवंत श्रीवासरागतयासाकतेदना | सेएकमश्रद जाणिवऊश्ते उदकुनउभारतनि उदकनारसमा ९उदकनारेस/ उदक समावि
कं॥ 'श्वईग्रेशमा व समुशाए सिाहासगवणगाराणतिय हमेगेसिंणायसवतिएसखलुगंधाएसरकलुमिदिपसरकलुमाशएस आसन एलोकवायउत्रनेका विविधशास्त्रोकरी उदकपाणी समारत उदकर्म समा
सो शिष्य उदकसत्वसमानता अविर अनेकरूपाली आमाणअन्न
गाश्साका खस्नुनरपश्चगदिएनाया जमिणविस्वस्वेदिसोदिउदयकम्मसमारंसेण उद्यमोसमारंसमा अलिअगि जीव दिसाई देवsasजीव उदकनीनिाशमस्पादि घणो क्षेत्रमाता यावरण तथा नेशदवीनी उदकविषवरिया उदकपाणी तमीवकातयावशश्यकतिटनी
"केकाममायसेपासषय दिकजीवजागरजेउरकवावानिशाईनमकलादिमिष्यनीवाजमाजश्मतः तेनीवकेसला
कारणउदकारतीतपतलार जवनाविपत्नीनजागतिक माकपालानश्परिलो गिप्रणानपानलांग
जीवनाम कजा लिवाल नयनविषनितिहाउसरशसणामा रनक वेषाणविदसई सबमिासतिपाणावदयनिसिया जीवात्राणगा स्वखंत्रणगारा उदयजावावधादिया अनशनकासावपशिष्मपतिश्री (MAHITI नेरामाक्पादिअपकायनाउपतोगविषश्वतश्पकायना नीवस्लावरम में प्रवानिषादक हाथ मकरताप श्रीगुरुकरबर्गकपकायाविषशाभूचित करीताध्य बलीदेसादानलागतेकिमश्पकायजावयापपरिपयशरारतमा महारक्षमायामकानमा,
का त्यांनाहौवलीनिरीषणदोषलागवयवासविसपाणी नश्परितोगमाणा विषात वावहितिरत्यादिकत्र करतेकहेब सामअकारणावकरुतीमालाचीन श्रामवनधीप्रणिकारण जीवादतथप्रदीपरपक्रमीषियुक्तिकदवरता
MAकाराम सम्बादत्राणवीश्यासापुढासळपवघ्या अजवाअदिणादानेकपशाणकप्पशापान अज्वावित्रसाए। करीनापुणपश्मा दिवशेदना प्रागमनासारपोदेषाबणयाणा । ककहोवसापकोय योगमनिमागमा तिक्षापान निश्चयकरियासमर्थ पणिअपकायविषसिस्नसमारंतश्तेदनाारेलअपरिमात अनश्प का नाजीवनियास नयाऽनिकारणमिमाष्टीनरूपउतिरणका
-यविष रणिनगरउतारदेश्नसका दोसावदिविप्रति एनधितेसिामाणिकरमाएएचसन्वेसमारंसमाणस्साश्चातभारताअपरिमायासर्वतिएनसवंत्र Sssanादिकापणाप्रागमनप्रसारिबिऊदोषपरिदरतिज्ञाक्यादिकदरअहमपीबालपीकल्पश्यनुज्ञातवा बाजीवकादिककदै आम्हारपीवामणीकत्येपर स्नानादिककरवानकल्प जायादिककदर अम्हनस्पीच स्नानकरिवुअम्हारिरागमकाजश्तेकदेवा- उत्तीरमोअनिष्याबश्वोचले २०
दे
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शस्त्रममा सनदीतेदारं परिज्ञाइ परिजात जागा (कारं कर्मबंधन (पाइप उदकशस्त्र समारंसइन अत्पाख्यानपरिज्ञाऽपचरव्यादिव प्रत्याख्यान परिज्ञाविंशे कारण इमपरिज्ञाइ नागी थकीज्ञ परिज्ञापूर्वक देषा ॥
ही
समारेल मास्सा शच्चातत्र्याला परिपाया सति । तं परिपाटयमिदावी | नेवसयंउदयस क्षे समाराला सर्व दिंउदय कासकर अनुमोदन (जैन उदकनाशस्त्रसमा रेलज्ञपरिज्ञाईजा प्रत्या सेवते मुनिवारि ख्यान परिज्ञा बाऊ 2.त्रियोपरिजात कर्मपापना पच
सच्चे समारं साविका उदयसचं समारते विलेन समएफ जाएगा। जस्सात उदयस चे समारं सापरिणायालवंति।स रवा नौकर हार श्री धर्मस्वा इतिश्रीशास्त्र दिने वैद्या प्रारंसी ये बैनीने पाणी शिकार न मारला ते अभिकाय नु विशेषक ॐ बुं ॥ इदी तो कश श्रात्माने प्रत्येक २ सरी र विषेप किम निमश्री परिज्ञापयेन विरतिविशेषसामानकार लईएस श्रीसू धर्म कायम पुरुषनौस्टिकर नदी नामाख्यान लगते महावीर समीप ससज्य ॥ कफ तेसो प्रमाण छ। स्वामिन् श्वेक देव तावामन करे जीवन करे व ले जेश्मका निजीव
२/२/४ परिक्षाप्त नात्मान
नदी मान
कसमा
नेश पास समासा
asain
सरका
आमासम्मका नवस याला जिोकउारया | अामान अस्पाख्यान करना जीवन पाख्यान करे दिवे मिना, जीवनीसा प्रतिपत्रिक रीतेनो आर जेवताना बोलते हुआ फूलने कारणजाली परिहरिए साथ ख्यान क दीय देबाउंड बेजे साधु दी है जो कवनस्पविक हीयते दम शस्त्राने नुस्खेद, ज्ञनिअल ।।
"
कर5 ||
ज्ञारकशौजदीद लोग सस्सा
झाशस्कच्चा) जोलायंा शाइरकेजा मित्राला एंझाइक इस्कई । मलोयं अदी लोकशास्त्रमा वदते संयम जिसकारण (जेवास्त्र से यमतेन (दीर्घलोक वनस्पती तेनु शस्त्राग्भिते यम किए ही जीवन विनासन करें तिथि का कह
वह
दन खेदश
वदनिल
वीरे०क०परी सहज पसर्गमा महुशार कमे शत्रु जीपिवास पक्षघाती करणारा ट्रिक ते करूपी यावरी जीपीन संयमनौ उपाय निपादित करे की सूत्र कीगए रत
स्वया स स स्मारकयन्नास खयाल | मेदी लोग सस्सावाले वीरिदिएय प्रतिस्यादि) सं
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। सर्बदासम्पपकारिता सदाप्रमारदरक्षित शिवशमिशास्त्रषमादीपरिदरेनही पाणीमादेरकारलयकी तिथप्रकायसमारेसनामक जनअनादिसवसंततिसमक्ष तिपातादियका विश्वा त
तिनैविपाकविषावातलीकटेजमाची एकवी विशेषश्कन्दीया भोली मेधावीस्तिनापणठक मादविषश्वास्यापकदन्ती तयायाधीविषयातिजापतिले प्रधब जमाउसफेदखेतिक भारतरालप्रतिकिमतकाजनिकायनसमारेलकरतो
नावपाक
साई मर्मवचनकायंएक्वता भावारण जादिसयाजातदिसयाअप्पमात्रदिजियमतिगणीप/सेउदोपवुनही तपरिणायामदानिध्याणिस्माजमा ६ तिश्या कदिवडात्रिकरण (हिजेपदथक विपरीवतेमधाबाजश्रन्ययाकुरश्तेदेषाबा अदा शिष्यपर्वकदलजिए अनिवारसमारसकरी
अश्मकरपसोकमउमा सावधानुष्टमित्रका कमानाजूयासाक्पादिदैषितेश्मकदै अम्हणगा। पुमकासीपमाएणी लजमारणोपासणगारामानियागपक्षमाणा जमिणविरुवझावहिंसछेत्रिगण
अमिबास्त्रसमारंसता एतावता अग्निमी अनेराकानकबधियादिक रुपमाणीयानक विदारकतुनिश्च नगवंतश्परिझाप्रवेदी शणि
सकरवा ह णादिवत्रीवीतरागषणातपादशश्कदै कम्मसमारंस अगसिसमारंसमाण अपनाहोगस्वेपाणेविदिसतिशतबरखतगवतापरिणापवेदिताइमस जीवतमन परिवंदना मानन नानश्मी तथाजातिजन्ममरण किवाना तथाऽरकप्रतिघातति / वरूपोफरणी अग्निसस्त्रसमारंवार
ass
अर्ध
विवजीवियस्सपरिवंदणमायणाए जाईमरणमायणाए।उरकपमिघायदे सेसयमेवअगणिस समारंतर अनेरापाससमारंसाas अमेर समारत तेव्हन अनुमोद ग्मिनाकारसतिदन विहानप्रबोधिबीजमाना
ऋदितनरकादिवाखसशसणीलाई
पीया। अस्मिदिवाअगरणसन्समारंसावे अलिवानगणिसछसमारंसमाणसमणुजाराहातंत्रदिया तासाचाहिए।
६
REysURE
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सिन उपदेस दीति (स्त्रत्रयन विष सावध मनासी ॥ सिंबध्यमान जाते
iraat ara वारसा सभी इंजन एक सान९ जेानिसमा रेतखतुभि पई ॥ कर्म बंधनकार दबु जो एफ5 ते किसुं ॥
3
सेतंसं बुशमा। प्रयालीयंस मुसाजालगवणगारा गवातिए। इदमेगे सिंमायं सवंति | एस खलु गांधे। श्मोद् | एमार | एदनइर्थिक | ६. वे कह तो जे एका शिक्षासमार से | पगनिकर्म समारे ॥ करी ॥
| एनरक
एसरख लुमोदे। एस खलु मारे | एस खलुनिर इज्ञ्चयं गढ़िएलोए। जमिणविरुवरुवे दिसते दि। गणिक मास मारते।
समाजको
अनेरा प्राणीयारूप द
(दिवईतेषामित्र संष्कता पृथिवीनी निश्राइं मित्राणानीतिश्राइं पाडा मिनारसिजीवनुंघात बाजीद कीमीषता वृद (घातक ॐ ॥ बोली गुल्मवतीप्रमुष॥
गरुपाविदिन सबैमि | संतिया पुढविनिस्सिया) त एपिस्सिया) पत्र कीमा करोणादि तथा व्यादि) बावली से पालिमा जे ग्राम केाणी अनीस (मिरिस्पइं तेजी एतले करू की चानी वा जीव पडते माषीलम पाइने इतेक बापा निःश्रक aas || रार्दिनिका वा ॥
देव ॥
सिस्सिया | कठनिस्सिया गामय निस्सिया कपवर निस्सिया । संति संपातिमापाएगा| आदञ्चे संपयंति श्रगचि रख तेतिदग्रनिविषऽसूत्रीयांम जेति सूचीयांम ॥ तेतिन्ही प्राण मूकं
मिन तापमात्र से कोपा अतिदांगात्र संकोच मम ॥
मरा
5॥
सुहा रागसंघायमाव ऊंति | जेतच संघायमा वति । तच परियावदतिजेतञ्चपरियावति तद्दायति
गणितं समा रेशमा
विनिःश्रा) काश्नी निश्रायुपदे ही बाएनी विश्राइं मुष जीव॥ हलिन इत्यादिजीवन।
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दिपदामिवसमा रे सजीवधाता कारण जाणी सर्वथा नई उपरिदा करिव एव प्रदेषा डम बई | एका भिकार्याविषशास्त्र समान5 पाइजजात करइन ही ॥
आचारंग समारेस मारण रसाच्चातारं सापरिणायात्सर्वति। एव सर्व समारे लमाण सम | इच्चिएका रेसा परिणाया सेवेति
बीजाको पनिकायसमा रेस करावनदी लिरो को ईमारत करसौ इतेन
तेजी लाने परिदरे मेधावीप समारंच नकरै सिसिमारे पाप जंगली ॥
नमिका विषसस्त्र जसमारे सइ नदीननइ एमालपरिज्ञाइ। जापन35 जजनमा रेस अनर्थज ॥
तं परिणायमेदावी | लेवसयंत्र गणिस समारंतेजा | नेवाऐदिं श्रगणि सचि समारंतविजा। गणिसचं समारसमा त्र
अनुमोदनदी मजेदन अभिनासमाज परिज्ञाऽजाएपाइ तथा प्रत्याख्यान परिसुतिपरिज्ञातयात इतिश्री शस्त्रपरिज्ञाध्ययने व थो करीम वचने कर ज्ञाईपरिदरपाइ ॥ नौकर घर जा श्रीस्वामिम श्रोधये ॥४॥ उदेश मि तर जिम श्री रित सभी से सत्यातिमको स्वरूपकल क्रमागत "कले ॥ वायुस्वरूप का वनस्पति स्वरूपक
लेनस मणुजा रोजा | जस्साता गणिकम्म समारं सा परिपायाल वेति सेऊ मुणी परिसायकाम्म | शिब मि॥ इतिशस्त्र कं । ते काइ तिहार उतर जेवायुतेदृष्टिगोचर नावे इसी कार मिपा तेनोपसेवनस्पतिना समारं स ऊंन ही करुं मन वचन काया त मतिमंत जरीन तेवनस्पती नऊ प्रारस जेव निश्रावन थाई तिलकारण बीजा एकेंडी व गोवरी ४१ रिच इंसान ही करावी करतो नुमोदन ही फसतरतेदे रमार्थजानकर5 ए पथ अवायु स्वरूप काय तो सुगमणिकाराचममुपपदीप्याच्या दरी तथायाव जी वादिकाल सेयमते स वनस्पति स्वरूपकतेल रूपजालीन॥श्री सूस्वामि जब तक जे प्रवचन थकी ॥
डरहम्प
परिज्ञाध्ययने व निदेशकः समाप्तः॥॥॥॥ नोकरिस्सा मिसमुहार | मताम मंत्रालय विदिशा | ते जे सोकर९९ सा 2/2/ तमारपुरा दिन शक्षदिविषय | जे०कुस्ती अक्षादिविषयतेच्या अर्ज जे समास्तेषु प्राशदिविषयकी
haथवा विदिसि ॥
सिलाषा वनस्पतिमा सविषयक कहती संसारनाकार एसपी संसारादिकविषयते ससार हब ॥ สม रक दीय जसा मारतेश था दिविष विषय वनस्पतीजे SSSS
ॐ सास्त्र निजादौन ॐ कि उप होपका નિશ્ચચમનવિષલીમ ते साकहीय सिविर चाव२९| एसएगा। रत्रिपन्नई || || जगु एसे प्रवाह ॥ प्रवाह से ऽऽऽऽ शकानी पजता दी सब यद्यपि अनरी काय थक38 राम्रा धादिविषयबइतथापिवनस्पतिथको थाई बल विषयी उत्पतितिरणिका र सिजि गुणे सध्या बहे जे या बहे से रोक न विस्तारार्थ बालबोध थी जो एव हि एका दिवनस्पतिनिष्पन से सार नाकारणकला । ते एक दिसिन थवा सर्वदिसित कद इन हूं कहती उपहर उपर्वत शिषश दि कनइविष ३१लीनी जीन
तिरियं पाई। पा
जालिबोइसउदै बाइबऽ उ
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यासमणिकदत्तादेषप्तीका नामसलतीसोनिकतेप्रीतालादि तथाउदी अध त्रिी रागादिकपरिणामिपऊवतीरूपन) तथाशनविपैसूसीयारथथाएतलनिअनुसा निकरुपनागुरदेषड्यनथागीत गानादिवासंसप्ता
विषऽमूर्षियशप्रत्यासक्तया॥ रिबीमारसंगवस्मसंगपुणविषऽजेवाएता बतातेद
नापुण्यदतेरुनेविषमूवीयूएस्पादिपंचविषय
रूपलोक कया एहनविषर अविरतसा समागासवाईयासविसणमारणसहाउंसति प्रदतिरिपाईमुच्चमारणावसमुन्ति साहसुप्राविएसाला तेदन फलकदैनापश्वी न्यूणाणायकहती श्रीवीतरागनीअाज्ञामादिन्टी हारणिकारणिवत्र जएदवैतिषमन्नविषयमतितापणनविष दिनेशपथावाटी अन्य विषयलोकविजय एडवीनतीविजीशष्टादिक यशायास्वादत्रजपवाल
यावारिवानसमऊल अंगारकघर याकारी देषाबिक सवकसमाचारकहता असंयमानुनधानउकर।
सिवय तावतागपस्थासाक्चारित्रथका लाशिष्यसेयमलजाला जरनाक
जमाना-नाश्ष गवियाहिए।
प ताणारगाएमासापुरणागुणासापकसमायारापमानश्रगारमावास/बालकमा अदेणगारोएरुचामुषबोलता विस्तारार्थवववनवरवनस्य एवनस्पतिकायनानाप्रकारशकरीसमारेसा वनस्पतिकर्मममारं3n वनस्पति निश्रालापव्याख्यानेका गाउादायासाश्रयणगारामालियागपदमाणा जमिणविरुवसावदिसाबदि वहस्साईकम्मसम्मानका वास कायसमारसता अनेरा अनेक रूप प्राय दणाम
निदाखलुनिश्चतगवतश्श्रीवीतरागप्रज्ञावेद इणिजीवतव्यनई॥ स्सससमारंसमाण अणेवणेगावपारणविदेसंतितमरवखुसगवतापरितापावदिनाश्मिरसाचवजीवि अमेसा॥ अरूचानादि जामश्वार्थजातिजरामरणकाविधानमन] उस्कपतिद्यातदेव जेस्वयमववनस्पति कायसमारंस यस्सपरिवंदणमाणपत्रणाए जातीमरणामात्रणाए। उकपमिघायदसेसयमेवधणस्ससबंसमारंस
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अनेरापासश्समारंसकरावश्नही अनेरान आरंजयापकरतानअनुमादश्नदी
तेदनाअदितत्तणी बोधिनाना
जासणीया आचारंग अग्निदिवणस्सश्ससमारंसावेश अग्निदिवावस्सस्ससबसमारंसमासमाजाशतसेअदियाए तास
तेपुरुषकर्मविवरविशषतावन चारित्रपस्विनी सासलीपरकिमतगवतश्री तीर्थकरतथाणगारसाकमाएकजीवनपदवी जान स्पतिकायनोआरेलअनर्थका
नमसमापित रजात अवोदिए सितसंवशमाण प्रायाणीयंसमुहायासाञ्चासगवश्रणगारावातियाश्दामगसिंमायंसर्वति जासमाश्मयधवधर मादा एमा न क प्रणिविषयादिकत्रs६ वनस्पतिमानास्पानश्करीसमारसतेऽकरी an
लोकल एसखसुगंटाएसरवजूमोदएसखजुमाशपसखलनिरणाचबंगलियालाए। जमिणविरवहावदिंसबेचिप वनस्पतिशास्त्रसमासतौ
दिवसानैवनस्सुनिनेमजीपणा इसपनामशेरनी अनेराबडीयादिकअनेकरूपपाणीयाव्हणे जापाविवासली कस्ले ऊवन उपमादेषानीवनम्पनी
स्पतिनासेहपमागचेतनाव सजीवकूद प्रोसि
रूपजी पीकतमासन सेलिमेवि०एम स्मश्कम्मसमासांगावणसमसमारंसमारणे अन्नवणेगवेषापविदितावासाबमामलिना सुष्मनोधारीरजातिधर्मजन्मस्वसावि मनुष्यनारीरजिमवृति
यापमनुष्मनोशारीरजामसहित निमएवनस्पतीनोशारीरक्षण तथाएम जीपउनेतिमपवनस्पति नामशरख धर्मare
विमएवमस्पतिवारी व निजजागरणक्रिोधमानमाया जानानुमारिवऽसिमक्षामा लासलथादिसदितanआदिमर्यादयविकसरीरदस्ता
धमतमा धम्मयो एयपिजाइधम्मयोऽम्मपिबुद्धिधम्मयाण्यपिबुद्विधम्मयाऽमविविन्नमतयोण्यपिचिन्नमतामा
पुण॥
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दिकवायलानिया निमवनस्पतिमवज्ञारवादितापमनुष्यभौशारीरा निमवनस्पतीनी शरीर तयायमध्यमवारीस्त्र निमरणवनस्पतीनावारीर तथाएमयुष्यनोश मश्सकार कवियर कमला ॥दारतवरवीरादिश्रादा उदकादिप्रादारल्यका नित्य उतकृष्टउत्रिणिपल्या उत्कृष्टदससहस्त्रधीयुजाण शस्त्रासास्वतौल रिल्या
यमपतिनरक्षानिणिकारणियातिन्यालिप्रतिप्राचीवित लिबिन्तमिलाशेण्यपिचिम्नमिलामंपिाहारगण्यपित्रादारगश्मपिलिञ्चयोण्यपिणियामंपित्र रणेमर । तिमवनस्पतिनोहारी एमनुष्यनसरीरमायापयिक तिमएवनस्पतिनाशरी थामनुप्यनाशशरतमाविक्षरोगामीउत्य/निमरवनस्पतनिवारीपुरसिंगन Asia सस्वतीasइटानिष्टादिकाहारनयदि 2GmHIRANNIESTION
तथा दिहानियोRAM णामशपियोहरपलायोमेबारमाया सासयो एयंपिप्रसासयोमंपिचयाक्चयात्यक्षियाश्चर्य मंपिविपरिणामधममयो एथपिविपरिणाम नइसंयोशिशाकानयात्रवपणपोमणिकारणिमनुष्यमाशरीरनीपरश्वनस्पती एलसर्वसमावदावनस्पतिविषश्वास्त्रसमारंमणहारन (परिज्ञाश्मीर सचेतना जाणिवीदिवश्वनस्पतिनसजीवपणषाहीसेनानीकर्मबंधनते एवनस्पतिमात्रारतपरिजाशातथापनस०वक्षसपजापाप्रपा दनापारमनपरित्या गिमुनिषादधामरबा
निविषशास्त्रअनारमनानारंपरिझान धम्मयापसबसमाश्नमाणस्सजेतियारमाप्रपरिल्लातसवति पञ्चसबसमारंसमासस्स/शवतार खानपरितापचया वनस्पतिनोआरंसजाणीक आयाइभलश्वनस्पतिशास्त्रैकरीनारलैन। अनेरापासशास्त्रश्करीनश्यनसतिम GENiरीमेधाविविक्षित
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आरंसकरावा- नही। सापरिम्मालासतितिपरिमायामदावनियसयंवशास्सऽससमारंसेशनवलदिवणस्सईसबसमा
बन्नकदी रमेशकोईोणीजीवस्विकरीनवनस्पतीनजेदनशणिपरिवनस्पतिनासमारसज्ञपरिमारंजाएपाऊसपारयान उप्रारंसकरतीकृतिअनुमोदन
टापरिजाइपचख्याऊ॥ रेसावकारावलवणस्सऽससमारंसमाजाना जास्मतेवणस्सलिमबेसमारंसापरिपायासवंति। HOUSA
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तमुनिचारित्रियम्यरिजातकर्मकनवा इति इतिश्रीवास्त्रयरिसाध्यानियोचमनदीसकसमाप्तःयायाधमादसा श्रीसुधर्मास्वाग्नि सेतिकहता। मेकहतीपराज याचारंग
वामकमक छजिम श्रीमहावीरसमीपू वनस्पतिकायनमविशेषकदाasaaaugसत्रसकाय कदम आगालकदास्पशतकन असल्यातिमकता शिव्यप्रतिकऊर्बुश्रीसुधर्माता
क्रमागतकदवा
कबु यमिजेश्कदा
स्त्र
पत्रसमाएबिपियादिकात
जिमबतिमकऊ) मेऊमुणीयरिमायाकम्माप्तिाचमिशास्त्रपरिज्ञाधयानपंचमोउशिक समायबापासाबमि संतिमतसापाग २ 2013
तिक अंडजएकजीवमथकीमा जामराजरातिकदिय सम्वेदजनेष समर्जिमजेस्वय अभिजतनेष्टथिवी ऊपपातिकदेव यजिवामारामाणिवायकी नवम as यजश्यबीयासापधारो लिपि तिजरजबालवेष्टिता सेवाथकाऊ वसर्बिम सदीनीकलने नारकीजाणवा उसामनयी वसोडआदिशोपीयानन
जीपतियातजतिकदीय मरमविजरसमाहि पजरवा सलसादिवंजरीशदि॥ एत्रावस्वानक समुहसंसार यदाकदीयादिवएशष्ट जिधर्ममय कोथलीमादिबीया जयजय
सर्वत्रसजीबऊ विधवानिनविषकन्नी उत्पतिकतेकदैब संजहा। अंडथापायथाजुराउभारसासेसेयया संमुबिमा उझिया ग्ववाश्याारससंसारितिपयुवईम मेदामेदबिकनेदिवश्पणिज्दा सावनंदनौनिश्मताफतेकदैनिशा०क०पसकाय निश्चैकरीधी महर्मिकतासर्व प्राधिकारजाणिवोजेदमूर्वनैमानले त पिडिपकपदेवायथातथासाचीaaबातम्फपये का जोलीयाAsara
सर्वसन
सर्वजीवन तदनहरा मेदसंसारबद्याज्ञाएता प्रत्येकजीवनापरिनि०कल्मषन जिमपत्रसकायन
RAI ताएदवसषसंसारमादिपरिचमणकर कक तिमर सर्वजीवाश्रीकदान दस्सअवियाणविशाश्ना पडिालदिनापनेयं परिनिवाण संवेसियाणा सधेसिंन्यागामधेसिजीवाणं। सर्वसत्वनैपविऊनामिस्त्रपकिसमुत्थसर्वमीवजाणिवावि तथामदासयपत्रपतिसयमोउकोई बापाजीवधारीशमानसीऽखिोडव्यासातपदि कतातिविश्कार गि वाषकारमधीnaaएसजीवनश्प्रत्येक सुषसमाधिनड़का नाताडरकसघलाई जीवनरकभकी संस्तथाविदिसमासइएतावतानयनातदिशौदिस अपनश्यलेसियदेविष रणासाक०सोसाकशातसर्वजीवनाशिनी गपामदनपरिविशेषकदै काममतिस्पासलीवाणिणिकारणियारेसी) शारीरममावीमामकरणहार
बनावमाऽमक ऊबड़॥ उरुषतेदनाविलास कदम ससिंसना अस्सायंअपरिनिहा।महसयडरकानिबमिबासंतिपाणापदिसादिसासुया त टा
Songs
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प्रापुरा कार्यविषया सेनिक नोट प्रोलीयाश्क जुना वो ए3 पदे रद्स्य जाणिवे । जेशनर उसारखक। कश्म कहता जेएनानाप्रकारचा स्त्र करी त्रसकाय कुलवित्रदारुषमा डियादिथिमादिकना वेदेषामहै। सूत्र ।लमा व्याख्या पूर्ववदनवत्र काय दिक भविष ने की बने परिता तरहवा जीवन विद्यासास जापवाच्य दो शिष्पदेषि। ज०० सयम तपल इलाज | समारंसकरी ॥ |पपीडते जी कि दबिश जाली निरद्यानु विष प्रदर्शित कर
पासा प्राडराय रितावत्ति | संतिपारणा पुढो सिया | लज माणा उढोपासणगारांमेोति | एमोपमाणा / जमियां विरूवावहिंस अनेक रूप दिया दिशांणीयाद तिहांखजुनिश्चेश्री सगदंत परिज्ञा प्रवेदि॥ इलिजीदतव्य
कायसमरसता त्रस काय समारंतता)
राइ
चेदि । वस काय समारोल एं| तस काय स मंस मारल मारणे | लव रोगरुपाऐ विदिति । ततख सुराग वत्तायरिन्नापवे दिन्ना) इमस्साव प्रसंसा सुहाना (जन्ममा कावि दुस्खप्रतिघातनिमित्त) से० ते आपण सका शास्त्रसमारं दि हेति वान देति॥
as
राइ॥
अनेरा कोई दजी वियरस परिवेक्षणमा | श्याए| जाईमर मोटाए | डरक पहियायदे | सेसयमे दत्तस कायमचे | समारंसति / अन्ने हिं सशस्करी उसकायनोप्रा रेलक | श्रशत्रस काय याकरता | आारंसनेमने करीव चुने करी । तेनादिती | प्रवेधितशीर तेरुब तेत्रका
तुम नहीं ॥
मोदिनी॥
यना सारस
जाउ
शव
वातस काय सञ्च समारंभविति । प्रान्नदिवा तस काय सञ्चं | समारं समाऐ सम फजा राति | तं सेो दियाए | तेसेचा बो दिए। सेलेसेबु सम्पदर्शन चारित्राद | सो० सगवंत अथवा अणगार नइ समीप सोल । इणिजगमादिक नइ एद दौना | एसकायनोस मारेसरख । त्रस कार्यनौ समा ली अभि बंधaa!! सामा गारवाच्चेतिए। इदमाग सिंस्पायं सर्वति | एसखसुगाथ / एस खलुमो
नशा
समाएायाणी समुहार । सोञ्चागद
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एमार
इणिविषयाविकनअर्थिग नामापकारवालश्करीत्रसकाथसमारंमशवसकायस दिवनिकारणवसकायौवधकुखतेदेपाश्म क" खतउलोकबाप मरसताअनेरामिकरूपमा लीयादण॥
विमितिककबुजिएकारण सनबुधकरइतिकर
कामयाकलाजकारणा नाएसरवस्तुमारासखानुनिरण।श्चगढिएलागाजमिणविश्वस्वेदिपाणधिदिसतिशासबेमिााण्यागपञ्चाएवढे एचर्मम कानिचित्र व्याघ्रादिकन एकपरमासनअर्थिकदिएकत्रिसलचित्रवानलीमाणिamalaमंत्रसापकदियध्यायापिनना बमानकामि पिचनश्कानि विणास - विणासा
हीनकरणकर॥ काजिस्यय याघ्रादिवि मयूरचाषादि
दिविणास३५ णाम | विराम॥ आप्पगे अजिाणए वदंति अपगमंसाण्वदंति/आप्पागमाणियाएवदंतिवंदियायाए।पिनापवसायापिकाए बनेका वामकाजि गasका विधानश्काजि सादिक ने हालेकाजि अषनकाति/ स्तनश्कानिगा अस्तिनका अस्तिमिजानश्काजि तथापकर या अनर्थदेति तथा प्रतीत जराकानवमरीगाम जिमृगादिक श्रृंगासादिकवि कामिनी इत्पादिक वाघविरसमु॥ निशरव महिषवराकादिनवि यादति विणासsa॥ कालिया बिलासरविणासालास॥विणास विणासशा सा ।
त्यादि। णासा
मादीस्वज उल्लापवाला सिंगाप|विसाणा/देताप/दादामहापादासणीपाश्रहीए।अहिमिंजाए। अाए अाए प्राप्पा मदएपउदाता इणिकारिणद तथावर्तमानकालिएमझनाअथवामादरास्व तथाआगामियश्कालिएमकनैहणसश्स्वजाशील सदात्रसकायविश्वास्त्रसमारेस opan
जनश्दणबणिकालिदा दिवसकायबधनउकारणदेषामीउदेसउपकरबल गिदिसंसुवानिवदंति आप्पग दिसंतिमेन्निवावदेशिआप्परोहिंसिरमतिमेशिवावदंतिबएसविंसमारंसमाणस्स पाहारनएआरसअपरिझाकावसकायविषश्ससमारंस नदी तेदनश्यारंपरिक्षातका
तेत्रसकायणसमारंसजागी अक्षयी
यमिता श्चातभारसा अपरिमायासक्सिसमारंसमाणसाशचातआरंसापरिणायासवंतितपरिमायमेदावी
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आपणासकायाखसमारंसऽनदी अनेरायाससमारेसाबादी
अनिशकोऽत्रसकायमशस्त्रकरीआरसकरसोबतअनुमो
दही नेवसयोतसकायसबसमा सेकान्निबन्नेतिसकायसबसमारंसावेका अवनतस्सकायसलंसमारंसदेसमएफ) जेदनईएसकायनासमाजपरिमाप्रत्याख्यामपरिझा मुनिचारित्रियम्युरिझातपरिजाप्तकर्मकदवाशायद उद्दसत्रसकायनास्वरूपकराजप इपवरप्याऊ
उनीसधास्वा मिकदारजेवप्रीमकानिमश्रीसग दिलअन्तिनवधर्मनश्खुशिवायपल्यमा
वतममापिसलल्य३॥ इतिची शस्त्रपरिज्ञावायनेषष्टोउद्देसका वक्करगोचरवायुएनसीसाप्तामउदेम | मागका जास्मततसकायसवेसमारंभापरिणायासर्वतिहासजमुगणीपरिणायकम्मानिाबमा इतिश्रीशस्त्रपरिज्ञाध्यय वाथस्वरूपकाहब सत्रापए एजकस्ताकपानशीलपणायकी वायु आतंककपतानारीशमानसीअकतिपनादेषण जेधात्मकहप्तापात्रानिबादिमागपतलफकदीउजिमश्रापणेनिस हीये॥ कदीयतिमीsiबाकदता निश्पतियारसदाराएवायुकायनीआरंतवउअदिमाणी मानई मुखधवादिना उपनाप्रपंजेअधिोराजीधनविहातिम नारा विचौतिपसूसमर्थ
बासकाथविराधनापरिदरियर बावनेसमाamala: पकएजस्सगंबणाए। आयंकदंसीअदितिनचा जयशबंजाणशासबदियाजागाजेबा घोराविदिवा प्रजेवानि तिअध्यात्मपणना गर्दिवयात्म एलासरीपण अतिसेकहता किसासनविषासतिगव्यावहतांसमसंवेगविवदिशानुकंपालालारूप दिनेअपवादीप्रम्पयाकारीजगमा जिशिपरिजेवराmaa विधान
रिजवर रमाए परनामाणीकरिव किस गवासाकसैलाकेष्वी निमार सम्पयुमानचारित्रसातिकदीयश्तेदनशविषपत्तादविपासंयमतमुक्ति दिनविदेषामबालशपयारयात्र पंझिसमिति
TwAMBRषासिलाबीपण यमनयोग्पनांबाजीववउवायुकायनामईनश्प्रत्यर्थः॥ राधेश्वशतिम-उपरजीवन
। ववक्षनवरंवायुकायोलिलाषेनव्यारब मकदUNe.
दियाप्ताएसप्रशजाणज्ञापलमानसिं दसतिगयादथाविया गावखतिजीविनाऊमारणापुढोपास यशेषतादवाशिष्यएमयभविषालम्हे | जिएनामाप्रकारशस्निकरी वायुकर्ममरसमा | वायुशास्त्रसमारतताबली
अनेक रूपाणीया अनगारखव एकश्मबोलता
रंति॥ अणगारामोनिएपवयमा जमिणविस्वस्वेदिसलेक्षिावानकम्मसमार्शलणं वाउसलसमासमाणे जमिः
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wami
श
तिदावनि सगर्वतश्परिमाप्रवेदर
र जीवयन
प्रसंसा मानन जान आचारग णनिधणगावपाणविसतितलवखुसगवतापरिमायवेदिना मस्सावबजीवियस्सपरिवंदणमाणणस्य।
जन्ममरणसंकाविवानश्अर्थ उरकप्रविधान निमिति, तस्वयामश्वायुसत्र समारंस॥ अनिशपादश्वायुसस्त्र समारेलाव॥
जाईमरणमायणाजरकपरिघायदेगाससयामबवाससमारंति अनिर्दिवाघाउससमारंसावित्र अनेरखवायुसस्त्रसमारंसतउअनुमोदन
लेतेदनश्त्रहित अबोधिनीपुरुषवायुसमारंसी मानीमचारिनश्रावरी
गताअनधिदेवजोगती - A सदियाघाउससमारतेसमजाति तसेअव्दियाए तसेबादिए सितसंबुशमाण आयागीयंसमुहाए। सो सगत तयाअणगारनई समाविससनी लिगमादिएकमश्रादबाजारप एवायुकायनवसमारसय एमाद एमार एमरका
ऊशाकिस
थनी बंधनौशाम खासगवाणगाराणवातिए। इदमेगेसिंमायंसवेति एसखलुगंधोएसखसुमेक्षिा एसवसुमारे एसखसुनि प्रणिअघिलोक जमानाप्रकारसस्त्रशंकरीवायुकर्मसमारसह वायुास्त्रसभारतताअमेकरूयागीयाहाणनीविराधनाईअनेराजीबनै
धादिषाम ॥ २९च्छेलंगदिए जाए/नमिणविरवशावहिंसवेदिवाउकम्मसमारसेणं वाउससमारंसमाण अनिवणगस्वेपणिवि
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अर्थशमक रूल बरसपातिमप्राणीयतिघाऊनश्वानिवाऊडतायत्राणिकारणिपरिषडयासवाउर्फकरस्याऊत्तागात्रसंकोजेतिही संकोचयाम॥
चामा दिसतिबसिबमिरासंतिसंयामापामा आमच्चसंपततियफरिसंचरकसुमुहागसंघायमावति जितबसंघायमा
मादिशमाहियरितापपीडा अतिदोघीमायामा तिही या क्लिावि व्यारमापूर्ववत बाउकायामि लेयेनकया। पोमश्वरया
सा ऋतितितलपरियारतिजितस्वपरियावजनितितत्वदायीतापल्लसत्वसमारेसमारणसाश्चेतेश्रारसाश्रपरिमा एदवायुकाथनविषप्रसस्त्रअसमास शाश्ना पारंपरिलातका वायुकाथानसमारंमणार स्वयमववाथुशस्वसमारसश्नही
आईतबंध नाणीमभावीपमित यासर्वतिरबसलंअसमारंसमाणसाशचत्तश्रारंभापरिमायासवेति परिमायामदायी निवसयंवाउससमारास अनेरावाहिवायुशस्त्रसमारंसावश्न अनेरासमारंतताना अनुदिनी
जेदनशएवायुकायनासमारंपरिजातजा
कासिवन्नदिवासलेसमारेसावकासिवन्नदिवाउसबंसमारसंतसमाजागोजाजस्तेवाधसत्वंसमारंभापरिन्न ।
मुनिवारित्रियोपरिजातकर्मसर्वारेसप्रत्यारवानकव्वाश्म पदिषामिवासणीस्त्रपारंसीयवैश्वीयुसूसिष्यप्रतकदेव। आपकष्टाचारपेचविषविषादिकनौनारसकरतीकि कदिवषट् जीवनयायनाबधकरणारनरअपायदिषामवासणीत असिव्याखकहताणिवायुकायविषेत्रपिाथकोनरमश्तेशाक्या दियासमादि संयमबापण थाबजावनिकायनाराषवारनाश्यपूर्ण इति॥
श्यत्यादिकमविषाजेन्नारसकरताबाक०कमय नाणावास्यासणीजेएथिया पामयमधारासाब होतावध्यमान जाणितकला
तेस्र्फकारणबश्व तासप्तिासमुजणीयरिणातकम्मा लिाबनिबारपिजाववादीयमाणा|जाधारणरमंतिधारसमा
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परसाकवि
बाडष्टाचारी आपणनमउत्साषश्वकरबाबंदोलकामावरतनविषयासक्तबज्ञासंगकताअष्ट सिकसेवामक ब्यवेताहालावधकोश्यतज्ञानादिक भाषणेपेछाक
श्लोक पणमननप्रतिपायपाहाचारपणउत्तरोपऊतायझप विधकमवधक तेस्थकावलीअनताकाललगी नजाणिवीधतेस्करतिकबासर्वसमन्वागपन्न.सर्वनव पनकामलीगर्विषयकायचिश्तेकदम
सेमार माहिरिचमणकरा योनीवनिका बावविशेषसदितपदवाश्मा प्राचारंग यना मारिन कोचिरपतिकहा
[६पाधक गाविणयंतिबेदोवरणीयात्राझाववन्नो पारससनीपकरतिसंग सवसुमसवसमन्नागययमागणण्या कार्यपस्वीपापकर्मपाणात्रिपातादिआदारसदनी विपकपविष तिहारतेदपाव्यसधिकारिजाणी हासावता आपणनकरैअनेरापासनकरावश्करनी
आपणपश्चक्रीवकायनउशस्वममारतश्न६अर्थकाम
मेधावीपतिमीदावता दऽनहीवलीश्मविशेषकदम॥
अनेरापा
धर्माविषयोजनिक ईसावद्यकरश्नही लणेअकरलिकं पावकमाणाअनमितपरिन्नायामहावी नेवसथंबीवनिकायसव समारंसेकानिव दिनानिकायमास्त्रसमारेसाबमबह अनिये आरंमती अमोदैन । आरसकरवाने वागनहजेट एजनीवकायनशास्त्रसजीविड
इतेअधिकार
सलीब जालोर दिवजीवनिकायसवंसमारंभावेजानिवन्नदिवजीवृनिकायसत्तासमारंभातसमणाजारोका जारसतिबझीवनि विभयाध्ययन माश्मजपरिजाइजाएपा प्रत्यारवानपरिक्षा सुनिषव्यारव्यानकर्मकली थी ट्विधर्मस्वामि जेवप्रतेक रोपणकरिव इतिश्रीवामपरिजापनसपूर्णता पतलेपथमाभिनकटाक्ति कट्टीय इतिह घरव्या
जिममैश्वामिकसानल्या निमक ऊर्छ।श्रीआचारण बीजोकहीतियना पसंबंधपहिले अध्ययनिजीनिकायस्वरूकसाना उद्देमाजागि नौषधमापयशसूत्रधूकीविष्यसएप जमर्थधकागुरुममा सोतिमसलायभाधमर्दहीसग्नवैराग्यपणेप्रतिपन्नवचमहावरुवा वापिदित
१. हिने १ स्वायनाविधमहान तमउछा माकनप्रणिपरिसंवादिविषयरूपंती के अथवा रागादिकवाय लीकमचारिणीया कायसखंसमारमापरिमायासतिसऊमुगीवरिपातकामानिबिमिला शस्त्रपरिज्ञाध्ययनंप्रथमश्रधयानान जननी भवी जिगुणेकशाहरुपरमगधम्पविषयतेमुलगणक मूलनिमिनकारणसं इतिश्शाकारणावादिविषयवेतकयायस्वानिवर्तमाहिम मलव इहिवैषमादरागविषात्म
यतिधोए प्रति
य त श्रीश्रा सारनौतम्फकषायतकोस्वामाश्रय अनमूलस्वानतिगुजशाम जायरामाश्रीयनै विषेरागीयपाविषयलवासिनी कतराशप्राहिमामापितादिविषार्थ श्रा किसउतकदsan
सिधवानाधाविनासूिचानाध्मनाक करमहापरितापक वनइतेकदेवजीवनमजणिमाally या शेकरी
माशएश्वास 2/21 जियाणासमूलाजिमलाणामयाब इतिीसगुणहीमदयापरितावासयमालातंऊदी
कषायजिलोकत्तिदनै जीव तिवसी लोकमियनामावी अध्ययमतिब्दीपहिसाबदबाघमदमस्साकस्बजनौस्नेहालेर वितीय उद्देशनपणौकरश२४त्रीयउदिसशी माननकर।उधाउदेसईसोगविषयनकराजपचमसंयमया जिवासी लोकनिश्रायविवरिवः प सरलोकनममत्वनकरइ०६०
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॥जयजरतानाअएका मादस्था तथावदिनमा सार्थामाद श्वमाद दीकरीमा समादरी सरदाकद स्वजनपीत संयेधकहतास्वजनमातिस्वजनाएं शनविषषणक साइमादर हरी॥
तामित्रमा शयाप्रमुख श्याकतानेदसिघणक्षति
शहरी 12तराषिनीवाय -
दरा॥ साहस । आलापिपरिचय। सावद्यामुशनसवश्वपिता मायामापियामनायामानगणिामानकामसुतामाक्षतामा सण्दामासदिसयाणासंगेयासथुयाम याइएसर्वमाहरायतानुश्तेद परियहणकदोश्ज मग अबादशवस्त्रादिक चकहप्ताएविविवेद पमन्नतजआमरणातत रात्रिोनेटाहपरितममानकहती मसाषमारवयउतरनाक रणनिwिealएमादरी निराविनअधिगहालाक गराइपरलगार केशाकरता निदनाभान्तिपद्यमा चरिकरावयाइतथा विवित्रक FARITHIयातीजनमोदकादिक बनियनकरा
सरस्नेही जाश्वाविवेकार्यकरिव॥ विचिन्नावकरणपरियहणानायाबायलामञ्चबंगलिपालाएवासपम्मान प्रादायराउपरित
कालनकालिगि तेकदौबैसंयोगवश मन्यति सम्माननीलीसीएम तेजोलाबाबतौ ताकार्यकरता विविधनानाप्रकारमातापिता एयौबनउ गश्नही रामतिवार देवप्यदादिसंयोगाउनाथा उaag करा निलोनादिकाईविमासदादितथाधनादिविषयाप्प मनका वामकर। कालाकालजाइनदी
laचिवप्न
योगीवि
Rषशस्त्र प्पमाणकालाकालासाहीसंजोगही अालासी आनुपासहसाकारविणविविचित्र एचस विदनाघासलीवाली नहीदिएतलैयारेसनाकरण एकमनुष्पनाकषअल्पशाउतमा निकदै श्रीत्रपरिज्ञानाकडियनाविज्ञानजराना वईयनावाबदका दास्यूजरामरणदीधीयुपानमा काईएकदीघायुसोगवतीपातहनेजर) यनाआरसथकानिएदेवीसावदेषामश्रण विटेश्यसाधकasan
साविदाणियामा संसाशेमोदि बाणा अपंचरखनुत्राऊं रहामागसिं माणचा जहाासायपरिमाणदिंपरिदायमाण। | Nममणवणिग्वदाकदीयतेप्रतिक्रांतार्थऊयार्जचानविषयसमध्यौवनवयजलस्बलययात्राणित नानादिवाना किरणसवादागामकोटामममिलिकन संतृतसेलारश्पणिमेदसातरात्रअविवचनमुशलषमापलधारावरसवरसंधानश्सकसपाणिगणनदानवाथरसेरीएव्हवैमहानदीडसपूरैकाष्ठावाने पिराजपत्तिागधर्मावसरताविषैनिटउमेराममस्तश्चमपरिणामथकीटल्याकिवलअर्थऊयाजनाउ उ.२ अर्थपर्याय
न
कर।
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चक्रपरिज्ञान हीथा। धारणपरिज्ञानदीमथा॥ रमनपरिझान ट्राणिशाद प्राचारंग
फासपरिज्ञान म २३ दविश्वपरिमाणक्षिपरिहायमाणधिाणपरिम्नपिदिंपरिक्षायमाणदिरसपरिम्नाणदं परिदायमाणदिंफासपरिन्लाणी पिथविज्ञानदीम जेदसणीस्वनुनिश्शश्वर्ययौवनअति | तिवारपबेतेषांशीएकदाचवावस्ताईसूटसावकि सदश्तक॥जिणुपत्रक महनापमान दी॥ म्प3अराश्यामपालाची करनयनामूटपणापामएतावताविवेकविकटतथा जवादिकासाभिसंबसर कलत्रादिश्ववस्ता इजिवारप्रतिप्राणीपणेआक्रम्पठनिधारश्के लचरद॥
ईशगनश्वस्त हवीअवस्वाना
घनश्परासवक परिदायमाणदिक्कतवरवखुवयंसंपेदाएननासागया मूसा जयंति जेर्दिवासधिसंवसतितिवाणं॥ डापदिनुप्रोटोकरीधाइयायो तथतिोकुरो पुरुषपिणिआपणास्त्रादिकनर एवातवरश्त्यादिपवादवालाविवश्कदाचिनाजेतवादाजीवतत्रा पूरकर नमन म्हाचा मल्लेश्त्या पश्परासवलोकश्चागलितहमा अपवादबीमार वसतिनश्श्रसारितधनश्रादिकपासवानकर दिकडकनोवासन दिवचनकदीनगरदानश्पक्षताजावादमाक्षराठनकमाइपानापाबामाटाकाsaamaaaiखालिवासणीसमधनधाइएदवालीममश्रमिक नितीण रासवर खापरेमुफमरमानशीननदी।
|
तित्रादिकमऽत्राणतणी सावक
शरणमणी म न हो एगदासियगाउबंपरिचयतिसोवातानियापनापरिवएका मालतेतवाताणाएवा सराएवा उमपितसि एकजिनधर्मशाली संसारमोदिजीवन सेवपण यायमक्षा ताकिमयाचा सथानीषायोग दिकम्तमानीकदै अास्वयंवृतविदारसयमानुष्टा दादलावलाश्वाणवारणकानेराकोनाaaशाऽतदानाशिवाSamwalकाइसक्तिअथ मतदसतासहितकहतासा थाश्मूजाणवागवाजावावश्चाइ सामसोम/ लिएयोन्याइनिजामविटेबनस्वरूपालामा वामययतावया केदवीधाश्तेकदश्व॥
महामा
केत्रमा नालताणएवा सरणारखा सहाहासामकिटाएपरतीपाविससाए शबधासमुधिए अक्षाविदारा/ गोपालबालस्त्रीमादिकदृष्टोतवारविषधऽप्तेषगरकरवाने प्रकृयानकाकाडावीमयरीनविषप्रार्थवसबहिबंधूना नामसार्थवाहतएकाकीयश्नानाविधउपायधुटा उपाय समस्त बीतबकजनस्वजनमित्रकलाश्त्रादितीयपणेदीधतिकालपरिशकश्वसथकीकसाबूपाम्पावतानाविषसम्पकपाजतउपविकलाऊमलमविक्षत समश्वकार्यवातासारपसर्वजनमाप्रयसंरकीक्षापमारबत कालपूवषयोअवलंबतापहिलक्ष्मसात्वताशयातेपनीमार्थापणिसाचवताह बकावतरिना परिवारमध्यकोंकरीप्रति प्रराश्याप्पतिवार दलुइश्सऋषामूकीपाश्तेोकरोअवयुवालवालागोपबश्यपिटीकरानाअवयुबालवालागाएडोकराएदवीजविकल
अवताजबाला देस्पादिकथाविस्तरविरतमयफलावा
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________________ कुलोत्पतिबोधिनासादिप्तरकहतीवसरपामा एमोअर्धपाविलीनी वयूकहतीऊमारादिपणउतायौवन इरानीवितकहताअसंयम सेविषयानि कर्णनाशि नयनमस्त सेपेदापमालीवानश्क्षीरवाणीएकमुनिमात्रणमा सर्ववयमाविवधीवतकतावलीमा विषेषमन्नमध्धेपन्नाव लाबवितीस्ना नाबेदम कदेवन दनकर किसानीधमादनकरकिनेकदैब लिषारकब सजालीप्रमाक्ष्परिदक्विपमार्थथ तासपिघातकारिणीक्रिया वश्वसनीददारयो नदणदार / कीविपरीततकेचाश्तेकदैन। समारसर णार्थी था तरंधरवाश्म सापहामारामजनमयिस्मिायमायणवााचनिशानाशांचा जीविपक्षानयमना सन्दता बासिन्ना गतिलोमा यामादिया विषासादिक पाषाणादिकुनैनापि करैतेस्फे जाणीकरैतेकोकणजेाजलगी अदिवायजेणापत्रकलादिसदितवसनिजकापरणा। दिकर्मकाणनौदण देकरीत्रासनीदेष किणऽमकूसूतिकरिस्मसमानतउपर एकदायमादिनााती अवस्वाईपदिल तदपोसाधना दिद राहार हाशागलहारपदवाकमा लासोतराय विशेषसर्वथावलक्षीपतिकहवाऊ/ शतकदश्वय लुपिता विलुपिन्ना उदविनाउनासना अकडंकरिस्सामिन्त्रिमन्नमाण जदिवासर्विसंवसतितधाएंगगयानि ईसपायोक पबशतसेपासममोरधनतउनिमआपण परतेशुम्टनाणसी/शरणसणीस उपणितिदननाणसणीशरणसणीसमर्थन दिवा रात्रादिकनपोसऽधनादिकशसमानsh धीनही मदतिशकपायधनपणाणसणीनघाईए हवउसावदेषामश्बा थगा/पुछियासंतिसादातनियगोपचापोसड़ा/नालतेतवताणाएवा/सरणाएवा उमपितसिनालेतारणाएवासर उवादितकहतांउपलक्कसोगवतजिवीषय तिदनीसंचयकरै इणसंसारविष असूयमनामयमरहितनमागविया उसेपतिवारपाधनसागविवानश्व विशिष्टराडात धनश्करी सानिधया स्पासना एका साध्यापशतष्ठपतरायनोद सरितदानइएकदावेदनीयकमोश्रोग) यथकीसोगवानसकैपदवोसावदे पनदिवऽरोगकरीपरासयूकद पाम // उथाश्तकदबा गाएवा उवादियासासेएणवा संनिदीचवकिसाहामगेसिं असंजया समास/एगयारोगसमुप्पाया सोयणा
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आचारंग
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जामातापितादिकश्श्रा हजयकदर्शिगात्पतिसमश्यदिलप्रतिदनयरिहरशमनिजकमाई पकदापनपश्चिा परतेस्वज पणासंघातिवसई॥ जाणपश्नई सेसणिण म्हनश्शदिरोगऊपजश
नातेदनई सश्रदथकीबीदतउपरिदर।
बाणसणी समुयतिर्दिवाससिंवसतिशतवाणएगद्याणियगाविपरिदरंतिसोवातेनियएपञ्चायरिदारकानात धाईश्मद बप्तिस्वजनस्जीदम उपणितस्वजननशाणसणी सरणतणीसामर्थनही दिवस: जाणिवमाणमयत्येकप्रत्यकऽस्कअश्वासुख अदीनवि नित्राणततीनियासरणसणी समर्थ रोगव्यातचितवश्वरुषश्सअदलीबी रोगवेदनासदिवा प्रश्हरा दिवदनानी उत्पत्निवलाऽमजाणिवअवसाप नदीधाई तेकदेव॥
राणाकाक्षाकर्मनाफल सायविवउसजागी उरिकवर
कायपणकरिव तवतोरणारबासरणाएवा उमपितिसितिसिं नाल ताणाएवा सरणाएबापवंजाहिलपुरकपझयंसाऊ तथाश्ययावप्रतिकात मोलगsusai तथाप्रदीपस्तिश्रावसरिजाणिते जशयावीनधी पक्षको संपत्तिाधी॥
गायत्रकालावष्यकाविऊस तोजीला श्रोत्रपरिज्ञानकोनमापरि शानदीमथाईन
यत्रकालसावध
दजी सिव असिवंतंचरकनुवयं सोपदाखिजाणादि|डिए जावसानपरिणाप्लादिअपरिदायमादि जाव
एवमेवबलमालयी क्षीणमयाई प्राबल्ल नापरि-तानदीपथाऽनही र समबल जलगी हाणामधाई। नतपरिणामिदि।अपरिदायमाणदि/घाणपरिमादि अपरिहाटामाणदिरसपरिणाणेक्षिअपरिदायमाणे २४.
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यश्वशा
पतलश्नपरिहीयमानबखतेकदता णीयरिएणमानाप्रकारपरिक्षानिइंपरिदीयमान॥ आयकामार्थसेयमानुष्टानअणु जालगइइंडियनोबलदीणनघा॥
कपतेदनश्पालिवउद्यमकरइवर
साकयणउपालाश्रीधर्मकश्म दि।कासयरिमाणेटिं।अपरिदायमादिश्चातदिविरुवस्वेदियरिनाणेहिं अयरिदायमणिदि अायसम्म) कक्षवबजिमश्रीमहावीरसमीप पदिले उसमानादिस्नेहमीपारोगजरादिकअपरिमविनिवप्तश्सयमपाति। अरतिसयमधि जनिवतीवश्टालाई से० संसल्य311तिश्रीलोकविजया घोपदवीसावकाबीजूदूसहकदाचिसेयमविषप्रवर्तनमिादनीयस्तदा पस्चयो
मेधावी अयनप्रथमाउंटेक सप्ता अशतियाऽतिवारेसंयमनविषसालपणा उपाइष्टिकरिबानैकारणपरकही। समवासिसिन्निाबविपतिश्रीलोकविजयाध्ययानषयमाद्देशकसमाप्तया अराउसिम करणमात्रमादिसरतनीपरि सेसारमोदिजस्वसागवतेकात्म णाकण्याजाविनाकय मक्कासूर्णतयावती कदवामोदर साषीलोकप्रकाव्यवापार्थताअनेकउपाइकरी HARIESविपरीसउपसर्गफरस्पाऊताएककडशकादसरावामनवमयाबमादनाविश्वा
गएककंडरीकादिसरीबानिय मियाब मोदमी विशेषश्यामा अमिलीविषनागरीकदै परियदरहितत्रा प्रबासीकादिकचगतिक सयमधकानिवतवष्टयाति केदाग-
T
ineaaneविषा ढाक्याप्तपदवावताविषयगना शक्षामालाममुकायला यादी
eave दास्पबाईलीपरिपत्रवतेवाइनकदीनीक विषता दाचारवाणमिमुक्के प्रणाणाए।तावियागनियतिमंदामोदणयाउडा अपरिग्दा सविस्सामोसमु लकवलक्षणम्पाकामाअलिगा आजारहित मुनिवषनाविटंबकलतापमिकणाएबमादाऽणिविषययातिधमत्र गोदामालनीरानोपान्तपालनीर हई सेवा कामसागरजदेषश्मेदेषता॥
साशमयमोहविषवली सनाव पऊवशकिचविचालश्क्षसला श्ता हाथीयामीपरि क्ष जीकबानश्यरतिकबिऊ॥
माए लकामप्रतिगादतिश्रणाणाए।मुणिणापडिलेदाताएनमोक्षणासना मादचापानापारी
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की काही प्रतिकदि (जजन पारगामी परिशाइवढा लो लोक दर्ता निराद | गंमाक तोप राउत || पम्या काम लोग | निमूल लोलची मी चा दिवस मनाला तास संयम पाल पराउने एक रीलोलविगाह इनदीको सेवनहीं श्राचारंग विखन्ना कॐ निश्चले जन लोक दिवै संशाया रंगामी १ किमधारयादिला
की क्या क
१५ एवमुत्राॐतिजा जा पारगामिणो ॥ लाल लण | डुगेबमणि लद्देकामना लिगादतिविद्याविला निरकण्प्रब्रज्या ते कर्मघाती याच्या जारा विशेषथकी अदणी सर्व संगमादिलो सब पर्यालोचनाई जो सन हो । एस०अ० के० एन दिन की विपरीत के दौ आदरी रिकर्मरहितनिरावयास ते सामान्य दो संयमजे पाले रणजाएब तेज ॥
गारसा विशेषइक दीय
शतक है। हो पकजे जीव संयम थकीपरेग्मुषो रात्रिपरितप
की
उरुये था इसे जो एी स्फक रिवैौति कहै है । पहिले दा ए० कती दोष उनी
निरकम्मरमा कम्मे | जाणए पास ई | पडिले दाएनावर्करकति | एसमएगारे त्रिप बुधई प्रहोयराउय परि
मालकार्य तथाकालकालमै विष व्याकुल समु०क० सावधान
चित्र
संयोग नौलोली श्री
कंध वेदादिक। [विमा
स्पान करणार ||
अनेक विविधवस्त विष निविध चित्रा
इथिवी काया दिउपघा तकारिया शस्त्रविषवली तथा कार्यविशेषपा
पूर्व
तप्पमा एकाला कालसमुधाई। संजोगडी हालोली यातुंप सदसाकोरे विशविवचित्र पञ्चसचेत र
कवि एवं ज्ञातिभवनल दारादिकस्पती॥ आत्मबल सली भास्पइ ॥
स्वनननउनल
मित्र नउबल ॥ परलोकमै बलम श्बल कप तथादेवन इंथास इं
रायमलबजाव सायद स्प इसोज ली और नथापन साहिऊ कर5 ||
पुणे सायबल सहाय बाल सेस लबले से मित्र बाल से पेच्चन लि से देवबले से रायबले से चारबाल
१५
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ऋतियनयनमक एवंछयणसमरणार्थी समाप्रमाणसामाणियरपताल कार्यश्करी देउसमादानमा अलिचीनतेस्पंजाऊएलानरकश्म इस्पादन रुपण्वनीमगादिक दिकनउबलमक
विघातकरण मनात्मबलादिकम्झएदवा अतिविनासक्तिकर तदनम्बतमुफमा नयास्प।
विमामीसयथकाकरियश्प्रधबाबाद थास्प॥
करिया सिप्रतियबालसिकिविणालिसेसमाबलाश्चातदिविस्वस्वेदिकदिंदेडसमायाणे| संपदा सयाकतिपा तथावलीमकनशणिकीय अथवाासकाकहतांत्रज्ञान विश्सनजोगीकिसन करिबीतेक प्रत्यारव्यानपरिझाईपरिदरिक्षोणीयानउघासमारं पापनमोरमसमान पामवक्षनअलिलातेदन दबातेपरिश्तेश्वक्तिकसमानादिक सडकदैलेखर्यापायद
नही अनेकमकाथमउबधकर अर्षिअनिकपाणिदानादिक्रिया जरिझाईजाणीमियाधीमिता
कर॥ वामारवाति/मनमागचा त्रासंसाएबापरिनाथामदावरमावस्याएपदिकड़ोदि दंडंसमालिकाल अनिशपादिशेश्णइएणकाये
श्रनिरखएण३२ आत्मबलादिकार्यदकसमारंसतनुमोदमही दिवऽश्रीसधीस्वामिज आर्यती | देउसमारतावश्नही
पतश्कदैवज्ञ एमायदंडसमारंप कर
सारव्यानरूप॥ वसंचएएहिंक दिंडंसमारंसावकारितेदिक दिंदैसमारंसातवि/अरोमासमपुजाणका/एसमग/श्रा प्रवेमार्यजी जबजिमणिश्यवीकायादिसमासविषाकसालक पहि विश्त्रीजीपारमीनाबीजउदेससंयमविषपणाकरिवीककालकषाय लीफ करतेकोमा उपसिपातिगनकर शनिवमि० श्रीगुरुशिष्यप्रतिवाद नवनिवासंपनइतिहाकषायमाझियममुष्पनश्मानतेसह उधागायनाउ TNAसगर्वतसमाविमलल्यूवतिमकंकातिनीलाक बिजया पानापरिहारसलानीजहेसनकदीवान॥श्रीसूधमारवामिजप भयवित्तीयोउद्देशकसमाप्तः ॥ a n SMST
तश्कदै॥२॥ रिदिविदिए।दनऊसलमावलुप्पिकामिनिबेमितिश्रीलोकविद्याध्ययनिहितीयझिाक बार
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सूत्र सि० संसारी जीवन
तथा वारीचे पनौतिकार जीवन वेगेनीका नकमा रेकी कर्म बंधा मीवचमी वस्वानकिप तथा वै मानवा सकमनेकवार विगतानी दिने तथा नीनी पानी के मदन करितिक इतिमखाय ० क० सजा दीनमावान काल गीतिर्यग तिमाहिर कीमत स्फंक रिवो कह नही वो लीक 3 बुभिमत पुरुष गीवादमा उत्रमा तान श्रादारंग विश्कपन || "तक दे ॥ कापी है | जाति प्रभुषाल बैनहरे जे मदक गोत्रम राना नहीं हो मोह 5.5 ते नकद हे कारं नकर इ
१६
| उच्च गए। असतिंनी या गोय गोदी ए मन्त्रिरित्र सोपी दे । इति संरकाए। के गोटयावाद के सि० क० केदने विवेक व कापणे करे । संसारमा मो० क० तथावली ने पूएस्फको र तेक है वे सूते हितेश्राम कभी जेइ लजी बनने का रम घी कुम्प इणिकारणिति गोत्र पोमी विबाद क०सर्वंीवि०० आलोचन नजाति वा रजा हिमवाविषादक रिवै तेक म्हनकर जागो तेस्मा •सुषसर्वजीवन सपना देषाब
१० लिएका र लिकित अच गोत्रे पोमी हर्षमम ॥
के माल| जमती फेक रिवोतक है बास० पंच समति समतमितप्पाणु प० क० एके प्रागतिक स्प तेषा मजा जी व कर्म व सिएतलावामा सोग as लेकद
वादी। कं सिवाएगसिशे । तदा ये मिते सोद शिरस | सोऊंशे । इते दिजाण | प मिले प्रेप | बहिरपणै| | मूकपणे | कारणापलो ऊंटप कव्हा कुजए तथा बस पुणे ते बौवारी तथा सेबल का वारी जिम बीविबेरमै श्राकारात. रविष कटादि रोगडकरी ऊंच डिगलोमा या सामॐ विचित्रपण चीन भा
एकं
थपगरण उचक्र थप७॥
जदा | अंधत्तं | बदिस्ते |श्य से कारात्तं |ऊंट्टेनं | विरूपरूपशी तो स्पर्श प०ि कृ० लागव । एतावताजे प्रमाद करते सर्गतिसंसारमा दिनाना प्रकार पुरक सागवे दिइननो विशेष स्त्ररूपक है ||
योनि स
सायं समिएएयाय स्मीत
रतला रोग विशेष । प्रमा। दस हितकरूपनानाप्रकार
खुद्यतं वसत्रे | सामन्ती संबल सपमाएं।
गरुवा
से चल० कृ० ३ चैत्र नौ सिमानी कर्म नौ विपाक जा एतौ ॥ इतो पहले माइते कर्मन उदय ग्राम नानाज कारव्याधिकरी बिनट शरीरपणाम की दतक दवा इस मस्तलोकना पराल व सवय को उपहत रवा इतथा कर्मन विपाकजाईक जनमाम मरिखेड ते • इम संसारमादिसमतच दिसाध्य जोशी - संधापत्रि| विरुवरुवेफासे | परिसंवाद इसे बुशर्माण देतो वदति (जाईमर एएं| मराफ पेरिरहमा १६
व सायन विष बलै विपर्यासमा म क ॥ ॥
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जीवाकयजीवतव्याघ्रप्टोकनअउरसानाजीवनश्वन यात्रिज्ञालिषेत्रा मभाषकपमाहरण थोमोसोशना विरागकणव मणिवेम्यागिहिरापरूपउसूवसिदितस्त्रीपरिग्रहीन सायकलसंसारिमादिएकमनुष्मनविषिजी दिाधवलय पक्षवाममलानाकर वखादि चिरागसहि कैलकरणा बनवलसबैतिणकाराधी जीविवासणीअकरमायना हादिक शिविर गाहाशा
त्रास दिक्रियाकर।। जीवियोऽपिया हमागसिंमाणवाणे वनवुकं ममायमाारण आरतीविरमणिकंडल सहश्मिण इचियाउगरिगि लिणेजपत्रपरादिक- इणिसंसारिमादि २०प.प्रिय नियमलाहिंसा णनिःकवलकायक्तिगनश्लोगनीवालानार लालकल्लोगना झटमविपर्यासविपरीतबुधिव्यतत्वना विषरातारबतामुपसनादिन नमदमिव दिनकरणएको जनापरेएसपदमनियमसफलपरसबिकाईनही अर्थप्रलापकता वषैतत्वातत्व विषश्तत्वएदवसा पारदवाक्यबबाल नथीएतावता बदवाभादतवचनबोलतधाबाले जाना
पाम दिवनश्चलकर्मन जदयात्र जीविकामकहलीजविवाaai
साभवसायजेहनउपजस्तकेदवाऊऽतिक Pawaरना एतावावा/मोवानियमावादिस्स संबन्नबालाजीची कामे लालपमणि मूदेविमरियासमुदति है।एकय एकश्वधिनादिक जजेजलोकवा जन्ममरणमाऽषजागी विवरैचारित्रविनिश्चैलपरीस वौज्युऊपउरपरारधावस्वाऽधर्म रिवौयायालवीचिणि जावकरवतिक०नवाबश्तेकर/समाकाना
दउपसंरकिरीनि:पकपबत्तीधो करिश्मनी तवजेक्षनणीका कारणिसर्वाणीच्या M
ममेनविषश्वश्परसमजाणिकतामृत्फमोनारामधी पियाउपायापास
माओवपश्सजोपी स्फकागजाइनवजा शणामानावकंखतिजिजणाधवचारिण/जाई मशण परिम्नाय चरेसकामाणामधिकालस्सणागम/सऽसिया
सुहसायाकहतीम् श्षयशषपनिरूला बधविनाशसर्वजी अन्पश्सर्वमीवन जीवियुकामानेरिवी अवस्वाश सगलाजीवमैजीवि तपरिषएकमदजीव छाधी मनदी नमत्रीय जीवनापिय ऊतामहारोगग्रस्त बतात39/बपिथवा बाजीवतेमा
राजीवश्वाash
मतमम्फेलेकहैया संयमश्रादरी॥ गापियानयासुदसाया| उरकपमिलता पियवहापियजीविणा जीविकामा सोसि जीवियपिय/तपरिगि
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स
विपदासीकर्मकरादिक अभिजुनियाकहतम्या । संबियाणकहना त्रिकरणयो जैतेदन अर्धमान्नाधननवप्र वघ्ष्मंदऋषसामाउट पारीतोऽकरीबनएकवाकर गाडेकरमा । सावयाणकहना करण्या जैतहनाअधमान्नाधन नवप
mein
थोही अनवाघ तेस्तै विषमतेवरूषर
धारले अर्थक दवा मुपतविपदयपदा
जोसीयोबर आचारंग
||शाऽपयो वाटचालसिलजियाय समिचियाणतिविक्षणाजावितित्वमशासवति अप्पावाबजयाबासनवगदिया रस सोगविवासणा तिवारपबीतेदनै विविधनानाप्रकारालोग सभापरिराषामहोयणोधनएकच तिदश्यनातेदनौकदा गोत्रीविश्वाल्पर अथवाअदना || जाएदवालोग कदालासद क्ता उगमशामिल्यथा अतरायनश्वदशा
हारकहतांचार वस्मा वितिसाटयणाय आमएगदा विविद परिसिहासंध्यामदावगासवतितयिसिणगया।दायायाविनयंतिअदनादर अपक्ष रामादकल्पश॥ अथघाआफणीनासम तयाविनसमनौधा तथाघरनश्बलिवश्धनबले इसिपरिवरुषपरमाई स्यादिविषममान थवाजीवकाधारणीपार
अर्थिा करिजा॥ विस शिदास अवहरति रायणिवासेविडंपति सास्सतिवासावणम्सतियासे अगारददिशावासदशातिसपरसाए
६ जाकर एयनविणकामयां ने विषयमविपरीतपणेयाम ऊनिशामुनिश्कतीर्थकरैयाग अशोक वाहसंसाररूपले गविसेदादिक- करता
स्वासूदमीच्या दिवशीसुधर्मस्वामिरहना लिकदास्यतेप्रवेद्योनेकदा कतीथी। दौनेदनातरणा लकदवानापासवादिस्वतार
रपदबाबताउघसंसा रुकम्मा बाले एकबमाणतिणाऽरकामहे विपरियासमातिमणिणाज एवेयावश्याश्रणा देतराएतिरणा
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तरीनसकशा लिणिकारिणितिरिवाशनतिणिकारणिस अपारंगामापइणिकारणिसंसारमश्यारिमाश्वान
सारसमुनश्तीस्निाश्वासनधी समवेस्पासणी कारणकदा यवतरित्रए अतरंगमायएशियतीरंगमिन्नए अप्पारंगमाएविणाययारंगमिन्नण अपारंगमापतिमाययारंगमि) मायाकताततेयहीनातेवामिनरक्षाएतावतासिधांत तथाविधकदतीका एहवन निणाऽजवामित्ररसयमरूपीयाविरक्षाएतावताअसंयमजू अजेबाला नमार्यादमिधानश्माबिरश्नही
जगुरुनौउपदेशपामीन विषपूचनऽऽणिकारलिविपरीमाचार संसारतरिवारसमधीक विवेकी वीतरा अविषककसकनिदिचकतमिया शहबजेदयत्पादियविशेषसम्मकुमारणारशेहनश्स्वरूपक है गनाउपदेश
पनि स्वयमेवसा यबापास कहती असतेवकायनाक त्रपाद्याणिवायायायातमि
प्रथमऽरकान्नामिनामविज्ञवसायासगारसरणीच बोल रणकारतेदनाशा जानिक कामसागतेदजमनोज्ञ निदनोऽवसारीमा रवीनतोऽरवनाआवर्तमादिवली परिवर्तनपरिचमणकरस्साणीनीती विश्वविसापासीय उदेशकूदतोमर रागीमा रुझाकरी जागतेकेदव नसीक शानदी रागनौउपदेशातहतकरीयशनिबेमिशासूधर्मस्वामिश्मक जिममधीसग विजउदेशमककामसो कादगतिमा लाकद थाशतकदैवज्ञा सिणिकारणवतममा विश्सास त्यतिमऊकऊंजिवत॥ इतिश्रीलाकविजयाय गालिवाजेटालश्नतिनश्री Mata यानरतायतीजोउदेसका समाप्त संवाथयो: na
गादिपायथाईतेणिवश निद कामस्समुहमाअयमितऽके उरकी उखाणमावस्पुयरियशनिबेमिः॥इतिश्रीलोकविजयन उद्देस देषामीइकदीयबासउसेवक तिवारपनश्कामसवारीप्रमाणितनपकदाश्रमातावदनाय जनकलत्रादिकनिजभापणाएकदाशगउत्पादने रजोदेसाक्षरीथयो थारमनश्यारोगय संगरादिकऊपमासिवारसाएरअवस्खा
अवसिरितेदनशपरिवंदैश कहताविरुश्दोल कल्याणमस्तः ॥
यजीवकव्वाथाश्तकदेखना रतीयादेशाकसमाATHEMAarसएगटारोगसमुयाया/समुपतिनदिवासदिसंवसतिरिवाएगयामि
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एनरोगीयणातनिजप्राययानपरिवेशलाक कलवादिकमाणसण सरणसणीसमर्थनथाई उपपितेनिजआपणाननाणसरणसणी आगलितनार्मवादवानाअखबाकदाचिश्म ना
समर्थनहीपदबागीफ करिव याइतपुर आचारंग यागाधियरिचयतिसादप्तिास्मिटागोएलायरिवाछा पालतेतानाशाएवासरणाएवापिसेसिंमानताएदा।। २८ स्लाजाणि पदवीजाणि सपनऽषपत्पकरबनने रोगिऊपने करवनाणिवी।परएकजीवामनकरैतेकदेबीलोन काकजीवपणे अव हिवैलोगोषनिकारणवानतेदनौरव वस्फ॥ सगलाई जीवापणाकीमा स्वाईपसाबसालोगेवजशाचशाहवासागकाम्पानसमकनेतोगतिमामारदेव रूपकदैवविविधप्रकारश्करीजेते | कर्मसागवतमजीपी अध्यवसायएककिणिमनुष्यनेयाज्ञा
हनश्वार्थमात्राबवलीप्रमाणधाश्मल्स सरणाएका जाणिकयन्तेयंसायं सोगमिव असायंतिहमकेसि माणवा विविध जाविसतिबामना सवति अल्य श्यवाघाणी पुरुषतेणेअर्धन विषश्य एकनलागल तिवारपबैतेदनैएक गवत जी महापगरणेघणाघनएकनाथाई देश बसरदाजीपालाधादातरायनश्क
निपुण एकदा अंतरायनउदय
सायनकाजिनावशतेमपरिक अण्णावा बजगावा सतत्व गठिण विधति सोटाए तसे/एगया विमरिमिसंसथ मदोवाराणसतिपिसेएगया दायादागोत्रीविदची चोरअपदर॥ राजाद डीनरल्य॥ श्रीफाशीनाऽ॥ अमवाविणस॥ अथवाघरण दाट्श्व दायादाविसति अदनादारावास अवदरतिरायाणावासेवियति मस्सश्वासविणस्सश्वास अगाक्षिणवा
इणिपरि तेपरमश्अर्थश्व के कर कर्म वातअज्ञात करत तिलभरकरमटया बानिमाजमाणबोदि वैतोगनोफलज्या सेडति इतिसेयरस्स हा झराणि कम्माणि बालापनमाण तिराहारकामटेविपरियास मुवेति या
थि
ल्पा
स
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प्रासयविषयपप्तिश्रीगुरुकदैन रविवाश्मनष्टीकरतोम तिमागनीश्राामुषासानपका स्यामानुपादन घणाऊ तेकजणानेजमोधकहताजेअनजोक श्रा-कासगनीसंसाधक खपामीसपरसोगनटीपमहसणाजणमिथावकप
जिवनश्करीलामोपलागधाजलियोसिया मानाजामपणाखाद्यानतिम IPS विRSARRENOसीमा कातएजथानकरीकमनाविचित्रग यकीनधाणामवसाबबुकहतावहवपरमार्थनाst नजोखिमोनोमयकारणीजा विगवक बोझिकिदवासतौर
एबीतक ॥ संघवदेवविगिंवृक्षारामांचे साहामा जिसिया तमामो सियाणामवासाबाबुझंतिजिजणा मादयाउदर
लोकस्त्रीशएवण्यसिकीयाविषयवादाउतेस्वमिश्वशतमागलोक मेऽयकयतेववनातेद् तथामाद तामरण यामरकल वलीनराक तिर्यवयति एतावतातेनुरुषासस विषयवाव्यास्त्रीजामाबतालोकगनिश्मकतेमाकोलाकाएया नऽयमणीधाईसारी अनान लणीयालीयाsm की३६ मीक्षितम कानिरतामृटसूर्षाणि कहताएस्सीससारमादित्राय कलोगनउचानकबहाएदवाक्यमका रीमानसीवीकालली
। लेतेदनफलेकह।
थाई॥ Manामा दिपम्पमा
नाशिकची श्रीनिलाय) पक्षियसोवयंतिण्याअायतज्ञासऽस्कायामाहामाराए। परगाण नरातिरिरकाजाणियाए। कात्यादिकतआणइणिकारणिवलीसंसारमादिपरिचम अप्यमादामहामोपमहामोद अलकूदमाघसघाउकसान मादनकरनेकदेतामेतिक मोकारण तथावजीसिपरका एकशपमवनप्तीर्थकरकवज्ञाएदवाषामा Gensate.shamelinअप्रमादकरतीप्रमादनकरि बानिवणनेप्रमाकरिवन नोएतनस्कदामादयकीसमारत नामादनकरिबी
कतास्वनिसिगात विष निपुणतया प्रेमादाएतावता का समारतसंपदायकता अालोची रबिनस्चसाब जागी
ISOMAT Oक्तीनधीस्फअवलंबानेश्नलाहिवमा उजागीप्रमादनकरिया। सतत मटेधमा मारिजाणति उदाजधाश्रयमादमदामोदेअल ऊसनस्सायमाएणं संतिमरण मयेदाए सिर तथालोगनोगवी झंता/अदोसिष्य मुकना प्रत्ययतथ्य सोगनीवांसादिकपदोमुनि किशष्टीत्रसथावरजी पुरुषवीरक दिवेशदिकर जेरण निवऊप्तिश्रादायायामादानकतासयुमा अप्तिकुरवासमन प गोई मदामध्यविषमदारमनकार रणविषासमही देवाश्वजीक स्तमउतिक अष्टोमवेदनशविष निकण्टे नपाम पीएदबी जाएगी सिना हिसजागी उनमस्पडेकर जाषिपूरीथा
दवा ॥5॥
30
तिकिमातकदेव
-- मेवेदा| धामो नालयासाअस्तातएपहियामामुणीमहायानातिदायककेचोएसवीर पसेसिएजेणनीवति आदाणाए।
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निमीक पराहस्वधनबमदेवा गायजण्कयोमबलहीनशनरिवला यसियदेवान कीनिवर्तशतमाप्रति भीमसास्तव सम्पयप्रकारिउमपुरुषपालाश्रीसुधमेस्वामिकaas निवसरिमझना कोई दानही सिंधशमश्रादानदिलदारनामा वितिषअबसर लोसन्नवैतालिक नकराव ऊमऊजिममकारवारस्वमीपससल्पा तिमजुवस्वामित्र इणिकाणिजपऽनहीक्रोधन वर्ण वादनबाल विणदीजप्रदेश नीवरईसदस्वजनिभानावार तश्कसाइतिश्री लोकविजयाध्ययमेवीथाउदेससमाप्तः
कराया। नमातिनऊमेकाथिलमविसापमिसेदिखापरिणामिका/पयांमाग समकवासझासिनिबेमितिले । दिवांचमवउदेशौकहीयनsvasघउद्देससोगनीपरित्याग ४ अमिलकरसाएमुषपानिऽषपरिवारोउद्देशी लोकनार्थप्रदजिक कपकारीरपुत्रादिकतेदना कसाईलाजसञ्चारित्रियश्देदवतियालिवानश्याफार विरूपनानाप्रकारज्ञास्त्रेिकरी।
अर्थिनेकसमारंसकरियश्तेकदा सोलोकनिभाईचविएदवउसावकबीयश्वशा कविजयाध्ययानावअर्थाउद्देशक समाप्तधाजमिण विविरुवस्वेदिंसनेदिलिोकस्सकम्मसमारंमाकजंति अषणाकदततिारसनोक नइ दीकरीना मुण्डा बन जातीस्तास्वजन क्षविनई राजानई दासनश्का रासीमका कर्मकरानका रणदारआपणाात्मान
कर्मकरीमका काजि कानिमश्काजि तेदनप्रकाजिल काजिल काजिता र्थिनारेनकर॥
जहाः श्राष्पोसा नाणं श्याण साएदा सातीण बाती राई देसाणा दासी कम्मकराणं कम्मकरी पाऊणाने अटोपनापुत्रादिकाविया
अनेकवारेसक मनि कु०अविना सीमा बलीवहनौविशेषकहीयबाद सिगससी जोकप्रद सेक्टवडास कानिषदक० सूखमीन
रामलान रामनिहाविनासी दौरसाकर पनी मपकाशाश्मनुष्यलोकमावि पणिमाकचारि मुहिकेपसंद्यमा
ka । अर्थिी कानिध्यउदमादिरा राषिवनकरियाष एकममुष्पना
त्रिीयोस्करिबौधा उनविष vिan
3 र आएसाए मुढोपदेणाए सामासायारामाणसंनिदी सनिचएकजीवामगसिमागवाणं सायणाए समुष्ट्रिय
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प शनमा तयाायरियपत्रात न्यायमानिदेषपदा दीवीएतावनापरमार्थनौ मानि/तेसाकक अनिरापादिश्रकल्प अनेकज्यनीयलेत सर्वसमस्त । रिएका चारित्रयोगप/दती विविष्टबुविधा एवंविविजेसाको जनमनिकरोताचारित्रीयो ल्पनीयननीयलिवरावन
उमादेन
आगमेधा "परमार्थप्रदाविषश्तेकदम s ma
धकहती अणगाशआरिणारियपारियंदसी अयंसेधितिअदरकासेमादियानादित्रावास्याइनेयातासमणुजागतिस आधाकर्मादिदोष (गेवएतावतासटोपनादारजपरिभाजाणी अदिस्मक क्रयविक्रयविषैउपनापेदिताएतावताकयविक्र अनेरापासमोलि अनिशेमोलिजमीअनुमोदैनदी पत्रि नियामानेरति पचाणपरिताऽपचरवी निरामगधवत यरहितएदबोजनउत्तेसाका क्रयकरश्नोप्रयकरी लेवरावनी जनीयरिजननत्रिकपवनत्रिकलेव वाणऽपरिसर्वश्रामन आपश्चिएसम्परधनुष्टानपलिनी
॥९६ आहारादिकल्यानदा नविशेषकदम
13 घणपरिनवकोटिश्युबाआहार बामगंधपरिमायानिरामगोवायरिए अदिस्समामा कयविकासासणकिन्न सकिंणावय कितनसमजाए सिलिकप्तसाककासबसथाबला मायादारादिलवानौषमा खण्वस विणयनुजा आपणासास्त्र सावन अतिप्राय तथापरियदनाविषममताअकरताकालिक्रि जाणजिणिकालिजेकल पूलीसमक्षा राजापारिवय संसारममा रनौजाणणारा दाताराथवाध थानुष्टानादिप्रस्तावतिदाय यात अनुष्टीननउक व्यकरीयप्रदानयजा इतिहनामा विदनी जाए।
मिसंसलदारनी
रणदाया
जोर सिसिरकुकानामा बलाममायारणारखयण वणयविणयन्लासमयणसाबामपरिगदंश्रममायमाणे कालेधार अप अपतितकाचऊपने उदईकदतीबेवश्रागअनावस्वाकूल्यवोलपटयादापात्रकंब पादबकद अगदेकदतीपिचकारवाददेवेशवयहाराजाव्यदक्षपतिवयवासी मिएनौघातकरिवोद लेदीनिकमक्तिमार्य लामीमध्याएतनगीवासीकी उपकर तोरजोदरा यातरासायमिकावयदाताकयसंस्तारकालापाडफलकादिएतलास वाप्रतिक्षाकरेएदव वतियावलीप्राचारविश तथा दिवानकबजी।
मर्थपरदस्तनविषारजाणक० सूझगवेषील॥ माके कदेखा अपणिउदाताविनाणियाशवायझिपाद केबलं पायब उगदेवकडास एण्याचवजारकाल
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दिवनितालकदासतल सर्वल्य किंवाकाईनमा बीसगर्वतमप्रवेघावते किसयथा परीआवउपक्षवमति तथालातिवाचनदी अदो यतयाधणालदी संदिनकर गवतिकदीsaरालणसाशाहारिमात्राप्रमाः बाविसाव्हारवादिकलदीसाकमा मामनकरा अथपासागिय जिजाउनिहीं इसउनजाणविदाणाइए गोषणापतावनाप्रमाणायतले श्रीयश्वनाकरदॐaविमजिही जाऊ तिव्हीतरी
| कोईयामनदीएवयाविषादने मादरी का जिक्त्रावस्पे॥
करा आचारंग आहाराश्रणागार माटोजाणकासिजदेय सगवयायवेश्यालासोनिमम मा अनलिलिणसाएका/बऊपिलमुरम
परिणयरियदयकीयतावताश्वधयित्मरणयकीय इणभकारियामएकहतीयनात-पाय पक्किमा अाश्रीसग मिणप्रवे/ मेहे णिमार्यमऽविधाइपर्वतमूड कतिपरियधकी आपणयपाउकरशअधिक मार्यमउदेषणहारापरियपरिदर॥ LanA
ऊ सलमादाआपणयउयायकर्मल परियदनकर
थामा पश्नही श्रीगुरुका लिदायरिगदा/अपामो अवसकेका अणदासयासएपरिक्षरेका/एसमग्गारिएदीपावदिशजदेखकसलमा
इमकद निमनीसगवतम विकस्पिनाशतनियारणउकामसागनिरिक्षादिमाटालतांदोदिलप्रतिकामसूकतांगाटाजरककर एहवउतावक | शावपलाय दियामादि) एत मीविसंसल्यादिवश्परियदा खिशकामा अधीसंसारमादिकामविषयाशिलाबार कस्तोमनादाहिनाअनशजी कहतीयाक बन्छ। किवच का नियानविष भामकहतीमारिनसकीया उकामलागवणदारखनुनिश्चय यात्राकषावारीमसकोमा
करणबीमलाप
मर्यादाथ उघव वलिमिजासिनिबमि। कामाउरतिकम्मा जीबीयोऽपरिरक्षण कामकामी रखनुप्रयंपुर्शिस समायझिरतिति कउन्त्र पिट शारीरकमानसिक विवरणाश्परिशीवनादिकउणनकरऽतिविषामायणकादी अनधीवकलबाजी उपजाममुपादारतिकेदवउलोकवियरसव वृथाऽ कऽचीनविय परियपश्चा चाकामसवाथका हलोक मध्यरलोकमउपयंदेवशति हो
लोकनादेपालीकनउत्ताराजालिोकमानसागझिालो तायकरा कारणदीर्घलोधमाजेिकामएकाति
कनेत्रिरत्सागजाणाश्रना पन्निपिचिपरितप्पतिअायतब लोगविपस्सी लागस्सा असागंजाण उहंसागंजापतितिरियतागंनाणतिग २०
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शाकामसागमविषयासक्तीवसंसारचक्रमादिपरित्रमणकराइसऊजाणीसाकरिवजएउपोदेकदा बंधनधकीचुटौअनेराकामा ज०जेपमिततेजिममादिसरीरमरुधिर बासवि०ऽणिमनुष्यजन्मनऽविषश्सधिकढ़ती ज्ञानदर्शश्चारित्ररुपवसरजाणीननेसंवेगी विषयकपा दिवेधनिबंधुरसकारते मांसादिसपअसारनिमवादिरप्रसार यशपधीरजाणिवाकर्मविदारिवासमधी तथाापस देवमादिकमयमाथायोग्यानेश्न आपणपनेपनमूकाविज्ञानौविशेषक जिमबादिर असा॥
देवा दिएलाए अपरियमाणाधिविदिता इदमविहिएमवीरपससिएजिबछ।पकिमायाजदानोता तब्दावादिन श्यका जाल सदाकतातयादेवमादिअंतरप्रेक्षरितिकृथितस्वितएवादहनी तथाटोकदला आता यमितवधिमतपलिदाएका सेवनेश्वक्किमतिमै सिधानकरी करनेकदैब। ममतेवलीया बीयदक्ष अवस्वाविशेषदेषामना॥
नश्श्रावतश्रवतदिषदेषीत तोपथावस्चितएहन स्वरुप संस्कारोवधियथावन्वितदेवस्व मायकशि
फकरावाजला वनजस्वरूप रूपकामस्वक्षया अषण करे
रुपकामस्वरूपजपरिक्षामा अनैपदेशक
(लीफ्वरवाणपरितापवस्वीफ हकदाऊ दाबाद तहानंती अंतोश्रतोषप्रदेदंतपिपासति तोविसवंताईपंरिरायझिलिहाए सेमश्मायरिमाया माया नागरवली सवायाजेकाशिमानिया मतिपतेसंसारमाकारसरीषाचप्रजानाविरस्पादिविषत्र वततेदनैरदलोकलज्ञानिनष्यातेकदैबकापकदनोएम एणीमायाना किंकर्तव्यानलीवकालो | नमीश्नामक आर्थिालाजपवासी मद। ग्रापणचकलमकरमितम्यानिवाणूनाधारनामा कार्यकाबादिवकरिफएदयोमालपणीचीतबतठई केला जमूढपदव सिव जीउपदै सिलालपचासीस्के दिबियापलिकलपणामकरसरताबना जरवश्व
सादृष्टीन
प्रमुषसरवलुनिश्चय॥ मकदेव महायोजिमबारक्कमुष मानादिकार्थविषअपमनपणकारिजेप्रमादकर
२॥ जलालंपञ्चासी मातेसुतिरच मयाणामावातए कार्सकसे खख/अयं रिसेबकमाईकडेमूहाणातक | कदै॥ जेणापणपानश्वरवक्षारतरफ जमिणण्कदाजदसणीविनासी असारदेवनापोषिवानश्कातिषासाति अमराणकप्ताअमरतालापरिआवरतियामाम कवनयो । कारणपाली लेकरश्तेश्वरव मित्पमतमूत्रनसिंडार
पातादिक्रियाकरे
एतावताकामलोगनशविषअत्पासह वनादि विषयति धार॥
अजरामरनीपरिजियाविषईश्वत्र तयादवडतेदन
स्फेफलतेकवाद
इमजाऊमरम्मनदीप्रमजाणीमहारत का श्लोसंविवश अप्पमा जमिणयरिकदिका मस्सशीचवारिवणयाए अमरायमहासह अमित
.
करशकहनाबारीरीमानमी,
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प्राचारंग
बकरी प्रावतिपदवुपियालोधीकामलीगनश्मननकृरिषउजेकामप्रकावेतअमरनीपरिसाचारश्तेदनकदुकस्वश्यकदैन तिमूर्षवायुनामा दटादिकत्रा कर्णदि गमिबोका अपरिन्ना पकानांतकामलोगन स्वरूपतथा नेदरकटुकविपाकप्रमाणादतिकहप्ताजगोवावमा कदती मनाएउजेएकोमन लियाना उत्कनाकारणजालाजमदेकदा तिबेमिकदमांजेऊकउंबएमादरी उपदिशकामतोगपरित्यागरूपक्षार
माशूलादिक को टिकाउक इसेवामकर॥ । उहाँकामनोनि
यहकरिबीका २५ पहा अपरिम्नाय कंदतिसएबमायाणदानमन्निाबमि तिश्छामिएयवयमाणासिदेतासन्नचित्रापि यउ नयनराजे झाडिकरी यामादि मालधकीविजोज किरणनीकिमानेव्हऊकरिस्फसमा अदनेशनश्कामचिकत्साकर इणिकाणिवालनेस
रेसमा जेदबानेशनकाEिRassansaसाजेलालम्पनिरामयविकिस्साकसवै धीज्ञाननिर्मनी घातकरमारखतेऽमतिदाफ उ स्वयं आयएनएकामचिकित्साकर इतनाणदननादिक्रिया मालकहना
निदाइसंगिवणपरमयात्राएतावताते किस विशेष जोगाऽतेकक्षा
समकशिवायोग्यमयीदवाऽय मऊकक्षा दशवत्वनाजारपन इतना कामानियहकार
यपदवी प्रासको नाविलुपिन्नासदवनाअकडाकरिस्मामिन्त्रिमन्नमाण जस्सविथ करे अलंबालस्सा सागणाजवास का कहना
पालका मातेचक छोएवेकदतीणीपरिउपदेशअथवायदवीकामचिकित्सा नाकरिव पाचमाउदेवाश्चारित्रियानश्लोकनीनिश्रावर्तिवउपरममत्वनाब सेते तेपूर्वक्तिमनगारतेवरतीर्थिक नाकामचिकि अणगारसायननिकाल्पनिवेमि सशमीस्वामिनिममदावी मकरिघूमनगारमश्एमकल्पशझमक बहश्देशशतिदर्शन नउकामसोगविकिसानमयदेशअथ सापनि एकदा रस्मीविससफंतिम —कबुलिश्री लोकविजयाध्यनेपाचन विशेषकही यश्व॥ आदिसूत्रan ५॥
वाकरिव से मनु कहतांममर्थनलमा उदेसजसमाप्तमसिवा श्री:nall
परिशाइजागत
पर रती वाले एवंशणगारस्सजा
देशका समसंखममहिम कवे दशशि
व मव्याधिनी चिक पवरवाणपरिक्षा परिदरतीय जेसणी संयमसर्वसावधनिर्मिक अनेरापासिनकराबैक दिवशिष्यववसगवन एकप्राणातिपातकरश्तेदनशते अपाषकदीय साकरतीक यापक सम्पूकसानादामसुमायककबामदावलणीपापक HASIEमोन थवानरकाईदोषजागकि वामदातकदवई श्रद्धा शिष्यामियातयक वनदोषवाति दर्शककरिश्तेकदनामस्वयापनकर।
देतीकदाविती हो पापनसमामिरगयरकताएकथिवा कोयसमारबत कामविकार
हमादि निहोनालीचीयशवहविषेषकहवाशाएतलेपथवीनारसब पन विकिरा आयामी समुताए।तम्दायावकम्मेलिवकछा सकारवेसिया तबएगारविष्परामुस्सन्निाबमुऋणयरंमि का शयम "कास कहतादादविघटकाजमकरष्टोतकदमुनिएकोएककपिलानामश्मभककोपकनीकिव्हाएकसश्सनैरापवेषधपा मतिदहीकरीनचितवानाशाएवाहीयकाधीकरीसपश्चीश्यादिजात चाकरताकादी गोसार्या अपत्यही उत्पतितिवारशविताकलदापोन्हीपदारहीनीघटिलागीश्मचिंतामनारधव्या ऊनाममइनेदहीजम्युनही किमहीनखम्पनअर्थदीयोमदीमअमेरीकासक नातवानता सकिने व्यतामहपालनिककलाश्मता पावलावीराजीनाशकासकसे एपदनालियानावाच्योधीआखाज्या २जीनीवली
याविषप्रवृश कहा . उप रिलीम
AACHAR
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दकायनाचणारेखमाशकंसकाशस्निादृष्टीतिमाहिवएआरमस्फूमणीकरइतेकदश्वशालीमूढ अनर्थपरंपराकदश्वासप्रापणाकी जेमिमणनिणसंसाश्वऋविष मददीकस्तास्वाधीसपमअसिनाधीगारजपकडे तीपलापरेशानेकसावधक्रियाकरे अबाऊलविलयकालानमाणकहीयलिएदवसकंपामशमिकाम०पासानाखेकरी पापकहनापलापकर श्रनकसावया कथाका प्रमादिकरी टोवेयकहतीवसिदऋथवा संसारव पर्यश्नकरतीगृहस्सअथवापा सुखकरते स्कं कारण
यही अथवाध्यलिंगीएडवा सबसविपर्यासपोमेदिवैवस्त अदितजारणीपरिहरहित जाणीदरमविपर्यासपा
ऊतिश्प्रत्यकगोवर केंदिवादि
कशालीथा पवस्थिाकस्तोगा यान्निसुदरी मानप्रमाण/सएणडरकरण/विपरियासमावन्निाब||सएणविणमाय बोवायशसिध्मेयामा) | मनपरि-नाः
प्रत्याबमानत सापापीअनेकारीकरीपदव जेध्यकीणीया नेपी० एसपण्कहसाएपरिक्षासमतमा कद्यानिमममता एमावस्यामा तेममत्तानोजिमोकाउवि अनिल बीमाकरी निशिकार पिपजश्तेारंभकरा 3 कहीयान॥
संसारमाजकारणाएदवा निष्टमा इनिकारपरि
प्राणनिविध कहप्ताप्रालीघात समारनौकारण
परिपथकीनियर्स. कदीय बताऊ पदवउ अलिाची
तेराश्सा विदैवाक दिया यझिालझाए सालिकरणयाए।एसयरिणा पनि कम्मावति जेममातिव्यमतिलदाति सेवाश्ममातमा मोकमतीका दिलपमोहमार्गदी असामयिकहलाजेने परिणा तयाममत्वपण अनर्थत लोकएकैपियादिपरि जोकनीसंझानाहा समतिवनमुनिमयमविषयाक्रमकर मजालीहो दिव्य तेजी
जसष्टकरीक मता सावन पारलाइजाला प्रत्यारयानपारमा यवकरीसारचम रासिश्सनावी उपसियभविषप्रथमकशिशिवधूिमकऊबुर सोनकर्मकर्यत हबकि
क्वरमिधावी तितउजागी रही
श्रीक्वजाणिवादिवसयमनविषासयम ममतभिपरिहा निवेदनातकद६०॥
रावअर्थकर
बैउउपर ऊदिहयादवणी अस्सनश्चिममाश्ट तपरिणामिदावी विदिशालाय तालोटासम्सेमइमायरिकम्मासिन्निमि। वीरकहतीनुसतकर्मविदारिवास पताधतामेयूमनाविषश्रति सिणिकारणिवीराअविभण। सदसणीवीराजाधादिविषश्रावन १ रूपकदेवशमदेशवरुषमा पाइआस्पर्शका मविसयममऽविषाजेअरति शतयापरियदविषयतिकप कहता रतिरतिभापरित्या हीएमामान्याका रिमाकनमाधक पाओहियामत कदमहिनेविषयग ऊपज तेदनसदा॥ जश्तेलीमी बस्यमपास गईडमननया
विशेषथकी शिष्यवशिष्मास्त्र केपटाल830 स्मारतिसक्षतिवीराधारमासहतिरति सम्हाअघिमाणवीर सम्हावीरस्यरातिशिमफासेश्रहियासमा
न
गरसMAINPाममारस
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आवारंग
गिविंगणमनुष्पंजाकविषऽजीविता | मेको धनवजनादिविषःशगवेष को वेगलाकरतिवारैतेस्क दिएकर्मशारीरबाषकिम रमपदवीध्याहारतश्चातूहकदारू समन्तदे०क रागोषरदि श्म यातिदनीनवेष्टिविनिच्छिदए नीकल्पनायापारिदए कर्मवारीशकमलपीयोश पोमरतकवनपतेकढ़ती चापोर स्तिएतावतायंगारश्मदोष ताएदवा जाणानप्रीत कपाकुश्मामी बाडि देवउमुनिश्वरपलमुनिआदरीनश रारामुक्तिपीम॥ पीतस्वा साविकरमरहितंनी रदितएलूमउआहारमवनेमण सूज आहारज्यश्री
परिकहनी साक्षतके स्वाऊतालिउड़ता सेसारखवा २२ एणिविंदगदिश्दजीवियस्सामुणीमासमादायाधुणकम्मसरीरंगा येतेउदासवेति वीरासमन्त्रदेसिण एसजर्वतर
दतेदनेतरणहारमुतस्वज्ञानातथातिनण्मेसारममुश्यक कदमुक्तिमाया रामनासहिचाने जपज्ञानादि वर्माथीय महपापणामकी मूक्तिननाशादियभनी निममायामा वृक्तविर०सावधपापक्षकीचिश्ताविया पक्ष्यश्रीशाकिर अयाम्पतेमाकरी श्रीनिवाहिली आलीया कवनिकरी तोकाई कहियाका विषप्रवप्न समार्गप्ररूपैमागुणको श्वकापाकतिसमापिसमलीपरिकलादिवजेएवं नमीत्राता भेकमविवालवालापागजए समय।शुक्ष्मामा एमबी० एसधपरूपक सेवेगी कोर कमविदारिवासनथा
विसंसली कंपरिकलादि खाननाअन्ताधकनावपातपात्वालवलीको बोसरुपीनसकाया विधियणसदितनीतिक दवच्यासा सावकदरवारमूहामधषारिवाना
अHANकिणदी। समितिले मुनाविरहियादिनिबमिोबाउचमुगारणामाप उच्चपाविलाईवनप/एसवीरपसंसिए श्रावति। जेलोकसेयोगकहता प्रारमपरिहायश्च तापम जरक०मा०णिजगमोहिमनुष्यनज० नस०करुति स्वनाकसलनिणधर्मकघालधिमपनसमम णिवावलोऽहमने एषाएपाथमुक्तिनमाग्रीनथाश्ववनपदेवशयकामुक कहताजेउपनौकारणमिथ्यावअविरतिश्रमादी यमाआपउयचीदारीपथावादीतथाकारीपदवानमपरि, विशेषकर नयापककदी॥ ॥ दितीर्थकरइकक।
मंजपरिमाप्रत्याख्यानपरिनामुदादरतिकदलीपझपाश्मी। बासरागनीमाउपदेस उसत्यपरपऽ तिसत्पजालिवाऊसला
क्लिपकार लोगोजागीएसणाएपद्धतिशउरकपावदितीक्षमाणवाणं तस्सऽरकस्स असलापरिस्नमुदाहरति प्रतिक कर्मप्रकारपरिणायकहतासंसारमउकारणामबसोकस्त।सर्वप्रकारकरीतिहाप्रवनमहीतकेदवारण जान्नकदमा जिमपूर्णकदताशर सहायकहतानि |मीकहतीयथावस्चितपदार्थ नवस्वरूपदेषज्ञता मेश्रानाशमेकहतीस्मृतिमामिश्रकी अभिरश्वामिरहनजेमण जातिकलादि के करी चक्रवर्तिब मराककाधना नारामकक्षतागaaमावदेशाविनाअन्पत्रिभरमा मिश्रणानसीकदती श्रीलगवक्षनाउपदेवशयकामअनिरउनदेषज्ञासदवादअामालतीकरयाबारपाद एसले सम्पक्त नौस्वरूपककदिवइधर्मप्ररूपतमरागवेषरहितधर्मकसैरहवादेषामना॥
वादिकधर्मकक्षीयतहागान प्रमयरिलायसवासा जअमान्नदसी सत्रशालारमिजणानाराम सित्रणलदंसी जहासुन्नस्सकनति तदाब १५
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निमजकदीयशनजहा०जिमजबनश्कृतीयशनहापुन्नस तिमतपत्रणकही धर्मक दिवानविषैभरीदपा शिष्यवेहरुको सोनापरवाहवैध वयं एक रणवा परभणजाएपाकिणहिषागलिधर्मकसेफलोअलासनीकारणादिषा कोई मियादृष्टीराजाभावीधर्मस्छमसेवादिजाणिनियनपीनिलकाराणिपत्नी उगपुस्मन तिवारनिरीदपणाश्याआणिवानकाजिादशमनासमचक्रीवावक्रीममोजाइमभूजसमावेश्पादेिशवेड्यासमोरूषांपएह परिवाश्मोनकरिवश्रेपले बायोमीसी अतिनवामि विकूदतथावलीसवलनारायणादेवनानाचारित्रयथावखितकहीदेचुपणे निराकरैतिवार तेराजाकोधिवम्यानक्वनासायतिविमामनिधमकियाकदामादृष्टावा नाजियमाणेनादरततिकरणहारनवियहाहणानादिकानपयवमही नमाकरेतिया कारणधमकिमकसय स्मकञ्चति जहाउसकञ्चति तहामुन्नसकञ्चनिधियण अाणतियमाम पञ्चपिजाणसेयंतिपछिकथं सकतथाकूचणा कणादेवनामा यसंग्देवादिकप्रसस्पबाम उद्वेवउज्यातिषविमानिकामनु सेस०क० तेसर्वकालिसिव०सर्वपरि मनिपतीaamपदकहतांदिसा नमेबश्त्यादिविमासीधर्मकथाक सावधनिबाध्यामूकावशकिदी वनपत्यादितिरिकासमनुष्यादिक ज्ञाविशिष्टशातिएश्सदितबतक नामतणाश्नलिंयाइयिताव
बंधनका मुकावातथावली गुणपाम। रिवाजधर्मनाकरणदारतवारेकम कर
नातेदनदिमानांगम विदा रियासमीना
केदवाan रिसकंचणसवारपसमिए जेबाध्यम्बिोया ग्रह अतिरियंदिसासुसेस सद्यपरिणाधारी नलिप्पतीबणय पवावीरणवीरवलीत जे कर्म तेदनमा उग्घा टानिवउति तथावलीजियबंध जेबंधअनइमोक्षतेहनउ ऊसदोजसनवाघासीयाकर्मनारूपावणारातीर्थकराया मिधामीपहिनविषारवायःनिधणमनगवेषणकारते मेधावी जनस्वरदेव सामान्यकवलीकट्वानुम्बनेकर्मबबामासमथीबतचूनेद
उतकवजीनवस्फेक दिवसकदैa॥ माउपायगालीन बजीनिघातीयाकर्मनाशययकाबावजूनही सण
मुमुकावणमधीसिजेच ऊसलारससर्वपकर्मषपाविवा दिवारासामक्षवी जेणाघायणस्मारवयान जियबंधयमोस्वमन्निसी असलखणसाबद्धसामुक्के सेजवार नउपाययमानुष्टानानेवणात धावलीमियात्वाविश्रारंसनकीपनकरीतध्या अशोजेकवलीमायनाचीसतिलाजस्व उदेसापकहतायभावस्चितपदार्थनादेषणहारमाउदक-नरका ना आरमहीएतलकवलीईआचरावतस्तन्माचरैशन श्रमाचस्पतिश्याचाहनिमामले करपव शिविचमणनधी जिदथकीविपरीततिरुनश्वयुलधाम खोलिागस लोगसंज्ञामाहारादिजाएसिधकारकराप्रदरहरपदबानश्फलकदकदरबा लाजप असामलिनिःसनहसदितिलिकारिण॥ रखजवणारसे अणारचनश्रारासाबणंबपरिणाय लोगमन्नवसचसो बासोपासगस्सन्नचि बलिपुणनिदे
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8/3
कामण्कामामिलायी असमियतेऽस्कुटकी जमा विदापवशवासीवानीपरिस्त्रमणकरसंसारणमवारशनिबेमिया दिवबीजप्रअयानधासीय बैनिकविजयाध्ययनिधारि
जिणिकारणिकामा दिसणीतचरकोऽतनिकय सुधस्विामिकहनाजिमश्रीसगर्वतसमापिसेनान्यौप्तिमका नातिनी नीयामविषश्कषाय जीपवाकया शणजेचारित्रियांना आवारा लिलाबोलिलकारापुरखमाश्रावन लोकविजयाध्ययनमद्देसकासमासःनकरीक्षितीयध्यैमसंघ कलप्रतिकलपरीसदपजनेसम्पकसहिवाएदछ। शि
सिवा २२ कामसमपन्न असमितचरकरवीरकाणमवत्राव अपरियशनिबेमि इतिश्रीनाकविजयाध्ययनएष्टात
सावकहीपस्तदनाउद्देशाकतिव्हायव्हिलीउद्देसश्सावनिता 20 सुझाकरूतामियाचप्रमानकायमा जेमुनिसत्वनाजीणमुनिमार्थनागविधक विशेसतात अनामनश्वस्तता जिसूततिदनादोषकदीयबाबीसमापिनमन्त्रि
निकाथेस्तामुलीकदतोमि सदानिरंतरजगिदिनम्माचरैअस्तिपर नजजीवनमा एम्बाक नुक्रमकदीस॥ ॥ आदित्रकथ्यते।
पादृष्टिजाणिवा
यद्यपिरबिनीत्रीजीपोरसीनिवाकर दवा लोग शिष्यजोक
पलिलावनिकाने असावजागनाइजकहीया षटकायरपतिदनविषश्जे सोसम्मन्नाःघन: निोकविजयानधितायः॥२॥सुनामुणीसथा मुणिणासयाजागति लाटोसिजाणश्री उरकत्रज्ञान ज्ञानास्पासिकरीजागिरिणिकारणिसमय एस०ऽहामीबनिकाय जस्मिनक्षत्राची रूपकाष्टकर्मवित्र गंधवाअथवा रसम स्पर्श स्निग्ध पासिकम्परमारधार पणतेप्रति तोलाकमअसमयकदतां आजारजाणी विषाबंधकीविरमा पाटिका
सुरलिधरली पक्का शीतोला शशपिकविषयससा अस्मिताजा मुनिकव्हीय॥
TOP नकारश्मा विषमनायी
एपार से लोकन दियाय उरक समर्थलाधारसजाणिशा एचसयावर अस्सिश्मेसहायारुचाया गंधायारसायाफासाय प्रदिसम मउपमा जाए तेक्षमाशुकदमासेमा ने भारसनिष्टनायसीयाचारंगादियागमतदनौजाणाममा धर्मना जगालामुखी तेसनिक त्रिम श्रमशष्यादिवि मुनितिमाय सामादिगुणसंपन्नासाणा यया तादारतदबालवयमलजाणक
सिदारतवन्तवर्यमाणकदेवा स्पादियाना परिज्ञानिक दवउबलाकामनउवेशाजासमभा परागषाना बस्लिप्तपराधमउस्तरुपतिनम्माणिवियर्व राजाकजागययावास्ववजाकस्वरूपनमालिकदवाईता देवा
प्रवन मुनिआशियो। वैपीकहीयजयकानीवोदिस्वरूपाणी
गदारते नागथासतिसेश्राटाच माणवेवियव धम्मसवायलारणदिंपरियारतिलिागंमुगीतिवचधम्मविनि/ २३
का
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बदक हप्ताकार संग संगतिदरान सी सिराजा सोए कहूतीनि संत मतिजा०क० जेल उपनाम लिला गया सिलादिन बेजा । एवक वागु बी अ॥ "एपतिक दब
नियंथ बाह्यासं तथारविहार तिने मदा रुपयी मद्यसनी कर्कशता जा० सदा इजागरका प्रमाद वैरिको कमी तरग्रंथरहित द्वारा स्त्रसंयम विषरति कवारपणेति भवेयइ एसावतादेरुनिरहिततथा वैकरुतो विदारिवासम सेयमविष कारतिर बिषमा फल इस जगत ने परीमद् परअपकारी हवासा "नाऽषतेसुइज करी जाईतो उनकी उन निवृत्ती दिवानी
राल इ
घ्यावहसाए संगम रिजारपति | सीउ सिचाई से भिगांथे। पर तिरतिगृहे फरुसिंघनो वदति जागरवेशेवर ए| वीरे एवं शिष्यनैव प्रदेश का 505] जराम जेवियर प्रमादी तौला सपनिरंतर सुदेवमूढमोद मोदान विमेना०धर्म | पासिया यावर किं कर्तव्यतामृढ एवाप्रणी मेलाक सुरा प्रादरी सित पण कानड़ाई तेजराम रानमिनि मानि जा राइ | इस जो पीसकर यदेिषी प्रम विवर5॥ | होम निमंत को मुकादम विश्वं विधिगुण थकीत नरेकनरमनुष्य अनेक सारीरीमानसीक ऽखिकरी ॥ वपरीत ते स्वरूप कब
॥ मइ ॥
दूध उजणी दे
घरकामुञ्चसि ||a: | जरामञ्च वसोवणीय नाव | सततं | मुटे | धम्मं | नारिजाइ | यासिया चार पाणेाप्यमन्त्री परिद्वय मंत्रा विप्रापण जाग एससारिमादिपरिचम रूप कुछ मायी मायावत मादावलीग पाम) उबदे माग हे वाहता रूप व एतावतायत तेस्फं रुक करि रथ की अपनी जान लोक वलीमरेली जन्म्यो ताजिक पाय रहित दिविषय उपेक्षमान राग देकर मके ॥ रिजेदसली
хак
निकाईकर 5 जेाइमएराथ की काइ
एयं मतिमंदा सच्चारेले जं| इस्क मिशांतिभ्चा | माथीप मायी । उलारतिगज्ञ) आवदमाऐ मद्दहरूबे | अंजूरालिकी | मर करइलेक कामकरी जेप्रमादतिदां पापकर्मथकी उवरणनि वीरकर्मीविदा रिवा इसमर्थ ते केवयुतात्मा एक नेपर्यवजात सखक दता शादिविषयसेवा ताली दिव अजमंत्र करजखे खेदजनि। दिवेजे खेद जाणिहिंसादिका रियनुष्टानते हम विपुल जतेस्पउल पाम्पतेकदै ब5 ॥ यथावस्वी तत्रान्पथा कार (नाएइ)
पदव॥
शापमुद्धति मत्रो कामेदं । अवर तो पावकम्मे हिं | वीर चाय गुत्रे जखेपले || वः निपजवसृतिसञ्चरसारख्य
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आचारग
पाधिकमेकरी ऊपजेजह लोधी॥
| नमस्त्रकदतीसेयमतेदन अनजेसेयमनिशधादिवीषयअनर्थकरी जाणतेदनसमस्त प्रकम्मस्मकदतीकर्मशक्तिपाणीवारक कम्मकताका
समझकरीउपाधि विदेशनिपुण कर्मनाइयथकी अश्तेकदश्व॥ तानरकादिसे सारनथी। संसारकिमयाश्तेक परिचमणाप
थाऽजिसकी
जीवनालंगी लसिअमनस्सारवयतिनिअसबस्साखअनि सिपावजातसबस्सवयन अकम्मरस ववहाराष्ट्रपविशतिः कम्म। शवम
मतिक्रताबविमनपक्षीयवंत कामं कर्मतान्नावरणा, तथा किवारदेषनाश्त्यादि दिसंसारमधकारणा
मनउमजेापाणीयानात सबकस्ताउपदेशश्वी दोदितेहिंकदारागवेषश्करी कर्मग्रनक
कसेयमादरी॥ म्पमावएतले तेरोगोषपरदर
विवारि॥ अमतस्करिवतेक
मनप्रकारपरा
गादिकमेधावी देव॥ रगाउवादीलायति कम्मचरिलेहाए कामसूनिधजब पहिलेदियाससमादाय दाहिंधातहिंदिस्समाणे तपशि पतिजारती जोकविषयकवायव्या निकनीसंज्ञाविषयादिवोसावीतेमावीमतिवंतपरिकामयाकहतीमयमनेवि विबीजोऽसोपारसीयश्चरापदिनदेसतावनि समापद
प्र क्रिमकूरैमावधीमधामअशिष्यणमेकरीमोकने मायपालिी श्रीरुक जमकऊतिश्रीविशनोलीयाध्ययनप्रथमोउदेशकस
जासताजीवकलाही तेहमी विधाकफलकदै सरायुसवः॥ श्रीरककल्याणमस्त॥ १॥ ।
सूप साथमदायी विदिशालागवतालागसम्बासमहावी परिक्वमिमामिशिाबम्मि तिशीतोश्नीयाध्ययनंप्रथमोपदेशका जातिव्यगुरूशिषपतेऽमकताबाअोशिष्याऽक्षक मनमकपणाममा शवयानेहनत सुश्मतउस्मानम्हालिविक निहिणकारणितिविनोकतीतत्वज्ञापुरमकदतां मोक्ष हताशयमसारमा प्रकाजियुरूपदेवाति तीसरीपश्यायामुपग्रलोचीजाति मानिवाकहतांजोशीमस्मतंदसीकत्तासम्पकवासाचेदिषामादसावद्याल सामग्रीयोग्यदेषिविषकनोयनेमोऽतरफ जाइयवक एतत्परम निमरे जीवनसषवा शासनकरशस्वैिपापमउमूलस्तक्षपासननिराकरियामाणिकदant जपणएबवाऽरकदैषिदेषीमश्तेमकरिनि यतिमानेरा जीवन पुणजाणि
::| जातिवविश्वऊपास मतिदिजााणपहिलेदसातीतम्हातिविकोपरमतिनचा सम्मनदेसीणकरति व
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उनुपाणिलाकविषश्मळमनुष्यसदि आरंजीवीमहाआरेमपरियश्कल्याचाजीविकामना विषयासानतानिवथक संसिधमारणारकर्माप्तवमानकतावली पासलदसूपामुषकहतीमुकि काजल एटउरुषाउसथान्कदतोजारीमान हताकममा किरा गजपीमा अरघटनासंसारमादिपरिखम जेदन सीकऽरक मादेषणदार याय
करीशविजेवपलता केदवज्धाश्तेकदवश यावे॥२॥धम्मुंबयासंघहमचिदिपारंजीवीवतयाणपसी कमिमुगिहामिद्ययंकरंतिसिसिछमाणवणरेतिगशीर अविसप्तकामगहरूष देतापाणी यानेहणेनेदिक-क्रीमा फरिवानगीपानफलरवाश्चास होय एस्बोने अज्ञामऊश्तेक सम्हापूजेरुसणीमालेमगिवैराधश्तेदसणी आटो आतंक दसकदादातिभेगी सोमानवलीदास्परसवाद्य उत्रणी इत्यादिविरुधवधनबाले जसजसंगकरेते वापरूपासि प्रतिविमरूपावरमे०क० मापदनवा नरकादिहरक सबधवचमएहवाबालादिश्णा तास्मतकूवानलवाजम्मामा वैश्वधार
काली
अनधिको दिकमहिमासणी सिरपबि॥ हनस गिरोयाउएतावतातान
बापापनकर सगटा.लियामकोक। अविसेदासमासमातादीतिमन्नतिप्रिलंबास्तरसमागणावरंवहतिअप्पणम्दातिविपरमंतिमझाायक अनेरापानिकराधाकरता अघानीयायारिकमेमूलकवतांचासी पतिविपक०कअष्टप्रकारवटाणिकम्मदकता पक्तिमरणयकासकाई एतावतासंसारनासयदेषीत अनुमोदमहासवरयलितथा यांच्यारिकममधूवामूलबाधिमाननीयू कर्मरवितात्मा नटेषणादारपूतावासया निवारित्रीयदृष्टमय एक्वजाणीसाहायधीर पाश्मिीजामएमजवुिनि आत्मप्रदेशा नायक
थकानिपर। anan थकानूआकरिजिमकरसेल्ने फलकाप
आणि Nasi दिसीनकरेतिपाबंअगंधानलचाविगिंधापल्लिादियाणिकम्मदंसी छाएममरणायमची सेजदिरसामु तथालोकवादहत्यामरूपुसद शक्तिएकवीशय्यानोसवणारमथाउव० समि०पंचसमितिश्करीसदितज्ञानादि जालगीकालकाषीकहनीमरणसी कधणारजुनिश्वपापकर्मज्ञानावर नविषपरमकदी माध्यमदनीको कस्लोइंपियनश्यियकाउपसम्प3 कैकरीमस्तिदासर्वदायतकह तोम मापरिक संथमपानशएस्पातही यादिकापाकूरुतीप्रकलास्चित सेयमतेदनउदेषणहार तथा
घमादाएदवaan अनुटानकरिथ वेकदइन। कानजीवनपोतेयगोकर्मबधनमा विविक्तस्त्रीधनसकादिससी)
तिहटा लिबासलीस्फकरिवी तक कलाकंसिपरमदेसिविविमिजीवीसवीतापासमितमक्षितेसदाजए कालखीपरिचए बऊंचखलुपार्यक
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था।
सबकदासमतसंयमतः पलिसंयमनविषाच सर्वपापकर्मको सेतिकहतांबपावर अणखजुनिश्चयपुरुषसेसारी जीवनने नितनकहतीघरस्यीयोसमश्य विपतिवणमाकरजैद वयवस्थितपदवोऊन तावतानऽअप्रमादकवि दिवे कवित्रअनककषिवाणिज्यादिवकर्मना यकी सावप्रककितनकडतानो
प्रमादकेदवाऊतकहनवा विषयासक्ता। एमावीपंमिता
लिखतिकियाहीलउनथीतरिया श्राचारंग
चोखतिलोतवारिवायाऊलमति २५ मयगमासचंसिधितिकवावरणामदावी सबंगावंकामंजीमति अणिगर्वितरवसुर्यपुरिसे सिकेयणंअरिक्ष छतौ अनिराशालीयामा अनेराजीवपरिता अनिराधिपदवपदादिक जनपदराजादिकते जनपदलानी परिपरिवादरचौर मापददेशभगक्षादिको वैनगवनजेएलो 'बेधसणीपी म नापास्यदसणायामाबदसणी विश्वनइत्यादिमाहिती दिनारियलणीधारएताब पासवान
तेदसणीयाकरविशिष्यबश स्तर
तालीलाधीपतजीवधानिक कक्रियाका स्निएसियनवदायग्रलयरियावए अलपरिमादाए जाणवयवदापनमाश्यपश्वियाए जणयपरिगादापास किंवा अनिरीपरियारस्वापस्न जनारकत्लेआमविनाए उन्यासावधानधयाबततिजलविसुनिताशदिवसेयमादरीका मनोगतमाक्षिसादिश्रवमोकिमकरिखानेकहनासम्बानेस्तगीलीम य०९ श्रवक्तवादिमिवीनच मजली का संयमादरीदत्तपणी तबीजीकस्तामृषावादअंधवासयमबीजमसेयमेवेनसेवास्फकरी-शानीजानवताविषनिमारवादका सअस्तवता जरहेपरमारेलधुकीनिवृत महीत यालिलाधीनकरेतया संसारमोदिवपातजन्ममरणाचवणानेजालीरतायताजीवितव्यकाभिपजाणीविषयनवाबाजेहसलाब बारकसरतादिकरामानसनिक सयमनेविष ययामप्रसारतथासमारसर्वप्रसास्वत उसस्थानकामास्वताजदरमतउम्फकरिवउत्तेकदैननगणकस्ता सामादिमाया विना एयमांचवागसमुहिया सम्हातबीयानासानिस्सीयासियनाणी अवधायचयनचा असीवरमाद तिवस्कदतााचरिएशिष्यपने उपदेशजी शिबीजेऽम्कसिमा मंदिकरुतीविष्यथ नाक स्त्री तेदनविषारतरागादिरहित निसनीपवि०पापकर्मथकीनिन कोमशाबीर इणक-मुनिकहवाऽतेमुनिप्राणीयानामवणेकदतीनदलाव काऊपनामादल जेएमवी तेश्रोमदेसीकरता मानदेवांनाउवला तालनविशेषक उपक्रोधादित्रा
चोदातीने अनुमोदैनही सामीप्रोशिष्या विदवाकरउदेषणदाखजीत केदा दिनोवतधामात सासनबएनबणाणलणतनाणुजाणशाखिविंदादि अतययाणा प्रणामदेसी निस्सस्लिीयादेदिकामादि कोदा २५
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21410
सूयकः मोहते हमे बिधालय स्तर गामी ती कामाव परि०क० परिज्ञासा उपदेशक देव नौकारण जाली हाम सुप्प लोकविषेाजकद तादि बाजीपुरु
इमादलिया यवीर |[लास स्सया समिरयं मदं तं | तम्हा यवीरविरएवदार बिदक सायं लऊ सूयगामीश गथंपरि
कहता
पायापरिमयेक तांविषवरूपीय श्रोत प्राणीया प्रवा दिया जी वरूपी यो काल बैश्री सी होतनीसांत निधि पूर्व मोक्षमार्गन श्री तोम्फेरियति पदेश शिष्यप्रतैकदै नोपा ज्ञापरिहर ॥ नामजाली सके. इंडियनो दमकरीवरेज लगाते हमी भी सददा संयमनैविष लि० प्रालीया जीवमाप्राला इंडियन सादिकते हमास भारतमक रेसिएता बता पाचर ॥थाविभिष्मा वीर्यमुक० उन्मजाला जीवावयते न करें सिसिबे मिॐ मकॐ बुजी मनीरसमीप (त्वरूपीय बाद्यासंसार रुपीयाविनैविषैतरिव तेलदेकलही मनुष्यनैवि से सत्यै॥ः ॥ इतिश्री शीतोस्ती यात्रा द्वितीय देशक समाप्तः ॥ २॥श्री सायद धार सापरिणाय्चरिझदात) उम्मुल६६ द माणाव दिं ॥ [ नायाणि पाण समाराला सि| शिबि
बीजचारित्र याने खनाम दिवो क दिउ परंते निके व जिचारित्रमेश धिवसरसम्पक ज्ञान प्रारूप प्रमादश्रेय या भुटान करिवोध्यायश्व० जेवणाच्या दिये कि संयमनसोक दवाइ तेरही बीज इस सीनथी जिम में दिमाहिलो कृति निगमादिकं त्मानै सुषवलल व अनितिमा बम ने राणाजी उका सूत्र ॥ तैलैरी बीना देशरी ॥ बः ॥ २॥ नोजली प्रमादलमा विममा क नई कर्म बिवर बने जिमज्ञ देषिति र कारण प्रोलीनेद् ऐन ही द प्रेमीप्रमादश्रेयसीना था धर्मक वइन ही॥ रिवानासर लो० क० • समस्त जीव तेहने पीडाका
मिः
इतिश्रीशीतालीयाध्यानद्वितीयेोद्देशकः॥ बः संधिला गस्स जात्रा |
ताना बहिध्यापास| तदा
यद्यपिकेतला एक स्कूल जीवपाकीच्या भट्णेश उपिाध देस किं से निधिप्रभु नै परिलो तुम तिंकरी पर पास प्रा विघातक रावै । एको तपापकर्मन करिवैजश्रमानक दवा वीजमिकु पापकर्मनाक विन्नम० क० माहोमा हिलानी या सकाऽथ वा लाज करी । प० क० माला बने पापकर्मन करे। किंत तक तो तिरो मुनिकार एक किवान । एतले फेक जेनेरोनी लाजच्या धाकर्मिका दिपापक निकमुनिमकरीपापनकरै मकवाई। किंवान का ति श्रीगुरुसरकदैas
देता | विद्याया | जमिविस्वावदिंन्नमन्नवितिय बिएप मिले दाए नकारे 5 | पावकम्मं किंत मुली कारणं सि
कार हा इषयावर लोसन विपाकमान एक देषजेट्ली | तिलिका ररिणवीरवाजी व घातकी) बेद शोकते के तथा दो शिष्य ॥ लोला सिलीवादिकनै विषास विरत था। तथा ॥ मदीनरकगामी थाइ ॥
वो ॥
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समकममात्तावताउवेक यालि नीवत्सेकाशप्पा-आपापाउविधि रणितेहविषप्रमादनकरिषत्र कती सयमदेवाविषमाशा आयमुनकहती सयमात्म यात्रामात्रामीमा चाजिकाईश्रबधनकर मनिसा बनानाप्रकार उपाश्करीपमादरक एवौत्तावकबामणमनि पीयनजागानोपमाटातपिथनाईदियध्यक्षपदवी बाईपापण वनीकारण.जाणिक प्रयवासमा तानकरक्षा दिवआत्मपम लिमकाअनरपरमप्रधाननधार मानकरकेरौआ मजोऽतविधिशनकर पसेयमस्चियनशतिलिका तमन्यन्यपरम
सदासदासर्वदा॥ आवएकदमानि
मविषयीदीर श्राचारग तमुनितावश्कारण विश्रागम
यो समयतावदाए अय्मागविय्पसादए अलपरमेनाणीमानायमायएकयाविआरन्निसथावीराजाया। नयाशतिलिपरिसंयम स्परसनाविषईविरागकक्षता मतमोटानादमारहवाममुष्ण आगतियाविवतिर्थवअनमनुष्य तथागतितमाश्वौपदवीआग इशिकारलिदोदिति मोआधारदम विपाशाIREIF स्पन विषश्राम विकंगतियकीयावदेवनार निगति जोगीमध्यपणमो ड क लालिमकक्ष।
aadबीमकरिवउतकद कातियंचाasमष्यथकाआव गतिविमासी ते मोकातिराजाश्रदिक रक्षितते सेप ! sand एमागति।
गषनश्परिक्षरिवाना
२६
CLAG
माथाएजावए। विरागरवसुगबेड़ा मदताखुडिएदियात्रागतिंगतियरिलाय दोहिंविधानदि अंदिरसमणिदि
विद्यतिकहततिरवजादिक यज्ञादिकर श्करीबदाइनदी सेकंता करीक्षणीवर दिकईकरीसेटाईनहीहीएतावताराग
द्विषनेतावि
सक्रिपामवलीश्म नोविशेषकरे यामदिवैएकमनराव-मानसुरवासिलाषीअदिकिदोपकाया करतीनेएकके मोनिवृद्धि किचलते पुरुषसर्वलोकन विवानिकिदास्पतिहीमकनेम्फंसपनधनावश्नही ताम्मनदातस्फशालामा पदादिपामश्नही रागनकारणिसमारसमणकपदवैदिषामबहाव कन्यागा हराजीवनशअथवा अन्य मियप्रकाजिदणदारतिणसहिताताईकस्तानताताएंगे होनिमागामायकक्षश्ते ।
जीवन अतीतकालिम्फ
समविद्यन्निननियन्तिामडशतिमिदम्मति कंवर्णसवालाय अवरण धेनुसरंतिणगे किमस्मतीत किंवागमिस
काएकवलीमहामियावी मानीनौ जम्मसतीत शीजीवनजेस्त्रीपुरुषादिकपात अनि समारसमूहमानीरगामनिर्वकालत्रने सतित्रागमियश्कालिहोम्पजएदेवी खसोगातयात साबिएसमारनविषैन्यावाम थायलगारंगत याबामाटेगानपणासयात्रा श्रागामिया कानास्वरूपसम्पकजाणड्सना निक्षयनजाणतकउगतेक्षणे सर्वज्ञानमारिप्रमात्र
पEMENकात्तियागनायजावकबडानाऽयम जैअनीतकानमोगादिक धमजालानमकहै जीवा इतरी
कालिपतदवउजदास्पडमकदापरसम्पाअधजातियागामियकालिनथकढ़तागपलाकीमाकर्मनरावसारिस इतकesasal ककर्मन उपरिणामजीगाऽनही ह नेनिन करश्मनकदरका
सासंतिणाग क्षमाणा/म्निस्सत्तीत तंत्रागमिस्मानाईयमानयागमिस्साहनियतितोगतानाविध ६
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esas
विध-कयविशषडाल्यधर्मनिणे मिली सर्वश्वेपिा किमकर्ममारवयावणकार का-०नमसाकमश्राप्तिकदी निट्रांजेणसावतिकदलाए सव-कस्तासर्वदास्पापरिव अत्तीण गुन्नाकर रददो प्रयवाविधनान्यस्यकल्प जडापरवजिकर्मषमाविधानउद्यताधम मनोवाननीय प्राप्नियाम्पानी विनाशनि ककरतिमानेदविष करुती मोहीनीकर्मनीपरासत शक्षणाचारपस्वासकारयारकपनामावदार महोशी करनेटमस्त हाजविशनसिायमनाथानेदकारकहतारपणारहिताचर.
नगात्रसापशि मीयतीप्रमागत सुषमा मामिला - दिवरलेऊमानिएकनाथा॥क्दाविकू कस्ती विधस्नेयावलीउपदेश
एकत्ता सेयमा वीजयाइनिएस्वातिनियुलक रूपातका मनश्उदय अरविनश्शानदपजे एकदा॥
नष्टोमयाजा तकाप्पपयोण्यस्मा निशासनावद्यएमसी कापरतीकामाद एपित्रमादधारासदासयरिबहाली दिवतणेसाकापूरणाममरवाई मेयमावृष्ट्रोनसकूलयाशपर विकबाहिरकहतास्वम नादिमित्रफ नसकीयशतकात्मानौनकणकवैजिजागजातयामा इरान थकदामाद भीसमधिको निधीपदवीमावदेवरिबारिमा० कोईएकसमा वाबजेहत्तीजेठपकारीते मित्राने नउचालश्यकताकर्मतिथा विषयसंगतिदनउचालणा मानप्रवर्तकजाणिव रथकाउनिअथवा किदोऽविषमियमकताठयात्मानसीपव कारपरमावधाविमामीयश्सनए हारनिवारणदाश तेजा।
॥ श्रमावरुषमादरमाहीजमिचीमि कामाटाला अनेरशकिण्डिीकरी|MAON पायान्नापरिचएपरिमाचमामवचममिन्न किंबहियामिन्नामिश्चमि जेजारणका वास्तव्य जाणमा तयारी अनमोकमार्यगामीमा कर्मनधरणहारवयात्मा सरिमाप प्रदोजीवात्मा प्रतिनिधयक्षमध्यानयक शणियरिखकमको मका रिमा दोश्रात्मासिबमे० माजाणश्तेदाताहरमित्रमणिकारणिकदीर
मा उबादिरविषयनीसरत मालिकारणि कसयम तहमा मा
'उरु॥ जाणाराखश्यातजा साचालश्य परिसाअनाणामघ असिनिगिमाएवंऽरवायमारकसि रिसामधामय समलिकहतीसर्वव्यापा सबक आगमनीया सेवक जेषव मेमनी मारवाइसंसारतवलीऽदईज ऋतवारित्ररूपच अनैआत्मानिसम्पकपकारिश्रेयकल्पा उदउँकहती रखौमीडाजपार्जित जाशा आगमनमा
नविशेषकरीबशसकिजा मयहीना देवअपमूननगुणकक्कदिवे रागषबिजी स्पिअर्थिकदवानुसार
नादिकसदिता
एक्ष्यकाविपरीतमन्नतेदन उस्वरूपकारिकरी
पकदैवज्ञ॥ समलिजासादि समसाणाएसम्वहितासेमेधावीमातरतिमदितधाममादाय स्मयसमणुपस्सति उन
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ता
सादिक समारत
असदिततेप्रसारजीवनव्यमापरिर्वधनमाननजना जसिक जिगैयरिदमादिनिमित्तएकरायके १० उपसर्यव्याविषन गोकापकहतामा पासिकन्देषिकर्तव्याकर्ममविवकैकरी अवधारितेस्क । सणी दिसाविश्वज्ञा
बापनापमा मदेकरतेयात्मानहितमहावकरीकरम्प ऊजमतिबधाइछि एउवसानीआदिधक पारसीजेअर्धककलेविनारि (हिबजेरायथेषरहितअप्रमततेदनशुलक असतो
ध्यप्रतिगुरुकहब जमविधारितलाकमाहिादविक उभिगमनयोग्पना आचारग दामाद क जानारिकसहित
अहोशियाकही यातालाया चादराजघमाणलो कृतस्नीया.
जोकदेषिव न अपचकहती विस्तारमरक 00
वियरसपरिवेदशामारगरणश्यणायजसियागयमादिता उरकमन्नाणसुवामाकंकासिमदविणलोयालायातिधमनुष्यदेव लिनेमिकस्तासुधर्मास्वामिक बैकमेकूऊ दिवैवस्मोपारसीयबानिसैचारित्रीयासम्प३ सेवेताकदलाते जानादिसहितमाकोनावमणकारातयामानमाया|
मणयकामुकाई जमवीरसमाविसल्फतिमकप्ली। तिनकसयमपालवैकनिसंयमकषायनेगहिवयास
वजीवस्था
लोमपदमरणदारमाणिवी।इव्हां श्रीसुधर्मस्वामिकत्वज्ञ शीतीनीयाध्ययनेतीयोजदेशकसमाप्त
जपर्याय नवर होकहीयनशा सूत्रा रतलेत्रीजीवर्दिसी प्रशथयौ औरस्ताशा
लकारकर
तीनोअका एवचारमञ्चतिनिबेमि इतिश्रीशीतोश्नीयाध्ययनत्रितीयोगशाकः सेवंताको कदिवामाचमायाचालाने पाच येक जातकपायमा लामवासाक्ष उनकऽव्यतावशकीने पनि पर्यतबीते तेस्मैकलकबोलाया कहिनादिआश्वकारसहनीवमणमारासग सर्वोपार्जित आपणाकर्म
REनीनेदणारशदिवेययावस्थितपकपदाधुनी ज्ञानमतिपणाविनामयाऽश्मकुदबी जए जि छाममालायतवासगकेवब॥ काप्रसंयमप्रकalESOESMANCER काइएकपरमाणवादिवस्त सम्पयनकारिजोगौतमबजागा श्रापणापारकापर्यायजागागन सर्वसमा
यावतीमाताजेदनअनुसारिख।
कारवालासगवतनन्दरमा हिवर्तमानपदार्थमा लैतिरकघटादिकवर जागतिसजिवदिायकहरवेश वापयासगरम दसवस्यमबरस पलियंतकरस्स प्रायाणसगडशिजएगंजाणशसेसवंजाण/जेस
सवताक०सर्वधकारिसमादीनसयरस अनेसर्वकास्मिलनयनधीमश्रीमजयगना जेवमासाभुवसायपकानातानुबधियाधानामिक सारमादिपरिचमणधका- विज्ञकहशवली विशेषवेषामश्वशास्त्रा।
हिताकपावतिसेबऊक तबघणामानादिकुनमावाजेघणाम विलासरा नमावतिएकननमवितेकिमनमावश्कदैमा
जाणइसिएरोजाणाशमचातापमानस्समय साताअप्पमतम्मनविसजिएर्गनाम सेबजनमिजिवनमामिसिणगेमा २१
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State
खेलो लोक दर दयामरुपते न इषजागी समस्त जीवनेऽपवतूलनधी जं तिवी रामवीर कर्मविदारणसमपनं सम्यकूनी प्राप्तितियंचगतिरुधीयासक्तिसंयम पातीच्याऊषा श्म जाएगी तिमक है जिम ने दूने ख उपलेन हीनतेनापन यानि आप माना० मोहति दी जा एकल विसोधर्मादिदेवलोक पाइप ठेवली सल जिऊपजी भ्रमण पानी नरकन कपजे ते किम देता । करुती मोगल कम मतिमुजातिरविमान कूपने पति की चीम नुष्य जन्म पोमीसा धर्मादरी सर्वकर्म यथ संयोगधन उत्राचारीरादिन संबंध बोई॥ कामोऽयि रिपरंपरा पते। नावकरन तिजी० जी सय्यदीर्घायुष यम वादनावली विशेषक देव
रंपरा जाइतेक॥
म डरकाला गस्स जा शिक्षा | वंताला गस्स संजोगं जंतिधी रामदा जाएं | पारणपरेजति लावकं रकं तिजीवितं एगविवि
यूरोपक एक अनुतानि बेर्धियोषण निरादर्शनादिषयादवम्पता सही बताती करामेावी पेकिता लोकन्नजीव ासाइंजिनव जाणितिम करिवै। जिमच्ाक तो सूर्यक वात वि० नरादर्शनमाद् मुधिया को पावइपिकार लि॥ षितडागमन अनुसारियो निकायरूप ॥ नीयादिकषपाव ॥
चनानुसारिं
क्तिकर5॥
हतां किसाईनिमित्य कर्ज जी बने सय ऊपजै तिलय वास्तु की पजेश न विशेष कह ब
माए | जातविगिंच पुढेोविधिमा ए) एवं विचिर| सही आणायामव्हावीला गेच आए अलिसामञ्चा
सहस्त्रव्यकीपणादि। अ० संयमते परेण कहता एतावता तीज मंदपण देषै तेमान उदेप5 इि
वाजे को रिश्तेमानकरी उन्नत व ि। दिव जेमा नदेषतिमायादेष निमायादेष॥
तेथ रेप करतो तीक्ष्य की तीक्षबै नथी। हिवैक्रोधादिविपाक्परमा श्रीछा की जाए निराई मांता दिविपाकदेषस्पनाच क हैन । अपरमार्थध की मर्थ देव
कार लिनेक्रोध देसी सेनादेसी ॥
पशा
कुलये| सिपारणपरं । नचित्रसचे परे एपर जेका दर्दसी (समाण देसी | जे माण देसी / सेमायदंसी/ प्रेमायदे बेलोलन देQ || जेलोलदेवतेवेकदती प्रेमदे जे प्रेमदेष ॥ दोषदेष
तिमी द्वेषशाख जेमो देवश॥ मोहजन कारण
तेगदेबइ ॥ जे देव ||
बइ ॥
इस देषइ ॥
सी (सेलो सदंसी जिला लदेसी सेपेज दसी जिया दंसी | से दोस देसी से मो ददसी जेमोदसी मेगशदंसी जंगशदंसी
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| मिजन्मरेप निममा नेमदिवाजायुधम जमरणदेश मरकदेषश्मोदय अनरकदेव अतिश्पति हाबीउधन मितियवातिदे नषदेषनरकतिर्यव जेभदेवा। निश्वभरणबजाइनि स्विजीवनरकिजाय
कपायनवशितिर्यवार
माहिऽवघणासोगव नेमक्षाववि वचना॥
hिaN प्राचारंग सज़म्मदेसीजिसमदंसीसिमारदेसी जमारदेसी सिनिश्यदंसी जेनिस्यदंसीसितिरियदेसी जितिरिटयदंसी सिखरकदंसीसिाम शन तक नएमर्वनिवर्ताव क्रोधी मान या लत प्रेम व्यक तेस्फ॥
दोष मोह गर्म जम्मा मरण नरकमा तियेचा0 उरकत
(निबार दावी प्रतिनिविहेमा कादंचामाचामायंच लासंचापेकंच दोसंघ मादेयागझंच जम्मच मारणवानगंवासिरियंवाड श्रीसुधर्मस्वामिक दबायेगा०पासती उबरयमासमा पतनीकरणमारावनी आया सकलकर्मतिमि निबीआय तथापासंग उपाविष्ट कर्मस्पबेऽविधानयीनिहाए थकरनीदर्शनमतजाणिवाताधकर कीनिक्षता
अन्तरजा लियौनिधि केवलीमश्वपाधिनधी श्रीस्थी। पासगकदेवोलाकाधीकमनसिहारा कहवा
नयतपणहार स्वामिकदइनेदपत स्वेचण्यापामगरसदसणी अवश्यमवरसायलियंतकरस्म आयानि सिक्षामगइशिकिमनि उवाधायासगरसान इतिश्रीशीतोस्तीयाश्रयमेवउ दिवसम्पत्काध्ययनारसीयनजातिहूनउसे बधस्मश्वलिनि वा तस्करीविनीप्रधाश्रीसुधर्मास्वामिकदेवशाजेनतीजेतीयकर दशकसमाप्तःवतीया पितत्वकातिदम सावधसम्धितसम्मकतणशधयघिमिasm
श्रबिनसप्तपदार्थ पावभीषश्रवस्वरनिराधमासप्तपदा यनरीथयो। आसत्रमा अनासकातला ध्ययनरोधय निकहा या लडनिहना देशाधतिब्दीपडितीमेस म्प यदर्शिमतेकही रक्षाकराना पभिययनुयनाकदवानी जत्रागामियकालियनवउयादशुक्काबधारतीयावयनमार्य: जियपकुपनाकहतावनी जानामियकातिऊपमेअतीत गजब ऊपतरोधमकतनश्मकदैतेश्भकलिम्पसावर्तमानकातूनीव्यारव्या वेपन शिष्य नामदेवटा पवपरूमम्पयशानी मानकाजिवअनेताआगामिकानिऊपणाननाबादसमासत्कारयोग्यतेगवऐश्वर्यादिषुणयुक्ततेसवे तेममानती लिवानाजीवादिपदावा बिमाध्यमायामया
अनमवमानन8RSADNEनभवमारनममत्रागतिकहिस्पतियारकक०मामान्ययकीय विवजावाधाववनाकारणा न्ययदिजालिवाजघन्मदिन
बनवितास तिकरुता अर्थमन्गक्षीतापाईलाषा पर
मरुप्यतिफया पदि१०० एवमनीतवर्तमानमाना। ताजियपम्पन्ना जियागमिस्सा अरदंतासगातातिसावएवंमाईस्कंति एवंसासंतिपयन्नतिएयर
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सर्वपाणी जिदवाविधप्राणयथायाम्पवरेतेपालसचितानयासर्वजीवाजीवातविकारणि एपाचिन तबाकण्हणिवानही देकमादिकश्ताशिवानी नाका बलात्कारिअलिगदियीमपरिधे जीबनारकीतिर्थमनुष्पदेवनारजीवतयासर्वसत्वजिसनाश्वस्तिमत्वनयामानामा प्रतियहिवामही दासदासीनीवशिवपरिताप शारीरमानसीपीकामश्क्रपजाविवश्परिताविवानदानव
सुखंडपत्तिांगावरगव्दारपसारन्तजीवसत्वस्त्रपकडएकार्थरममा प्राणव्यवशिषधीउपऽविवानदीदिवसकीय इस्पतिक ॥
सकदाचित
वितिसचयाणा सचिसयासवेनीया साबसन्ना नदंतवामअद्यावतछानसिघता/परिसावयबानमध्ये विधाग्याक एसवारप्रतिकारशाामहणियाएवरूधुर्मड समेवलो कृपलाकचा रेवदशापरजीवनाऽरखना जाणकवेगलगत उनिएकधर्मावरिता अवितधर्मनैयन 3 पस्चितधर्मसेस विसरतऐश्व यतिनीअर्गलामुगमनमोपानसमानकेदवाव ईवमीवनिकायरूप इत्ताध्यपस्मातदिनाविषडकर सरणीउद्यतसावधान नश्यतिनिधर्मक जिवासावधानबान वित्रनीत39 मस्कापाववरहित मिश्यासष्टनीयरिएकषियूय स्वसम्मादिपम्पो देवाझवज्ञ। जदानकद दिसाधर्मकया । पहाराविला मसविदेह चायनीवधनेहमीमनिजिसमधीतिगाकारदेविा
तथा वाजतेगी तथावलीधर्मकैदवाणिति एकहतीनि
तीनवan त्यतथावला के यहा एसधामेमुक्षेणितिए।सास सामवालायाखदलदिपविदिता तंजदा उदिएमुवा अधिएसुवा/उपष्ठिर शास्वतीनि
विविश्देमथा अनुपस्तिततेदयकिवीप/ सोबष्परियमस्ति निरूपविकनि:परिवहः सयाम जोगरता सयानेरु परीता एमालासधूलायागजिमग कातअवस्तिकीविल्याबारीधनागादिकमीपरि॥
प्रवियर्मक काडीवझवनगिणातवेकर गायकीम अणुवहिपसमा
तोरश्वक्जेिनगवतधमकिरवितधास वाशास्वतीग मतेस्थकरविपरीत
त्यवीरवमयी
मौकारणात सुवाचवायदंडेमुवा अणुवरयदळेसुदामाचदिएमुवा प्रणावदिशसुवा संजागरणसुवा असंजोगरएसुवासचंचे
उली
तरुणपतिज जिमसावंबोलतेसर्वपाणिक्षणिधा तेाऽपतेसम्पपदुनियामाननिदेव विषयाविधक्कममपिऊपनवमनदीसमधय दिठेपदीहष्अनिष्टरुपरसस्पर्शगंधरुन नहीइत्यादिएश्वेश्रीजिनवमरवियसि पदवी उसमयुरुषगापवैनहीजेस्वोआप गोमासाणीनिरतीसहदणाराापरकमतीर विषेनि कस्तोवरापरुचाइए सावता अहिंसालणधर्मराज निधपक्वनविषयमहहितेदवानराप्रागनिशिलामाकोलनहगवलीएदवउत्पथातधम मोजागीरोगनाशपाजागी ६षमा कहीयानथरदेवधर्ममा
कहा लिहीसइद कोकरश्तेकेदबा
-किंचाता योतदविया अस्मिाचयापधुञ्चति तश्राश्नामनिदाननिखिावा जाणिधामाजदातदादिष्टिहिंनिच्चयंगबिना बोल्पगनेरावावीपरविरुवदी मैवाजिमएकबाकतनादिग्यासर्वक्षनानिमिकहीवली बीजेषाऽमककेयझातानिनिअध्यापश्वनामध्यमतिअश्वमेधस्पषचना सत्रातिपतिस्विमिााएकवावीपरविरुष जिमवयमगहिनामसम्पझसदहीवीरस्वासम्परदन पामीजकेरिवौतिक हैवनीवरती.
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निलोलोकनीषणालोकनी जम्म-जेस्नैपलोकनाएपणार अनेशमाबद्यारसन्निकियकी कि०निकाईमाम्हनकहीयबसर्वजश्केवलज्ञानिकरीदीमा (मु०सेसनकार परिश्शानवादादिविषयरा यमानीकरुतीबुनिधीतिहाईबिलीशिष्पनाहढतासलीकट सब्जीवनश्ससपाहन्तकमियानीवनश्मनिमान्य जानयाविला जानावरलायमा गवनकर ना॥
कायापशमि विशेषताएपजिएवं इशिकारणियाशिव्यूईमाइकश्य
मनश्यत्रकारवायेयधोकमाकरणकारनति केहवाऊतकहब्बासमेकस्तोम प्राचारंग नालायस्समधाराजस्मानाबादमानाती/ अलाप्तस्सकस्मियादिमुथमयविलाय एयंपरिकदिकसिमसाममारा २९ नुष्यजन्मादिविषयक तातपापा जशरमतौरफेकरिअोयरा दीदनराविश्वलनि नयाधारपरीसहउपसर्गकरीभकामब पमोजिममममादीवरतीधिकिन अपमा। लिमा०विषयकषायादिविषतानोनas
ची तकदवा रेतरथनिविषश्यावेतनातथासयामदासर्वकालियांगनायबायसयतब्यूलिंगीबनिन मानिश
. अत्तासेवणाकणाराचल पात
प्रज्ञामसरामविकजेहए लायकीचाहिरदषिदिषानस्फविकथारथि उता चलीससारमाश्चिमणक
बना
कत्तयतेकदा ॥ aaaa २६॥ पालमाणापणापासणा जातिपकप्पेति आदायराम जनमाणभारासया आगतपन्नारण यमन्तिबदियावयास अप्प सया सदनितलमापिनी भूषान्मेषएनलाएका दिवैबीजोउदेसोकटीटोलिलेन्देशसम्पकनिकमा प्रावकत्ताजगभारतकरीप्रश्पकारकमा नपरिश्रवनिज INमस्वामिकदजव्यता इतिश्रीसम्पका पजामस्वरूपकडेaसळा पारकारमाकमायपराकमकशिइमायतीसमायमाशीsalmकाम धाश्रवानाधवनारावाजलमनुष्टानविशष रानावामतहम
करतिकर्मगलबिरतिपस्विकीय दिवसेकनिश्चयका अयनेषधमाउद्देशाकसमाप्तः॥ २॥
न वतपासावरतलपाषाणकालयविशेषश्माथ श्री
कवंदनस्निग्धत्तीजनवनीतादिसुषनाकारण यावशेषमन्त्र मसयाविरक्कामकामिशिबमिश्रिीसम्पकाधयानपथामानसाः॥२३://॥जप्रासातिपरिस्सवाशतिप्प वथाहाबली जग जेणा०प्रावणकामनरातअनानवाबनविशेष जेमप०पापनानामतेश्हजकिवारेशासाध्यवसाइविशेष पलेप० प्रक्रिजेप्रमचानपरिमबारत्यादि प्रत्यागतसावश्क पुणपापकर्मन उदयवतमध्यवसाइसावा दियापासुमाजालविरागमनाकारणासणीमनाश्रवक पदमम्पयनविशतपश्यानयजाणत a॥ नुष्टानकरिअपरिश्रवनिर्जरानागमनछाडाकडका मधमाबाममहावसाझदाइलाबावाम/थलिकालिगणामधाराम दिवाताव।
मम्फतेकदेवता रिस्सहातभासवा||जश्रणासवातिअपरिस्सवाशाजपरिस्समातिप्रशासबाधिपातपएसंबुशमाणाला
जागी मेवातकर्मबंधनाकारणसणीअाश्ववलीतेदनाशावतस्वनाजाणतमरुपनमनिमसार कटुकफलमसारनीकारणजोगीपरिश्ववैशम्पनर प्रालिवनिर्जरामासामयाकणिकारीणजन्यायावतपरिचयाउली२ जेयासबातेपरिस्सवानाप्रबल
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कर्मिश्करीक्षामामतपसंयमश्करीमुव्यमानपदवातीर्थंकर तीवेदश्तेकदेवशयमोतिमा नेजानीसम्पयजानवमित्रापाश्कहां संबुलधर्मनाथुझसहारण बिना हिताहितकुर्तया काराष
Bाप्रकिनकदेवाप्रवचनविषकिड्नीमा०मनुमनवा हमनुष्यमधमकिनाकालासरा कलमावत श्रवनायक मिनिजरानीमहश्यक उप्रबद्यसंग विजातयावेलासमारणातफ्नवउगातलकपाससारालिका प्रतिपन्नासध्याच वयातनावली प्रावसतिनैक्षिका
ताप्पाएकबाजाणीकउन्नमरूपवर्मविषयमनकर लीत केरुवानधर्मकदा जिएदवाती किरेंजप्रवयवदानेर कोपरहितला
केदवानासानी जिनधर्मदेषविल
गवश्रणा असिसामचा उदीपावदितो अघोतिनाणी हमाणवाण संसारपडिवाना संघुशमाणाणा विनाणं
अद्याप बिज्ञानपानधर्मकामाननादरतिमकदाविधार्म स्विपापक्षताविनामपितापुणध नाहगागमोमरणमनुष्यनअनागमलयाविचीनधी श्याायमनने वंकालिके ताकतों मनविचारित्रोधादरिकेजीवनाअथवाषमविषययस्तखतापुणकिवारंधमादरैपदे एतावतासंसारो जीवनमरणविजाइमळनाणीधर्मन अतिपाईपवना असंयमनाघरजेस द्विारामाचल प्रदोषक०मश्कहीम क्वनसावे जाणिमऊनिलत्तिमम्पकका विषयमाकरिवदिवेजेविषयवस्तबताधर्मनचु स्वजाचारी तथा। दवाखाकानगका माचारित्रपरिणाममायणीमादनकरिवंम्म जाणीप्रमादनकरियप्रतिकदेनाइतकेचातेकर पन्नाणं अहाविसंता अऽवापमन्ना अदासवमिणतिबेमि नाणागामामधुमुदस्सअश्चिमलापणीसावकाणिक जपहीतावनीरमण सावद्यारसपकर्मन जातिथ्यकरएके डिवादिनीव पानातसिएकामदिकदताइगईश्वक्ति दास्मिनश्माइलोकमोदिएकमडष्यन मिथ्यात्वादिप्राश्च मापामगारानिये इसम्राटनिविष्टपीकल्पकवली तिहीवनीर अमेथमरूपमादने विषश्ताताव बनाकरणदारन२० विदीमरकादिष्यतिविष सस्त कदतं माऊता पश्चिमणकर३॥ लीनतेकदइजेएमसंसरिजबाधा
वपरिवयवतीजाश्वर॥ सकालग्गदिला विवानिवदीरजाईपकपतिपातरिवारबमोदणादामगिसिंतबरसंथवा सवति तिहाप्रदोषवाईएकहतांनीधीगतिमरकादितिदा वितिकहती अत्यंतऋरकर्मबधा विप०अत्यंतघुणाकातलगी करदशचिटकव्हती अत्यंतचरकर्मजनरकश्तेयाकासलगी ऊपनामरिकनामुत्सवपमिासवेदितिक दिकतेश्करी॥ विरूपश्रवस्त्रावैतरणीतरण अपतनकादिऽवनसोगवाएतावता। तिहानरददिव इसीलिोगवरदजवलीविशेषकदरबा
सिक्वादिबेदनकपीपाका इमररुबौक्वनकजगकतेकहनin दिसोगवनउतमनमादिस्वान
प्रदोषवाइएफसिपमिसंवेदेतिविशारर्दिकाम्मदिविपशिधष्ठति अचिक्करेदिकम्मदिनाधिपरिचि
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याचारंग
३०
ज्ञानी केवली जमकर तिमश्क चदरादिक युग बोले पतले त केवल लोटां० कृ० लोक विषासम० पुषेमी मात्र. दिनादिकते केवल एक परिबोलवे ने रायगति से जम उनकी एका २५वरुवा दवद । एत फक इथाद्वावदेषो या केतकी जानका० के हको०रागियार दूनि थापामादिविवादक २३ एकदर्शनीश्मक/२५ वनाजानकी वली पदार्थ जानकीममिक
मनुष्यलोकन विष॥ जेतला को रिक॥
इतिवदंति वा विमाशी साणीवयति विद्याग) ग्रावंती के प्रावंती लोयसिस मारणाय मादाय पुढेो
कठैमा प्रतिक्रियान || मेदि० यागलिक होति दिदी है। दिनमा शानिकरीत्रा विहविशेषकर उदिते तिरि०14 तिरबीदीमा बसेका सुपरि०क० रूमी परिया जोच्यते स्प उत्पादिधर्मको विरुवद नोच्या अथवा अम्मारती में कर दी जाती की सर्वप्रयमनुमानमाचार्थ इत्यादिप्रकार5॥
इत्र कर दिया गुरुमी संन्य ज्या मधे कांदा उरई रिविशेषिजा एप। ॥ । वाजिनमा कवि तथा मित परीतमकद॥
उकहत
० कथवातिमज्ञानी केवल धारीदीक बोल्या जातीपुरा बोलइएइज दवनगतप्रत्यागतसूत्र कह55॥
विवादवदंति॥सदिनं वर
सर्वशण सर्वदत॥ | सर्वजीव
सुयंचरण | मयंचाए। विसायं चारा उहे लिवादं रुक शादि स्था० कृ० तेव्हन परि०प्रतापताक कसा हवा लियोग देापगड रिवी ॥ परिषदिकरिवा
देतिरियं दिसास सहतो ( सुप्पडिलिदियंचरण किलामा उपजाच परि० कार्यविषया तथा उपामा ९० क० धर्म वी॥ पारीवा ॥ एथ की कविवा तानइविषई माया उ
सज्ञेयाणा | सद्वेश्या सहेजी वा सधे सन्त्रा दंत हा प्रजावतज्ञा | परियावेयचा कि लामेय वा परिघेतचा उद्दन्द्वे यच्चा एवं पिजा
दनुवचनतिनार्य प्रतिग्रार्यमा होम्देऽदी अ॥ इष्टसंस ल्यउ ॥ दुष्टमान्य
नचि० क० इदो दो पनीर हवाचन केई पी भाकम देवाना जमदार तथा निराल गादिकमकद जिधर्मन विजातीयानइदलिब देोषन थी पापानुबंधू नाका रथ की पारि०क० क्रूर कर्मनाकरण हारते
नश्चादा सणारियवय एमियं । तब जेतेच्या यरिया तएवं क्यासी सिऽद्दि。चले | ऽस्यंचले | डुम्मयं वसे || ३0
जा
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उनीची
aan
सर्वकारिष्टालोच्यते॥
जेन्देश्मकहजब
मनायaaan सपन॥
मपरूप॥
सर्वपाण॥
सर्वस्त
अतिरियादिसासुसबाता ऽयमिानदियंचते जनेउपवमाश्स्करह]एवंसासद एयन्ताबापवंयपस्वेदासाबधारणा सके सर्वजीवर सर्वसत्वणिवा यानापिया। कार्यविषश्व्यापा पीडिववा॥ उपजविवा॥ श्दासर्वकारिना दोषनधी अनानिन
रिखा
सूया सोजीसाहसन्ना देतवा अजावयवायशिघतबा परिसावया पदावयबा/एविजाणामचिनदोसो ऋणारि क्वजाणिवा वयंक०श्रमिदमारब मसाधना श्मपन्न इमपरूपत्तेफ सर्वप्रणा॥ सबan सर्वजीक सर्वसत्ता
महानिमायक्वानव बना
यवयणामी वयंवरणएवमाऽरकामि एवंसासामोपवयन्तावमा एवंपरवामा साहयाणा सविस्या सजीवा सबसझा/ एसर्वणि आतापिवानही रियदिवानही परितापिवानही उपविवानही दी धर्मनअर्थि करतादीपनी बार्यनौवनायवैकहैल्सैतेया वानदी।
जार
पिकीबोल्पाकोयामपनसक नदंबानप्रजावतमा परिघेता नपरितावेयवा नबहावयवा एविजाणामचिन्वादासा आयरिवयाणमय
अनायुविवनर बननाविवगा जमिनमनिदनमदहिम्पपरमध्यस्एक्वमकिममदद।ओमणीय संमायाश्कीनिंशापमुक्तिविकलूदीस प्रस्फतिस्पंदीला तिचीनियाममा अहिपाबाकससनअम्हसम्हसपिपलक विभाजिमपरमतनअनापिरणामधूनश्यक्तश्चमबंधणियोध्यातालंगारमात्रबाप्तीनस रता
तालमामबानमा राकिलेसा क-अम्हने सामानकारियवस्ततेऽरककिंत्रामातीकामनश्मा करतहवाचनबारुश्नाचनिक०पाहिलासमू-कल्यागमज जेदनाध्यागमन विपकूतनिकालासा
गाजामामागमनाव बादकारीयनव्हडिएह पस्चाकाऊतमकहरसातवासात क-बापाचनकियकीविपरीक्षाकहियरपरमप्तमीणनायकरिवोरणानाविकमानापति कन्यत्रका रुपमालजीकवितस्थानातालकासासक समस्यतिफकिनच्या अनिवार्यसम्म धान्नययान्नया बिस्सामा सापावाच्या किलासायंरके। उदाऊअसाथ समिया पडिal
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साता तेस्का व सममार्याच्या जागी ते प्रतिमार्यबापा ॥ प्रदो जिन्दनमा सुषमाता खतिम सर्वान सर्व तन सर्व जीवन सर्वसत्वन सातारा
ताखन मनन निमत परिनिर्वाण निवृत रूपमा सय ऽख इस जो एसर्वप्राणिवादी म कहि व अएण इवनिदो धनी परं जेमकहाणी या दलिदो पतनानि वचनमक ही परमन निराकरणक श्री स्वामिक है। शिबेमिण् मक के बउ निमश्री सा बेत समीपममपजाः॥ इतिश्री सम्यक्काध्ययने द्वितीय उद्देशक समाप्तः ॥२
श्राचारंग
३१ वयादि। एवंासाद्व सिंपणाएंगे सच्चे संस्थाएं (सद्धे सिंजीवाएं सद्दे सिं सताएं दिवेत्री नोउदो पारसी येन ॥ बीजे उदेस पर मत निराक रिवरसम्मार्थ वेद०जेश देश कि सम्पादचारी ज्ञानाने चारित्र त्रिलोकख दिया धर्म कादिरी निरवद्यतपदिनाक निरुपन शिकारिकसम्पतपस्वरूप नवे०के० वेष्टन त्री उद्देसक दीयबा मोदि मतिनउपस्चियमक रिजमकर
लोक
सायं
परिनिन्द्याएंगे। मदझमं | इरक शिबेमि कवि० लिचीन ते सर्वमनुष्यलोकनवि की अधिक थे बजे का।
5
11 20
इतिश्री सम्पका ध्यान द्वितीयो उहे शासकः समाप्तः||२||अव दर बहिया जाये। ससञ्च लोयंसि जके विष्णू । 21-0/2 पशुविवेकः । ] नेनिखितदंक केदा | कर्यतेयजइश्ता वतानिए | एम कविडकयू ऊ हाकरेने करेनर पुणेने दुसली होते या बोरस्ते या के देख साथ किया
लोचने जो
सेक॥
उमनो वचनकाय जेकेई प्रालिया॥ देकारक मनुष्य विनाकर्म कय करिया सनदी नोन को अपने रब एतावता संसारमा द रूपजेते निविद पावसात शरीरने जे नामनएन जनि गाली जेवतो गवतेारसनो फलाए बाजा निकर्म शरीरते वली के हवा मात्रिरूपाली मनुष्यनितिकर्मशर्मनाक एसी कोटिल्प रहिन । २वरुवा थाइ ॥ इमजणे कशा
६०
जिमरोदयुत
मंत्री
पा
वीयपास | निस्किन्त्रदंडा [जाक सत्ता | पवियंचयति । पारसन्तञ्चा | धम्मं वित्तियं। आरंडुरकं मिशांतिना मानषि दरदवाकयथार्थ शारीरीकमानसीक तेऽषम्पान कारण कर्म त हानिए । इतिश्वेत्ति प्रकार ४७८यादिप्राप्तकर्मांणी इश्वचन विष शीश्मक ददेवम्पऽकार पिते इमक दैनिक दैव ॥ बदारवादी परिमादेयान स्कनी पहन परितार्थ जोन नईसर्वप्रकारनिपरिज्ञाकद इति श्र० वीतराग अस्पारख्यान परिता इसे हुन बाको एक इस्फर करस्फंकरिव तेकहै बइ ॥ नाव पदेशमा जालीन॥ उष्टावीजे एव एवमार्कसम्मत दंसि [मो] [तसच्वैपावा दिया । ऽरकस्सक सलाप शिन्न मुदा दरं ति | इतिक्रम्मंप रिलाय सज्ञासा | इदयाप्रीत्यादि
पर मपरषचा नेपा नगर सिंह सेन राजान रो उतना मा३श महाम
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शा
Faisa
नियंनितिकद आमकार्मस्पंश्लेषनकराएदवानसिकरशरीरकन जारीरमीममतामकरै काकरि ओरक्षितपतिमकरिजि होटाकesasजिमजीनिस्सारका या॥'आपापधएकाल348मादिकथकी३९८ ९६३जाए श्रदा वाध्यताप नशामापण मराजी सरीष बार अनि दौलिीचा
विलास पाकस्कीयंनिए अाणिदेगमय्याण मापदाप धुणशरीरीकसेदिप्रयाग जारदि/अपारंग सदाकुलाकाद। पमन्नतिकदलामी शिरिमात्मसमादितमा नदिसश्सवमावश्मजालीशिपमध्यपदेशकदेबविग कारण निरुपमध्यपणनि अस्विरजीवतव्यमान्यायुएदवा मालोचीको बानीसम्मकर नदीमचारिश्रम उपयोगि अकारण त्रतिकशावसायकोषकदियशतिविकिस्बन्ध
शतकाध्यवसायकोषक दयशतविक रूवन परित्यागकरिवनवजाकिस्ताकोषपुरुषमश्शारीरिक
तोक्रोधवास्त्रिविक्रयमाणकंपदितकमाईनिश्चलपंजीलामका अपयुक्त रिवविकेटवतेकदै॥
मानसीकरकउपजश्जीलिय दादायमञ्चति एवंअन्नसमादिए। अरिणादविगिंवको अविकंप्यमारण मनिरुधाआउमापदाए ।ऽखंचजाण आगरा आगामिया नाश्सप्तमनरकस्य विजयदयानथी कप्रत्यकनकविकदमा०क्रोधादिकनेविपाकरकसागवतोपरवरिजि निज तिनिदानकातीपरमसुषनास्वान कालिजऽखयास्पशवीमतवतिनवेदनाक तकरुवाजसत्तेक श्रीतीर्थकरवायदेशिवासितांतकरणएस्याबसाविषयकषायस्पअग्नि ककथाएदवीजालीस्पकरिख निमाणीकधटालि वायाकारीवीरास्वानक॥ स्थानका खाजिनीवको मापशयका निक जीवन
1302पो देशकहै॥ आगामियाडेखनाव करवते लागवज्ञापमा रुपकांखादेवाचिकजोधमकरी मनमरमहीलायला अडागसिरसा उफामाईचा फासलायंचयासविदाणे जिनिवुझायावदिंकाम्मदि अनियागातिवि तजिसणीराविषातिसूतऽ:खीयातहप्तणीवविषअतिविमरवीचनाको इतिश्रीसम्पत्वाध्ययनरतीयादेवाकसमाप्त:श्रीश्रतः।)३ अावी प्रथमचम्पान निपदोनतीकरीमायणपत्रमदीपानीमएतावताकषायनामकरीन यमकशिमकंककबुलीमुधर्मश्वा मिनाक्चनजालिवाजेप्रतेक लैना बताकरामायणपातायताकाधानपशमकरवत्री देवाश्तपको सपूर्णमथमस्वरूपकदियरauमरिअविष्टकरी स्तकला चौथासारैविष॥
सोमवारीएमपी
यादिया सम्हातिधिनियमिसेजलिजासिन्निाबमितिश्रीसम्पकाध्ययनस्तीयोदेशका ||२||ावीलए यादि
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करीनिक
पवेजिमरसियतनारस्पजा मनावविवेतपकरतीकमकयकर 6०७पजामेकंपियनी त मेहसणीकर्मथसलीसंथम कोणावीरकर्मविदारिवासमनशामायावती मा संयमानु याचा शालविवराम्पमातिमापनीव मोकरीन करनेबाज वी इंडियनउमालिचा उपरियोगविपरित्यागरवस्प शनरततवारतासमि०प्यसमितमामतासासाहत.
पारामबागवानाधान्यादिकमउसी का श्रादर्शनकर्मक मय महामन्यस्पर्मजायकसमानादिक मना सर्वकालियततसंयमन विषयनवं | निष्णात वलीशिष्मानामि कानश्तयावली य नसीप्तपकर लायवि विमनलावरक्षितापहवी नरहवाश्वतीयसंयमानुष्ठानप्रतिस्पातलीउपदेशदीन ६. बीमारणाला यावीलपानिपालजदिनापक्षसंजोगादिचाउवसम्म सम्हात्रविमरणावीरोंसारसमिएसदिवासदाजए|उरण एतलेऽम कार मंतरव नकस्ले मेहलगीवीर वीरकेहवामानिय-मोक्तहने उरकरतिणुकारणवासुशिष्यपतकायब एसपते रियादवि मुक्तिगमणयाम्पत अाया. आदेयवमावियाहियेकहता
कदजasa शानिमितपस्व माडिरमुचरनेपालला विमोमनजोनिन थकावन्ति कस्बोवीरकर्मविदा रिवासमथएवषाएफ वीकan
कस्तानश्नास्त स्वमयादिकोष गाऽस्कर
वाम थानुष्टानन्याकरिसमधीरनउमा वसाका
प्रतिषा लुचरणमाइते विशेषकश्बर
बजेरुनश्च शारीरपीक
जनबोधिला चारामगावीराणाअभियपणामीण विगिंचमसमाणियबिएसरिसादविएवीराायाणि विद्यादि संतानने निमशारीरमधपोषियोथवा ब्रह्मचर्यसंयमतदनविषवनिमत्रवतमरवाऽडियतेलापलिकायावादामकर्मयोइंडियन बासवली अवा बंधन अधिकारकर्म ऊ श्तण कर्ममतापवयसपशरणादि तेश्रादरीमायनश्यामना विषयगणपतसूयोरश्ते वली विषयक्षतेबान-शाहाकेदवार करीकरण कराकरऽस्म कलाहिवैश्मनकबा
अतरसुध्धाबतवला विषयवान-ज्ञाना विमिन्ना विद्यामधी महनत सम्पत्कपाम्प मोवादयकि
कर्मबंधमबजन्मनावात बलीमिथ्याश्च करीना
(नगरससारस्त्रमणकरा दाजाश्ते जखुणाश्समुस्सय विशिन्नासावरंसिनातदिंपलिवालदिं आयाणासाथगदिएबालाभावाबिनबंध जलपरावस
कानमामिश्र वलतिलिचनभापतिपदवउपदा मवेधका आकहिप्तमाकनवपायअमागासवहिन अप्नातीर्थकरसूउपदेवा जस्सपजेदनशर्वजन्मबोधितासमतिदनपञ्चाकर वस्पध्मावून दिसंयोगजेएलानौमथीपदवनबतौ। रविषज्ञ तहमधलोसकदतीप्राप्तिनधी श्रीमुधर्मास्वामिकश्मकता आगामियकातिनही दीकिनामकब्ज तिवारश्तेक मोदपिया वनमानकातिदेना-जालासनधीमकस्याहिंवेआगामियरकामकिहांधकाथा॥
हबश्यानते विप्रबोधिलालमहीपदवप्रकबा
कोबर एणितिवंत संजोए तमंसिप्रविजा/आणाएसोनलिनिवमि जस्मनविरोपनामशेतस्सक श
EnatndanaSHERaajanNSRH
asis
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ॐजेदमणितिधरुषपानामतापहष्टमा लेदसणीआरंमोवृश्यमायद्यानुष्टानयकीनिष्टनदि गादिकशवधतामिव तयादारुणजिसदीनसक्यि पलिक०सातपापयनत मतनेदसणीबुधवनउजाणा Taशियपत दिशाकाहारमयकीन ककमादिकधारशिवपरितापपामा कारतिपरािबंदियोंकी
तिवनसम्मयसाधापोमदविवेकश्करीजो वजिशिकारणिसावद्यारसप्रहलापुरुषबंधाना एसददनकरणका दलपीनारसमष्टालिका
सम्मराजाणितथा॥ उस्सियामिक्रयमाणमांताबाद आशंसावरएसमामयंतियासक्षा जणबंधधदंघोपरितापंचदारुणपलिहिंदियाबा तिम्रोतकहवाबाविस्ग नि माकगतिनदिषणधारयाणा कर्मज्ञानावरणण्यादिकतेहनउसफल चारपबीवदवीपरमार्थ ज्ञानानि नोएदवेआमंत्रणक्चनिखजुनिश्चजे महिनशानादि बावधनधान्यादिदिमा संसारिमनुष्पविषऽभेमोक्रमाद पजेरुवउकरियरतनवउलोग जाऽव्याश्रवथकानीकलैए के अतीतअनागतवर्तमानधारकूम कश्मदातपस दिआप्रवरूपवाश्यक जीतवान्याप्तरंगीतश्उनेदा विषाफलदधीविवारी तगीतेका तावतापेक्षितकमविपाक विदा रिवासमधीममिवईयसमि यमनविषय अतराषिरूपवजाणिवा
प्रकरणेमंसारिखमण निवत्तविश्सर्थ निरताजा खोकी ॥
ਹੋਵੇਚ हिवैतरुनाफलकदमा दिरगंधासायनिकम्मदमीश्चमचिएदिशकम्मणामफलंदतु ततोनिकाशवदवी जरवलुसोवीरासमिनासदिन र सेय०निरंतरदेषण आत्माईवपरसनि अव्ययास्तितचअदरकात्मलोक प्रावीपर्व पश्चिम रक्षिला उत्तरदिमशव्यय वितरयाऊ अतीतकातिरमा त्यापापकर्मयकाल अथवाकर्मलीका देवती।
नामपसीवापसंयमतद वनमानिका जिर
विषादेव"
सता जया संथदंसिाणा आजवरया अदातदा लोग अवक्षमाणा पाईणं यडी/दादि उदी तिसचंसिपशिविण
आगामियश्कालिरदस्पतेत्रातीनअनागतवनमानसमवेतपदवानउजे मईयादिसमितसता निरंतरदेषणार आत्माउपरवनिया ययास्वितजाकरेषतान ज्ञानवसिपायनेम्वनइकदिस्यज्वसिसजवारक मेवीदारिता नादिसहितसय मियापक मेथकी। समधा
नवर
विहिंसासादिम्मामामाणे वाराणसमिसाणासदिन्नण सदाजयाणं संघदसी आउघरयाणे दातहालागसु
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विद्यमाणाएं। किंमचिएसवादीपासगरमा मवितिणन्नित्रिबेमि।।इतिश्रीशम्पकाध्ययमेवउसमाप्ती || ॥श्रावती
पाषअतिजदिवननस्पअतिपायकबाएर मनीलगतैककरहनैशनुसा दिवपाचमौअध्ययक विधिअध्ययनिसम्पूस्कस्वरूपकस्कनेहमोविज्ञामते आजेवला जीव वानमाविकर्मनितविशेषनारकीनिचिमनुष्णदेवनामुरके रिऊको पीसधर्मास्वाम बिहनीफलचारित्रनिणकारायलानर निवारित्रमाक्रमाअंगालोसार मनुष्यअथवा रवत्तगर्तगऽत्पादिवाकिंवानी पदवसिपायsasasीक्वजलि तिची जालिवा विश्परूपीइतेयध्ययनजाकसारकहीयस्तरमानदेशातेमध असंयता
उनकाबपासाकत्तासम्पराकानयाविनयी वयनसमानाथमवईवाकपारसनामा " प्राचार
किलोकनेविषेषमीवनि परान्दउकसादिक्ष सिपअर्थतकरुबान अर्थपयोजनिधर्मार्थकामत्रिकंकारितरूनअधिीश्रणा-य-कामशष्टादिविष विहानथाप्रतेक तिमिमी कायआरसीपीता विवि नकरीहsa यादिव्यसन करीजीवहणानेलियभितीवही एजनजीवनिकायवि यगुकतारीखरसावधातमका असमामा-मरणतेद
पअनेकपकारिविषया विनश्यमिक खतांगवारहवाकर्मस्पकरश्तेकदासुलातहलए विवातिवरियतावनामरीजन्म Jullसिलाषीपण।
जीवधानअव िमजायउत्तमरावहसणीमरणोतिरा
तिरुथकीपापोपट कियावती लागमि विष्परामुमति प्राणहाए एतेयाववक्षिपरासंति गुरुसेकामा उसेमारस्मतो लिवन किंवक्रमी समारथकानुनि नेउरुषसपनैध्यतिनव-इतेकखासेपा तमिभावपालरहितसम्पत्तषसाविसमारयसा-पघउनीसा एव०तिमबालनी जीवितव्यपदव काजेहत्तलाइसन्माष्पथकाचे पतावताविषयमगनिहसणी रतजाणाश्मजागतिकहीस्पतिदेवतस्पधतेकपोलीमाबिंडनीपरिमविरजाण्यापजपूमि लावलाशिकरवातेकह ने पुरुषमसारथकीकरन सिमिaayामपालामा।विडजीपरिवानअनाममा तिनैपएजीवतव्यमस्तिरऊतथापि
दीन जयकिशडाउजीवताकदीपिकअनरावतेउरकतेपरमाण तपमानाजाराप्तिसणीअमेकपाकर सम्पकपाम तकदवस स्वतथावायधिवमबत3n
पणजीविवस्वानरनहीनिअज्ञानीधों जजास्समारस्मानानासनिवासोतनवासकारपासति कसितमिएकसगोपन्ना निवस्तवातरियोएवंदा बालकेद्वामिद कमविवेक विकल सवाल प्रशासकरकर्मसिादिकपास्वानकती विपरीतपणो पामहिसादिकधरकोकारणतिदमा चरिवेगकाम तिवारपबैजन्म
स्वैमा अज्ञानपलचीपरिता विपरमार्थनमप्रमाणापश्वानर बरागकरीतमतिरकमकफ्नायपुरव स्वउपसमाविवातलीकरऽस्मविपर्यासपामा मवानादिवयनाविशेषता जावतव्याहअस्विरदेषणमूटकिंकर्तव्यताब्याकलास्वविषयास
मीआकषानऽक्षयमरसापा
मआदिशक्षथकीनरकााद। लस्सजीवितमेदस्सअविजाणता राकम्मावातपऊबमाए तणखिण| मूडेविपरियामुावतिमादाण
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मानवस्वान ह5
जागा जपरिज्ञा 51 प्रत्याख्यानपर असं ज्ञाई समयानम्प इंडिस तेहनइससा भनाइ ॥ २परिज्ञातन परमाइजी एप प्रत्यारमा पापा प्रतिसमा नै मसार पर हो || कारण अर्थनरूपम सय सम्पर्क ।
ममरणाचामाद २॥ [ समयपरिजा | संसार परिन्नाति सवति संसयंत्रापरिजाउ | संसारेप
लेक निघुडा प्रेमनन सेवैमनिक्वनिकायाइजेत्री रचना सयधकी स्पंकरते करे इसे बि० मंद मूर्षन एबीजी ना लता चाज्ञान जपाम्पाईकामसोगा पातकामसेो विधिक नन सेवते यथा स्वतसमार कटु-एकांतिक प्रसंगकरीना कहिये एक मकार्य की जानपरमा० बाहिरकरे। गमविपाक नायकीपा गुरु गीताबीज बालपण जाणिव जाइब तामपिलिति आलोचन सञ्चादिकमे कम से इसे वीना तिव्रते कार्य ते सिकरिवहन कानगोपारमस्फ
द॥
ही
रिणात लवति। [जाबएससागारिया पासव | कटु । एवमवि जाण | बितिया | मे दस्सबालया | लाऊरक्षा | प मिल
विषय मेमा अनर्थजाली ग्रा० च्या तापाञ्चनेरा प्रतिऽमक दिवाविषय विवाम मासिववश ह। तथापय की परिश्रमक ऊं उरुष परम्पराम ॥ । क्वनशिष्य प्रतिजा विप्र दिवतेजक है ||
होलोका पा०वेष करु ष रूपा दिईदियना परि०क० जीनतादे षडते बायका विषय ६ इंडिय विषय विषगृतत्परमकमविपाकनरका विताइए जर्गतिक संसार कर्मपरिए दिदी मानकन इविष॥ तरूपस्पर्श बबली२पम इतेक ए 5 स्वयाम
हवामान विषय सं० मिला बना लेबी मलय तिवर्शनिक समारमोदिन मिय कहीयते हवितावना के एक नदी तक ब
रूप संसारापरिज्ञानदि
वइए कि मजा थियइइलाई संसार' जाएधतेकद
दाए। आगामना | प्राणावा णावासवरण | शिब मि||बः || पासद एगे सावसु गिर६ | पशिरिमा | रफा
कब जेतना किया० के ईकोन विषयास० जेसावधानुष्ठान करइडरक लोगवश तल गुस्तदेषाडव जी ने रादेषाम एते ० क ० ९ सावधान इविष प्रवर्ततागृह विष बारीनि वह्निरका जिवन्ती श्री वा पासादि
व्यलिंगी घारे जीवी थाइ साबधा नुष्टानप्रवर्तने ४९ वाखामा श्रास्वा वेगल रहे तीर्थंकरदर्शनी बेगल र जेससारसमुना तारणा व्यसम्म पानीविरतपरिणामतीकर्मनड्ड
९३०३ राइअरिताषितसय मन विषय बाल अजान रागद्वेषादिकपरित पमान पीडा त ॥
उदइते पुल साव द्यानविषेजव राम उखक दिव35 प्रदेषा ब ॐ
स| पुणे पुणा । श्रावंती कार्वती ॥ जागसि आरंजीवी । रात सुचवत्र्यात जी वी एच्चविद्याल परिपञ्चम र
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यापकर्मकरीसायद्यानुसामेश्मा अस०सावधानुष्ठानतिजसरणसुषमठका मनुष्मजाकविषयकणुिकीनऽविषयकषाय सेनेविषयगएकजनमती शशिकार तपाकरतापन तिकरइसजाउमक रणमानजनकवेदनानरकारिगतिवियर निश्चयीकताएकाकीपोचमिवमाऽधरणा नकाजवाराजाकपरावजमान कkिasasमा ॥ सागवश्वजीवविषकन॥ परिवारमारुतीपरिवारजकारविषश्मवीन सके सबीनपलकोक्ता
या। 4734
तिकारवाएकजउदोमतिकरुबीऊतिक हैas अगवादीन उमेनकही
प्राचारग
दिगारमनायविदिक मेदित्रिमरणासरणतिमतमरिणादमेगेसिएगधरियासर्वतिसेवजकोहाबऊमाण/बजमा
३४
सा
सर्वश्रारादिक जिएस्वीतेबऊ नटनीपस्तो बशायणा बसंकल्पधाणामनमा तिहिंसादिआप्रवधिप०आमाधोएवा व आपणधर्मावरगनविश्ववपूछ। मानन्धरेशम
अष्ठबना रजबकपाप गाविस प्रकारका अवसायविषश्वरासत कम पुणतस्पर्मबी नबोलाएतावता उच्चारित्रायोजनएकवळचा नाकारका विवरबऊलो जालिवषधर॥वामूबी जैरहवा
शपश्तकदम नश्लवपुरमाथववमानीय कार्यकरतादे
कामनबीव्हतउकिमप्रवाईतकहरनबहसली बकालालाबऊराताबडाबऊसदिबसंकाप्पासवसकी पलिबनिहितवादवादीपवयमाणमाम बन्नकार्य श्रअमानव दोषश्करी मतं निरंवासमायबर्मनजाणश्वमा अक्षामानविषयकषायनिकरीनव्याक अग्रतेकवणाअलख
मित्रवतमम्पनिक नपवापिया कहती जीवतकोटकारिविष॥ २तकापासष्टानयकामानित
कोविद्या०मिनपरधर्मानुशामविषयकितनी
कर।
हबा
किसी अदरकु अनाणापमाटशिक्षणासययोमूवमेनालिजाणनि अहापयामाणवकम्माकावियाजअपवरयात्र
परवा अविद्याऽतानदर्शनवारित्रथकी विपरी आवसंसारवहन विषादटिकानेम्पाशापय इतिथीनाकसाराध्मयनिषधमीवहिवाकसमाप्ताहिदीनौपदसोपारसीया तमामुमोकसंसारमउपरक हिमचर्ममा विज्ञानकर इतनश्कादिगतिविषश्चलानमकर पादलवसरएकवषितिपन्नणसापद्यावष्टानध्यकी विरतिनश्श्रमाविमा MAधर्मजागतास्परयाम्पERSamमत्राधमास्वामकाजरप्रतिज्ञा जमवारमानिकहायधमकसमाद्यानुनसाकधारमकाल मिपिसिल्पा
या सूत्र॥ श्री: 1॥ ॥ श्री
३५ गुवरया अविझापालिामास्कमाजावटामवअणुपरियतिनिबिमि इतिश्रीलाकसाराश्यवषयमावदेसक://
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त
समेतलाकश्मणलाकविषयमारमजीवीसावधाकानिष्कृयामाकदाज पंकमश्ाधारिरहतीपंकजनीपरि मावद्यारंभकर्तव्य को तेमावद्यारसवपार्य वर श्री गृहीतविषनारंजीवीश्पक्षलाईफकासावाषनरस्वविष निविजया था।
कहासावद्यापनगदस्वविषA METERSOविउपरतानि उकर्मषपावनउ जाणीसा दिदनिवीक्षवश्यधिनिखद्यदोषरदिप्तसाककनिहारने उपजीव"
असमातिधर्मवद्याकी निना
अवचिता समाप्त प्रावतीकयावंतालागंसिरणारंमजीवि पातसुाचवणारंसजीवावरए तशासमाए अयं एप्रत्सवगाचशयाषिचमुकलाप प्रायश्व एमधिप्रस्तावअतीतकालिपधारीरपोप्रस्तावपश्चाग्पादित मार्यअपमन्याश्यामच्या माध्यञ्चलीमहज धर्मपातिवासणीमपाए। तिसमवेगरुपामअवसरतेश्रद दी। एस्वावविशयागा मिश्कालिएक्लीएरुवाकृस्परतावताकणिचार्यश्रीतीर्थकरश्वविद्यम उविशेषकदा ककणमात्रप्रमादनकर उरदेवीकाणएकप्रक्षानरूषप्रमादनक एवउपर्यायपासूतश्दीसापडमचादिकावस्ताईकाईनही
साफेकरीमा जेश्म ने पुरुषममाघरिसमल थामने अलगवेषाओवातप्रमस्त था। सूत्रताडार अनियएहवावियरुवारीन' अयसधिति अदख जमस्सविगतस्मात्रयंकणेनिऋलिसि/एसम्माग अायरिएदिपवेदिति अतिनीय प्राणीमाऽरक प्रमश्मुषप्रतिकरजोगीमा अनेरमसोगवाणिलोकमादिमा डरकपणाप्रवद्यापनाला तिमनारसजीवीप्रत्पकमुषहरकाम मृषावादअणबोलतवाणापरिने पतावलाजारकमुषमापणाऊपासित नवममुष्पामुणकन्नूप्रश्नओसी आपकामनकर्मसोगविय वसायारहवाणियानश्माना दनप्रयदमियमअमेवार सोगवश्वभिरामटकीय॥ प्रायश्वजनिटसणीश्म जालीफकरिवजकत्रकारकशकरहिंसमरियटाल
देव॥ प्रायमाणिजपुरकापनेयंसाया उढोबंदी प्रमाणवाआदाजरकेपादित साविदिंसमारण प्रणवद्यमारण -पुरीसुदउपसर्गफपप्रेरएतावता पनि सम्पयपदीयकहतासाची दिवपरीसनसहिवउकयनच्याधिनवसदिवउकब ३० कदाचितसाकनातकशीघ्रजीवितनाद रसतोऊतीतस्पर्शरू सम्पग्रसदा ज्यानौव्यापारवपारपा छीता जेपापकर्मनविपरवान एतावतापापथकीनिवशालाक्षारसूलादिकव्या विविवाषाऊसेतिकपी पडवअनाकलपण विविधप्रकारेकरी
कक्षः॥ करा टोपासेदि विषाणारनए एससमिथा।परियाय/विद्यादिपजेश्रसन्ना पावेदिकम्मेदि उदाजातवार्थकाफुसति
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तित्वैनिआगतितिस्पतिवास्त्रिीयउसेणाईश्रीसकैफरस्पर सिप रोगनीऽषपहिलोणमाइजसहि करीनानीRAJSणमाटीमाकाचातीनीयरिनिमा अवश्पासा) कणिश्स्वसाध/उदकवाराणीयर कास्पश्तधारसाथ स्नातकासकतीजपूनाऽवनेत्रही aqasgणमाजहिवसर रखएहवनसावक वालियापकदारिकशारीरस्य वनाSAMISHRAAT
मरीणपणा करादिककदा यामश्सम्परामहकिमनिमामीमश्सद गिणीजगमालिवहिवतरिका मेसेदोऽनिकारणमिऽरपवधर्मवादनवा मानिसमा
नमधीविलि इतेकदख॥
सरीरघणाकाललगीषवरसायनादिवि पालियापादिकावन्मयविवसविणामधीमतिय पाजामा अणि सरीरघणाकाललगीषवरसायनाविकारणविईसह ॥
अमास्वता आचारंग
EPापरमानोरक्वय बनायजेदनना पक्ष्वा पा०५श्वक्तिसं अवसरबारार रूपजावणकारला वयाचशानिधनाइपलोगिक विविवपरिणामकी मासफलपणेमनीयहचोक मा सम्पयसाचौधारीश्मस्व एका प्रायवनवाहितामाविय क्षकहतां शरीरमविषविप्रमा
शारीर कारनश्वनीकेट एवएकअद्वितीयायतनम रागरदित तेदन तथावलीके हाधिन अनाविपचयकरती वारीरिकेडीममता निर्मादिकदेषिाविचकूलावा
विषऽत्परतानश्चलीकेद
बान॥ हानिरहवाचयापचयात्मविष कमाइएकवधानविचिनजाऽश्मदेषसामने पसली विपरीणाम
इतिउदाऊभारतकासखावादियासएसपचापयंपनापयं सिमरधम्माविवसणधम्मो अवणियप्रसा
वाम
सयावयाचश्तेकदा
विश्वहिंसारिक अनवधारथीनिनितेनानवि०मार्यनरकतिर्थचादिकगतिमा परियश्वेतसपश्यिदनाश्ते अल्पकपडकादि तथाबा नान्दोमानण मारामाल स्वामीपतिनथारुवानमुक्तिजया निजिमसगवेनीवईमानम्बाभिलाष्प तित्ममिपिसललीकहादिवविरवादीपरियवतएवजकन्छ। तिदेष बास्त्रा कोई लीकन विषः॥
का
सय चयावश्यविपरिणाममायासद एयरवंसंधिसमावदमाणस्साएकायदाणरयस्मादविप्पमुक्कस्म
स परिषद केदवउन
नमानादिक काष्टदिप्रमाण प्रमाण
विदीतीघोप्रदि
गनिमाम्गविरतरसानिमि।। आवेताकावेतीमालागसी परियहावेशी सिधा बऊया अर्फवाशूलवा/चि
सवितः अयवात्रचित्रणश्परिय रहमादिजाणिवानथावलीसपी श्य-सपरियरूपाक्षत्रएकपसियसन लोक लोकवचिन्ताल्पबुजतवनमानसावश्यबालीकनौआचाश। हपरियहवेत बतमारी तापमहीपस्वधप्रतिमानव वामनरकादिगमनमाकाणधकामावालय
Simple आहारसयपरियहमैकनादिकत्कटमलानवतावनेअनर्थदर
बालिीचीपरियहमहासयकारजालीरजपरिसाईप्रपा पनि परियकव12मर्थनषकारादिषाsasu स्वयापहलाकपुरलाकमहासबारमामरिजाईपरिबरश्न
कasasपसं०व्यरिय दिया। एसपीकही॥
समंताप्रविसमेतवा/ पतसाचनपरिगावेती एयादावागसि मदमयंसवति लागविरंधणपावदाए। एएसेगे
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सकलत 6ि /
वतीसंगऋविज्ञायता सुपक्षियूपचपनाएकाउपनिबोधऊपनी तथा प्रतिमानापरमच मोकने पराक्रमकरीबलवीय जेदनाणीयो०एपरियडकीविश्तीसमापूरमध अनश्कहीमाईतेसात अकरतानऽसिम रडायनासण्याआधरिछनानादिकपदव विषारकष्टीवतजविवि फोरबिस्याललीपप सम्पयजानरूपजेहनवतेजन विषत्र मस्तीर्थकरनामुषय वानगीतिपत्चिदमा जाणादरुया
दनामाकारसमष्टा देशका अर्थबशअनिश विषमयीश्मश्री कोसामान्य। परिवरणहारमा
नविषय
गुरुन उपदेकहबजाहिजेक दिan अदिजाएगासमुपमिबुदायुवीयंतिनका परिमापरमंध विष्परिकामा गतसाचवबंसधेरंतिवमिसिसुयाम | अमेकटतामाद अरेमीवनश्यक- अन्यथानी तथा एन परियन शेदकव्यावीवानगीजीवकोकशापादिकावश्ले ब०धर्मयकाबाहिद अप्रमन्नवत में लहिया नवर्यजनऽविश्व
पत विषविरत निकृमणगारमा सहसहश्वजीउपनाकहनाअदो शिष्यपमन्नजपमा विदेषीनइसपुरीब यमानुष्ठानमा सम्मतकस्व तायकाप्रमोटिव
दीपरतीर्थकञ्चधवास्वतीर्थका
फे करतेक का
लइनिशिकार उब्ध
43 अशधाम बंधपामारका अशाबाचवायचविरतिअणागारदीदशय तितिरकएसम्म बदियापासाअप्पा
मारकव्हती मुनिनवतावासम्मकतासम्पयप्रकारिपालिजेदमकद ॥इतिश्रीलोकसाराअयक्तिीयोहिशकसमानः॥२॥श्रीरस्तः आले कई लोक उबापचीसुधमीस्वामिनउवचनजाणिवा
हिवैत्री नोउदेमवषारसायबानाउदेसअविश्भवादीवरियता अविषश्परिय काश्दातेदधकाविपरीतकहीयवहा सूत्रका
बसीकरुती मानापरिवए।पतामा सम्मऋणुवासिकासि निबिमि इतिश्रीलोकसाराध्ययक्तिीयोउद्देसकः॥र बाद 3 निःपरिसहसाएदसअज्यबऊलादिपरियहि अथवाषट्कामजीवविषममतानमाविपरिया साचायनीकरतातीर्थकरनीवासभिागामी नि दिया अवधारीतमविज्ञापरियहवामी | नीम् जिमिपरियदया।
दियनि -परियदकिमयाऽप्तेकदै॥ श्यसातलीममधाबीनणातथायमित निपरि अदरतेतीर्थकरमणधधम
रादिकतिदम् वधमविश्विनिरूपमा किमकतत्तकदर
कावंती जोगसिंअपरियवती।एएसाचवाअपरियदाती सोचावतिमहावी पंशियारपणिस्सामिया
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समिटयाएवामा अारिदिपावदिशा जादनमएसधाशासिए/एसनसंधी शासएसवतितम्दाबमि एणानिक्षणिहावी
समियापकद्वतावामित्रकपरिसरीषयाइधर्मप्रवद्या मंदिवमशुष्पमसानै विष:श्रीलगतजकबै एक अस्पतीधीनसायमोकमाथिकम नहकारणाऊश्मकशोमार्गमनेरमणमाकची
अपराधीकानेरपणापापूरणश्यसिपाय असजिमाहीजगमाहिमश्साविज्ञानादिमीठमा ततषयावनोदी हिलीबाजश्रीसगत यवनसयूमानुनविषानिएदवशनहागापूनही धर्मकह्याबलिकोलितधर्मभिराकरिवासी मकाम अन्यथवा जिमजाज्ञानदीनचा एश्माधिकर्मषमानास्पतहसणीद विजनीमुभर्मास्वामिध्यापणाशिव्यध्यागजिकक
रूपशयनाइदिन उपसमिमधिकता कमी कहरवा मनतिरूपमाको यम
हनविशेषकन्न । प्रावा-३८ समि
असारमंसारनी परमार्थनाणीवपदिलउप रैपबईकर्मपरिणामविपिनदि/माजी सागौनस सबैभेदसणीचारित्रविमा यमबउगुणन स तेजावया दिगणूपेचमकाजतनश्मा पानश्ववतरिउ उद्यमनप्रकरणहाराणाधारित्रशूकोषमश्काइएक धीचिौधउसांगवाहबाजपा अपूवश्वास्त्रिनाईकरिवने थक करताहचल्यूज
मिसावघयोगा जामवेगऽवमानपरिणामिननपुगोसामादिलमानिनीवरदर्शन विषहीनेयम्मुनीतिप्रविरतासातलमायादिवशतामामालिवाहन लवधिवाजपहिलघमहासवगवारिकाकीपणपाइएमाजजनोगरजिमाकाटिकजिनमानकीवीपरीतकहरलाल नाथसावधानशामाकरणकारतन
सागे स्वामरोशकाइ
सा यामाहिआवश्देषाम्सsasu रियाजशएपछाणिमाती/जपुवधा पवाणिवाती जमापुवाणायचारिणवातीसवितारिसएसिया मे जिप अस्वतीधरयासमादिक लोकदागृहस्वा पवेशिजवामपनमादिकवानज्ञानिकरी णि वणवधानविषयाणा पक्रिमविवेकी नहर सखाबारात्रिमपमितनवतसदाआचा किमसपरि-साइमाणाप्रपारव्यानता यायकस्तामीलीमरमुनिता बैंकरपवयक RTGTHISINRN प्रक्चरबीपबश्वलीलिहाजलोकपत्रिकाबलामीथकरऽकतदेषाम लारन आतिपणानेस्वाइजरहस्खसरीबाजा
रएविषदविजापरम१२१ लिबा
निदाकरतनवराविकका लयोनविधार
लिथपणबजाधवरायन करतउमाब परिमायाालागमणुस्मिन्ना एयंणियायमुणिणापावदित दाएकरवीयमित अणिमवावरराय जय। साचवासया सदासर्वकालिदिवमरात्रि सुशीलनवफलसुषसंपदावधि मायाप्रवलि इमेजरीवारिकसरीरइजसिन कासात्याचमुक्ति आइसूर युकारि-एकदारिका अशापकारिवालवलवथवाची गमनागमयका मतल्लीनजीसनीखाजेहनैम फितारदश्वासातणाकारण तबतको जलपरावर्तक सरसावयध्याम्प ऊपकारचीलमा अगाणीयानो हव अश्वानरहित थीकैफरaas रीपीमाकर्मजमिनमुक्षकरिता चायमपालमिषोन्मपत्रमादनक
Pasमकरतीकोई नियाजसविमुक्त करना रएव्हवन करण्याइतक ॥ ।
सकसत्त्वाधीइत्या जाइमरुदेवासामिनीवदा
रारत्तावयुष्याम्प
कस्तो अभिरादि श्मकरतीको निकाल रश्कानसमितेस्र्फका
मारण सयासीलमापदाए सुणियासाव/अकामा अमके शमशववडाशादिकितिहणाबशरि २६
अनुष्टानकरचीनपहरितमानाजकरिवजाकसबाशिकारगिजराबिनाएरुवीयतनाकही दिवसनवकविकिसूतावकमजीवनामदेवालिवासपीकर पूपिक वापरयुगामहित कोई संवेगीयरुपतिकासगवनइलियाचारिमावृधानपणअवमानमानश्यामिकलकर्मभिउकयनयीभाउत्तेस्पछवाली जम्हारे उपवन कस्यसमिदमदितवणयुःकरतउश्याटिकोऽअस्पकनधारस्वाआमकाजागीयरुकवाउ० मीचा
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रखजुनिवडलद० ज० जिशिकारिणिसं परिज्ञाविवेकज्ञाननी विशिष्टपणाएतले बुब्बालअज्ञानकनिश्रमायागतिमौकारणधर्मल अणमीजिमनश्ववएश्वश्शिकही। दो दिल सारजसलकरतातीधा फककंकिणहीम का अध्यवसाय था-वश्काउंगनीदिविधराचइएतावतारा यस्तधावलीजेागजकूदीस्पश्तेषण कर सेग म सार अव्यबसूनाकारलताब्यूशन उमसारखधाइदवास्वकिव्दकवितकर रातिमम्जमानियनविशो
जजिनप्रवचनाविधकहाय ॥ पकहरवा
०रूपवदियनाविषश्वाशश्यकाम्प Isदिपाम देखाउन्नदानदेन ऊसालहि परिलाविशवगे सासित्तेऊबाल गज्ञातिसुरकति सिंवेयं पचतिर शलिअरिद कारमादिविषामा सैनिश्चतेजितडीययक्तिीथमुनितिकमुष जितेम्फकरतोलोकना-विषयकवाययस्त नाकावणमकाविपरीलोलीस्फरे। नौपापक सिनेकर्मनपरि
विवा०हिंसान मस्वरूपनमाणसापरुसम्परप्रकारिष्यधिक दिसादिकर्मनाविषयप्रवृतश्मवे आजीवन -श्याप्रकाश्विकर्मत हरणहारकिमानीवरीपन श्वती गरि विषतानप्रवर्तत करतादीनानदेशी
आपणपश्असतव्यापारयालीसानादिस नाकारणेसर्वप्रकार जपरिमजीवी ही सत्तरसिदमयम।
न्यारत्मानपरिज्ञाऽसूर्यधकारिक
धमायनउजागधाइ प्रासिनीकारण धर्ममकीवश्वस357
निकम्मर किमपरसरकवारत रिवा जावयक सिवालिसियामऊपायसदिध्यादमुणी श्रमदालारामुघगमाया परिलायसवासा सिपादिसति संज अयुतऊत सोप-काविसयमकमी अजाणतउत्पिकालियानमा बनाक्सी लोक काईपापारसनकरइ सर्वलोकविषाएक०कमानविषावि०मयममममधकाविप निवि संवेगतिरुनी
हेमादिक अवस्तिजलाजश्वष्टिप सुषाणिकारलिप्राविहंसानकर माघानीयानि टिशवायमविषएकाति रीतस्थिकीतजएतावता पर विवस्तथा श्रावधारथ एउमकरहदिवफा मकरसफकरक साषा॥
रक्त अंगरखकोई एकपहरमबत असंयमथकानिन्नावलीकेदवा कानित गीएकरतेकहरवा
जालावलीकेदव केवरूत देश मतियापाशति उवेक्षमारा पानयसाय वाला देसी पारसेकवण सबानाग एकप्पमुदाविदिसम्पतिन्न निविषा अमप्रजापणाथको अ. सिकन्जेदेशितषणलषिततेवमुमतपयसदि
आपण अकर्तव्यपापाकर्टिसादि- तो नेगवेपनीरलावताप्रकर्मपापणीक विनापारसयका निशा सावतामनिगमनयोग्यमबंधकारा
रश्नहारतलजयापकर्मभटालिवउदेश धवाजाजोकनभविषारयविशिष्टा जानकरी
जसम्पयजानतेकदेखा तममतानकर
वा अरए|पयासुसिवसुझसबसम्मलागयोपन्ना
अप्पणिणे अकरणिचंपावकम्म तानसी
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| जिसम्मतियासदातामाणेतिपासद जामाणेतिपासवानसमेतियासक्षानमंसकसिदिलदिश्रादिकमाणहिं गुणासात
सिकाइवधाकरनाasu
जिसपसम्पयज्ञानतमा सुनिनसा अनमोनमुनिनौ सावदेवतेसम्पयनानदेषजविवेकलावन नाम शानदीनचारित्रशिथलाजेमेव आपत्रकुलवादिकै कपने बानीकेदार जावादि घदेष॥
जीबीएनलेशान नवा रिननीएकाम्सवमायपणजोणित बीतेपालीनसकीयश्वजीकेण विहश्करीजेपामावतिया विषाचोदणहारक्षा परस्परसस्वारीपणाथकोएमनुष्टीनजेएइतेलापाजीना
लीनसकी
| कस्बा सकारतेकदन॥ प्राचारंग ३७
वऋचारिमायावीश्यानी य-विषयकयायादि गारदस्त्पूणानासेवादारतेणे एमुनिनीअनुष्टानयालिवान कशाबशारीरकदारिक प्रभवा पातविरमवातविणादिकतिदाधारकर्मवीदारिवासम नसकीयस्तयाबारीक प्रमादयतिष्पालान सकूपबाधिवेवाका किमतकदमुलीसुनितस्वमालारामाग कामगारीराकरणपरितेकद अल्पतमानदेलूपउविगतके हवा समसावा
कामकsantaमुनिकतावसम्हसावद्यावष्टानवतस्यसमादायादव॥ देवे॥
पहिरवठादार सेवा तत्वादिषणहारतेवेत
हरेकजणाबोकराउतकहना दिविकसमायारेदिीपमान्नहिगारमावसातदि।मुणी माममायाएकणकम्मसरीरगोपतवदासबतिवीरासमन्त्र २.प्रवतियणविज्ञावउतरे संसारथकीतामुनिबासुस्पतरसंगनासावथक मूकाण। तिनलिकसाराध्ययनरतीयोउदेशकसमाप्तः॥३॥ीजाशदिमादिदोषधकी PRASHANTHAविरएकप्तीसावयश्रका निस्ताविया०ावबापानायक नितम्रनिप्राइमकक्ष्यमतिदोपकचरनासनिमधासावतहमदाषासावन mmaमादिमोन wिas. मगधराटिकैश्नवसीस्वामिकदश्वरजवषा एकहनशदिवश्वधवउद्देमाकदियबाश्री॥३॥ वरसमा हिवता
गजनितिमाश्व देसिएगा एसउदंतरेमुणनितिमुत्तेविरएवियादिशान्निाबमिश लोकसाराधयनरतीयोदेशकः॥३/म:||गा समाहिकदम
अमनचीमबर मामानुयाधिदरताएकाकीसाधन मात नेमविश्यायरिग्यासाक अविश्रव्यक्त करुनोजेक्रनेकरीमुक्त गावकरी वय किणहीपकिससंयूमिनुष्टानविषमायावतापमास सामान जगमनधाईजानांचकुलपतिकलपEOSमसमस्तनई नयाई भव्यक्त क्रतांकरप्रवक्ततेकरियरजेणाचा बेल्यातासीरुधर्मश्चनिश्चीयापेखाएकाजाम SHANKAR सनइफफ्नवश्भरहनकापरसला किसजेहवानश्कहनाअाधकाला Has रोगप्रयधकालपनमगवगेतनानितिगनिष्पकृपक्रोधवश्वसिपऊच॥
नश्वकर इनही॥ऽपराक्रतिक हतास्वानएकाकी का
तिनश्नवापूर्वमात्रामावसणीनतेत समानुपऊपरकावरपासपऊप
जिममततदने नयाईएतावताएकाकीस्वानमपामा जून
अव्यक्त नयावश्करी व्यक्ततेकक्ष्यिजगamam मागफगामा55ऊमारमस्साऽजा जप्परिकतलव प्रवियनरम निरक्रमावियसाविपागचाश्या कप्पा मारा यनिकल्पश्अगीतार्थपणश्यमभनेत्रआत्मामीविराधनाध्यााएबीनसागउनया तश्करीव्यक्तव्यश्करीव्यूकहनापणिएकनिकल्पवाजपणानमा विसर्वलोकनपरि नामदाएपनि सामथार रबीनसागस्तथानिऋतमध्ययश्करीजेयतहमाश्मनश्अदिशिएकवर्याआधरमपलिएकवीमारकचयनिकल्याणीनिहाधणादाषऊपजइपरतदानानोगतयात्रा गगतनश्मतवइनहायुरुनामादिविणवत्तायुगऊपजातिणिोपनहीवलीकर्मनशविशिएकयुमनवनिनमानशतक25a531 अवियलम्सएकमात्र तमव्यय
करीव्यक्तते
एकच
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बा• तेाव्यक्त एकाकी ही तान इंस. वीमाउ एएक वयाप्रतिपन्ननाई अव्यक्त 150 अघमो दिल का बाधाऽरतिक्रमणीय जालना मी माघीपदवउदे व मादरउपदेशव सांकन इमम
अन्न प्रतिमाननवसिप्रापण) महामोह लमोनीयनऊ का किपदी मां इसेकदैन । मोटरमनुष्य ॥ कार्याकार्यविधिक विकथाम सकी अपनी वली २२ ली। इतेते हातिमनपर्वतश्च जाती आदि यासिवान उपाय ककनी कन्यामि बाहीसमवेतशिष्पप्रतिक॥
-तमासी एकांत
सायक ही सर्वसंग
२5 कम्मा । जा पाती अप्पास थकीविरतिमुकि आपणीमति तलिते प्राचार्यमनिवे ज०जयलाइ ततेमुक्तिते विवान कार्य शस्तानवैजिनावतां विचरताथ दान करवान करिव गुरुकुलवासिव सिव। ताजी दिसा करिकता म वतन के वाले उप कार्यविषय लादिकक्रिया गतिको स्वापवु
=तदिडीएकूदनां
कब
शितिणिनितरात्रा | एयातमा हाउ | एक्क मल स्स दे सणं । तद्दिहिए| तम्मो सीए | तप्परकार | तस्सली (तलव सूरण | जय मानल रस्कारते तरस्क 41 तथा चित्र प्राचार्यना १० गुरुकिदई उ ऊताई (प० गुरुनामवद्ध की कविनाच्यातना था। इसौनी लीव इर्यास मित्र पाल वली जन विशेष कदैन । सूत्री से० ते रदने विष अथवा तसे विशनप्रतिप्राय वरुन जावे किती कार्यबिना बाहिर बाहर रहैत था 4 पा०1 मई कहिमोक सिकुचारित्रिय सदा गुरुत्र्यदिवाकारी एव व्यापरिवर्तनके ली आहाराविषई इत्यादि अवग्रहमादिरस्ता पाउन समाजवता तेकहइन पनि पाउस से हस्तपादादिश्रवसंकोच नरविषदृष्टि विधज्मारोधकथा ॥ दाइवेदनवैयाक्वादि रविसपनपी || तष्टित हुन
॥ तथा॥
तो मज
परविवरबु।। છીર
तमालवा | उन्नत मायनार | मदताामा देण मुझति । संबादा बदवेस हो। मागमने प्रसारसाग ए० एजे श्वक्तिक फुं तेजस कहती श्री ० बोलीन मुक्तिसर्व संगवित्रतेौकरीसदायक व ममता श्रीमानस्वामास्वामी दर्शनप्रायजा लिवा ताल● ते प्राचार्य श्री संज्ञा ज्ञान ते पाइल मिकल ॥ एनल एक वारीनघादोष आचार्यसमी तीन युवते मारते ही है।
बिहारी चित्त्रनिवाईशपथ निझाई पलि पासियपाणिगाना | समतिक्कम मायेणे | १ किम्ममा एप
प्रेमास्तादिविलि० समस्त सुसव्यापार संप०सम्पक प्रकारेस्तपादादि श्वक्ति क्रियाकरतांना कदा चित्रवस्पलादीप विपसारत ॥ थकी निर्वर्तत ॥ अवयवांना वामरजोद रुइतेक है। एग. एकदाकदा विद्युणूस हिता प्रमप दिलवासे वा लताने हने कायम. काय सरीरमाया एका इसका मित्र का प्राणीया से पातिमा कर्मबंधनी विचित्रता किम
शाकादिकन इकायनइम्पी प्राणत्यागऊपन इंक बंधनधीक पायातावाला मान इजघन्य स्तितिकर्म
का लेझीम स्वाम
संकाच माणे १ सारे माणे विण्यिहमाणे (संपलिमद्यमाऐ। एगया । गुणसम्मियस्स । रयते । काय संघका सं
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कामको मिसागरोपममादिवितिनां
5405अन्सिंवेदना न विवडते ऽवयवश्वे | जेाकहिक० ३दारी आगमोक्त कार एबिना की धकर्मालिघातादिक) एवंसे- इशाप्रका नाना हिपप्रवर्त्ततांकि स्तूपादादिनेति मतले स्पंकज मन्त्री जे काम तेज्ञपरिजा इजा ली (विवेग मेतिक हताश विश्व नमाजे रागलिकही स्पर्शमा विघातकपने जघन्यस्वति को कायसे घटादिककर्म करते जलविषाव कर जेल ते कर्मपाव ॥ स्पेने लाइमकारिते शाको दिमाग पर स्थिति जस विष एवादिवाटको कमिजेक हिव सोपरा पिककर्मन श्राचारंग इवावेयर तैररुबड देषा "३८
तेरे बा
विलाएगतिया | पापाउदा ांति | इहले गावा गावा व मियं | ऊंच्या हि कयंकम्म ( तं परिणाय | विविगामति एवं प्रमादनाकरिव दत्राविधप्रायश्चितसम्म सात दसी कहताघा १०६ जीवर षिवानो उपाय उपसांतकषाय समितक स० ज्ञानादि सर्वदा संयमनैचि करे वली स्त्रीच्या भुटानविवेक पादिन की र्त्तिकताकतिक कर्मनो विपाकमतीत जाइएतावता यावस्थित नपस मावि रीसमित करीसदि यो दिनाश्र विदवी ती में कर गलधरादिक दिवदव वर्तमानकालीन ससारस्वरूप न देषणदार व ॥ 3. इदेवाहीर ॥ प्रमादरहित ॥
all
3 गुरुसमीप जपेरिसह ऊप सतप्रमादनि अस्फकर कर्मनाक है ॥
रसपमा एवं विवगंकि डंति देवी ॥ ससीप्तपरिमाण | उवसांत | समिए | सदिय/सयाजय/दहेवि द.स्त्रीजननो उपसर्थक रिवा मइउद्यतदेषवि० कदमध्यालवर एस० ते एस्त्रीजन परमारमिक दत्तांश मोतिलकार परमाराम ॥ जा० जेलो इममुखी श्री वर्धमान स्वामी अवध अध्यात्मात स्त्रीजनमा हर फकरम जन जीवत आराम स्पास ही जिलिका र सिमटा कमांदिस्त्री मारूप इसउजी साय जे सापडे कब मनी प्रशानीतमा र उस्फेकरिस्पर। अथवा स्त्रीला नास्पविना सादिक शकरी विदियास विमा सति किस३ ॥
ही बोमवी॥
रमाई ॥
प्पडिवति । चप्पाशी किमा सजाएगा | करिसंती | एसास परमाराम | जाउ लोगं रस इचिज | मुलि गाऊ एयं यावदितं
उच्चादिण्ग्रार्मधर्म कहताविषयी
थाइ | तथा। मोद० उणो
निर्बल सारांत प्रांतादिकजे। गुरुप्रसृतिसीपवीत केरुन इष्यते हनौसर करुती मिला थाइते कदैन । रथाइबलमा सावि विषय न पामथाइल प्रीतादिदारी
दरीकर
२०
अनादिजमाएगाम्शम्मदिं । विपिनास । विमोदरियं कुछ विहंगावाडा श्रविगामा गा
तथा। उंगल० काउ सगनीच्या एतत करतो विषश्वपसमैन दीन ग्राम परिहर5 किंवा तपनासह || उपाइ विषय थी इवा निवृत्तैते उपायकर
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पर्यंत आहारमणमा तयास्त्रीविषईजेकाऽपहिलोमनप्रव -स्वीपसंगवसतनैपरमार्थजाण अथवा उ०मुरबादिपश्यि००एस्त्रीमाबंधकलदसं
Hश्वपरिदर इतस्फकारणजय तानप्रथममर्थउपार्जिबानका जिकर पदमलचिंगतानीवरश्तथा यामतिनाआसंगमबंधते स्त्रीविश्मननकरिवठतेकरुवा मणबालिज्यादिक्रियाकरतापनि
नाकरणहाराज वामीनातपादिएइदताकनाऽरवरूप कथा तस्वीस लोग थकावहिलकर
रीसससम सागिश्व्हास
रियालिलिका विश्मक
मजा अविश्रादारांवाचिदिका अविधएश्वासमण चंदकायबाफासा पुच्वंकासा पञ्चादरचोतकलद
monas
संगकरासयंति परिलिहाए।प्रारमित्रा)आणावा अणासेवाएनिवमिसाणाकादिए।रणायामणिए णासप
हतसुषावदार म
हिऽदसवपरनवनापाथन आत्मामाता अगाविषयनाअनासबवालणासन्तलासगनापारवागावातहनाभगवतस्खासाहता बित्रिरशएके
कारणस्त्रीनसंगमालाचराभाग १श्मीषवा इत्पभवलातपारहारखाना
Januasmसनीवलीतपरिदरिवान334 नवयकथागारकथा पगादिकमदेव म्वोधपदार
नवनकरे। जवादमीनी जाणीन
कब॥ करवा
Hits यरूपीधर
ऋतमचन हयानिमतमा लातेहनविषा लोकय स्त्रीनग्वेया वेचनिमात्र अस्वीनानागनै विषै सदासर्वपापपरिव एथमि एवोक्तम | SHRESTHAHERNare
वज्ञलिकारणि लिवरजावन ममत्वन कर०क्वनकर करीतनवाला मननीसवार जेहाना
निनसावसावलिजदउश्मककबउश्रीसुधर्मस्वामिनवचना राषऽतिमा
मनने प्रविशन वश्नदी। ताचारित्राप्रति कला
एदवान दत -प्राचार्यबजीव
दृष्टीतकरबर गयाकट मउपदेवरा तिनीजीकसाराध्यदेववृदिशकसमाधानादिवश्वमउदेमउपारसीबैग सेबेमिप्रसइतिवधार्थनाणिवादिव इदानीवमेगीजापबीतेमध्य मसागपदव सपउसर्वक "बावरताचवदेसरश्रमताएकाचरनमवापदेषाम्पतिपरिहारिवासणीमााचा आचार्यजस्वीतेकंसीकर बजेदयकी वाणीनीकलेबनावsamमाकमले उपसा लीभावार्यक मावासकायसवाकरिवीहवसावणदेवाश्कदाबा
माउपदेशमअनुसारिक ज्ञाता शीतोदानाप्रधाहनीपरतिमाचार्यक्रासिमापचपकार दवबा
श्रीनाईयस्तम्पहिलासंगसरीषउजेहसाणाल आवारवाहित
अष्टविधाचा
लायनर सारए णममाएरिगोकयकिरियावयाल अशप्पसबुडापरिवारासदापावयंमागसमएवासिझासितिब झाविदशलक
मितिलोकविसाराध्ययावउसिकासमा:laajासाबमितजदा। अविहर।एमिलिवित बनामपदास
पन्नमत्रीसयुण गुणमममाधा रनिर्मलज्ञानिक
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श्राचारंग
३
समलमा गिवरी कदाचिविशेषन पाम ने सोफिला जेट 3 तारखे) सो०र्थना देवाचा मानपोलीना निर्गम वली कि वो ०3० उपसा तर जिउन मलैयाको श्रम विशसदितसदाति श्री नाना प्रकार अलवर जीवन राषमता ॥ तमाचार्य
बइ ॥
पाचार्य सर्वप्रकार या० लोक मांदिया महर्षि जे०ज्ञानक करीतिगुप्त रहवादेषिश्मश्रीगुरु इव्हसाब इमदेधितक आगमतेाई करीम शिष्यत कदम थावली याचा. थकाने साहसरीपास
हिसरत प्रागमना जाणवथावजी कवा
ए
ममं सितो मे | उन संतर। सारस्क मागो चिवति | सो तदा मझतेि ॥ [सपास (सहतो गुत्ते | या साला र मदे सिला।।। जयप
तत्वमाज तथा बली के हवा मम्म० एम जेर्वक दुकतेसम्म कालस्त० समाधिमरणकाल तेह नैका इंत्र सिलाम साकमो | वि० गुरुक है प्रर्थम विदेमेतिविस्वमतिम सद्या मध्यस्थ जो कमायमानुनियर जयंतिक हो उद्यमकर नाउदयय की वाइन जालाई स्पजालि बाई लिम वअधिकारपरिप्राप्तिविषमकदमकॐ तन किंवा न थी व संदेहास दिवच्या अधिकारक ही शिष्य मी व्याक मा० सहित आत्तिई ॥
लामा पारसोवरता) सम्म | मेटांतियास द | काल स्स | कं खाए | परिद्वयं । तिमि||वितिगत समाव
समा०विन स्वस्वपनदनपामै सिया- एक सिया छत्र कुलत्रादिक बजे मि० वा सिरहितविधिकित्सार हिताचा एतावता संदेह इंजेन डोलते ककर्मतसम्पत्कमार्थ कहता आचार्यको सम्परूप आचार्य नाष्प तदतिकारी मा मामि ॥ जेकम गृहस्व किवा दर तथा वजे ॥
था
जेावार्य नाम देशनानुसारिवलकार रही अथवायती तहसहित कोई एकसान क्ष कादितमानस तिहा संदेप्राते किम निर्वदनाऽपि पामजादे निर्वेद कपन गाम ॥
यतरह
प्याराएं। रणाल लति। समादिं सियावोग गति सिया वेगवति । चमापदि । प्रण एफ
निर्वि333 साथ जिसमनजे सलीमक कन्हलियन नाचनीनकट कानवेतिक है। सावंत ने सम• संधियसाधा व्यते हन अर्थ जाणतो निशिकार स्पयन इमनिन्दितावासमाधिकमाझ विषयादम करित सम्पकन्यादरतो ते विवित्सा उपनेता व उपदेसवोते है सीतसम्पादयतेविना अनैयेथिले द सन्पण्णा विज्ञान श्री नयनमन इस सत्यजिने प्रवेापदेश वर्तमान तामइया भयका श्रथवा अलावा कानमंलव कतमेवम. लिट इज सम्पति बोक मदद रसिज जिन वीतरागे श्वे द्याना नितेपरिणामनवास अथवा नन्पपल अथवा सर्वानाव ही सणाकरिव सम्पन दिवसानाविति विवित्मा श्रीपरमार्थनाना परिणामी विविदिषा ||
विरमा एकदेन गिजिति । ताम व साञ्जेनी सक। जजिदिप दियं । स हि स्म । समयान्त स्म | संप जयमाल
नूर
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सन्तेयायतनाजिमप्रवधानविसमि०सम्पयुएनवउमानताना३| किणहीएकनत्रज्यावलाश्रघा एकदामनश्कानिगहनमादिध्याकजि || किरादीकन यदिलउको 1.एकदाउन्नरकालिकादिरदिनपणासनिस्पम्पयनअनुमारियरुसम्पकमानता तमलिनमियात्वन उदयासमिएकाक्षसनलीसम्प मजतीर्थकरसाषितविषीकामऊपन॥
न
असम्पक ऊरएतले कामपजज्ञा साउनदीइसउमा
मतान
स्सासनियंतिमन्नमाणस्स गयासमियादाशाशसमयंतिमन्नमाणस्साएगदा असमियानाश असमियाम
तरकालियरुपदिशप्रमाण मिथ्या शाधाकिरणहीएकनम्आगमनश्यमाणपाइएकसमश्परमाएफयानजी बपरिणामनश्उपशामिसम्पकधार कनगमश्नरत्यादिसंदेहमानतानश्चरकालिणकपरिणामनउदक्ष
असम्पकथाएतावतामदेदतेदवकिधारशताजा
तथासम्परएदवमानतानश्चीकापी रक्षितपणउतिसावयन्नस्फ सावतांसम्प
S
esare
म्नमाणस्साएगदासमियादाऽअसमियंतिमलमास्साएगदा त्रसिमियादोऽविधासमीयंतिमन्त्रमाणस्स
अनवा असम्पक चिौधरुननिसकपणासम्पक तथाश्परतेतस्नैनकरुवाशतिमदांधण तेवधनसम्प अथवाअसम्पमतमुणतेहनतेवस्तसम्पयन अतिचिवसम्पकजथा जिमश्या जालिवानथापहिलअसम्परएक्शन
जिकक्षवाइसिदाकारणकदन॥ पिथयुक्त किवारप्रालियानच्या असत्पएक्वा
समियावा असमियावासमियादोतिववेदार असमिटातिमन्नमालारसासमियावा असमियावा असमिया।
७.एस्वधीत एतलेजेनि उहजेरुनीश्रागमनअनुसानिर्मलमति एल्गा ३०विधारिजाशासम्पकमाविमनस्वपणो नौगारी प्रवाहवाश्मिकरीसंथमनेविषयद्यमकरमा मसाइतेहनतेतिम-जसे करीषवादपनगवानुगतिकन्याश्ऋतुमारी अवलेबीअतिवीकारिस्तनौतापक्व चव०३मकरतिसेयमविषऽसेधिकर्मनीसेततिरूपाका पाहिजेसम्पक जाधीसम्म हातिमका अक्षिपुरुष जीवाजीवादिप्तत्वसाधनबहाअथवानधा पायजाएतावतासम्पकत्ताविश्क्ततीकर्मनउ कमददैसम्मकेना निराधणे उपदेशदेवासम
- यथाइ न्यानथा। सूत्रा
हातिवादरण। अवेदमाण अफवेदमाण व्याजावहार्दिसमियाए सतिश्चेतनसंधीकोसितमधति॥
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सितमम्पयवानिवपत्र विव्युरुनीमप्लास्चितर सानहानेजगतिकते. देवीमकरिबौकिसुतेका बालसाविमसंयमहविसंजाललेएकनेकविणासिसुतेही घावंतनिःमकहन षेतिस्फमकलमारिलाध्यमादीननेय यस्यापणीमात्मासकलकल्पाएनौगमनेरुपमझमहाक जनामसलावनाभनथनिमस्तपादमस्ते
चाखिनविषज्ञनिपर्कएपपतझाम नाबालानुहामनजकरणहारमहासश्त्यका बालजीवह कादिअवयवंततिमय,masनहार आधारपल्ट
तीशकानातहनासावटालिवासलीकबरालिवावाaas.
प्राचारंग
Malayrसध्यिस्मानियस्मगतिसमणापासदापनविषाललावा अय्याग नोचवदासका उमंसिनामसभेवाज
जिमउफनताहरौदणहारदेवारकउपममनिराननीवघ्षसशक्षामना तथा+मे० सततिक्षाजलश्नेनै मजाक०दामाविष्यलावपालैमाताद्यमापणसे लयद्यावयतरामानध्यातनथापरतेनाआधाररूपमरीरस्मोवियोगकरिया इस्लामाकमियतपद्रियालिनिविधेबलचावासनिश्वासमथान्यदायुःषा aaगवशिकतासिषावियोगीकरणेव्हिसा १६तिवचनातावठनाणीस
प्रस्थिवमानबाधजीवापणमरीबाजालिवाथाग
इततिमन्निसिमसिनामसञ्चवाजअद्यावयचंतिमनसि उसिनामसभेवाजयुरितावियचतिमलसिवमसि
नियर मावश्न
तथापितिदरजनतिनैपचीवनपायकारकाविवठची श्रेजुपयसाकएस्वावतिषतिबा तम्हा जिलिकारिणहणीतामयापणस वतन जनिमनुफनाऽरवऊपजऽतिमएस्मरणम्प धरकरीपतिबुकाजसर्वजीवनश्मापाचव्य मोडवथाऽनिकाणिजीवन प्रापल जतालिमत्रोणीसंकरिवउतेकदा करीओरारमनजीवसाधजन हणेन अनिरापासणविनहार
एवउनथाज्ञा Maa अतुमाना
नामसंघवाजयशिघत तिमलसि।वातावबाजवेयवातिमनमि श्रेजचेयपरिवजीवी सम्हाणदंतविणवि
रुपबैतागववकिणा-यात्माइएसलेम्फसेकजेमोहनश्ययनराजीवनेवीगाउपजावितपनेआपापमोगविश्माजी जेलविजेतारमत्यादिक मानकरीमागतेया लीजेहन लहानपक्षालवएस्वप्रार्थना हिवरदिवानेयायुकदेवी नामक आत्मानेजेसुषषादिकनौजाणवेतिवाजिनमा स्मारणिकारितामात्मानमानसिग्नन समाहिमजबकिंवानेशरिएदवीआसंकाऊंपरिकदैबाजिनाया नेत्रात्मानिसउपयोगसकसिवि०विज्ञानाधानिमत्वदनापलपेपकरीश्रापण पतिजाअनाजविज्ञातापदार्थनपरिमानरुपयोगतात्माथकीजामसिन्ननथाशनकहब॥
जामताकारणाऽसदिचरान्तिदि नयीनिमात्मानमरज्ञानोद
४
शया प्रशासविदणामय्यारण देवानासिपबशाजासविनाशाजविनाया सायाजणविजाणार
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नयोजनामाअनरअलेदिस्पनूमाऽतक्रवातपवनेशानपरिणामआश्रीआत्मातेएमजतानकरीकदीयानिasaदेसोपारसीयश्चशपांचमश्छदेस मममितानिअवधिमानीमनपर्धवज्ञामीकेवलज्ञानी जनानामाननएकत्वजायोनेकेदवध्याइतेकदैवशएम०पय स्सरीबाप्राचार्यकोतिहममिवारंकमा थास्वतन्मात्मवादाकवायतहमाम्मम्मयतावश्करापयायसयमानुष्यानरूपकत्श्रानभूमीस्वामिकहनावारजवरित्यागरागषनीहाणिसंसाविवर इहाएस समापिनासन्युतिमजबूप्रतश्कयो।इतिश्रीलोकसाराध्मयनेक्चमोउद्देवाकसमाप्तसंपूर्ण विश्रीश्रीनार अधिकारखशातेका सायातमुच्चीपरिसरवाए।एमायावादीसमियाण परियार विद्यादिपन्निानमितिश्रीलाकसाराध्ययानयंचो आणण अपकइंडियवसग निजागामारआपण श्रा तथाएकाताश्रीवातरगोपदिष्टमार्यविष मी एवंशाक्तव्यथवााना एऊस श्रीतीर्थकरदर्शन तदिऊमार्गबाकि अनिमानियस्यस्तएरुवाशाणाकुल्लीवीतरागनीमा श्वश्वपरमपरंत्रालस्पञ्चव्जामाहाकान्यिा झाविनिरूपवान अतिषायाजाणिवली सदाआवायरस जाविनामापरवानवारित्रमायेप्रतिपन्नतिमुरिवमहमा नेपालश्रीनिनपलीसमावि निरपशनमदावा आजाविषरेसविस्वाना रिपनिaadhanrimentiMANGHरपाजिकरविकसरल्याकियनेकहबकमा many
जहasu जनावद्यानुष्टानिवर्त॥ नोअनुष्टानसन्माननीषमाएवमुगलिनाकारणउम्
विनिकिमातदित हवाक:anाणाणाएपसिौवनमा अमाए।रागतिरुवारण तातमादायंक्रसलादयणातद्दिछि समुन्तै प्राचार्यनीमुक्ति तस्सनेमाचार्यनज्ञान पदवानिध्यनेम्पायणपजैतेकस् गसिप अनकल निराले अणिमसारमा हिमातापिताना अनसिनतना निरानवपणाने निलेसिपणाप्रतएव युनातरिशमदायुमक्कन तरीकरीपरिमयमयंजीपी पतिजपमयहि कलत्रादिकका जीवनालेबननधी थाइएकमतीथकस्थवाग निवानपु० तेव्याचार्यन वासी।
प्रदकहलाघातिकर्मवश्य वरातिन नरकादिपडताएकजिवचनकालीएराष्ट्रकशिष्यप्रतिकको सर्वकार्यविभागलिक अथवातत्वदीय
त्यवतलावाममययाति महमहासघातककमा अबदि सव
विवलपमर्गनवजीपणकारकिसनबाहिरनमीएतावनाम प्रकाश मुन्नीपातप्रकारातस्सम तमिावस असिस्यश्रदस्कूणसितायतनिशनबणयागजिमदाबाद
सहादिनीपणन १०पवादसर्वजनपदेशाजाणश्ने एजाणिवपत्रिपकारिदेषा।सहसं जाति अनियनिराप्राचार्या कितनइसमीयिसंसलीसावउनबजायजाणीवपुंकर घाइतमात्वउ राशीमामासर्ववादमुक्तिविकतूप स्मरणादिकश्तथापरतीकिरमवयागरण श्तेकलिहिंसानिर्देशकदमीतीर्थकरादिकमउपदेशने अतिक्रमऽनही उपवाकमाण करीनिराकरइएक-श्रीनिमोपदे यथास्विताधकथमन्तगालथानावनातदेयकीविपरी-समतिनकर स्फउकरीना मेधावीपति
मवदिश्वाद
आचार्यनीवरंप वामम्पककरीजागाश्त्यर्थः। मरणापादणायवारंजाणिज्ञासदममईयाए परवागरणेणे अनिसिंवा प्रतिषसाचाणिदिसणातिवातया मे कश
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सुप्प०दिययपादेयप इसकी सर्वप्रका कर श्री जिनवचनसाचा करीस किस करीन इस ममेव सम लितालीया काव्यक्षेत्र का तलाव रूपक पदार्थ सम्परप्रकारिस्वतीर्थिकपरती र्थकमाबाद जाली भाइरामा मिनुष्य लवी पर जारी परतीर्थिक वादनिश लोकमाहियाराम परमार्थदृष्टीने र तिन मते संयम कद वातेच्या सेव
वारंग
करण ॥
नपरिता ॥
दादी उपलहिया सह । सुखाप) सम्माम सालि जागिया । इद्वारा मं । परित्राय श्रीगुत्रो परिचाए गि संयमी बोयोजन कोई न थी तथा वीरकर्मविदारवासम उतता कर्मः श्रवधारते हो विषयक पायरूप जाणिवा ते ० ६० एते० एवजाकमीश्रव श्रीच्या० सर्वशप्रीत याचार करी सदासर्वदा का लोकमार्थ नामक स्त्रीविषयीचा प्र० सवना इसक पराक्रमकर शिष्य तक बरपराक्रम करिजोना सिलाषी ति• मनुष्य तिवादिकनामुषा तिला मध्यवाजचागिरि वाहन उपमा कला तिमिर बेसुधमीस्वामि वचनादव र उप● देवादेव शिषरीदिकनी वान गुफादिकत ला उपलोग ना स्वान कविविधना इजिप्रकार अर्थ स्पातली तेक हई ॥ वाचनिराईपाप
ना प्रकारका ॥
हियतीवीर प्रागाम सदा। परिकमे जासि । शिबमि (उद्दांसाया | श्रादासाया | तिरियासाया | विया दिया। एतासा
एनाकारण बेजा लियान उसंगकर्मनी
• आर्चरागद्वेषविषय वेदनी कहता मनोज (ए) श्रोताश्रदधार विपक दत्तालि एस० ९प्रत्यकक्षमा क क्रिदेष देबी स्टालिवाली मागम करीस रुपया उवे० लोची विमानाश्रव वाली निश्खम्मको पालना कर्मघातीयाका पराक्रम कर संयम पाजवली जान उनि विनिवि द्वारनिरोधक २३ ॥ इतवारित्रले श्राद्वार तयाच्यारिरहित तेजा
शेषकद
इ॥
लसेनस्फयु एतेक दमकललोक स्वरूप विशेष थकीपासंतिक हतासा
याविचरकात्ता जहिं संगतिया सदावहं आपदा | एच विराम जावदवी दिए । सायनिस्कम्म/एसम्मक्षेत्र
मान्यथकदषतेजन्पन्न कृतिमत्रा नित्यमार र वापि चाल मनुष्यलोक ज्ञान मानवतस्कर चीन इंद्रियविषय सूषमनिस्पृद बालीयानी प्राग सिंगतिजालीम कब तिहाइ नामावली इजना रिज्ञाइबर निराकरइतिवारतेने नसे रासूरनशदिक नीका जापामी म
रा करीन ॥
अजीत बत संयमानुष्टान विषयव के नियही कहता मोहनम थी। श्रथवामी झाजेल समस्त अर्थ प्रयोजनए
प्रतिक्रमै तेस्फातिमामानेर म ते ॥ इदमहम कहती मार्गी लावता कर्मतेषु पावशते कर्म व पीन || वि。प्रभारुषार्थ पाइतपयमा नुष्टानन विषा
गुलक है।
एप
४१
कम्माजा पनि पासति (पशिलदाए | नाव कंरकति | इहागता गतिपरिणाय | अचेति | जाईमर एस्स वहम मां वि
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तिमोरकटीउतिको बधयात्राप्तधालेका अवस्वानश्रीजवानकरीकदिएमती ममतव्यापाखिदार्थ उपएकत्रान्तिीय अनिदाऊदारिकमउअथवाका लोकनारिणी र०एकातिकनिश वाध्यादेषामश्नरामबि सर्वसमस्तखरकदतावाश्य क नीतिविवाएतावतात्पू एवेंजीयमुक्ति मउप्रतिष्ठाननथीतप्रतिष्ठानका प OT बाथमुषतथानिय एतावतातिहासाधकोमध तथावलीकाकार, कादिकविजप्रकारमनिराजाज्ञनिवारक स्तोमोहमउ रव०निधनलाJIMAR is नानपदार्थबीविसर्कऊपाधीमतिनिधीजिकाएरूपउतका गालियाका यहाहरनमशहम्जनशीविजन निमत संपन्न मथातिवाकिस्यकियाऽस्वितनथतिकोऽनिहला कलाकारल्यानावस्तार कस्वा वानर
पियसिपाथ विरकानशतायावसाणियहतितका विद्यतिमतामणगादिया/उप प्रमतिमाणस्सावयन्नासणादाद माहाक वर्तमकाकउपसिधायप्रगष्ठकतिपरमपद वलीमाश्रीहन मालमनदी तीनदीपीसउन धवलानहीएतलैये गंधमाश्रीमुरसि हितगमन सिविपदपूजसअनजानदीनापयुक्तमस्ताना
अनवाकर्मर श्री. दीर्घनदी स्वहीवाटुलेउनहात्रिकोणानही
ववर्षदिता गंधनही।
हनुमउगमण चउपाणनदीपरिजन।
एल्बौदेषाम
नद॥
रासाय
हास्साबाहाणतासगावउरोमणपरिमंडालणकिरणदाणनालाणलोदिए। पदालिद मुक्किालाणसुरदिगाधारण
रसिंगधारमाश्मीति काउकसायला बाउनही मकाहीरता स्पर्शाश्रीक सुकमान सारीनदी हतुनही शीतलनही। उन्लनहा चोपजनक्षी॥ नहायता नहाहीही
'बनारमरदिता चरनदान वागधर
हित
उरदिगंधणतिन्त्रकरणकमाएपबिजमऊरणकखडे/गमउरणगरूपाणलऊपणासीएगाउदाणणिछ
"
नश्मलित साहित
उचामहीए नकाउकापासले कर्मनामावि मयाअनत नस्त्रीरुष नपुंसकनही तथ्यापरिणसर्व भन्ने ज्ञानदवीनामस्वरूपसुक्कामा अन्तेसिवनीसनाविद्यमानता नावतास्पी उपावसमहीएत नलवावतारी पाथको ।
आमपरशश्कीसव विशेषजा तिनाणीत।।3-माकारैमएशकवानमा विश्वस्वाइपरताव्याअर्थव नही लेज्या सर्व माविम भव्य संगरस्त्रि
Mलिकास्वरिसकहानिया लक। मुक्तिचितजीवनउपमान जनवाअवस्वानविशे
अश्नतिस्नाजामानेसुषउपपमानिलियपदेत अपदना जगदी सरतेय
saharanमानथी नवतेमपस्फसरूपतेकरेवापरनथीनामपरताव्यस्मासिस गनुरकोणकाऊ रोरुहे साग हाइबशिसानअन्लापरिणासन्न अवमा विकृति अरवासना प्रय SH अथवा काउकहनाकाव्यमदितनम्मी निमविदोतवाभिमएकमुक्कामानिसमर्वकर्मषपाचननिकाटामा हमसे मिनीमनीरस्मा ममाहिप इसलिममुक्तिएको
यजिनमासनश्मनथामिहिकायरहित१०जीरकारलऽरअवतरक्तं शानिनधर्मतीर्थसंकतीर:परमपदेगत्वा गतिश्योक्सितीश्रतिकारतः शिवधनातातिमाहीमधीमुक्तिगयडवलीअनवरश्नही
STARSAESS2Ssdhae25E ngsatasat
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श्राचारंग ধ
नामादिके बोलावी तेजा रूपरसगंध स्पर्शमां दिल से कोई एक कुरते बोलावी इयत्तमाहि एक ग्रीतेषा ) पंचम
लोकसार सूतमय ममो कूल ते कुर्मणिवा है वै। यद्यपि पूर्व इनसे इत्यादिक विशेषय की निराकरणको परे तथापि सामान्य की निराकरण करे बस नाम था इलिकारण नाध्ययन कहते है समावरून श्रीगंधी रसेन ही रूप ॥ इ एम साइजवस्क मा ले माहिते हम निषषच्य नेरो को इविना देवतिमा हिलो पहिलो दिसा प्रारसी यैवशा मारा यमेबोटे करतल शेषता विदेसी नाम रुपक दीयेत्ति श्री स्वामिकाते देती सल्फेतिमक से। ॥
1
य
युस्सा ययन चि सासू
रुगा गांधी सेकस शचताद ति त्तिनिमि । इति लोक सारा ध्ययान पष्टे दशकः जे कमाकर मनुष्य लोकमादिमान नृतिपथ की धर्मदेशना प्रगट जजेहन केवली अथवा कृतके व जीने मारुती माने कोई धर्मन कवीर्थंकर मानात वमनुष्पविषा वैश्यकनदर्शभित्र परिज्ञाययनिताषी जाति केंद्रीयादिकते सामान्य बली र तिवाय नाभीत के न करणारे खाते नरमनुष्य कला विपदान कवि सर्वधक सर्व प्रकार सक्ष्म बादर पर्यायी वली कहते स्फे ज्ञाता जान इजी वादिपदार्थ जाली नतेन कारण। इ० धर्म कदे निमशाद उ । इत्यादि ॥ सत्यादिशंकारहित ही परिजाली इतेषयते ज्ञानमत्यादिक पंच से के वज्ञानक नीम करीत
१६ व ६ : ||| खुश माग | इहे मागाव | श्ररका तिसार | जस्सिमाउ | जाती उस सुप मिल दिया उं | सर्वति । पारिवान द्या मावधानतेन से हमे धर्म है। स० सम्पकसप संयम विष १० प्रज्ञान सम्पक जाए| वलीतेहिविशेषक देव निखे निक्षिप्त मुक्या मनो वचन उद्यत न एतावता एक पण उजेहमादिव काय रूपजे एवानधर्मक॥ ॥ ॥ ॥
० अतिथिश्व मानन धी उज्ञानक ते केदन धर्म कहते कह
चित्तना
तेह
मनुष्यलोकमा दिसा दर्शनवारित्र रूपी यमु किमाका दिन धर्म करती एक लेककर्म
खास पारण | म एलिस कि हूं। तसिंस मुठिया एंग। णिरिकशदंमाएं। समादियाएं |(पन्नागमं तान् । इदमुत्र
तह मादरी धर्मम उद्यमकर एकवली विपरीत प्रवर्तक है सीदावता धर्ममार्थन विष पान हितबुद्धि | विषसीदाइतेका एव अस्ति श्री धर्मस्वामिकल सेवे निरुद्यमवाम्देष ९६वा विवेक जोवनेकरि ते कर्ज तारकरी रवचन मुक्तिसहित बोल उते के दवा। 3 दिवैशिष्पन बस उन्हें सौ सि० जिमले का बाद इन विष हमक विनि० गोध जाग विवि एम्हर बन से यमन
इति परिश्रा तीर्थकर धर्म कहते एक प्राप्तकर्मविवर हवामहावीर विविध नानाप्रकारिसंयमरूपी 3 संग्रामपराक्रम इंद्रिय कम्मरुपीयाक्रम तथा सामान श्रीती किर धर्मप्रकास कि बत। एक प्री बलभी न उदय
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म गंगे | एवं एगेम दावीरा | विष्परिकम्मति (पासद एगे विसीटामा ए| पन्त पन्ते साब मि | सजदा वि | काम्म द
des
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विषा
प्लासका पानतपन्नमम० नीकलवान उति | जगानं मगनामा शीतवात कंपन कुमारादिवेदन रदाकर्मणमोटन संजनरूपनिक वासन पाम॥ उपवसहता ई सेनि० स्थानक मधीन इन ही टोल हक भी उपमा एकतारीक मीजी वाकवचनी चलन विपना धर्म रिवायोग्पादादिक विषयनविष कुरा सावार्थ थांबतो शारीरमानसी दिऽबरेऽखिया राजादि उपद्रव अपव्यानि कि मिदादा दितथा माध राज्य
|२९| विविधवित्र । यबन्न पसास | अम्मी सरणाध्वसति | तेजगा| इसणिदि से रणावयति । एवंशग ऋणागे रुवे !
नौमारवा करता समस्त रख्नौ दीनला करे होतात मात ९वा बतातेषामाजीवनिः कर्मबलकी मो हतेऽषथकी लुटेन दीसिहांईज पोऽष लोगवे ९६वी सावजी शिव आचारण्यवासन करते देवएवेतोग संयोग नै अवसरमा बुटि पाइजोको थारूपादिविषयास हिवेनानाप्रकारव्याधिमधा संसारमा हिजलीजि अश्कता अनेकाम ॥ कन९ व रोगादिकट को जीवतेरुमा कमवियाकने ३२६ नरकादितिष मंत्र का दिवै पासलकरुते व्यत्पा दिदीनपत कर ॥ ततानकदी नम्वर के कर कर्मकीलितेविषयक दुती पाक में लोग विनासली जातीक हाती ऊपना जेई
हूं। कालहिं | जाया | रुावहिं | मन्त्रा (क खुशध गति | निदारात तणाव संति। मारके पामात हिं। कालदि। मात्रा
कर्म अपनाते हुने प्रवचनोगते हैगी वातपितले मासं निपातना ऊपनी चिऊं से देते मानता दोष थाइते रुथ की कपगलोटो एकल । ३० उदगो हुनाले दतेदमा दि कहवा ते द्योतक माला वाटते कि शाराय० रुपये बोअथवा एक हाथ उन पतेक रोगी की लोदरमात्र माया साध्य कि गाउयत इत्यर्थः श्ररोगविवेक विकलेत्रम किस्तायाम् । तथा का• काप तु ० ॐ २१० मातापितातिनातिविचित्रताब शेषले दुसाध्य प्रकार एक गतनार्थवाजन्मपाम्पाप तथा किमियनांजापन सर्वशरीर, उषधकी रोग तथा ॥ ॥२॥ इ॥पास देबि शिष्यप्रतिकथन श्रवयवमवस्थाइ ॥ तथा तस्य मूकमा मलउ कर्मवशि
एजायागं मी वा काही रायसी मारिये । कालियं किमियं वर / ऊणित खुजितं तदा || || उयरिया सम्
जीवनेर हवी रोगथावदोषास जोफिदा रहो रोगी थाइते हाथ का मिलि श्रीपद रोगवेदन प्रसाविपरारिवि प्रमेहापरते सर्व मिलिया साध्यावस्वाईमक मे हम लैपऊ निरुध की सर्व रोग गि० सम्म टनी पाटलीही अतिकृतिलोथाइत्थामम च सोल० इलरिए सोलरोग विशेषजेस काळजी व पाल्पा कुनामव्यामविशेषमाही अन्यथा वालीनसकै कसरी जेन उते मऊ महल · अनुक्रम कसाथ दिन आतंकरोग विशे उत्कृष्ट पले उपजे देवविशेषशरीरावयवदाताकहवाइ हवाद। \\२ बजे तत्काल जीवन व्यतव्यनै घातक भूलादिकजी शिवा के पिता पीठसप्पै आली ग शेष
येवरणिय व विगला सविनयं पीठ सप्पि | सिलिवत्तिमऊ मऊ लिया ||२||सा उस रात ारागारकाया।
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मापक तांगाडा प्रहारथ की ऊपनाऽरक विशेषजीवन फरम्प | मरणप्राणत्यागलाले उपपात निवास व्यवन दे बताना राजा तिकरिव एाईगां एतावता ते सारी कर्मा जीवन वासिया चिरान चीन ॥ समंजस रोग पीकाव्यान२०
कादिरोगन तथा रजन्मनाव था एतावतान ऊप जितिम करिव3 ॥ परिपाक सानावरणादिकर्म न विपाका लम्चीन र तेहन 53 दिवाली यन्त्र करिव वलीप्रांतीया
३
आचारंग
"घर छासासंतिकार्यका का साया समंजसा || ३ |मराति सिंसप हाए | उबवायूं व वनचा परिपा
नई संसारमा दिवैराग्य कृपाविया सालीयाके हवा सलीक है । सुते कर्म विपाक विकलत यद्यातप्पकन कहता सील कसाव का विवक दरब5 || ४ विकला
नमसि० नरकादिगतिविष व्यवस्तीत ) सड़क हतां कवा लोगवीन पाने कशी तो मादिस्पर्शन र ति कलाश्रतमेव कहता हिजच गतिर लोग नरकमा दिएबाबप स्वागारिका काऊपनी रमा धार्मिकादिकनीकीधीवेदना इत्यादि रखोगव वार रुव
पेदातंाददाता||||| संतियाणा | प्रांधांतम सिविया दिया | तामवसई सई प्रति
उद्यानए फा
बु० तीर्थ करते प्रचे द्योलाष्प वृत्तीजे | सं०बाणीया के श्वा वा सा पाल धि तथा उदकनै विद्ययाली रूप केंद्धि महोरगादिकतया येषीया कला एकपालमा दरबा श्रागतिक हास्यैते वीतराग कर्फ संपन्नवेंद्रियादिक तथा २०त्रिकादिर जीवाप्रद०जलवा रामाने रावली आकाशगामीयानइरिस लिया सना जाएगा। ९नले संनियाजाशिवा दित स्थास्त लजय सिके ईए कजलाथी प्रांतीयानमा रादिनिमित ग्रभवाम करी मज्जा लिया। केपी उस्फे ते कदम ||
कदव
से पहिसावादति बुद्देदि । यूपावदितं । संति (या एग वा सगा (रसगा (उदाय ( उदयचरा (त्रागा सगुमिगो ( पाएगा पाए कि
लोक चन्द रजात्मक विषइते घातप्रमाणि नरकाद्यतिविषेऽरकरूप महानयदेषि सन्जेलली अना दिसवाल्यास विशेष मानवमनुष्पकाम लोगनै विषयास ते रेणकवण की लो जिवाशील विवेक व नैक जाए वा कमवि कथकी भूलय कोई तिलिकालिकामात जेपाम केदकले व कमनेक वारिवधविनाशा जीवकर्म की अपना घर सुनाएल स्पञ्जका जैत्राणिधानादिकमेक एक वगबतिलक ती बलर हित निस्सार उमतादिगला पाम तिवा शिष्य कहबसव रश्मी व नघा डुरक कपजे एकर्मन महालया प्रमादपर करीब एक पारिक शरीर एक मूर्ख ॥ लिव इमली स्पासली उपदेसियक
लिसंति (पासाला एमव्हज्ञयं | बडखाऽजे तावा | सत्ता का मेदिमा बा| बालरण | बदंगचं तिसरीरण | पतंगुर
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जिपक्ष्वाकमुकविपाककामसोगनरावेनिश्रीरककवाग्रहण पश्यीमवैकामकलापकादिमासा विकारकीधाइयाधिनी कर्मनामक रिवासमर्थनधीविनाक पयंपप्रमुनि अप्रतिरागहषव्याकुलचिन्नतिबाऽवजेहनश्चणाऽय कयधाश्श्सउपसलीया ज्ञानउनेक्रमासलीववरण मनश्वपशामिरोगमहाफाटश्तविक चिकित्सानक जाहारबरबानामामएकमसेवबनतजेकरमपदेषा बनविमासम्जकर्मनदयरोगऊपजश्कर्मनश्कये साश्काइविशेषनधीनवकर्मबंध विजेपावते
रोगा योगशदिरोगबमाऊपमानामसिजीपीथा तिहाजिकदasu हा अविवेकाधिक थाइसापानश्पापजचिकि महासयदेविय रोशनीवेदनााउरालियावताविकित्सासलीयानस्यारता कोश्नोस्पएरोगनचित्सेकिदिजिकरीयनशविधिनश्करिवङफनेमलेरखेमा। ण असेबजारकाशतिबालपबतिमातरोगबणछा आउरा परिसावए। णालयास अनंतावातदिएथया
धारिशमदेवीस्पकरैतेकदेवशमालिसिकिणहीजीवनविणा ना नामकरी कस्बैमुस्मुजेल्बोको बोतसलतिवानी वा प्रणेसमारमोहिबजुएहवैवाक्यानकारियन्नता सिनहीएकप्राणीयश्लीअष्टप्रकारकर्मबंधश्तेपारसेमार करियझोषमादमका हतवादकताकर्मभूणियानी एमापलीकर्मापरिणतिरंकरीविलितिणि नाकारणातिलकारणमहासयककारवेदकाविपरीतपणात वादकारस्पतमनधिवानश्याबकानदाश्वतक्षाचनाचऊजन विषाला निगुणवंतपणोदेषामचानीस्वाइप्रस्तावस्वेनीको अायाल.एस्वैशि वादहवासकहना पनिमामणि जेहनाआगतिक स्फातमाबालकहतामवक्षारयताण समुणीमदतयोगतिवातछाकंचआयासिासुस्थानाचतवादयावदश्स्मामि दरकख अन्नन्नासदि वतनैमीवकरीगापनीति असिमभकहियनिवारपबै अशिनि कहायेतिवारपवेषमन्याजन्म । बुधासिसबुझा अति वैशम्पपामीचारित्रश्यकता व्हीमोलशीकलस्वताजगी अंगपांगमाहिशीरारोमादिक पाम्पातितारपबमामाधर्मश्रवणयोग्पना कदीयातिवार चारित्रियाययातिवापबा . मकरिअजाजगीपेशीमानश्नीपाविश्करी- स्वाभवर्तमानश्वमेकमादिकनिमियामी ।
चारागादीक सिंहायुरूपविष्टवि
Hasir
जीवनावरलपापादिविशेषजदा तोलगा
पिरतीवर्षमानचारित्रपरिणाम कुलदिप्रतिमपण अतिसंन्ता अमिसजाना असिणिमा लिसेबुहाऋतिसंबुछाअक्षिणिस्ता बसाअनुस्वीअनुक्रमविष्यतेवी ज्ञानिवर्गनानिमेकरैतेकहेगातेपूरपतेसवनीजानरुवामथकीपरांयमुषमूहासवितमार्यशापरवानतानाएगीमानापितापुत्रा गीतायैततःरुपक ततःपरिकारदिकविपश्वि०बिलापकरतो किमामलिग्रहावसाईक्षिाश्वामित्रम्हनेइममन्दिएरुवाक्वनपीनपरीवालप्ततावली तस्फका विषकनाइत्पादिगुणवंतवाहनचालवली०तेस्वजनमक खेदी अम्हनाहरवारमतिप्रायवर्लचाकमवताचाहना अवगिलिअशा०प्रद वसानमहामुनिथयादिवसहनमाविषरअपाररतबसममाकंदमाकरणहारजमकमाता वितादिक कुदति कतस्निहमी डिसममकरोतावनी वाजितानमवालीभाविज्ञ
मकर अणुविधाबामदासातपरकम्मतपरिदेवमाणामाऐवटादिया शतितेवदंति बंदोषणीया शोध
Satara
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पदवमुनिमहवपदबसेमारनवरश्करणकणश्चारित्रनपामिरजनक स२०५साकतिरामअवसरितेस्वम कह नामएरवी माहिपितापिकविणखाड्या इत्यादिवचमकदवा तेमुनि जेकरैतेकदवा नधारणमजाणेपत्तावतातत्वज मसावनतेचारि
नमनगीकारनकरायोतिणे रहवास नावारंग
किमएकवारे बंदि व लाकंदकारी मणगारुदत ऋतारिसेमुनाउदंतरण मरणया नवियजसरणतारणासमनिकिक्षण
यकीनीकली डाक्षी कारूपिपरहवासमदमुनिरमिलकरपयं-पत्नी पहिले उपमेसजननीममताटालिवीपरत्वाक घातसफल तो जानकरीयहीनश्यतावसाझामस्नेह कबणदिपस श्वेकिसानमा ममल मेवाहिवेशिष्यपरथीय नयाश्जरकमक्वालियरतकमालिवानीलक्ष्य थकीसवेगसाबारीशर्वसंयोगमातादि
जाणीमुक्तिका कहबेरुवज्ञानविजेऊरलीस मीस्वा महाकहोस्पायाबायाज०मानापितापुत्रकलाद नादिकममा रनीभजाकृति मिनाक्चनाइतिश्रीधताध्ययनेपथमोशाकसमा कचाउरकस्तानदातवियोगधकामाऊलचितअथवा नरककारनादावामेशणीशा श्रीरककल्यालम रतः॥ ॥ साकशक्षिसर्वजीवलोककामरागाउपवायायाएक मासातरमविएयरमाण सयासमवासिकासि निबिमिधानिधूताध्ययनपछामद्देशकःARअाउरलाय
बाप उपचामपामीनावसिबलवर्यचविषश्चसीन। अमरामाश्रथवाकमाकअवमुवाक तयातथासादोपस्वाधर्मापनि उसीलानक्षतलावपाविवाप्रदातर निकेस्वादिषामबावसुवाकस्तोषच्यतपतलम्मूकमा हताश्रावकाचीतरागाव नया निने आदर्शभएकाकमाप्नेश लालीकसीनत्वातास्यकरश्तेक कषायादिमनश्करीहिललश्करीवीतराग वामयनीवासरागाक्षवसुजातसविर सवनव्यतानियोगितिधार्मनाया
प्रावकोथवातिक
उपालीनसकऽतेकेरुवा
एकवमुवा माया चश्मा पुनसंजोगादिचा वसूम बसिन्नाबसावरंसिविसुधा जाणिधर्म जहातहा अहतमचाई कसी aaचोलपेटपविमतिमीलवस्तथा।पनि पानीकवलोकण - अनुक्रमसत्तांदोदिलाएवापरिस गरी बतबाबताते । कामेम कामलोगशष्टादिकममायमा मय उपगर गवायचखारमाहरणाएतजावारित्रियामा उपसाइतेगाऊपनेतेयकालागामहादेषाबश्य रापकरणःकरीबकानकारएकदेश विरत आदरकाईSEMISSAMES
सकताता कदीनजअवजाबाको तिश्यकउष्टया परंवशवणमोकमार्गबामअनश्नो
रवानर अंतरा बनाउक्ष्य लसिचारित्रपामा नकाईबास्केहबा ला वचयडियदकंबल पायब विधासमा अपवणणदियासमा परिसदाहरदियासए। कामममा
218
४४
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भ्यासिकाजपत्रज्याक्यानानंतरैलश्रमवामूलरात्रय वंशवेतिप्रकारितमोगानिसासिरायककृती माहितमलएदवेकरीअनवाईजशरीरसे थवाकेतलेककातिवारीश्नउत्तेदकल्सीपाणत्यागधारपरकेरुवा घणाविनसहितपदवकामुनोगsकरीश्राव रोम एतान्पयाधी हिवेकेईएकनासम्नमुक्ति ०आत्मासहितएडवप्रमागरहितकारीरमउसेवाइजराइलीदि०१कलानहायत लैस्फकसनरक गामिनीवकचिवमानसाध्यवसायपन्द अनेमकालिजक्वेरियपतोमपामरहवेत्तयारपरकेंदबाता
"उदेषामau कश्वर
यामाणसाश्याणिवा मुक्तस्रावो अपरिमाणाएलिदा वामअंतरादि कामदिकिवालिएदि अवतिना
अन्धस्विएकजीवनिर्मलपरि आoनर्मापतिक्षपिगरणसहित | अध्य-मातावित्रादिलोक तथासमैनविषादयासवेममस्तरदिनीय अनितस्परमहामुनिका बामपन्यासन्माष्यगामीयतामुणकपूरसहसूरुणहारएहचानता Pausअनासक्तानाबानात उपलजपारमानापन्या बालथावता। मैक्रतवारित्ररूपयहीन वीसरागतावितधर्मावरकरवाब
रवानपरिजापरिहरिनरंजपवनाएसप०/ ताल
सियमनश्वषर खए श्रादागधाममादाय आदाणसुम्पणिदियाचाराअमलीयमाणे दादासांगदिपरिसायएसाणात महामुणी अश्यतिक्रमनिम्पसवतउमेगम काऊनधीसमासमाहिएकन3 जयपण जिमश्व विरतसावद्यामुष्टशामथकीशविस मधकासावधका मुरुतधारी। प्रकारसमसबंधनकलत्रादिक बीजउम्हारजूकरनधाइडलाचनविषा धसमावाविषयमानयन्त्रक शथ०सययानुशतावषप्रवण नहितिस्पसाबकहना बनातावाजकराकस्सा
२अनगारसाक॥ लमप्रखनिजगमोहिमारा।
अश्यबासबतो/संग एपमा अनिनिन्निएगिामिदमसि/जयमाण पक्षविरात अणगारे सबसामुझेरीयात जिबिजवर इयतावित एल्बोलता शावमीदर्शन विषमंचिति सेनामुनिवनिको दिमागमाहरोवसवनोकीयोकर्मपरिणाणेकरीपक निदेयऽर्वचन प्रथा
अथवाअनेरेन हितएतावतानिशातपातलो रमाउलादरीनविषयवृत्त मअथवादकादिकश्यप मश्मनाउसम्पकप्रकारमहेश्मउत्ता आक्रोशियश्काइएकथमा कारधकारात | नकल्पिकपरिजउचिगीमकटकपीझवीय अथवाकेशनश्याडि तेवन किमाक्रोनीमश्तेकप्तशापलिरुषसाना मूल्यमा प्रकारगर ०सयमविष तिउफ करतेक
लुचिब33मनमा पनीयकमऽगबगीयामुष्टानशिवश्रावषAHARIHMSAकनिदर
यागबलायमूर्ति जलमक जावतापरिवुसिए।संविस्कनि मायरियाए।
साक्षादएवा बुवितेवा पलियपकाया सुवाकाथ
55280
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असनको नयानकफाससस्यानादिरीकरपश्चयऽतिवारे पगमरमन्तझरेप कलस्पादिकप्रतिकलकादिक राजेश्रहरीमननयमनिशअथवाजेलमा शतिंकरऽपर्शमाकमजारपसर्वमारकाधामनप्रफलात एकवाजोलीमध्यकसम्प्रद्रज्यायालाअथवाजपार मीलोभादिकरहवाबिपकारिपतम्।
लाडतिम-वाली m ashmaamपयाक्चनअनादि अहिरालजीरूप बरनावारपारपा रहबउजागीतिरिवरमाणकतातेपरीसदमहत313 प्राचारगरिकएकवाक्वन वरिवरमेयमपालइनेपरिमदेबिऊपकारिण आचारंग
माणपादतातपरासपू र परिमदा सत्कारतरस्कारादिकमनमाहादकादमउसयमपाला वाकप्तबामा विाजा
प्रया
अताददि सहकामदि।इति खाए।एगातार अन्तता तिलायानितिरकमारणापरिवए। जयदिजयाअदितीम
निसर्वपरीसकेमाकाकवि तिकवनोबनीसहनामम्पकप्रकारितेोम्पनिमम्पक अथसावधकीनमकवानिमनुष्यलोकन विषप्राश्मामा श्रेजीकासाहिवानासह मोएलसम्पयदृष्टी तालिवीश्रीधीतरागमीश्वनीमम जिवाचतास्त्रादउनहालहवामा निर्वहंगारas सा कपमा रावतीमानसहि साजेनऊमम्पकपपरीमविवशतनाबमाबजावजगाश्णकाणिवलीघरश्यानभाना Flasीनिःशकंजाली नामविपरिसदमासस्णकारकत्वाऊतकदवा नवाबापालापमानातकरमपाकरमनपदाकायमसम्पकारका
अभिपकपका परिसहनाजपनाम या तिसीना सोपस्वैआगमनिाएपरिसमामहारनिकिचननि। विद्यासवधिमातियो काससमियादेसरणापातला मगिरगावुना जाना मायागमणधम्मिरणात्राापमामगांधी एसपसरवादपप्रमियानाधर्मकरिवउपक्षमतष्पनर
मनपनापणिसंयमनविषउपरतत्रामक आयोणि कर्मतमलोपा परिवारिकरीविधिष्पावनिहोसम
लिसंयमनविषउपरतत्रामत यालि कम्मतमूलानसशानामा असश्यावयाउनमा धर्मकरिवाएपपरोति सउतअश्धकारकर्मरूपतउधमसिदिजागीना सायबीजिवउकाईनथी
किदवा मीश्रादर॥
A
मापस्सनरावाद हमाणवाणंविधादियएलोवतकोसमाण अायागिकी परिलाय/परियाणविगिंच
क्यानविकसिथिलकम्जीवन एक मनिपतिव्हाएकाविहारिसरमनराकहतांसामान्यसामथकी विशिष्टतरतातउच्चनीचऊलहिएषणाऽक्षाएषणादोपुर सिहानामारूस बराहतातरश्कररीत्यासर्वश्षणाएंजामउत्सादमीयामेषादिदोषरहितश्राव्हारस्करीवविक्श्ययभपा
लतया से मेधावी परितसष्सयमपालातोवनीवमध्यमऊलविषशाचरीसमतांनाहारसुगधा
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शश्नमेगोसिंगचरिया दोति तश्चियराश्यादि कालदिसाइसणा/साबसरणा सामहाविपरिहास||
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थवाऽर्येधपतिं रहतां मईलेखक (सांबीदा रागद्वेषमाऽथ प्रणो रासादिक भाकीधा वातही एकाकीपणा दिपा अथवा स्मशानादिविष भैरव
प्राणीया सिंह सर्पादिकप्राण भार दिया समित्र हो शिष्यनधी रक्त तपरिसद दिया से बीज उदेस नई क्लेश करैत तेस्परिक जेश्मक जिमत्तगवतस मपि मे सल्प श्री सुधमरिवामिनो भूमिबान उपाय वव जोगियो ॥ इतिश्रीभूताध्ययने द्वितीयो उद्देश कसमाप्तः कफने उपगरपा एक्लै बी जो उदे सो थीयो २ शात्री जोक है || नेवारीर ममता बी
शिंदा शिंवा तारखा ( पाएगा या काल संति ॥ तयासि जुोक्षीरा दियासिकासि निर्देमिम्।। इतिश्री
मी विमान थाइते अधिकारते एक दिन आया कर्मय दिवानौकारण एतावताधर्मो तिनो आदिसूत्रं ॥ २॥ यं पूर्वभवा पथकाच्यधिकवस्त्रादिक ते स्विक स्पेश इममा कालंकार। | स० [टालदार मुनिसुया स्वाय
ख्यातकरूं ते धर्मजे दम एव ४ध्ये श्रागृहीतसारन निर्वा अप्रवेजेसाक अव निशा दकादिवली के विकतव्य विधूतकतासम्पकारि ल्पवस्त्र ९६उसे फरकपच्या वारजे हाइ एवमुनिया दौरन निवारक यमविपरस्प थाइते किम कद ब॥
२/६/१७ या द्वितीयो का || बः॥ कुसुणी | प्रायाणांसेसा | सुरखायधामा विकाशको सा
पतावत्ता प्रतिपल संयमवेत ॥
तेलिन एजमध्यगलिक टीम इतिमन | इवावतारमकल्पइनदी तेस्प3॥
तेमारुरुवत्र नाथय अश्फाटि इलिकार लिइ किाहीग्रस्त स्पतिवार ॐ किम वस्त्र विना सभी विजन व वस्त्र मामि शीतता परित्रा एस्फअस्पशास्र अथवा
तेजीवस्त्र संधिवातसूत्र मागिस्पभूईमा गिपासून सूई जीवन
वालपरिवृति | तस्सा लघुस्स | मोएवं नवति । परिनामवजे वनं जातिस्यामि सूतंजातिस्सामि | सूतिंजाति
बिधिस्प निस्प तथा उच्च न्हाने रौबत फा23 सी वस्प
कभी जब रिस्प॥
वाला बाधकीकटकडक टीनोटा वैवेवारिश्रीयाने स्पर्शी अथवा तिलिचलानरविषेप पकरिव परिस्यावरि ऊपनेकरिव रक्कमेतेपराक्रमकरत उत थारुवा मुविनश्यामादिविषचरित्रमणक रतावानाथार
अध्यवसाय आध्मान वा रिब्रियॉन इन करे ॥
दव
स्सामि | सेधिस्मामि सर्विस्यामि | उद्यमिस्या मिनाकसि स्सामि | परिहिस्सामि | पाउरिणस्सा मि (अपचा | तच परिक
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यतकरतानसारणस्पर्शकोरफरिस्प जाकस्तावली ।
तधाजीसस्पर्शफर
उफासाउनस्पर्श डसमबरमास्पकरमहा एतावतावरीमदकपजावस्तेस्परिम फरस्प रसंबंधियाएकतरअनंतरिकहतीप्तीवमेदादिविरूपनामाप्रकार
आचारंग नानाकावतातरणकासासंति सीयफासाफसतिगतयकासासंतिदिसमसगफासासंति/गयारा व६ कासकहताऽरकअहियासकवेलवस्त्ररहित) जापापणनरंजघुसावश्व्ययको पगरणाश्रीवसाधककर्मवीरनुआपला अत्यनापतिमेव | साकस्पउजागतपरीसहसंहलकदमा श्रा-जागतरुममाणसानऽपरीसहमझियासश्तानचपकायकेशादियसिस अ श्रीवीतरागम सुपपरस्प3ऊपदवचनयाककिंउजिमएकदातेगवंतश्रीवमानस्वामी तापमाहारलाघ
उपगरणलाधवजा नयाराविरुवावाकासाअदिवासतिभावालालाघागममाणातवेसेअन्तिसमन्लागतसवति जाधये रणीशसमकदासर्वथकोऽव्यूकत्रकालसावभीतिहापव्यस्याहारउपगरणादिविश्ववयकीयामबिनेदेषाला एवं जलपरियलपत्रणस्पशी दिपरिस नगराादावश्कानतादिनरात्रिविपश्यवाहतिकादिविपश्सातिमकसुषपणामसाविश्मसवता सावतश्वनतयनकम वामनाराका पसमिणश्करीसम्पन्कजकदीयतेसम्पयनाराएवुलाघवमर्वयकीसवात्मकपणसम्पत्कस्यनिषधीषाफेबड़ा
सम्पकपटइनाचिरकाललगाएतावताजाबजीवलगीबरवली वताश्रकरगाधरनाउदिवाथकीसम्पकागिसश्त्यर्थः पुलाचारकाधाकिंचभमेरघासाराषका
संगवतावदितीतामासिसामना सन्तामनाएसमनामवसमनिजाणिना एवातमिमहावीर विरा
gणावरसलगीरीयमाणमयममार्यऽपवतीनवरयाचार सयादवि मुक्तिगमनयोगपतहतएपरीसदनसहियौपानापूर्वजिल्लामहारुपतास्पर्शसदसयातिपरिसद बलस्पसावश्यमताधिकरथकधारसीदसमासीकरन नासाहारनाश्तकस्वाभायपरिसदनसहिवाश्याव्यापटजानतहनतश्बारहससूजर्बले गीसयमाचारश्वसष्पाजाणिवम्यासथक उपारधाज्ञाभूधवाहसक्ष्वाधापीमातेकज्ञाधाइतेशरीकष्टसह परतेमहीनुसावनश्वराग्पनअधिकप नाश्रीमहावीरसीमवर्षसष्पानीपटनतिशिकारलिक्षाकर्मषपवानाश्नाश्मनमावीमायामाधाइपरेवारी रनीवीकाऊश्तेतेदेषाजापयामासअनवोणि वलकसाअनैवरणकद्याइत्पर्य एस्वामनावीरतबवापतकस्तायोमायाश्मदसलीअरसविरसानाहरकरीविषअल्पयामश्करीमासमा
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याबाशवासाऽणिारीयमाणादिवियाणापासअधियासियामागटायलाणा किसाबान्दालवंतिपय पुण्य
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| णिनाश्तथासंसारनी अहिषरागद्वेषकषायसंततिकपरावीकरीतकमादिकविश्रेणिकरीश्वधासमसावतारंजारणीनताव वि०विरतअसंयमथकापट्वन्ति तयापमस्तना नामामार्दवानवानिलेत्तिनापणकषायतितिउपराधाकरीबरवैक्तिलषयांमुनिवारीत्रीउतिसंसारसमुश्नपउमुक्तस चारित्रीयानधारीयतेप्रमअवविपश्परा बगष्यकामूकापानविरतमर्वसाबयनुष्ठानथकीवियाहीएवषाल्पठानिरउपदवउनही तिमलपित्तरसते मयमस्वामकथकीनिवर्ततउ ऊपरणवत्तमा asमकादिवरदवासाकननरतिवीमश्कर्मन रमपिपणशक्षिका
वरचालन
नने याचि०५ लाकाजलगी
मसामाणिए विस्मणिकहायरिणाय/एसतिन्न मात्र विए। विटादिए ।निबेमिविरयलिखुशयंता कि
संयमनविषैवम्पएरुवा किंचिधारएकदवानहम एतावनामयमधीमोला जहाल असदीण जिमसमुभमाहिआस्वासनीगंभअमदीनधीपासूदीनकदीयजे किवो सुणसहितवारिधीयान संयमनविषकोईरव का
रेलपाणायशरियामूहीतिकारस्तावमधानीसयन मिधलकीपादिकतिमएआयुरियप हायर सेयमनीमहिला ।
देवियतीर्थकरपणीतधर्मसकलानीवनसंसारसमुपमाविककतावाली आश्वासनौरवां नकथाश्तेधर्मनवकथकसाकजाणिवउवलीतधर्मनाकरणदारकेचाऊतेदेषाम न ॥
मता
रातासिय अरती ताकि विधारण माघमाणे समुहाए जहासेदवासंदीप एवासधाम्म आयरियादसि
अप० तेसाकसेयमारतिनीविवावरणदारसोगानीकाकारदितात्या मम्पयपदार्थनाजागधर्मनविषकन्च नजेवलीतधास्वरूपजाननअलाविविकसनेत्रा पाणथकाजीचनअविणासपनाएनलेपथमवसकसन लिपश्ची चाबीपिकसम्पयुधकारिपारिवाजिणिपुरविवेकामा देयाश्बएवेतेपलिषकारितेसम्पर्य जातजालिवानियादश्नाकहीं सकललोकमश्वलसतया जानानाम्जाहातेहनत्तरानंतश्रीवईमानत्वामीनाधर्मनविपश्मम्पयनश्ननाचिनवा महाधियोमर्यादास्वितनयायमितपयोपादाननपरिवरवश्करी प्रदेशानदेवश्करीमावविवायत्रकरिवउपमतेसम्पयअनुष्टानविषापबनिनिमकृरिवठाएर
शतकबराजहादीया
जिमकी पवायात पोत बालक तावकरकमारणायारागातिवातिमा या दर्शनामिन्दाविणायेमिट्याएवाताससंगवछ धारण जिमणैवीयरंगपमव्यज्यकोआरंसीअंडकादिअवस्वाविषरंजीनिषन्नकलयातीलगीपालीयालिपरिश्माचार्यश्वणपणा शिष्यनस्दीष्मदिवानउकाल पारतासामाचारीनमसीषवावशिवनेकजाखननपाविवईनानगीपालिवानीलगातागीतार्थयाशाएववेति-जिमवधीत्यापणाबालक पालीयाःमश्राचार्य विष्य दास्नरात्रिनुक्रमवायाकतातणावाशिष्याग्नव्हीयासमस्तकायनासदाव्हारसंसार उतरवासमर्थतीमधर्मस्वामिकहकमकअनम तश्कलम-श्रीसगसमाविमाल तिमउपदिम्पो इतिश्रीवस्तापयननीयउवाकसमाप्तः श्रीरस्त कल्याणमस्त शाश्री जहासिदियाघाए एवातसिरसा दिवाथरावया श्रावणवाश्यानिबिमितिश्रीधताध्ययानस्तीयो
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विश्थाहसोपारंमीयवात्रनिदेसर शरीरोषगरणमउवाविधकतमी त्रिनिगाररावनोम्बिीकहीदोबनाएवेवएवेशियर भूतशिव्यूचीवरात्रिनुक। नयामताप्रबलमाद मिणमामाधमाका निक स्कालिकमंत्रनिविपर्वकासाध्याप्रियवयियविदाजयमामत्यादिविवानिमायाकमाइतमोवीन
रमणधरादिकतिकेदवापणाला मंदिकहतीपष्टज्ञानवेतश्तशिष्यतिद-प्राचार्यादिकनासमीपश्यनानकदतीकत जाननौबस्तनदानश्वक आचारंग
उदयउत्कटमोदप्रमाणिनिधावसमेउपसमकमारूप कामियंकहतीकापणउसमादियनिककृतीमा चमि०पकवलीबसचशमय आणतोय अज्ञानीकरोयदेशपना स्चिाकदतीबाही नगर्वसहितबल
दस्तकिममादामोदिमावासितारतीपक मतदानै विषश्वसीनतपरंभाचा ऊरपदवमानमा मालागाश्वम बीमारमन्यांमएदंबकवारपणामकर प्रेसमधानता
बजपलाईवजस्वपणनवजबज्ञ
आइसकसमाप्त
एतसिस्मादियायाराउयाशाजावावाश्यातिथिमहावीरहिंपणाणामांतच
दितिसितिणयमारण मुवलक्षादचाउवसम| फाससिटी समादियतिविमित्राबसामिाणताणातिमण
अग्धापकसीलवियाकादिककाामसलीवाणविदाकर्ममवसिश्सचीतव।समसाकस्तोलाकमोहिम इसकहानिःक्रमीवली मोदनवन नानाप्रकारकामदासमा तबला-नीवरफलाकनापलकल्विासलीवादशास्त्रादिकशासासणीयअथवाणिवपाश्करी लोकसम्म वताकहसारसगारवसानागारवादिकस मदाफनाएतावमाविष नबताशदम्फमकरानइएककानःकम्पकस्तांचा स्त्रियाबीउद्यविदारशक्विश्स्फेसनकादालतासानादिकमोहमार्यसम्पका यनरअपपन्नात
"धकारश्वताररूपदेशश्रमानत
Haमान असतधादियाममा
माम अग्घायू वसाञ्चाणिस्सम्मसमणान्नाजीविस्सामा गणिरकमांत असंसवंताविडशमाणा कामेदिगिः
विकहताज्य मवशिराषवं तीर्थकरनौसाव्य
प्रशासनाकहतांग्रसेवमानपक्षवाशास्वसिपायमोष्टीताप्रेरीताशि केचनाखूजनापरुषनबालकिंनराजेसाक्षतेदनाहीनाकर टीपनि बनविषशास्त्रारकरुता सिषपिकारयरुपमएकवारखोल करवासाल०अठारसहस्रमी लोगश्यानाधरणहरतमासीत्नक०पर उन्हेकाईजारामहीजयसूत्रार्मशष्टगणितनिनिजाणते मानवधायजयकवायनियदत्रिगुप्तपणभएजस्मविषााजाकश्मकार दवनेसऊजागवत्पादिबाज
शीलततथाउपसावकाधनाउपसमयकी से प्रस्तावारीया
में यमा सुशनविष३.पराक्रममारितिक नमिधाई ४ सालमता उबसता सरवायायमा
थम
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अबराचाराधास्त्रक्ष्मजा जिनकावलमका शेतश्तेपासळादिकमण परनिराशावेतसाधनीप्रसमाकरतायाधास्थित आवारगोचरवाले सामापासुमामाविक्कतेस्कीम्रष्टदे० तेदनशकनिमश्न एहवाईजकचेजबतिलि अणुगवाणुमतिया एल्वोकदेवतिएककेकमनश्श्स यमधुकानिवृत्ततिा लिंगछ सम्पयननाविवसणारश्मकदुई टीपासमानी मदनषवामाबाजनाएतावतीबीजमूषपणे एकूजेचारित्रकोपनियतायधांव स्वित्वारित्रियानीयवागौचरकद अहकार. १माचारजेअहिपालखंहिवा
Mबीजमर्षपणएजेअमिरामाधनीअपवादबोनस्तथा अनेराएकए वापसमर्थबपराचारमा कमाएक्वेजियानबेनेथम्यामकर धमकालनश्यतां विसयलबजादिक देवानश्वी यतिरायनेउदआपणपश्यमनशविषऽसिधिनपालब: एकसूर्षपणाने युनिसर्षपगौनधी जमाकनेव्हीलनहातध्यानाकालाजनतिलिकालिस्विकामध्यमता वृश्म श्रेष्ठस सीनी एकत्यमाणस बितिया मदरसाबारनव्या नियमावोमनायाशीगायरमारकंति णासहा दस जातान ते चाने के कातेकareI
अवसरन
नितिकार रामपाचायविक क्रततानलेवासणीऽव्यतानमतासानादिसाबाजीवीयसयमतेविपरीतक जीपजीवितकहता हा असंयमताज नेप्नेगरवासयकीनीकल्पकतेऽधनीक विकार व खएतावताआपणश्मामाचारकास्त्रष्टकरशएकानिणयुधिनिऊंगा निकारणिमुरबजीविपश्मा ल्यमापनावतातसाधनेवेषियलमानणाजभचारक रखनपतिवपरीसहस्फरस्पानमा नियूकस्तासयम थकाअथवावषयकालासावयानुधानिधवलश्चारत्रय
SE ष णका लीसावद्यानुशानिप्रवर्तश्चारित्रय जहीयादिवतमजेया॥
उपवाक्वन कीनिमितरुनेनेथाइतिकरुबार नितश्यामonakase
क
बोलतमा -TahsiOS
अनिशक्तीबा सत्रियानरता
SEP-400
सिरणाममाणा राजीवसिंधिप्परिणामप्तिावगेणियति जीवियास्सवकारण शिरकतपितसिंजलिरकसमा आपण
बायजेनरग्रहवासखोकीयारिऋविषले सायद्याच वर्तवलकिपरलोकिविली जातिववगैति आपणापविमअह अपनलामा हिलोबतबामयाजेमाचार्यजाणे कोकरते. अवशतषाललानजाकतहमणनयमसारमाहिपकल्यतेकेख्वाहिसंसक सयमा उममानताबूलीमा तिमश्थोमरजकालिसएपमहायपर श्रापलासाधा .
सामानवाला तावतापामारलानिशानथकीयदेछाकतेता र वापरणधउत्कषेकदशनकरमरममावणालामाकरमयनरामइहाला कपनिंदजीवघरबाकीआरसपास
PHONISAndhe किमानकala.करागषरहितममतपरिणाम
वंति। बालवाणियाजातनशा उरणामणोजातिपाति आधसमयता दिदायमाणा अदमसीति विघकास उदा
बजलपाणु तिने सारणावारणादिकरै पापहलिअरे तणसारनौवगाहारा सेवामेव तेषाव्यअथवानवाच्यण्ट्वामेधावीपमितऋतचा स्पधर्मजागाऽमम्पयप तिवारतिरुनेकौरवचनबलष्पहिना जाहनसीषदेवबिउबअथवा काशिदिवश्तेअसल्पवाबनशविषप्रकृयाउबालूगुवोदिक जिममीषविय। उपकार्यकार्यविपञ्जालिपना गालिराभिवचनहातापरतवनकद तमकदैबशाय श्ररेखापरवणिमाकहोलनाश्व अधमीश्रीवानाम निरानेप्रकासश्यादिकाप०कातिल वाहाअंतिष्कमाभूसभूतपश्ववचनकरी इतिकोमललापनअर्यजालिवतिलिकारिलिउबालबत्रमितिकारिबाल।
SSहाला
सीएणफरुसंवदति यस्लियप्पकाथ, अध्यापकायाप्रतादादी संघामदाची जाणिकर धम्म अचम्म अमंसि।
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सिणिभारंवमारसमधीसावध विषयवसानिविणकारिलिजेषालिघातबालत्तदनिकहे अनुशरीरक्षणालिजीवीसरीरमतिबमसकारणमुविहिषासूरारापाड कारबालतमकहानशीलीयादाश्म अनिरापाहणावग्हणतामचनुमोदतरिमकदुती आधारकमोदिषटाखतीसावा व्यापारनिवपश्वीकवचनबा
थाइमनमानिकमजारमप्रावधघिरिवधोरबीन मधमेनमआधार देतेहीपरिशतायरससूबउवचनबाजऽनदेहरमिजितमासापटीतषाचतासावधव्यापारनिवडपरतनी तक्वनबी
धर्मबइधर्मनमआधार देतेम्कीपरिशषीयश्तेश्यकीयमश्वमकदातिमध्मस्प वधमनार्थकरगलधरपानजदीसउत्सापतितेपालतागादउभरकरसा आचारंग शामबालाारसागावयूमारणाक्षणायाएघाटामायणाक्षणयाविसमएमाजाणमा एण/शिरिधाम्माचारिश
जाणीउवितेवर्मन विषविएमनचानाऽपिकारिणामतीर्थकरगणधरणानपदवा किंम० अर्यकएकपरमार्थनाआगमम्पकपकारिखवण्याचावरीवलीपापीया विनाअापलेलादनेबाचाविषवर्स मजएहवीयशुमीधीबानमारसाथी पाणीयानोहरा नामर्दकथाऽतिस्फजागीचारित्रपाजतेकाँकिम-सोपवमामंत्रिएन काररूणावणारत्रनुमादणहारधर्मनावर्षणकारविम०कामनागरुपकामविषमतावतिलोकमातापिताधनकलत्रादिकखातिसरिमार्थनअनर्थस्पीकउपउको वि०हिसकावया-कतानि०मकरुनाक्चनरमेधावीपतिलमिमाणितधावलात्राारस्पुकाईमुकनकादिअावारालीममकsaasलस्पअयोजनएकत्र गलिकहीपाऊकॐasumm
अर्थअथवाकोऽदीपालनहारना
धछ
पावणं अणाणा एसविसरण वितादावियादिए। त्रिबिमि किंमणणालाजणणकरिस्समितिमन्न
मातापिताजीतवावीपरसंबंधीवजनतथापरियधनान वासूरवारनापराचरतावैराग्पति अविहिंमारवि-सूबतरमाबतअसियल हिरएपक्षिपदव-प्पदा दिकतामिमा
पन्नममुबारकहतीसम्पकचारित्र/वादयानावर जेहनादि चायनादमबहा आदरीना
' हालिपरैपहिलोसम्पराष्टात
मारणा एवंणगविदिशा|माप्तराविनविद्या पाण्यापरिमगादीवीरायमाणासमुहाए। अविदिया सुघयादता/प
आदर्शपापादेषाकदवादीसियालानीपजडलीवनमापरिमपम ३०बतणाविधसणकारक कलए लिंगपरित्यागकाशाश्वईएमततंतिरिसविताना उ०म०पहिलादिनीवर उमापापन्चिा यकषायन आव्यश्कायरतरते
MSEasकरवपकरिस्पतिशिकायोगिमरणकपजावतया०मिन्यातपाडवा रित्रकापनितादेषितेमहीनकार्डधान वशकरीत्रा सहिवाअसमर्थए
TAINME रतिव्यर्जिगतावलिंगबामीपमा थाइएतावताराकानिकषजसलाक
A समथर बतनाविसकथाारस्वनिफा इमकक्षाएविश्लनोबिस्वासगकरीयास |
TTE तकरीबन
चाम्या वजना
लिथाश्तेकताअधमप्रवदिवथाकारतेहनीअक्षाघादेषावा |
स्सीएणणयपडिवमयमाणसट्टाकायराना सगासवति शम्मागसिंसिलायाamaवियसि
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सिममयपत्रमणधनविनातकस्तांसोगोसंयमथकी पम्पोएकश्मकदापास। संयमानुष्टामविकतशीविनममापसेयमविषऽविन श्रमनिर्दयपणासा। हिमाम्हविषसमर्थपणासमनापदिकदतीमयमानुष्टामनाकरण दारसिंबवसतासम्मन्नागप
दारी॥ यवेवरहवासहितक्मत धनउसेव
बा१३॥ हार
तथावि रतसाथ बसत
AAणनवितासमणविज्ञातामाबाद। यतिमावी कार्यालय बार उपमेव जत्र
समविता समणविज्ञात यासागसमन्नागादिप्रसमागपक्षिणमा याममाण विश अविरत विकमुक्रिगममयो अदविकमुक्ति रोजाणीअहोशिपमतमेधावी निशितार्थविषयसुष वीरकर्मी या सर्वसाबित सदासर्वका सिपरकमेनाससंयमवि 'म्पएस्बामसाधगमनप्रजाम्पाय॥
थकीपरारमुपादारवास/उपपेममअनुषपराकमकरिति श्रीसुधीस्वाम बसन्त
विधिमारकलजपता इतिश्रीधand
यनवउद्योउदेशक:समाया दिप्रविशतावितअिदवि असिसामनायरिणामदाचीणिजियाहावीर आगामणं सदायरक्कामझा हिवपावमौषारतीय चित्रथै उपेमैत्रिणिगाखनीळा निवौकटाततधारका निविदारपणयामानुयामविचरसकिदोश्तेकदानिदेव आहारादिकनैकाजि बाजउपम महियतिउपसमात्विाखरूपकासा , अर्थ नेपक्तिमधावी निष्टतीर्थ वारसर्व मोपदेशानुसारीगारवरहि
रहस्सनाघरनविषश्तधारकांवर अनेराअनेरास्वनीवमध्यमघर विषश्यामन विषय ॥२॥ सनिर्ममनिःकिंचननिनिराश
तयामामंतरिक
मिनिबमि॥इतिश्रीक्षतामयानघउष्टीशकः॥सिगिदिदा गिदवारसुवा गामसुवा गामंतारसुवा
नगरन
तयानगरीतरिक अथवाजनपदेसहाजनपरिदेशातरिएताव नैएककईष्टजनास उप अधवाफासाकहतानिर्विवरणपणेहगस्पर्सदशाम
तासाढापांचवीसमायदेशनविषरएतलेस्वान नाकरणारा सगज्ञानोप्लादिकजषविशेषकरविक्रम तिकड़वा (वजातानाअथावाबश्यामश्कारमयाकरतो
पीतलवयोमराजहंततिषवीरवतः अस्यिासमवीasमनिरकनाऊषसोगव्या
नगारसुधाानगरंतारसुवा जाणवएसुवा जाणवयंतारसुवा सातगतिया आणानसगासवति/अध्या
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तहमाम्पमस्विजनश्यतिकर्मवाजीमहवपतेपहि3 अटतोपराधियरहितधाममिममम्याम्पउनसम्पक श्वपश्चिमपणनमनशावादास धवापरतवाजमनिवासओगीतेपरीम सम्पकप्रकारलाई एतावतासम्पयनउमालीको जीवनिका जीणीसघलेयाकरता अमकर जिरबंउसाकमावणारभेनेराउणज्पादेईतारहतैकद यरूपतिउपरिक्षयाजालाना
मथकीसमस्तजीवजाएक्षिाका হল৷৷
'यमस्तादिसिविदिसिवनीवकालय आचारग कासासंतितकासावीरा दियासए।असमियदंसरणादयंलागरमजाणिना यादीण यमीण
काजावनीवलावधका राषिरहितएचौबतउभर्मकदैत्याभियतरदायवाचनसीरहीतरत्यादिनाली अपु-श्रावकादिवि सुमुजेश्रीवीतरागमणी धर्मकहते धर्मकस्ताविमा निकन्दप्रदाविसनप्रतिपणी विकिए धमप्रकासैअनुष्टाननीफजदीबवितेका पश्तेकेवा। धर्मसंसलवावानहम देषारasu ली मेवनी निदानीपुचिऊकथाहातापागातिपातादिवि बेदागमतीजानवममयपुरममयनेजान रतिविनापरकरीधर्मकहअथवा वित्तविक श्रोता रुष तिहनेविषधर्मप्रवेत मे मयमनविषश्सावधान
विषश्चर्मक स्कैम्बा निाविवोपजाणधिमेकदश्तकिमएकउरुषकहनमताचारित्रायाने विधेयथा जाग्य । नया॥ दादिण दणाशरकाविसावाकिहाविदवी सहिएयुवा शाहिएसवासुस्सुसमायणासुद्यावदा म अहिंसातक विरति निजा मूलगुणरणनीफलततेनिर्वाणानाम०मामपरि adोनियंागेमोक्तभूतिक्रमीमइएतावतानिमागमभी पाला सिपातादिनितथा मो० निषिउपविभौश्विनिरतिचारबताया
Nहिलाबजूतेनेनुसारिकेस्नैसर्वशलमश्रसविधप्राणजे उपसमकाथजयथक पालिवाल अद्यामायानुपरित्याया
मरेनहम एसावतामामाम्पसमियाक्वेरियनश्मयों
सर्वत्रत करता
कमारमा
मंतिविति। वसं णिहाणासायं। अधावियामहवियोलाविष्ट आणाईवनिय सावसिायाणारण स
मुक्तिगमनयोग्यत समवेंजीवकस्तोसंयम स०सर्वसत्व तिर्यचनरअमरसंसारक्त अणु०विचारमिश्रात्मपरकपकारतिलि अन्तेलिश्चारित्रियक्रमणुचीकहतीमालाचीवि पानशाहनजीवतव्यकरीनवना पामताकरुणानास्वानकदीपाण चारिवियरधर्म नाबाजिमशर्मचारीधर्मप्रसवासतलहारसुरुषतेने विचाराधमी वांना स्म॥ श्तजीसत्ववाएकानजालिबतेदेषामन॥ मूत्र।
कहतप्रतिमा जिममात्मानी मामातमानो उपवेश्यिक वक्तेदनाशातिवि
जिशानदीनविरुण बोलता रवि उपसमरसादि.
बसिस्थाणीसाबसिजीबाण सासिमन्त्रीण असावीसिअम्मामाशरकका अगावीईलि रकधम्ममा
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स्मासंसारमोहितजाम मसलाकारीमागोबर समोणोपरंपघर अनिरअसंसलपहारतेदनाशातश्नहीएतावतानिमदीलाइक तथा अनेराशामाकरताना उपबाधाऊपजाबशशितिकारणमात्मानाबायश्चरतिमनकरश्तयाधीकरतेश्रनिरागारसजीवसत्वमाशोतइनही मादनाकरतएवजखममुकि शातामधी
रमावसतिहन जिमवचधारातिमनकरलिपरिनेमुक्तपणपश्यनाशक महीनचीमानऊपतिमधमक
अनेशपानिआमाप्तमानकरायन3॥ कमाण| पाना आसाएजा रणायरंआसाएकागानाभलाशयाणाशस्याईजीपाशंसनाशप्रासाद जोकिक कुपीश्वनिक पार्श्वस्वादिकनादानप्रससैताकालाबादिकमाघश्तअधिवी कायादि परिदृष्टासक जिमतेत्रासदीनबीपजिदापाली प्रवदवश्नहीनेही जीवविराधनामावअथवाडषततेहमानंतशयनकरिवश्कर्मबंधयाशतिकार जितेपनी पसमुहमांदिवरतानावारणमाऽतिमतमेकिसीवनेश्मरणधार दानक्यातलावादिकनाक रिवानिषेधिवासकीययास्चित सूचदीमत्यानिश्वद्यामानेसाकतिमतिसाक्षसर्वजीवनश्रणया इजेक्नजीवधानाध्यवसाय रुपाएवषरुपमउवध्यमानालसूतजीवासवनमरणाआश्वासनंउवामऊश्तेदक नविषनिधसपलउतरुनविधिष्ठियणस्वानमारोपतेकिमवैक्ति
धमकाथाक.देख केलेला एकनाचारित्रा मांदरोवर के तला अासप्रणासादए। अणासामाणे बशमाणाणे पाणारयाण जीवाणासत्राणाजदासे दीवाअसंदीरण एकनैश्रावकधर्मपमिकमावकेतसाएकसम्पर वोउदिएपरिपक्वास्त्रितथानिय अपरागषरस्तावे-अचल संयमयकाबाहिरनीकली नपालश्म्पजोखीमश्सयमपा दुकीन माहितकारे केतुनाएकषतिमय पानानादिमाखमाविषविपरीसउपसर्गरूपाचश्यप नयी तरुनीलपा एरुव जसरका अवधारीनश्वसन सपजावणीपरैजीवनेवारलाई महामुनीको तहनामा॥ हवंजतेदेषामेश्वशी एवं सेमजेत्रागनि
उडोलमही
तापरिव०संयमानउधमनिननावितमालीas कही स्प-रेतिममा मुनिकर.याइतके
यतिकरवा एवाससवति सरणा महामुण) एमाsaहिएहियमा अणिदि चल अबदिलास्स परिचए। संस्कारये सम्परानसहिताकपायनापतिको निरसाधनोआणमिमाष्धीत निर्वायानपामास्वादेषातम्हाजदसणी रीमाकम्पतिनिणिनयाम्पैजामतर्फक देवाथकासमाधिवंतएदवस विपरीतदक्षमिमिध्यादृष्टीसंगमस्तिनिणिनाममुहसणी संगमासापिसावकलत्र शिवतकदैवतम्हा जेहतालीकामासक्त यमपाला
विधनान्यादिगषधविवेकलीचनजीवतेसंगसूत्रजमाहिदेषामश्वशाखाथातिणकारनामसंयमनि
बायसतरंगीविगामाबशालतानरमनुष्यविमविषयक दमश्तालयाकामईक मगात्मकतेस्थानोपरि०बीदरमहादेवक सलंधम दिहिम परिनिनामातम्हासंगितियासद गाथदिंगविद्या विसणा कामवंतासम्हास्त्रहाराणापरिवि
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नसंथमथकनाशनसंसाबायाशजसिमेन्जमहामुनिनाएसंयमरूपआरंससर्वधक जमिम मि० हिंसामाकरणहारणिरिoalaseतातानिर्सयधक-कामर्थ सर्वात्मकपणाई कीपरश्यरिजातजामजावयारसलामीनाकारणाएवारसथकनिवशिनही जारंपरि सोनाते स्फउंकरहत दयान। आरेसहाकदीय॥
सेवेता महसुनिताकहती जामीनतेम्फक्रोवामानामाया लास एण्यारिक
आचारंग नामकाजस्मिामाारसामधातासबताण सुपरिमलायालतिनिसिामानसिणारगायरिविनसंतिधासवंताका
५० बायबीहारमोदनीयकर्मोलिकारणि उपसंसारसप्तति का कायशरीरकदारिकतेस्तोव्याधा एतलेफलोजिमसंयाममा त्यिश्वकनासुसवते निपुणनपुणचिन्न
थकारउन्नाकल्पवियादिवबापतकरगणधर लकहतांचिनावाएतावताजेशरीरन लश्यना किरणनीवरजबकारकरतारहवा विक्यिासजाए विककाधकारपरिममातिविषश्रुकबमके अविनाशसंघामनउमस्तकका शास्त्रकादासाम्हाधातिवारजे गादउमस छाजेवलागलिकदीमपश्तेकदरब॥
तिघणविनाविकोपीमतिममरणकालिघणे
anwधारमा मिससारे
नि
चमाचमायंबालासंवारसाहविद्यादित निबेमिकायस्सविवाघाएपस संगामसीस विदादि सेक
उत्तरण कारजोलियउतेकरवाजाविषयरीसहउपसर्गविक्षन्य का०पकालित्रापश्चशियमाआयादपोयममना तिमरपसक्तप्रत्यारपाना हवसातमाभूयनमा मानकहताहणातजनधीएतावतापरिसदनजति फलकपाटी रaलामास्यियागीकृतमलाई कुरीकालापानश्चय करवात्सलजा वनामितकार Imandal यात्रीपरशतिशएतावतामोलमही।
लगाधारीरसहिदधाश्तालगीकालकरवीथाइमऊकनीसुधमस्वा HRESTHA मववव िश्रीदताध्ययनवमीपेशासम्मलोपामयप्ररोहDELIतिपस्विमात्माप्रध्या
सोयरतहमउसबेवजाणिवा
यारेगामसपी ऋविदम्ममाएगाफलगावती कालागीतकोरखकाल जावशरीरास निबिमिष्टम
बधश्रध्ययनिकर्मचारीखपगरणगारनिलिएसलाम | परिस्पागकरिबबी सावकदेवश्ममु०सरीबीहरिश्सरीबालिगश्वर प्रसनालिउदना या०शक्षपान परिवरवनिसंगवा उकसावेत यासतकालिम सिकनिधीमाथाऽणिकारणिसम्पयनिर्वाणघानिसणी हिनाअम० शाक्लोदिदर्शनातहन।
दिक कादिक्ष जिकार गदांकहीस्पश्तेयाममा अध्ययननाउदमाग गुरु बिमतैकसर तिहीबहिश्दे सर३५३यापही तथापासनादिकम
तस्ययचद्देिशकःयावष्टमअनेसमाप्त:/साबमि समफलरमा श्रमयान्नस्सवा असणवायाmaan
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खादिमनानि स्वादिमकप्तर तयावस्त्रचाल या पापमय बजवीकज्य मध्यापायतलगानोपाचप्रामुकथावा सयातिदेवासणतिदान अन्यदर्शनी तथापामादिका केशदिक लगादिक यहकल्पादि।
अपासुकअनेराऊसिलीयानश्वपती निमंत्रश्नही तथा शवयावउपटतदानादिका गलली आपनदी॥
करा वाईवासाश्मघायचंया पक्रिगदवा कंबलंगा यायJajारणायाए/नाणिमातका एगाऊछावया परकम् अतिप्राणादवतनततेदनश्कापश्न यवतप अमन शाक्पादिकपणापामनादिकसाऽऽमकदाअामजााउसदासदाराश्रयएशनादिकान्ति हीनदनिमंत्रण दीवानीचधवेयावचनकराज गिलासजेएमजणीसादिकमनशिपामीनप्रयाअपामीसोनकस्पअथवाविणुकपउदहारीवसिताव मक जातथावलाजागतिकही स्पश्तेकपबश नहानादिकालाचततेनदिवास्तप्रियवालाधन तस्वतीविशेषलासली सोजनकपउजवेजीक्षालनकार
चासणीअग्रवालाजनविणुकीवपदमाजीकरिवासणीउन्हअम्दारलानाविध अम्हाउचानक म्हनाव वडियो यशश्रादायमारणा निम्मिा क्षयाचत जाणका असणवा जावपादबललियरणाजसियामु सामार्गबैप्रथवाश्रम्हारासेतोषसणीवाकरमाथाभाविधौ हाम्राति दाविउपाश्रयमादिथकअथवा किदाईमासनमक्ति दिकतथापासबादिक- नातेवादरिबन वचमादनकरिवशाक्पादिक दवाइविसकतेसाकनाधम क्वनकदश्तधावानादिनापाप्रथाबाजानादिदे नहातसहितपरिचयरकरिवतिहाया कीमधम्मएतावताजिममाथकीविपरीक्षमायाचरतउकावासलीनिमात्रामवावेयावकरसरणतशाक्या करतातगाढवाटायमाल
कहता निरादरपणशहिवामक जियागाजिया पंधविनाणविउकम्माविमाधमाकासमा(ग) साममाण पालमा पाएयावाणिमात रतोदर्शनसावधाजस्तगीतेश्मजागाइएसाक्षमारपासरआवाशनादिक प्रहाइमनुष्यलोकमादिएकमावसकर्मनजदप्राचारगावरकरमिाष्पसणीअम ल्पितउलोकमजोर अननसरीषाशलिपरश्माहरीश्रामीबकासुथाऽपूवंश शाविशेषतसुगिसेकहताकीपरिविक्षनकराचारनाअजाणसिकायोतमात्र चारित्रियकुमकककुरामसीलसाहाय्यदक्षतणीनावारदीपावति श्रदमलश्त्यादिपरीसहमदिवाअसमर्थतामुषविदारीशाक्पादिकापणसरावा तगालीगुसविध्यप्रकारबमनकविषवली जेागनिकहीस्पस्नेकदेव छाया छावयावडियापरंपाढायण| निाबमि।दामागसि आयारागाधारणसणिसातसवतित
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श्राचारंग पर
कक्षा अंतरं ते पासखादिक सामधासी बता लोक्माग लिविहार आरामाचा दिनकरिव विदेश शिकार पतीन केश्वर्मक सजीवतास्वयं तथानरापाह हाती तान अलुमोदता श्रवेो ॥
तपारक अव्यपरसा की अबी ताप । जेल लीबी तराय अकल्पनीय दस्त सानायुक्त का ते सात जमले पहार के दइ ॥
इदानी | वयमाग गया। घाटामा रण। दाता या विसम राजा रामा सेवा दिलमा दितेति ॥ थाना नाकाक्वनपरद | स्वावरजंगमरूप लोक ते केवोनवर वेगमेदिनी सात दीपन सातसती लोक नथीमक तथा कमक है चाबी का दिक लोकन निमिबोल्तेक बीजक सर्वाख प्रदर्शनसरी उवजी वनश्री पुष्पपाप न थी इत्यादि एक संख्या विक इमक है। मुव० लोक नित्य बाबानी उत्पति इमक दइ ॥ नही बताना विनाशन भी जिलोकनउत्पत्ति विनाइले जिवार इश्क याइनिवार लोकर म क द अपने उ जिवार 5 दी मन ही तिबार विव मन लोक उत्पाद विभात्रा नथी सवै दाई एक शाक्यादिश्मक० लोक अनि सवतिविशारा जिथा | एक दोनीमक सादि९० लोकनी दिलाए कश्म का दिन धी० ॥
वाया विद्याज्जति ॥ तंऊदा चिलाए| गत्रिशलाए । शवालाय वालाए | सादिए||लाए| णादिए। सप्० लोकमत वैश्य कालि सर्व लाभ विनाशते। सुकमेव की सर्व संग रियाग करीम हातचा दामनरावजी इम कन् ॥ पा० एपापी जेजेल इपांमीन इव इति कारगिलोक से एक इमक दालोका की जेबा स्त्री ग् लो चैना मृग अत्र विना मुं की। कला० तथा एक ननिव्हा श्रमपलिया सम नथी । इत्यादिपरमार्थ जाता लोकनिमिताना मक एटीमा ग्रहण रूपभर्मक स्याब एक मकद बिक्वनश्युजइतावलीमा कर5 तकिम
विवाद
ताज
लास पावसितालाए| पावसितालाए| सुकडे सिवा दुक्काडसिवा कन्नाशाशिवा | पारवत्त्रिया | साक्षशिवा | मिलजेएश्वेत्ति तो का दिकाता श्री बिम० नानाप्रकारमति पम्पा बसाइम विवाद करते रम विवादलामा हर धर्म लिपरिमाप ३२५ सता स्वयं माथि की स्रष्टथा याने रान करतायता ९६वे वचने करीमुलोकन वितरक हरबर ॥॥॥ 摘
चस्प गतिनी स्ति । इतिवचनात्र तयारकरमक है ० साकए कश्मक है रामाका तथा सिहि। तथा सिद्दितथा नरकइत्यादिमा पल काय दिपम्पा अनि कप रविवादेकर इतेक देवइज
42
| सात्त्रिवा। सिवी शिवा प्रसिवी शिवा । गिरन्त्रिदा । प्रतिरत्तिवा | जमिविय्यमिवन्ना | मामगंधम्म) पन्नाव माणा | ए
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मासु०जेद्नीशी प्रभाब ऐसा वनाका लि दिमासीजवर नावजी केव
अकस्मात ॥
विजाद कस्मादः एवात सिं | सुधरवाए | [] सुयन्नात्र | धाम्मलयंति | राजदेतं सगव्या पावतितं । च्या
जाप ज्ञानप्रमाणि समस्तव स्कूजीन तथा पासया देषी सर्व जोक स्वरूप
तिमय मेरा नरक है एतनेश्मकुट जेदन। तथापा समाचार अन्यास समजण्जे वादी बाद सीमामा प्रत इमक दिवउत्तेस्पछको जिम म्हेम तुष्टया किाहीएक पाषी दर्शनमा दिपम एनसाथ लाइन थव्यादिषट्का मारकर करामत करे करतेपकात वादी के दीया तिवारश्वासपात्र प्रतिज्ञाकालिका हर्वत्र पान निषेध न म्हनइएम निराकरिता ती सम्पकवर वाधवा व गौयरण वचननी गुप्तिकरवीरता तो बोल नही जो एप से कहतमेहनत पानुष्टान तिमी बीनही। एबी कबुलीने गजकही स्पइते | बीरबत रहरमा, हरजविवेक वषायपे उतिलिकोर लिडे किम
करप॥
| सुपन्नेा | जाणाय्या | पास था। वागुत्री गाय रस्सा | त्रिबमि वः समय समयाव । तामद | वातिक्रम्मा
४० प्रो शिष्यांश वेति विवादिन्देजा, जेएाइकिल ही कारणिधर्मापइते रूकीयरिपन्नमनी ॥ सेजदेयं क० निम एम्या द्वादस्वरूप समस्त व्यवहारनन अकस्मादेशिक कारणको थी तिलिजा पडते एका बाल गोपाल संस्कृतन वारिताषा तवादीन उधर्मस्वारख्या व अकाउ इसी सूत्रमा बोल्
प्रवविकहि प्रतिसतश्री सगर्वत श्रीवई मान स्वामिवैद्य उसे सगस के ॥
नही॥
उन्हसहित संज्ञा पुणक वाद वेगल २ हजइबोलिवन शुक्लर्जुन हीतवादन किसन] क दिवशिष्पनी चालना किमान शतप पापसममज्ञानी मियाद टी चारित्र पर दवा कि मते कष्टकर शीतातपा दिएद वाकष्टसबसे स्पासली पास मत तिवार श्री गुरू कदन वसवतिः केवल धर्मनी क जीवाजी न जाए तथा राषिव धर्म। तेन न थी इणि कारणितास मनोजते दुनीते हलायुक्त नथीपरिक है । गामेदा० जेस दिवे कवंत जीवा जीव म कूपरतात सम्पक परिचानाते हनन धर्मग मिश्रा र तिजी द्वार तिधर्मविवेकनगामि धर्मावताग्रामनगर धर्म करिए श्रीस्वपरिज्ञान सम्पातिहजधर्म जाउ जेबाला मतिमती शंकर पवेदिक तो कल इस गर्व के धर्म क 35
ए समदं । शिवाग विद्यादिए। गामिवावा | राल | सावगाम | ऐवरण | धम्ममाथा पद पावदितं मादोए।।
जामातविशेष त्रिणि दाद स्यालापातके सुपजेयामनइविष एवार्यमुक्तिमा संबुण्गुरुपदेशादि समु०म मुक्तिरता जेति बुत्तापावे० जे पापकर्म क्रोधादिक ते दूध की निबु हा प्राणातिपात मृषावादश्वरिय मीजीवार्य देशि अपना ॥ प्रतिबोधयाम्पावत कहतीतला उपसांत वितमापकर्मनवि शोदा ने मैकन परिहमो हजा ती श्यामच्यादरुपांत
बइ ॥
शिवा
कउय्य ॥
4
| मईमया | जामा तिथि | उदादया । जसमा चारिया | मुंबुशमा रण । समुहिया | जणिला पावहिं । काम्महिं
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अण्अनिदाननिदानरहितवयाएपाकिही उंचीच-बीas । एतावतादिमिविदिसिसर्वश्रकीसर्वप्रकारकरीसवीजदिमित्र जैकर्मनसमारंजीबदेशीउपमर्दम्पतिकि श्यापकर्मनाविषअनिदानतेकदेव
नविदिसश्वत्पेकश्मीवएकेशियमहकायावरहमाविषायामउसमारंस मेधाबीमित परिमाईजाणी
अपारव्यानयरिशाश्वववकिसीपुर
तेकबर आचारंग. प णिटाणातवियादिष्टया उदंप्रदतिरिमंदिसासासचन्नोसन्चावन्निधरणेयडिळजीवदिएकमासमारालणे तपरि मेवसर्य स्वयं प्रायशापारथिवीकायादिकतेदनउविषदकहनी अनेरापापादिइंदकसमारंसावश्नदी।
मर्दनातसंसारसश्नही लायामहावी रणवसयणातदिकाएदिदंडंसमारंसेजाणेवणेदितिदिकापदंडसमारतावेजानवनिदिदिकाए ए. अनेरवदकसमारंस अनुमोदनदी मेश्रन्नराएकायविषदंकसमानतेप्रकरणाअम्हलामउएहधनयवसायहिअश्ाण जीवविषय तेप्राणाति कर्मसमारंसमोटानसमयी झिan
पातस्य देसमासातविसमणाजाणेजेवनादिकादि देसमारंतितसि पिवयंलनामातंयरिणायामदावी संवाद अपवाअमेरसमृषावादादिकादसीकहतांदमसमासनसमआणीदेशि। दिवा जीउदेसमारंसीयवादिनदेससंयमपालिवासीकसीसनपरि ष्यवृक्षणएजावधातरूपत्रिकरहिमकरियोजेऊंडमके कबाइलिश्री सायकहित अकल्पनीयनरत
विपदसणीअकल्पनीयपरित्यागसणाबा। धर्मास्वामिनयन। इतिश्रीविनाकाप्रथनप्रथमोपदेशकसमाप्तश्री
जउद्देसक दीया डोत्रमदादंडेरणा दंडडसीडेसमारंसेद्यासिन्निबिमिइतिश्रीविमादयाध्ययनस्पषश्रमाउद्देशक ||2||
42
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॥
सेनिवारित्रीयमनिष्पासाय अथवाचिष्जाकद अथवानीमीयमावश्यामलीलथईबासाअनवा स्मशानविषशा मान्यवरविषा यापर्वचनीयुकाई॥ वानिशकासावरक० विघर। साविषयसलाविचरेअथवामार्यनयालिबाश्रीत
धाकउतरष्टाक अकिहाश्तेकर
al /la सिलिरकपरकामछाना विद्यावाणिसिएकाबा त्याहजाद्या सुमारणसिवा सल्लागारंसिवा गिरिगुदसिधा अथवारूपनलि॥ अथवासकाश्नीसानाविषई। ऊरखाकदनानिधियामादिकनबाहिरलषदेशिएतलस्वामकेवर्तनासाकमकोईगपविसमीवि अहाआयुष्मा
आचीकहइतस्फकइतवारवाहविलसम्पदृष्टीसाकमायाचारग्रमाणपदवउपदन। श्रमणजस साकउदेशीका
सारसमुदत स्रकमलेसिया ऊरोसोययासिवा ऊरचावाकदिविविदरंमाण तालिन अवसंकमित्र/गादावती बुद्या श्रा रिवान अति लाषीअम्हारश्कानि अचान पान खादिम स्वादिम स्त्र पात्र॥ कंबल॥ पादaan
उसातासमा अदखलुवया असणवा पाणवा रखाश्मंदा सामना कळवा परियादवा कंबलेवा याय रतलाशनाक्षिकउदेश
स व समारती मदीना इमक कीसमोल पा० अनेरापामै नयाबलात्कारक अपारकातही अल्पात आणीना । घणी प्राणा
|स्पासणीअसनादिकन मारेलिग्रवस्पनाशपजे लेडीउधारोलीनराधारानी अनुमतिवाचनामावलाघरथकीमाना रतलेकरमाबालगोगोपालजागा
निअबिजकरूवार अवगोवा पाणावताशंजीवाशंसत्राशसमारंसासमुदिस्य कीयायामाबड़ी अणिसिहअसिकाया प्रालीनचे आ आ० उहाश्रय सम्मुकश्यकीपारसी एनसनादिकजीमाम्हारेकरावयाचवसमिककतमत्रार्थनमाणिचारित्रि गरुपतिएकवीचचमकतामनसेदितव पाकरमनजिकरीमस्तकमीचमकरीव यादीनचितवने निषेधवातकापाउस अायुषान् अम चमस्तितेस्पतशेरहवंउकस्तिकिम । नयसहितकदाउम्॥
ललिशा
देषामबह दावातमिश्रिावसधंधा समुस्मिणा मिसजदावसदाउमाता)समणा निषु तगादावति समण संपद)
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मा
अदोश्राथुष्मान रक्षपति
सादरवचनरवनिश्चदउँबादनदि तथापनादरक्वनपरिमाणमहीकही तासमान
श्ताविमनिजागाउमदी आचारंग टासायमियाशेरक भाऊ सोता गादावती गोरकखाताबयाणं आवढाएमी रणारकानातवटा परिजाणा
जैतमाद अर्थिा अशन पानवादि स्वादिना वस्त्र पान3__ कंबल3 पादउँबm30 n मिजोरमममहारप्रसारवाश्मेवा साइमवावजेवायादेवा केबलंवायायपुरवायाणा
जीव मत्व पाणि घातकरी॥ य काय पामित्य आबिद्या अनिष्ट अतिदा । एदवआहाराणी शता नीवाशे सत्ता समारंवासमुहिस्सा काटोपामिञ्च। अनिछ अणिमिसिदाबाद) तथा प्रम्होरका निमात्रयकरावादरूपतिएक आदार पदयात्रा प्रयादरिवायकीविरतनिसानतासिकिमण्यस्मयकरण्याएकरुतां) सेन्तेलिमा अतिमि एतावानाऊंमहीकालिपरिनिवृत्पाश्मकदीनिवदिकरजकोई एहस्तमाकनउयुक्तायुक्त जाणतप्रसन्नतजावानाकरणकिण दीपरिचारित्रीय आरतलनिषेधाएदवदेपासोश्वा वातमिश्रावसदेवा समुसिणामिसिविरात आऊसा गादाता एयरसअकरायायाससिखापरक्कामज
भायताएंवक्षाएकहाताडामपणेआपण अनानारिकारेलकर किदाई वमसानादिविषविदरत तेहनासमीपत्रावी तेमि कोईगदम्बश्रेजतिकरीवादी
चिचिनातिप्रायपकटकर माकन
द्य॥
काजा
छाजावऊरयावाकदिविविदरमाणे तशिखाउसंकमिज गादावती श्रायगतापायदाए असणार
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भानथनीपजावर साकनाश्तोगविआवश॥ आविवानिकि मनमाझिमजा तिमक रिस्पजिमकाईजाणिस्पनी तथासाकतेअसमादिकीयमाश्रयक
रावाजालशकिमीशाइतेकदा॥
allallयाणासमारेषजावाश्राम्हटुवयति आवसादया समुस्सिएगा निमितपरिघासतबसिधुजणि सहसमस्याएायणीमतिई एतावताज्ञानविज्ञ तथ्यामिरातेदनापरिजमादिकक जएगृहस्समादरमर्थित्यमा बानथापरवागशेषलंकदतीतीर्थकरनश्ता हलिसलीयतालप्रकारे मार दिकपाणी यानमनिकरी बश्वपा॥
मनश्यखHTTPSSSSS डशा सहसंमस्याए)परवागरणणी अणेसिंघातिए मात्रा प्रोखलुगाहावती ममाए असणवाधाबवाव पाणआरंसकरा आश्रयकरावश्व मिश्वारित्रीय सम्परपकारिताबीजाणीमतगृहस्त नरजगावरणियारसको उपाहारादि
कदिउसोगवएदवाश्रध्वपनदीविवकवतश्रावकजाणतजपिकनियुक्ति प्रकास मनहति Alsकेत मादिदोषपामुकह देषामशास्कएषणीयदानमा फलकहानिकारनाममाप्ति
MANOTHERITTEIRA विषाको समाबजाागतिकहीस्पर नेकदasmssd पाणाशासमारंजावावति श्रावसदवा समुस्सिरणाति तंबसिडायमिालदाय। अागामना आणावजा अया असितारेकनिवामादिछिक कमकदीमाकमीअनुमाविना आहारादिक सौजाणऊपहनवादावचनबाजी से तेराजादिक मूटिकाजलपरीमाणातम्वये अथवाबलात्कारिकरीयापिम्पउनेशको साकाआधारजाउमाकनमा बिना जाणवलकरी ऊसासनगाकाराद तथा अनेरनिरूपिवासलीपिरअरेगानि काश्करचारित्रायमनिमंत्रइतिवारतमाकसदोषनाशीमपनतोगनिवारतेगुरुस्व अनक क्वनकोतप्रतिमकरसातमकरणादकताकापसावा आदरमहा शिवारकानसगिरी सिवानिकताममादिकरणकरश्तकारजमा करण्याविना मोहिंदरसपादादि
आहारापकर थाका नाचणाममश्पशिक्विनमारुचकरुतीयालीसाफआयसिदकतिबारश्तेदनअपेरि सिव निबेमिनामिकुववनामुष्ठावा अपुतावाजिशम आदचा गया उसंसिहंतादणारखणद
लोगचारित्रीयानझसेतिकस्तोऊपजाबपौविकिम
admits -BSE न कहबर Ugandaaipasacarassesdjaceless
EMSELEV
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अविनाल ममिमा नायवउदा पनौसर्वस्व उतावलौविणावा नानाप्रकारेपीकाकरेम नियरिसहना पुरववीर बाबीaaa] अथवा आवारगोचरकदतामाकम्भू उ 30 अपहरसा
कसामनेतररुषका महियासशसा उ नविशेषसूजीलरयणेसदस्यापिकवि परिमदकर।
अषकहकसबलाागतिकमवा आचारंग बिददायवायचहाप्राप्नुयाविर्नुपदासदसाकारताविपरामुसदातकासपुनधारा अदियासपाखवा आया पक्ष किशाहीएक आयनिकद देषामतिक्कि अस्लिीचा विमासी अपटू३३क्वनकजकोई निराक पदवउद्योग्यमधीयनयुमिकासमिानकरीश्रात्मदिनाचगोवरककृतार्षिक
जरुषजसकेरुमसतनासिगदीसाव्यध्यवाश्रम रीनसूकै तेवोकरशूऽ० वयक विषादितनीअनुक्रमिनमादिक्रमअनुप्रेका विधारणाकर आत्म "सिरदीत यावामध्यसाथवा प्रवतिसकत्पादिविभा समपावसायविसमत गुपयोगसहित सम्पकप्रकास मकदा
सीमा
Jas-आचारगावरकदशश्रथवा।
रागायरामारकातवियाण मरणालिस अजवावरात्रीची गाथरस्साअणुवाबण सम्म यमिालदापात्राय
पहनीवरतीकिंजपखुवतीर्थकरते मेसमणकवलाविषकोरेगलतमाऊसिलीयाकलाप्रकल्पनीयजामीनासारवल्प किंउसमनोजमाकासममासमाक कसाला
वद्य तयाअवलाागतिकहा कहनापणामवाल्पाहारादिकापरनहीनथानादरकरीतेदनशनिमंत्रश्नहीवन3वेयाक्वकरमव्ही इमकङ एय|| । स्पतिवीतरागसप्पउ तेदिया।
यात्रावाहिएयायावदिनोसेसमणत्तिअसमयानस्सअसणवाधावयाधणायाएका नानिमाताना मनस्वनदिक्कदवौबतकेहवानऽपितेकदै वम अर्थश्रीगुरुशिष्यप्रत श्म धम माइकहतांश्रीवर्धमानूस्वामी साम्प के स्वममियाका
कस्तादानधमरजानौ उम्झदिया ताकवलसा नवतश्तेधर्मकेवउसएफलकहताज्य अवेद्यउकेपार
विहारीभावारवत साका ऊदयावडियोपशाटायमारणानिबिभिधम्मामायाणदायावदिया मादणेश मतिमयाासमएन्निासम|| एक
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समयसवेगी साधनाएकस वस्त्रादिषुणवत्रविधायक तथा प्रतिस्पुणपाधधकपर जिएस्वासाकमायाचाररहिरतिरक्षस्वतयाधीतथापासवादि। बीजदेवशर प्रकल्प माधीशमादितमप्रशमा असमादिकदेवासणी/कतामअवानादिपिमही दिवपलमविवाषर गृहस्सककपकल्पनिहालीजिकाई जोश्वर मीयूआभरादिकमल दिकश्वविधा
निमंत्रशा
वनापरवानदीजनहीअनऊतीधीपासमा दिकस्वनीमेवामणमनश्कन्द प्रतवेधकसरि लवामपनिषधानीवीतरागसाउनम्मामुपथकामला JNIविश्री सिमा नामुषथकासमलीपुणकरु33श्रीमुधमीस्वामिनासाकशोचरीगयो
साविमादाप्रथानाक्षयाइसकसमाप्तः 112 श्ररिस्क असेबचा सीनादिककंपकपमा एलरसा असावाधावाधायाएका णिमातछा अछा वयावडिया परीश्रादायमाण। निाबमितिश्रीवि गस्तमश्अनिरक्यानाचारसेवादिकन उसदेवकपमतेटालिवासपीएदवश संखुष्पतिवोधमानधर्मावरवासणीउपातिधर्म सोचापयमिततीर्थकरादिकतेदनउपचनसंस अधिकारनासूत्रामशिदोजगमादिमनुध्यनानिलिवयनयुबोर नविषाकिमबद्यातेकदन। अमवयस्कापत्रिक्रमादिजेमप्रेमवयतिधर्मयोपचारणिकारणिमध्य
सम्परप्रकारिदियश्अवधारीसमताप्रव मवयश्वझिएककर 2la
माझाशयानाहीतीयोद्देशकः|| मनिाम वयसाविपासबुनमाण समुन्निा सोचामेदावी वयाँ बातेकाजेहसाणीसमतानमध्यपण मामार्यतीकिरणिधर्मकातिल अपतेर्माधिकारी कामसायना प्राणजीवनप्रतिपातविनाशते परिपालन रागषनश्शालिवा
कारलिसमताआदरतेकदाचारि असिनापीमयाsia नाकारणहारनथाsतथा रवासाद प्रवतरितेकदश्वा
Jaasविपश्खण फटाणपिसामिया सम्मियाएवाम्माआयरिएदिपावदिनातत्रणवर्करकमा अणतिवातमा अपरि ममता सावरदिa: महावंतिकहतीसर्वलोकविषश्परियहना दकहताप्राणीयानपरितापनःकरणाकाररवारसनिहायकहतीखाकी सावहिसाफ करीन! मिपापकर्मबहारप्रकारनेअकरत अनावर मोटअयेथबापायसरय
यवपरित्सागतीर्थंकरहेछ
गाहमाणा| सोपरिणदावतिसबावतिंवर्गालागंमिलिहायदे पारणदिपाकाम अजबमाणाएसमन्द
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कब
याएपररूवानियंथपा उतपएकलवशहियरदिनानकम तयादिवतानणपपायवरजाणीएवं सबलास्वानविषअनित्पपणउजागी जापानश्यापताजगी समा आदरणहारकेरुवउऊश्ते यमरुनविषादज्ञानि
| माहिराजीवणिकालियापकर्ममनिवारणहारजसथाकेईएकपरीसदनालान पेश्यमामियार हकलाहारो मोहारकरीश्वयजेदरुशारीरमामारनालाविजामियाममरणपामा
परीमहजपनेरुतेतीपुरत्नजिनिनिकारणियाकारापविनापजारी रखतापरीमक्षयने। आचार गाय विद्यादित अतुश्मीस्मारवालाउनघायचयचामाचा आहाराक्ययादेवा परीसदप गुरा पप उदिवेषभएकबायकायम केवलीनी पारीरमाहारविनासानसाब उपपएकलवरागषर द्वितनतनवाश्यादिकपरिसहनेउवाईमपातपरक्षाकव्यानपाक फूलतः इंदिया सानिधीमारते कीव
बीमतउअनेरापुरुषवनस्न नौकहिणादिकमायणदीपानीकतउपाणीपीवाश्नहीमवासाकायनाविराधनाला राज तितिकार लपवै॥
परजेपरमार्थनउजाऊश्वेपरिसन लातावारालीदयायालयमदयाकालिकानजिसिं उसमउरुषसंनिधानकर्मतहमास्वरूपनि
परमार्थ अयश्स्पकर वेदना पिकएहवाशावनिलजाणasIAचारित्रीयोउबलनेतीविनवितवसरमजापाबला
बलडनजाणा यासदायागसविदिएदिपरिगिलायमारणदि उपदयादयतिराजसिमिदासा सनस्स मेनिकालनबलान्नामा मनाम नवसर वियना तथा समयनस्लममय तमापरियपरिममप्तान वा जिशिकारजेष्मानसा अपतिज्ञकपाया रागदेषनाउनकारएकबूततीनिक
पसमयरहस्पनरकाश कालेणाई। कनकरिबहनदिविषयविजा करीमधमाधानविषश्वर्तस्विमस मालवजा
उकरलार काले कालम रक्षितनातया बिमानुष्ठानपावतीजेकाऊपमस्तक मायरेशतिक्वनादानथा
हना यान्नारकणगाविणयान्न समयमापरिगदाअममायमाणे कालणारी अपमिन्नाऽक्षानाचाणियातित सिपअर्थतेलिश्चारित्रियवंतानहारेकरीमतिअनेकयौवनवती सुंदराकारस्त्रीनदिपरिवपापणापश्शीतअवेयसआइएसाकरमारुरीउप अतिक्रीतयौवनावस्वासम्परवाणानअलाविशीतनश्स इसितमुरमुरेशदवास्वदिषागाररसिप उसकेपश्बईअथवाशीतश्करीकंपश्चाइमससथाप
कपमानशरीररहवादेवीतत्मसमीपप्राधीकोईविशवततेसाक बोजाग्रहीआयुष्माश्रमाकनामधर्मकस्ताविषयतेप्रबला पतिऐश्वर्यसहित अनेककस्तूरीमबादिकरीपरमलाघा पण वीमणिनीमकाजक्तिविउतिवार चारित्रियस्मिविपरीतसिपायजाणी बोपन तिमिरंकुसीयफासपशिवयमाणगात उपसंकमिउिगादावतीबूया आउसातासमारणारबखाताबामदमी
जा
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अदाआयुष्मारहातिमकनाईयामधर्मपीडवाना किंजजश्तश्कपमानशरीरदीवउतेज्ञीन ऊरवसुनिश्चीतस्पर्शअादियासीनसकउंसिणिकारजिमादरबारी
प्राणनघुकंदर्षनउबिकारक्षमजी लिज्यो।पसइएदवश्काइश्वलनउबजीते एकपतिशमकव्हेशन
जमशातव्यापश्यअनिवाचीतापमउस्मश्नधी विधारमा
एदवका
उचादति श्रावसाता गादावई सारवलुममगामधामा उचादंतिमीटरफासंघानारकल अदबाएमि/अव्हियासिन
प्रदोगदपनिमफअग्निकाथकजा निवापछातिया काबशरीरलाईकरीतापिययोमअथवा अनेरानाववनयकी मऊनाईएकरिवठनकल्पाअध कल्पश्न
घवापिनकल्यइआपणथकी वाअग्निनासमारंससणीअनेरानणकदिवउनक
- यह
खलुमे कम्मति गणिकाय उजालन्नएका कार्य श्रादावन्नएचा पयावाण्या अतिसिंघा वयाणामसिया सेपवार दिवकदाचितसाकनश्श्मकस्तांतेरहस्अनिकाय उन्ली निवारिप्रियानववारीरतापवशथामअथवाघणउतिवारश्चारित्रीयप्रदेषीदियामंदिअमिनउस
प्रहालय
मारवधानविकारगजागी सम्पक विचारीतेदस्वनश्मकश्मनायमिनसेविषय युतassषिकारणहारहारअर्थिकरिवमयुक्तवेधीजम्नश्चारित्रीथानाभन
मोवतालाजस्पर तस्माशिअगणिकाट हाजिता यजालसा कायंत्रायावसावा ययावेझावासभित्रायटिलिहा आगमन्ना श्री धन्यमाकजएस्वातीतादिपरीसमस्यास्यासमकही जिसरस्वनइममिविपरीतअभिप्रायऊपटालिबश्यक | सिपजेमिचारिबीयप्रतिमापतिपत्रमा प्रतिबाधा मुधर्मास्वामिजवपतकमाइतिश्रीणि उस कुदाचिस्त्रीनउउपसर्यकपनसउवहानसादिक वाजिनकल्यात्रियस्वधराउएतत्यामउवल विमाकाध्यनिहत्तीयाशांकसमालेः॥३॥श्री: मरणकरिवउपरते नयनसेवानवअनाचार नकरिखएवउमा त्रिणिवत्रउपरोविन थोरापन तथावउपात्रएक हिवैचायापारतीयश्व॥
कर
॥३॥ लिपावनियोगसमप्रकारले ऊतचा
पाबा अाणविणाए । निबिमि विश्री मोक्षाध्ययानातीयोउदेशकासमाश:|३||जनिक विदिवाछिदिया।
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प्राचा०५६ स्वर
पनपनापायापायकेसस्थिायलास्यक्षाणांगोयनउपायनियर यानिवचनात जपएरुवामध्यवसायनिषमतो थौवस्त्रनामावोकिदा वाजश्वुली माया पासुकाणी एस्वचारित्रीयअनादिवानीएकमयस्वउठवलीयरीताटिलागतीबमकेगलमयकल्प त्रिवलनमा मनाशीतकालमापनासहतिवारइतेचारित्रीय संपणावश्नहीं। वलीमणारी नाटिलागतोबीनकबजन्वितस्यकामधिकपमहापतनश्मांतगरण पामाजिलिकत्सरवनापरल२ पुषवयकाबारलेउपगणनउराषणकारवभावात वानवा जपाहा
प्रामुकएपणीव्यस्कतानिदेधिवक्षमागमगीनजि तथा नीरजाक यशशिकारणि हमाकने मनस्वरतावत्ताविनातिप्रायररूपउनकम्ममनोबिन मीन निवारणीभूरा पातायातस्यामा
नोसमा,र नहीं उमअवस्खूमा गिश्प303
रिसिपायरवेदितस्सरण नोaसचिवजातिस्सामिरस अहसमिजावचा फाएका अपरिग का अथवारंगनही एजिनकल्पीपतिमापतियनमााचार | गबवासी ने किवारमधदिन्नध्यासानपणाणकारलिज
नरकवनपरिहरam
अपलियंचमाणायामंतरिना एरुवाईमपासवस्वहिरजेदवा यगांधावणधासरवोल्यsasपरमिनकल्पीन
तोवस्त्रगापवरमहगोपमानजाईयश्चौरादिकमउस वावधानिमार्य नथीना तथा
यनकाशा दियानाक्षारका नाममा नामावका मोक्षारनाशवबाझारका अयतिमंचमाणगामंतरेसु प्रमाण नावावस्वरापाखुनिश्वरप्रवेक्ति अदाजश्तेवस्त्रावतीतकालकमनी खनुनिश्चतेहेमंतसीयालअतिक्रम्प यामउनकासा सपथकोपतावनाधरणहारमश्वस्त्रपात्रमापसामग्रीजी मलय कोसंपमिलेदरामय ।
अशीसमीपीकागई। जिदेवीकिलहावा चशीसनश्मसावहिवनबाझिवा वाश्मनाए मनिवामउत्सावा एवउदषामsan अमावलए एयंखुवबंधारियस्म सामगिधी अदाण एवंजारणका उवातिवातारवादमातमिन्दपस्विन्ने तथापनीर्सवश्ययाऽमप्राणीपरिसवपरित जबली जरिवकातिप्रतिक्रप्परक्षेत्रका रुपनायु अताटिराईवस्त्रवाकिवा अथ उपरिणाविवासरीवस्त्ररा वीनिसंग विवरण थकीशीतभारतमकरिश्तकहता-वातादिवालिवानामतीचापलीव षकिवाएपहिश्श्याम
लनासणीतरीनरकात मेकर विवरा अथवः
मचे एककल्पनाविना विवस्वनउधरणहारा
६
अहापरिकुमादिवाईयरिझाबका। अहापरिकुलाईवना परितक्ता अवासंतस्तरी अउवाप्रमाब
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जेयूस गवतश्रीव तयारशीना अलेपवस्वरदिवयामुष नाघा० सरीरउपकरणवीरनक) संवमेअपनेयस्वपरित्यागनाकरणहारनपत्रा
सा०विमुकीपकराधा विकारजाहरणमात्र उपवि तायागतवस्त्रपरिदहमकर अनिशिकारणिकालिजातपसेदव मियाबीनप्रसाविति राषकेकवस्त्रवाफतिस्पी मकरतीतहनफयाइतक
तेकायक्तिवाया॥ शाही तितिकबा
बज्ञ॥ लपवाएगसाडे/अज्या श्रावालालाघविद्या आगममाणे तावमा असिसमन्लागात संबंधिजामतीस मानवामिव निक्षलअलिप आलीन सर्वथकीसर्वप्रकारकरी सम-सचेलनाचेल्पफमीत्रवस्नानाचत्य जसपप्रथाजनिश्वास्त्रिीयाममंदसंघयणपणाने द्या
पानसेवनपरिनाऽसेवजेक्नी अल्पस स्वविएहवामध्यवसायाजिमस्वनुनिश्चदरोगात
खतिएक्वाथ्यवसायवंतवश्क कश्फरपजामथवासीयस्पादिकाखीमाबिकरें। FRESS
-Ins हस्ख॥
उपसमिफनैशलिअवसरितारीशविमाककरिया
जे श्रेयजालिया। गवता यावदिततामयअसिसामचा सबसबयाण समत्रामवा समलिजाणिया जस्सणं निस्सवेलपति मालमपरूउसमर्थनधीपतपमर्यसदिवालिकारणिसापवरकाणाशिणीमरणपादपोगमनमाहिलोअरोकुरिवाबुकलेश्व्यसयररुवामात्पकारनषेपमहीमाहेशन वफ्नाअस्यिाभिवासमपनौनधीतउमरणजमयसपरिनादिकमरणनजालियाघणाकारतगाएतलीका महिवामीसमधतिानीतिराविकासअथवाश्था बीजउकोई सास्कोतिकरणयुक्तपस्यमाचारकरिचायुक्तनहीजेडमनाएपिसथिातश्तेहरजमादरेनेकेरुवारमकावण्वसाझवसुमकस्तासमवतजालिब
, परीसदन उपाध्यायसही नसकेप्तयचिकित्सानकडूलिहीनसाबकरीव्यासहितावासबसव सर्वकारसमत्वागतमामगाववाशजानजनावपरहवा त्माकरीतरुचिकित्सा अकरिव यादीमश्रले तेसाकतउपसमिक्तबतउस्फकरइतेकal पाहावाप्रव्हमसी)नास्लमदमिासीयफास अधियासिकाए सवसुवामसम्मनाग पन्ना। अयया समिणोऊतेसेयऊकरुतीनिस्कारणताविरकालनगविदनामदीनमुक अथवावी उपसूर्यकरिखान्यावी तिवारविषतषण नाजिममलेषनामीविकालपर्याऽसनपञ्चरवा करीनाथनापासीकाबलबीमरेपराचारसंगनकरैतिजकारणितपस्वी नतिजमरिचय नालिलाइसजालीपासी यह लादिमरणयुगसलामा तिमरणेअवसरिविषन श्रथवाविषनषणकर मथवाञ्चोनीमरपादेतिनावजपचनाजारमसवावलंबतनमनयतिवारशिष्यच जनारूप का दिमरणपणकालपीयाजकरुतांततपरि प्रका करमवरसगवन विषतषादिदिवारनमरमनिीकारणातकरखासतौकिमकबतिवारनायककहरिस्त मोदिसरीषमाशिवाय एकतिश्काई निषभूनाथायणनथी।पएकमेकनटालीनशतिरू एकातिनिबायोपिपीमध्यातिणिकारणबाखभरला मरीबालवेयरामा एकिकरणयाए।आवातजमिणा ऊतासये जामागविहमादियानावितस्माकालपरियाए।
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सवित तसाएदवामरणमप्रकरणहारअंतक्रियाकारकदियदलणीपलश्य यामरण अनसामिहिपऊनानेमासिद्धिचम्फावेय०णिपरिएप्रोक्तवहानसा दिमरणविगतमारनायतनाश्रयकमपलइंदितापायननिवारकतथासुषजन्मांतरणसुषनाकारणसणीनियाकमकस्तायुक्तालथानियसकर्मक्रयत्न सलीमाचगामीकतेथकीउपापउपतेदनाअनुगाभिषणायकतिवभिश्रीसुधर्मस्वामिकदेवाऊऽमकजिमश्रीनगवेतसमीप संसप३॥इतिश्राविमोकाया
यविधिदेवाकसमाप्त॥ ॥ श्रीरस्तःधि
आचारंग
सावितबवि अतिकारण।शचय विमोदादातान्टिीमुदावमा निस्सिमााणा गामियातिबिमितिश्रीहि
हिवैपावमेवपेसाक बावउछाउदेसश्कारणि जेसिव निवास्त्रिीयोजिनकल्पकादिकबिऊ जिला निरूपायनाउपगरल विहानसादिमश्णकलशहाखानसा विपजतश्चारि वस्त्रकरीरिखुमिएकतावस्पउएतावतार बश्तेस्नएदउअध्धव त्रियाइसक्तिपरिज्ञामरणादरीयाएदवसबंध परिपवतिनऊवस्वमाहिएकश्मउएक सायनऊ ॥ बासूत्र।
मिमियजाणियो।अनावली
जीवस्त्रयाविस्पा
मिक्षाध्ययनवउदिशकः|| श्रीशाजशिदोदि वाचदिपरिखुसिए यायातिपदि) तस्मानाएवंसal इमवीतवैमादी उमांगकिम॥ अदितिमाकरपलीययाचा इत्यादिमाघउद्दिसजिमवषाणपउतिमम्जाणिवाजील गतिमाकनीसामयी माणीवी
म अथवादिवशा निasयावंजाररसामि मिश्रादसापिकाशवबाजायजा जाएवखखातस्मलिनुस्सा सामगियो अदा
वतीप्रमाणदेमंतअतिक्रम्पायीमश्रामविवारने जीवस्त्र तेपरववान।।
गएवंजाणिका अशतिकातरवस्वादमात गिम्दयमिवान्नाप्रहापरिजुम्लाईवलायरिदविका अदापरिजमा कर
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अप्रवासतरुतरेकडताएकल अथवाएकवस्त्रधार अधवतिरुपरिष्वी आपण नश्लकत्ताजारामकरताजतिनकायक्केवा ववषरविवारपासश्मूकै॥
वखरदितथाइते
334
स्पीयउपकरुवाइ
स्पासली शवायरिठविना अप्रवासतरनारा अजधाएगसाडाअधुवावालालावियात्रागमाणावासतिसमन्नास जेहतालिसगवतैना ते दनजाण सर्वषकार अचेलपणासवेलपणइमरीषउसावजाणार तथाजिव्हसाक्षनईएवाकलंक
जगारऽर्मवमलावनाणातयाजेसाकमउपबुझाSANSINESS
घनिजामयमगवतापवेदितीतमवअनिसामचा समतोमवयाए संमन्नामवसमनिजाण्यिा| जस्मणमिस्सा एवं रोगादिकाव्यामणिकारणिबलरहितपय एदसणाएकघरघकी अनरसंहातरिसिहाचरीमणीमाश्वासमर्थ सेएवं जिवारश्तेसाकमकदाऊगृहात PRASTROमहाऊतिवारजेथांतेदेषामश्खा
स्त्र
रिनिवासणीजनसऊंतिवारश्काई
स्वितेसाकश्मकदतानादरकरीत्र सति जागअबाला अहमसिनास्लमदमसि गिदंतरसेकमाणतिरवायरियागमणबासएवं वदंतस्मया सगपोनरवादिमस्वादिमाहारमा प्राणी माकपहिलीप्रतिसपनाकरुतीविचारइएआहार अदोहपनिखानुनिश्च मकननकल्य॥ आपत्रमन्नमादिम जोरोएसाकाहारा मोदिकेटउदेघानसिामुदाआरापासगी
SUELLEcondi लीसकतनया तिलिएर ओली अाप असाहूदीपाली शस्तन-रमेकेदाटम
Vimags माहारा अाएपउदेवी सिकं असणवाधाआदहादालएका समुहामवापालाएका बाऊसातागाहावती सारवलामकमात्र
HAR
SHAHEERO
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श्राचारंग
९सामा पानखादिमत्वादिम चतुर्विधमहारा
जिमिया पायरवा पीवानकल्प अथवा मनेरो ईप्राधकर्मा जम्० जेदपरिदार बिसु विकइत्यादिक चारित्रियानो ऊंप मिले कनांवे या बच दिशेषष्टमार मनकल्प एक गृहस्त रहो प्रकल्पकतामा चारख९६वना करिबातली मने रहला | १तक हितध्यावती विशेष कदम ॥ किमा योग्य. वयोवचकरा
कारचा
पाख
५|| सोनवा पात्र एा । मालवा एयप्पगार | ब| | जस्मा | लिरकुस
परते। श्रप्पः तेन किनथी बौखलान उतपकरी सकती हवाला सामने व्याव व जांगी। एतावता निर्जरान इका रपि नेरेवारित्री म्याक्तकरो यथायोग्यवेया वचक रिवासमर्थ एवारित्रिय की अवेयाक्सा. वोबि स्पउं एजे चारित्रीया नौच्या चार ते ते चा बाप की मऊ एक अथवा साहमी सरीबी समारचा प्रवर्तते वारपार्जनसक्त परिता करीझाए बापरे प्रवारयधो नकांबली के रूषेमैन ही एनलै अनेरा साहमीनावया क्व करिव आचरल स्वरू निर्झरा ||
पहिला पनि रोदिगि ला रगा अगिला एदि । लिकं रख | मादम्मिए दिं की रमाएं । वियावहियं साइ
को।। दिवाने रामश्वेयावच कर पदवीदाने देवा. ॐ अप०अनेरेवेयावन स्मालीकर यार ते नाउपकारली हवा प्रतिज्ञाकरी | सरिता कुरिवासी जनकल रहा आपकी लाइन पर कहने परे प्रतिज्ञा स्वाइन ही हिवै प्रतिज्ञा विशेष जणाविवासणीच उल उम्दनश्वे यावचकर 15 मजे हनक कुंब रहवामा लागि गीदेवा ॥ सूत्र ॥ अथी। लानै निर्जरा जालीसा धर्मिकन इवेया वचकरु झिम्मामि देवा विश्वलुप मिलता। परितत्र रूस अगिला एगा गिलाणस्स | लिकंरकसाधम्मियस्स | का | एक कोई साझ ६वी प्रतिज्ञा करते स्पंजे दाने राजा नसा धर्मिक नै थियाहारादिकगवेषीच्माणि तथा अनेर उ साथ एद वीतिज्ञा करे अनेरा पायथायोग्य वेव्या वचक रिपेअरि साहमीच्या एप माहारादिक नागचिस्प 31 जेनेरानाहारमा लिप करप्रति ज्ञान सांग जाणिव ॥ १ एप्रथम सांगउ ॥
बिया विडियेक राहु परिलं | प्राणिरिक स्मामि च सातिधिसामि ॥२॥ प्रादुपरिन्तं प्राण
यह
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परनिरान आरायमाहानिरसनही २|तयाअगएदवीप्रतिझाकअनेरामनि|| अनशन आएपउआहारतेस्पछए शानभाएकरदवी एबीजवसांगनोलियो मिति आदारनविष
त्रीजीसोग
किस्सामि आदमघरमासाधिस्सामिााादहुपरिन्न स्पायरिकस्मामिाादधसाविधिस्यामि आदन पतिनाकहऊप्रनिरानिमिशादा अनिरानापमाहारादिलेसनदी पतिज्ञाकाधीलापनदीऽणि थाकीसितकदताजिदपर्वताप तयासतेवदतांक जानिan चव्धसागवावाप्रनिसाकरीकि परतेसाकचारित्रीयउतरवता
यासवनपरिलाईयासे पायनापजा माया हीविजोषिमानिसउाजीवत तशरीरनिरपिपरवमया वत॥
कायनातयावि परिसागकर
रतिकदा सावधा परिलमा आगारकस्सामिाादव सामातिधरसामिपवासश्रदाकिट्टियामवाचनसमहिजाणामारणा सात सुशन सुसमाहियसेकहतारुकीयही सादरीलझ्याविनाध्यवसायधिशष पर्यायकदाजिमविधिसहितमलेषनावकसमर्थनईमलपचरखाणकाधारलासयातिमी जाणिव
का जगरहनत उरोगादिकश्करीपहिलामादरीषतिजापानिव जाबिऊमामिमममाअयवसायनसरीषयणनिर्जराणसरीबीजाणिवीविणकारणमितिहासात निश्प असममिति जापालिवासलीसावमउपचाणकरत भाक्मिणासनकरिवईअंतक्रियाकारककदरणियरिमरणतेदनशहितमुष मनिश्रेयमारू
अतिदनश्काला विशन्न सुसमादितलिस्मानमाविम्सकालपरियासतविअंतिकार। शवविमोदायतणदितंयुदोरखमणि आयुगामिजालिएक्षनीव्याख्यापूर्वी इतिश्रीविमाकाप्रथयनेयंवमध्देशकसमाप्तः ॥ीरस्कः दिवबहाउपारंपा जेमिरकण्जेसिकरुती चारित्रिया परिजोणिवी इसिबमीश्वव॥ तीयोपचमादसवालमाविमायतन प्रत्याख्यानकथाहासंघयू नाम,
शिबलसदिएकत्वतावनासावताचारित्रियरंगिनमरणकरेइएकवी
संबधकहरसूत्र aldarसम अफगामियानिबिमिराइतिश्रीविमोक्षाध्याने पंचामाउवाकसम्मान:munaनिरकुणगाव
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आचारंग
एकवस्तिश्करी रसपात्र तेहनश्पदामध्यबसायन जिऊबीजवस्त्रयाविस्पउपरोएकबहेसलियतेपासुकएकरणीयवस्वा जेदवलीम लापता बीजा वस्त्रमोकलरापिउश्तेयावर
परिस्परं यावश्नहीण
रुनहगायावस्त्रपरिदरश्न नगपरिघुमित पायबिईयातरमणेरमाएवंलवशबितिर्यवछंजाइम्सामिासादेसाणायजाएका/आमापरिगति हामत्यादिमारव्यापूर्वीपासगी परिमाणवी जोलगादमा
जीवस्व जाणतपरिवा अमवाएगसाडे एकवसधादा अथवा प्रवेव आपणत
सकतानीला अतिक्रम्प3
रयाई॥ स्वरहितग्रागिणतो
पाश्विास in भारया जागिम्दयवित्तिाधापरिकुन्तीव परिक्षावधा||२||अवाएगमागमा आचालालाघ। ववव जाणिवत्तांलगिसचेनमा विraumeी अस्सल जैसाक नेइमाइएतावताएदव मध्यवसायावरतेक नयी अपाणीमात्रउकी
देवरामसप इसेसारमाहिद उपकलमादरईपरमार्थहलिउपका आगाइदिवतेसाकव विशेषाचारक
सामनकर्मसोगवाणिय उजाए स्वसाकागजपसमाचारकारनेरकरिवइमानकावधी अथवाहणकम35रकाफी रिसाकमाणपउएकजसम्प,
a
हिवासुषकरिवामाइरसाम विद्या प्रागमारण जाव समन्नामवासमलिजाणिया। लस्सनिस्सएलवशिवागअदमसिनास अधिकार कधकारिजागणियात्मानमरकादिकमात्राणतणीवारनमदिरणहारबीजीकामथी।इस जालकताकर्मउहायजा
मकरमा तेदसाasall दियधाश्ताजे शिगादिकपातापनउकारणपतिवारहरहवसावा मजकपमा
पादपउ ॐ उदेश्य मजसदिवाइसवीसचीसम्पकादिया सशनिपाती। नयाणादमविकस्सएवंमएगिणामवा अप्पा समलि जाणिछा लाघवियं आगममाण तावास असिसमन्ना
पा
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ओएमगवतश्प्रवेद्य उसाम्प30 वाजसम्पकजाणासर्वकारस्करीबिऊंअवस्वाईसरीषपाईजजाऽदिवैबीजाउद्देसधामउत्या सेमि०प्रीश्र्ववणि
दनामीएषणी कदाउमतीसमपादतवहार असांगभइत्पादितथापचमउद्दिस ईयरुष साक्षसाश्चीमra कही सियाएवंवदंतस्परोअसिदकाप्रसवात्यादि।यासेषणाकदिवारक्षनेशनिकनदिवा पानवादिमचा विम अधिकारकहरवा
चिउधिमादार गएसवशजामयसगवयापावविश्वातामा अलिसामवासबसवतारासमन्नामवसमलिसाणिया मसिरकु मउत्पादनाएषतावत्यदणषणावधाएल गार शिवदार आहारतमामा शक्षिणक्षणुअजीमणगानिसंर्वर धामाहारदाक्षिण समबोषरदिनाहारगारमनशमनारागषकारणजा हाकतामाक्षगालते मीरम लेवानी॥ लिया निरागद्वेषसरसन्नीरसपणऊपजेतिणिसरसपणासाठी
स्वादत3॥
दथका परदरणदिषामsan वालिरकणीया) असणवाधायादारमाए रमावामादणुयामा दाक्षिणदणुयंसंधारया आसाएमारा दादि शुओथक वामदार संघारमही सातास्वादतञ्चविधाहारसउशय जापाहारमश्लाघवागतास्वादनहीएता
षपश्चिास्नादाताप्रा.
किवता मतप्रांतीकारल्याणहीपमही लिपरते राहीकारणरुपमानतरिमचारसस्वादविसापामकदवाएलगइसाप
लिआस्वादस्पासणी उवादशाााता वामदायरमा सवारधा आसाएमारणासप्रणासाथमारण लावियागममाणातावास तिहाजसम्पकोणी जेसन अवधउसाव्यउ ।
| सर्वथकासप्रकारासरीषपणउजाणादिवईतेदवारित्रियानतप्रोतका
लिववारीररित्यजिवानीबुधिया एत्वाकदश्व भूत्र
असिसमन्नागएसबति जादासगवयापाबदियो सामवालिममधा।सवतोसवतासन्चयायेमन्नामवासननिजारण
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जनजीरकत्वतावनासाबनदारमिचारित्रियान एमागलिकहास्पदाएशारीरनश्यामश्वीकरीयाक्तकानिमावस्पकादिक्रियामशविष्यापारीस
निअध्यवसायकासगिला०णिअवसरिसथमपालिवानविषऽमिला आवारंग लकहतीसानियाम्पसरवनुनि रोगादिकश्याप्पउहंसा |
क
या जस्मणनिघुस्साएवंसतिशासगिस्लामवादश्मसिसमपानासंचाएमिाश्मेसरीरंगं चावणपरिवदि
इसारा सामानुपूकद तीच
उ धमा जालिवादारसंघपानततरकपायक्राक्षादिकपचकहतांगायतलाकरीमासमाधि कवचमस्यश्वसालानप्रसारितबीता दिपनकरिबराहारसवेध्याकतासहिपश्पर यकतासमाविरधामबाआकरतीवारीरजेवातानियमितकाययायो कषायनासाविफल्गपादिया महोबारवरमनासलेषणानुप्रवीनलेवी काइजेहसणी २पतलावामकाबाहिरामननहाकरखान्पादिव्यापारमा मोजेनीवालीवामकाबाहिरणमननहाकपादियापारधाराएउबरजहमउपहायEिRTEBAAmरता
SHRनीयरिइतिश्पतायताबासीवंदनक मानवतेएतलाकातलगीअवस्वितीनथाइएकारण
ਤੇ ਰਜਤ
पञ्चखाएकरमकर तारीगा।
तपासाचाबादारंसवाहाणुनावण श्रादारसंघहिना कमाएपतएकिच्चा फलगावयही पूरा
दिकनाबाप्तिसबूल देवी काय असु द्यामतिकहीजेष्य अथवानगरजिद हालिपाका जितकप्रकाविधिप समस्तवस्त विकसिजाणिवउतिहाधकीजन अनयलय कहप्तीमरानणीउद्यमकरी विकणमध्यसयसाधनाया करदाप्राकारायवामानामागरजज
अथवामानाच्या गरजेन वयामागरकरतीनिहामीमाश्यात्राबाकधी नइलिश्चारित्रीयमिलिमरलोकनमनिवास।
होगाऊमाहिजिम जपनन्नतया शदिकनाउत्पतिवाम
प्रसादसदिता शरीरसंतापशक्षियूनिसंघयल।
यामनऊ स्लिपन्नता मरण करे दुरक्षिरस्तोगतम तेकीमकर
SANIमाजदातापसवसायवाणीयाव राजाना अधिष्ठाता यावा याचीन संथाराकरिवाणी ( एकापूर्वतगुफादिकनै विषनाईतिहाएका तिमईवाचक अधवासेनिवाजिहाँ श्रीमतरता एगी चालता जीकावीऊवासन
TREPRESनसिवा जास्वानका विशेष प्राश्वकासवारणपलालादिष्टणमांगावरत स्वामिलपहिलेदधिजावतकेवऽतिदेषाकर तेजतरवाना श्रावासावा
करी॥
याजेईन
यनिता अनिनिबुडाचा पविमित्रा) गामेवा गारवा रखकंवा कडा पट्टणेवा/दाणमुदंघा/श्रागरेशा।
-
-
श्रासा मणिवसंवा निगमंचा रायमाणिवा तणाजारा/मगाईजात्रासतमायाए पगसम्मवक्वमिका/प
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अय्यकताअज्यजिव्हावाकारकादिकमाझाबरम्प्रत्यराधनसावनअर्थिा तथ्याअत्याजिर यात्रपजिही काहीनगरापानकंतकालपाणीपदा. कोलीयाबकाना लिaaएलपकाँसर्वथाकारक्षितपदवश्वामिमसर्वत्रअल्पवाजा सिबारबा स्कालीनालीशाली माटी क्ववर्णक्षाताजाताला पजिदाप्रावरियादिक बीजकोषमुना अल्पनिहाहरितश्याऊसेदिक
गतमक्काम
मनागअप्पाअप्पया अप्पबाएपदारण आप्पास आप्पादप अप्युतिगपाणयादगमहिया मकर
वैक्तिकरीरहितए स्वस्वमिलेशण सूहीपरिचत स्पर्धजो ईश्वमा मध्यापाभरीनञ्चारसश्रवणूमिकायक्लिहीपूर्वालिमूषसंधारेवेसी बोनिविधीसंघारीकरतेऽगितमरतिश्वर पायरश्र्फकरी विस्त मिल जोहरलप्रमा०२ करतानसहितललापदेशिरमोदरायहीनशसिनैनमस्कारकरीप कही यश्तेकरैवविधयाहारमनपूचरवा
चपरमेष्टिनमस्कारवाररवरीणेप्रस्तावितरिटाऊजा इन्तरिय करनेकेल्बोरदेषमिले तेसं०ने गितमी कस्तो जेतली शरिमथारथावारपश्रवणमिएसलाइरिबाहिरिनाdreamel
Samsरणमुगतिगमननश्यविसंवादाकरीता
समाजासर्वसनीउपविष्टलासत्यसा-उबरतेहन।
डा संताणपहिलदियारापमग्रियापमधियानणासंधारछा तणणसंधारना एविसमय तरिय कया।
आदरणहारसाइकिस्बा सत्यवाहीसाचानबितणहारजस्वैबिालूश्तेस्वानिवोहाइलिकारणिसत्पवादात्यावजी केवउजएकलासाधथकीरतावतारागोषरक्षिततकासा सारसमुस्ता बिलकवदई गितमरानी प्रतिझाकिमनिर्वादिस्पकमावाली तेककथाकायतेमाश्वेदी तयाआश्य सम्पप्रकारिजिणारजीचालीवादिवाश्री जापानशतेप्रतीतार्थनाणा अमायनेतसंसारविषरताव्यमनमानीएवउत्तेमहाजश्रमातीवकहीयताबतासमारपारगामीत्यूनःएरुबउमाकगितमरणाव अपरिवहननेस्फूर्यफलतदेषामनासूत्रीचा बीमानश्तेकिससिऽरजेप्राणीसदपामश्कणप्रतिविशारालधांशावरुवाउदारिकरारीरखोकीनरतथापीसहअक्षादिकना उपसदिवमनुष्मना कीधारक निर्जरीनशविरूपरूपनाना प्रकारसहीणसर्वचषणी त्रागमविषा
विसंतपएकमविस्वागथकाएतावतारमादिजेबोल्प एवाऽगिक्षमरणजेणअणुविन्नकस्ताादस्पठतिही तिहागितमरणविषप्रवर्तअंतक्रिया
सळसजवादी जातन्निास निसाधकाछा आयाअणातीतावित्राणतिरंकाय सेविजणियाविरुवावापर तेक्षनिवार रवैाध्यवसायैकरी रखकरतो कायन पुणनेहसानश्कानपर्याय शोकमरणकस्वाज्ञाकरणकारोलिब36
श्वासावण30 सहावसागा असिंविस्मंसणियाएलरवमएफविन्नानवावितमकालपरियाए|सवितववियंतिकारशच
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याचा रंग०
घर
| मेयं विमोहाय तप दिव्याख्या पूर्ववत्र जां शिवी
तंविमादाययणं दितं | मुहं | स्वयं णिस्स से | आएगामियं । तिन मि|| इति श्री विमोका ध्यान प्रशाशकः॥६॥॥॥॥
तथाचली शीतपरीस
| वा एमित्रा दस दिस्पथिकी ने पुरख पजे ते सदीमक । निवासियऊ इकदै मोदिका कार्य करियान जे सावधान था इसे हट परिमतेन किंचन मात्र प्रतितास ॥
बइ ॥
ह॥
जे चारित्री प्रतिमाप्रतियन्ता सियद विशे बर अलवस्त्ररहिताय ॥
इतिश्रीविमोक्षाध्मयने मष्टो उद्देशक समाप्तः ॥६॥ दिवसात 35 देस प्रारं स येते ॥ देश एकत्व साधनामा लाकर नई ई गितमरणक छं दिवई एाइ उद्देस प्रतिमाविशेषवारित्रयामा
कटीय॥
2/4/9
[[जलिषु | श्राचाल | परिवुमिते| तस्सगं लिषु स्म एवं सवति | चार मित्र दंतगफासे |दियासित्रय सीयफा संदि) | दंशमशकादिकमउ परी सदिया | रक्तस्त्रानुकूल / अल० प्रतिकूल | विद्रूप नानाप्रकार परी सदनाव आदि यासी
उल्लपरी सद॥ यदियाम॥
A5
सक
या सित्रात उफा संदियासित्रए | दंसमस गया संदियासित्र र एगतार
किं दिवि० ले जाकरी/ रमवियासी मसकउ । ज९६७ प्रदेश ढां
वसायऊपज
तार
सालमा पिकवर्ड मंडल अधिक हस्तप्रमा तोतसाधन कम वोलप वृकते रिवाकल्पइते जीपक टिम तथा गणनाइ एक इज बीजन ही हि कारण हिरवे ॥ कारणमीमा अचे उपलक्वि
६१
ऋए| दिरिपरिञ्चादांच |[रमा संचार मि दिया सित्त्रए | एवास कप्पति कम्बिंधांधारित्रए | वात | परमं तेलु
E
विरुवा फारस दयासि
जानऊपन र उद्भवस्त्र भी प्रचि ७० लजानकार तिवस्त्रधरे वाs विचरर । इम विवरती ते हम इवली ॥
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यणस्पर्शस्प पीकाऊप
एकत्सर अन्पशरकत्ता अजनप्रति
तथाशीतस्पीकी उपाधीका
मापन पजा
देवामसकाएदनीपरीसदपी व
तिवारश्माका
अ॥
अवजातणकासासंतिमीययकासासंतिनिकासाफसेनि दसमसगफासासंति पगयाराअलनाराविरुवरुवेका जलपरीमदऊपयदि अचेलवस्त्ररदिसलाघदियं लघुताभापणमगिणतमकरतति (एसगवतईवद्य तेदजसम्पकमकारिजाणी मर्वयकाम यामा नरपआउ60
पकार॥
सिअाधिटासंति प्रचलिलायविय भागममाणे तवेसेअलिसमन्नागए सवति मदेसरावयायवेदितीतमेवअलिसमेघासतासम्छ समझमेघसरीषपणउजिआणदिवअनियहविशेषकदेवसूत्रोजस-प्रति अहसाकनाईएदाऊऊउवखुनिश्चममेरासाकमायसनाविक मापनमाकरवासियदेकरैतहनीचा
आणीदरमसंगीका साया सम्मन्नमेवसमसिजाणियामजस्सनिस्सएवंसप्रति श्रदंचस्वनुनिसिसिकुण असणवाधाबाददुदानश्मा अनेरामाणपजेम्प प्रथमदमाकाश्म
ॐअनेरानाहार पाणी आणीदेम्फ सेग३॥
मिश्राव्हकंघसातिशिस्सामि॥२॥जम्मालिनुस्मएवनवति अहंधखलुअन्नेसि सिन असणवाघ आदबुदलइस्मामि
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प्राचारंग० हर
अभिरामा पिलिन है । एबी २ जेद साकन इमलियद । ॐउं जो लोग ॥
5511
मंचो सातिस्मा मि|राजस्म लिषुस्स एवं सवति ।
एत्री जाग ३
जेसाक नइ इम इॐ अने रानै
रानानादिकच्या सिउन ही रात मा पउलेप S
देवख मुत्रन्ते सिलि ए सवाद दुदिन इस्सा मित्रा सादिक | अनेरानै अनादिकाली देस्कंनदी ॥
अनेरान रोप लसुन ही स्याद्यो लोगो ॥ लिपर हवीच सांगीहि मने सियह अलि हता
संलिषु साध श्रादुनोद लाइ
मंत्र सातिद्यस्मा मि||३||जस्सगं शिषुस्स एवं सवति ।
देवस्व
काईएक साकरिजजित्रि जे मानवैमलियॐॐ स्व लुनि तेतिमा शिपदते हन। एक लिहोज पणापरि लोगको अधिक रतो व तावात देस लीजे कहता पदिय ह कर देषा जेते प्रतिमा प्रतिपल नरषणीय बोजा करी ॥ मरख ॥ सूत्र ॥
स्पेसातिघिस्सा मि||६|| देव खनुतितिरित्रेण धणि
सामि | मंच |
तथा महापरिग्रहिएकता | निर्जरा च्यापन जारी।। आपन अर्थली ४बई ते
एइकरी॥
साधर्मिक वैयावश्यकरुते नाउपकार ललि कोई तथावजीने रादषाम इब अथवा | न एक एहतियकरई ॥
परिगदियां मरण वा४ | लिकंदसायोक्ती
ते लैप रिसोम थी च्यधिक
माप९ हवैमा रो की निर्जराजंली ॥
दम्मिय स्स) क द्यावेयाव मियंक र गाए। दवा वितेशा महातिरित्रेया धस रिधि । परिमा दिए |सरोगण
R
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साहम्मिएकीजन वेयाच मानिपिगविस्फऊंचयनिय उदिएसमौकशैक्षौरकाधारस्यश्वनश्करीप्रसन्नधि
निरोनेशन वेयाश्वकरहतेनानमुरिवाणवरकाथावथामना दियामादिअनुमादिम्फा
मोदिस्प। विविधतहनीअनुमादनाकरस्पश्मकीकरतहकवर वाघ अनिकारकामा हम्मिएक्षिकारमाणवेयावकिय सातितिशिस्मामिलाघबियं प्रागममाणे जावमन्नमेव स्त्रलाधवऽमकरतापाता इमआणतातेहाश्तपकदवारश्त्यादिवयाख्या तश्ववतजाणिवाजोलगीममतमेवसशेषजाणादिवश्वजीएदव बारीरनैअनुक्रमि माकर्मसुत्राथा॥ जनुविशेषकद्देश्ासूत्राजिम्मरणे अधीजेदसाकदवाणअवमरिरोगादिकन व्यापिलानिया क्रियायापारिप्रव
म336
शा
सममिजाणियाबाजस्मणमिवस्सएवंसवतिसिगिलामघवन्नु अश्ममि) समए। मंसरी अणुच्छरंग नावीनसक॥ श्मशागतसारअसक्रमिवषिष्टाअष्टमा आदारसंचयीन कषाय यातलाकरशमक समाहितारिखतीपरी फलगपाटीयानीपरस्त्रको दितपश्करीयाहार संकपा
Nauसहकपनई॥
लरक्षा परिवदित्र सेअपवणं आहारतसंवहेया सेवना कसाएपथए। किञ्जासमादिभावाकलगायही कषायदयनाएरश्मकरतांसानियाधतानाशीमरणसणी यामनगरादिकन्नईविषमणासंथाशकरिखासणीमागई।
लेएिकोसाचीनिश अशामकरीशरीरसावनसमाधिसहितएव फत हासिरकु अलिणिचाच पविमिन्त्रागामंवा जावरायवाणिवा तगाउं/जाएजा तणाजाश्ता सेतमाना। नाथस्वाहिनियमकराणानउमेथारजयणा सिंउकर२|| समारोपाभरीनाणेप्रस्ताविसंधारयाहीसिबममकमायणपरजपंचमहावतारापवणकरति
वारबियारियाहारपरवतिमारपीपोप्पोयगमनक रिवालणीकायवारीपवरवरतरुनी
योगाकंचनपसारनकिबऊननिनिमिधाममषत्पादिपुणवषमतधाशस्थिकहताश्या गमबक्कामछा अप्प मावतणाशंसधारिक्षाविसमा कार्यबाजागंधाऽरियंचपद्धारवाएका
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निकायवचनगमूविमनागपचरवा इमपादपोषगमन सत्यवादी श्रीधीतरागोपविष्ट तसत्यवादीसाकश्त्यादिक उपेसकनीसमातिमीमवली पररालिमा
आचारंग तसचे।सञ्चाबादीजएन्निान्न बिन्नकदंकायाप्रतीताहणातीताक्वाणनिउरेका विजणियाविरुवावा
६३
परिसदावसग्गा असिंविसितणयायालेरखमणविलितवितरसकालयरियायासतववियंतिकारण। शव इतिश्री विमा काध्ययनेसनमाउदेशकसमान:श्रीरस्ताहिवामाधारसथिनापूर्वी देवो रोमादिपिकाअपनीयकानीयागमतपरिता निवार
लवाद पागमन करिव क तिहरजसतपरिज्ञादिकनौकरिवीमानश्वाश्य थोक्तवि
भइ सेन्जेषमापूर्वककालपर्यायश्ायन कहीय मादातातणहियेसुदेवमणिरमाएक-गामिनिबम्मितिनीधिामाक्षालयाना सप्तामाबादसकसमाप्त: व संजेस्षणानश्क्रमश्नोगमाधिमा०/
धीरसाकपा मीना सु. संयमता मतिमतो सर्व कर्मयप्रवर्तन निविषेक रिवाय एतावतासम्परपकार कस्तांसफ्वरकाणांगितिपादपागमन
करिवभिाग्यपसर्वजाणीनाणेसि०अनाहस जालीआपीमधळया यथाक्रमा
बुध्वि यबीजकाईपालीनसकम्हविममी बावि मूकिवा
बिपालइ
न अधिकार मू vallफशवणविमादायाई जाऽधारासमासधावसुमातामतिमाता साचााणानिसि ।। 5वि किबीवि प्रकारवाल बलत्वमाजालावधरुिपमह म्यूयसयमपातीमतवलाममफजान यथाशनई करिनाथविध सरीरशेषगरा दिअत चारित्रियाना जालपारंगामी सतावकमतपसाया am-नानावकोश्तपसयमादिविषयत कर्मथकीतिज महानुदिकल्पकरीनशमल्यादास्ता
दिसावलेषयाकहवाकमा काम रवी जाली परिमाना भरना
काहोरमाउणकार। सन
अप्ठे० पीध्याजीपात्रादिम पसराव्य स्वीसेवायोलीनातानुरिस्पर २
पिविदित्राण बुझायमस्सपारगा|अपकाउचाइसंखाए। आरसाउनिउति।कसाएषयष्णुरकिञ्च।अय्या
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तितिर यामरजम | इमक रसांप्रादारविना वारित्रिय आहारदार नोकरश माबोप गिला प्रानियामालिक के नियमानाक्रमबी दियास अथवा
5 ||
सकर इत्यर्थः ॥३॥
गतिक
सह
| जी० संबनाई प्रवर्तत साकस तथामरल प्रार्थ |र्वथाजी विव3 नवाब
नहीं।
बिऊंपरिन सन जाक तो
दारात्रितिरका लिर मिलाएका प्रादारास त्र्यंतियं ३॥ जीवांणालि कारकजा मरगांगो दिया| उदतेोदि
कहतोमादिकषाय बाहि |० मम रामघर शारीर उपगरपादिक वा सिरा हित अन्वेषas॥ ५ वी
लंगन करे जीविव तथामवत्प४ जीविवामरिवाविषनिपिकीय स०समाधियालयसमा मध्यस्व तथा निर्जराम सि विटाला
ला
199
सोया | जीवितमात||१४|| मो शियारापेदा समादिमण पालय् त्र्ता नदिविउ सद्य। शचं मुद्दाम सए || कि० आगाऊ तक है। इससे पति जू से (लेषण का न मंतर हा विचारिलाल सत्र चरैव दिवसेष राशीक ६ ग्राममादिउपाश्रय अथवा चरण कोई उपक्रमाविषतले स्पसावले मना करता व चालको वातादिक रोग रीमाकालाध्य जाली स्फंक रवीषि ॥ दान उपाय नाथा ॥ ऊपजेति समाधिमरचीचा माडिया मंउपाय 25 ते करे वशी
हितबुद्दिमेत कि लीया संगादिक करे तेरी उपसम्पश्च ली संलेषनाकर। श्रथवा
जे किंचु वक्क मं जाणे | कारक मस्समासवत रहाए| खिप्प सिरक छपे किए ||६|| गामवा वा श्ले | थं
S
गिरिउद्यान गिरिफादि श्रप्राणी जीवविराधना र हि पाथरे । यथेो वित्तकालना ७ धावाक्तित्रिविधथवा उर्विधतिदीपरीसह उपगर फरस्पनांमनुष्य विषास्वडिल पहले ही नीतिला सुकमा लापारीक्फे करै तेक देव ॥ आहार बीहि । सेधार ॥ न सम्पक कारितयरिस मुकुल प्रतिकून सम्पक का रिजोशी। गी आल्यान यास॥परिसद फरम्या ते सम्पक प्रका
मिलि दिया। अप्पप्पा एंव लाया | तपाई मुरादार ग्राहका (पुतबहिया सए । गाति)
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0
.
रिपरीमहास्नातिवमुक्चारययो) कोरीमकोरासियालपमुष जेवईवसादिकतथा मोसोलिप्तसिंहादिकमोसरवाश्मशकादिकशोणितजीवादारत कमर्यादामनबंधननकर ॥६॥
जीस्तथा।।
देवरासपीदिकतेपहवाना अभिआध्यास्तादिकश्करी नवदननही दिवलिदास्फचीतवर नाप्रकारजीवा
क ल सूत्रे पाणाव आचारंग विनंवरमाकस्सदिविष्टायी संमध्यगामानमाण जाहमादवरा मुआतमसामागीय) arjयमध्यराणाया
व घालाव्याप्रीवभाहले मातरोन्थी मश्वी स्लोवेणि मानवाला निपानादिक मेरो चाकस्पाबे हमणी तरीखतेशुमा गं०ागतिवी विचनानापकार मा०ककाजना पार दिशारीहिमश्व कारलिजे जीवनश्तराय मवसाय विशेषजीवऽसत्यमायोजतिमारणकरला जाणामतरफ गप्रविष्टतिस्पकरीश्राणप3 गामीभाइजीनगीa शपरतानशीन नसयनवमी ६ मोचीतउतनावहादियश्सबावयतनाकामीबदनामम्पक सावत ल मासस्वासएरुमर वारिधानधादिम स्वानकधक उमेथा अहियामा
॥१०॥
एR93ॐसिधित्र बाबतहसलीरदेव श्नही त केव
भवा। गाददविदिसतिहणानाणविउसमे आसावदिविविधि नियामारणदियास या गाथदिविविन्नदि पाकका वमानिपप्वाकामएसलैनक्तपरितानमरणकाउदिवागितमरणकहीया अयएतेनेरोलपत्रवाणथकानूअजगियमरणमौषमविशवाय श्रीमहावीरतामाबिमा
१५०गितमरणसतधखाणथकीकृष्ठयही तरककहीयरएके पाबीनी विविसर्वधवाइकाजामतिवारवाआया.छात्मजीपमाया अंगनाया नितिकस्वद०सूयमवतमुक्तिगमनयाम्पस्नैचिया गीतानन यारत विशेषवाकवविधाबविविधमकारिएतावतारककाथव्यापारचारपत्रवालाबीज अंग
जघन्यमवश्वनामाणनवरंगितमरजैसलेषनाश मजाविधसश्याविपरं२७॥ थारादिककतंतसवी सिमजाणियअनविशेषकहना लस्सपारय यदियतवादवियस्मवियागतोय प्रयासधारनाम्न रणायान्त्रणमादिय/प्रायवयंपडायर
र हरि हरिकादिकतेवमविष जस्ले लिपहिलदाउरत नाबालास्तरपबिवासिरा R3Gउअक्ष्यिामः २३||
सूनही तलाजमास्यिशयनकर बीमादाररहितविपरिम शवितदेछातिदातिदा शहरिएसमणिवायरितमुणियास विद्यासद्यप्रणाशिवतश्वविद्यासणा
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तेमुनियादारविना रामतोलाव आपणे विषेच्या मार्च रोऽपरिहरेजिम समाधियां मे तिमक से को चन की है पीपद संथाराध की कि दीनिर्या सुजादिकून इसको विव इंद्रिये करीआनिस्सादिमसारे तिम करती 3 सांग वो कसाबसा था इसोथाइ जेतली से मिस थारेवितेतजीमा दिया मर्यादिकने सन्तु तथा पति इसारखे करी । एतसा घोपा वाले तोते ग. गहन पाम जे हंसलीयथोक्त मार्गमतिक्रमन होते हसणी गरदीनथाकी पात वितथा वाना स्पासणीकर5॥ कि हवेली तर थकी कोलतो न थी तथा समा• धर्म ध्यानश्वानप्रवृति समाधिस
मामत
दिन॥ २४॥
इंदिएहिं गिलायांनं| समियं चादार मुणी तहा शिरादवालाजसमा दिए || २४|लिकाम मिक्काम) से प
का० शरीरते हम साधारिदो इदोइंगित मेरे अथवा पादोपगमन जब वातथा सू तो गाव लगवाई तो परी。 निर्यामत प्रदेश विषैवाले। च्मक टिलगतरंगतागतिकरे तिमक समाधिराषवैविदर्थविषयती पर सक्रिय किया राधा कसब इस । यथाय कसा पिहितगात्र तर दलवली इमरदिव५१ रिक्तेशने इमकाय व्यापारश्कर रहित इकट्वाइ ॥ १५॥ पामत कता उच्चथवा वामइदा दिएाइ पास अथवा देगायत निम समाधान
सं।
सार) काय सादार राणा | एवं वा विद्यावया ॥१॥ रिकामपरिकिनात । वादिदेशयात | वाए। परि की लाल ।
पाम तिमकरे १६ ते साथ आसीन कहतां चाश्र तेस्फ [अ०मनेरे आदरता 5 स्टेला एह बोखताई को० कं एकीटकतेहूना आवास इतस्थ कौले वित करुसांजी वर हित यि वपुरादिक इष्टानिष्टविषया की रागदेषनै करिव समीर सम्पक स्वानपताना जेहमी हि एउफूलका दिकच्ाव टेली अकारप्रेरै । एतावतारागदेषथकी निवती ॥ समता परिणामावली वादेहिकादिकजीव पा3 गवेषजे नुष्टान अष्ट नउनिवास एवं स०पामीने सनादीका की कांती ॥
था
सिसी द्यायचंतासा||१६|| एलिस मरणं इंदियाणि समारए। (कालावासं समासाद्य वित पारस श्व
वज्ञ नारीनैता विकर्मकहीये। अथवाध्यवद्यपापते ऊपजे विदो का विषवलेन ही ताप उत्पनाकार थी। अपने प्रत्यक दिवमांकही स्पेते मरण निव तथा सर्व स्पर्शक तापस की उपमाराऽखते से है मनमादिमजी धूम रज़े शरीरबाहिनीपरमे वायततर६ टप्तरवै । केवलन मादस्वधर्मानुष्टानते हनीमाथी नारीनीमम ताक रिस्पर पी डॉस्पमत्रांलीप परिसाथ करे गित माय सपना सदर इंगित मरण तलक हिन पादपोपगमनस्वरूपक ह तेरे मध किंड एपादयोपगमन गितम
॥१८॥
वहां समुप्पाद्य सततंबर | ताता जवकास अप्पा | साइफा साधिया सर|| १८ | अयंवाय तत रेसिया
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ImeaRIDAEतिaarsटोप्रशिशितमnuarतिक वानपरिमाईगिसमयकीयसेकससोपानमायकीपक प्रजाणिवी जोलिनउमाकणियथाविधनपादयोपगमन विधियानश्मर्वमरीरावयवनविकरीमा नरहलली गितमरगनियमावारिसमिमाहिकायादि संमिनमोवामपूक्ति जबपिपिचकादिकलयमाऽरणामहत्वापरीतगामथको जिहापाइपयमनशनमा कनौवंजाविबोसिवःश्रुतेकनपुरण निषधविनम् विभय हिनदीमा मामि आरम्पोन निकायका अनरस्नानास रिजावत्सलाबमकोमित्र यमः प्रत्यकते पाद घनीपरनिश्चेष्टपणामयकीनचाल झलिकारलिइंगिविरुवा विकरिखमा जएवणुयालयांसवाणिधिविहाणताणविमझोमणिप्रयासपनामधाम प्राणस्सग अविश्या काबपाध्वालिबाकितिसमर्वगात्रसंधी अविसजीवरहितस्वीमि विहांआपलपस्खापडम चनविश्वासारखा मिसनीपरिनिषकेपमालाईयमिकमीगुरुनीताईन्स रश्तेकवलमारूणकस्सा साजे गाजलअथवाफलकादिक आत्मातिहा प्रकारवारीरीमिररश्मकीधाईजकाविपरीसरुउपसलिइतिवार मसा रातिमश्राबापरलगाश्थानकथ समासेयकस्तायामा
महशरीपरीमहनधीजेतलीरदहमादउनलिकारपरीसन्द कोचलावश्नही॥२०॥
an
विदाइसजाण ॥२२॥ कालदिना विचार विधमारण||अविनंउसमासछ।नवरातमायगावासिरिसबासकाय णामादादपरिसदा २२ जाजावनीवलगी उपसर्यगुणजावनीवस्तालगीसति मे०सर्वसंबुरसंपनवेदसेदश कर्तव्यविधिनीमानानेजेकायपीमा सि.विनाशीरदकामकरुनोमादिविषत्तयणाने रिससहिवार वावजापतिमाहियासारीरमपागतहसपीसाब करिवउपसादिककपजरतेते विषनाश्मही जगमोहिधरणाकामसोगकारण
HIRधानथयज्ञणिकारणषज्ञा सम्परसहरमायासर२२ तनावपररागनाईयद्यपिकराज जावजीयरीसदा उसगाइतिसंरकता|मंबुडाददालया।शतियान्नधियासानिकारसुमधडाकाामसु कराजकन्यादिको कुरीनिमेशामणमामिला भवसास्वतालकहतीयवाको साशास्वनाकस्तोपावजीवलगीक जमश्वास्वमसम्पासणीवांनिश्तयादेवनानीकीकी बीस्पलसबलातहननसेवश्थवाचकवानपदवी शिसपेमालाचीनकामशा नश्तहारकथनकरीकोईएकमाथानसहवरका देवनामुत्पनीकृषणाइनवाकर इत्पादिवबिशनियागमनकरहम्फउंकराजीलनउत्पागकर॥२॥ निहितमालिजेश लमानाप्रकारकाधषानिमवतातनदेवताना माया
लायनवोमिइशारीर महातेकउmमाणसाक्षरफ करीने समस्तनमेकरता बतासविश्वालासंगासावद्या कवव सापदिया|शमासपदिशिमोतया दिवमामासादात डिबुशमा
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मायाविध-निराकरीमश्देवादि समपंचप्रकारकामयुगतिमा जेतलौकालमाऊपोरटे माध्यमायक्वापारयामीकहीयुश्तध्यातिष्परीसदऽपसर्यऊपमाघ्याजस्व नौमाहियो कीकामामायामसहद६॥२४ नाविषश्श्रममु०अपर नमाजकालकहीयतेम त्रिमरणनिविषपरमप्रधानऽसजाली वि० सतपरिताऽगितमरावादपाय
पारगामीय धोक्रविधि पारपा गममसरुमाहिअनेखषेत्रकालादिकमाथीउल्पफलपणाऽहितवां नितार्थन, JAमनमनमरणिवत्र मानव साधकलकारायथाशक्निबिऊमीहिननेख्ययाप्रस्ताविकरबधश्रीसूधर्मा
"स्वामिकसै॥इतिश्री विमोशाध्ययक्षमाउद्दिशकसमान श्री दाण समविक्षणियारसबादिमुविएआचकालस्सपारयतितिरकपरमणाचा विमादलतक्षित निब पदिममा प्रध्ययनकहीयेबालीवमानस्वामीश्रावणपायावसात णिअध्यनक। अगयकस्तांत्यविशारीपादरीसर्व अलकारखंफ्रीक्वमुष्टिनावकरी सस्कंधकाइए हास्य एणकाराणयमानामधान झूलकही यतिस्नादेशानइतिहपहिलेशीमहावीर कदेवज्यश्करीमामाश्कबारिवनकरीमनपवितानपनाप्रष्टकमकवानगीना नाविकारना अधिकार कहतकबाहामु श्रीगुरुविष्यप्रकवर जिमम मौसध्यतिमऊकहिपनिमतमासगवतश्रीमहावीर मि||२५|तिश्रीविमादाध्ययानअधामाद्दशकसमानानाय॥ अदासुयंवदिस्मामि जन्दामसमरणसगवटा प्रवर्ततसलीउयविकार अंगीकरीतधामरखा सम्पयप्रमार्थजागतिणेहेमतकतर नाणवस्वव्यापणपोटेकि स्पोमहीनथातिणिमंतजातकालिएवस्त्रशीतवाणकरिस्पउँनहीं।
माधमिरमासिदामादिवश्वासयामनीबायपछज्याजीधीश्रन्तरतत्कास्नरी अथवालमापूजादनमादनहीथानास्वामीमामनिअशिपायबरतेगवंत आवएक पिपिका
एका बारवरससमा विवस्वागरसभाकप्रशियात्रनेतरस्त्रीसगवेतमश्व इताजावनावलगीपारगावीवीपतिताना निवीदशारखवस्त्रशतेम्पासणी मध्यपण पदव मध्यपान कोरियन रेवरक्षा कामतनगवेत निमगलाईभमेश्रतिषाश्वमेधिगरणविमाचारित्रियान
तेका :- Sm रहिवादीवानायसवाएतसिौदमीता अंऊणोपवनितारीएकोशमाचविमणवले पहिस्सामितमिदमाताासपारणा सौगनाउनथी एय० खुपहनिएवम्बौक्षरिक्षावधर्मिक गधमायाकयीचमरादिजीवाधीवारी रनेवीगऊपजाबीनदेषामबावन्नाच्यारिमासअधिकरालगीबऊधप्राणि एक्वैकशा करतीअनिरणनीर्थकरावपस्वामी यातिनास्त्रमरा पिकावीशीसगवतमीबारीश्श्राफक कायामा विपश्यातिहापश्मीमाहितनमासनश्शाणि
वखनीसर्वथा ममतामयी मावलीलगतनपत्र तम्सुिकता उदरपदविताबापतायताबारीमाहियामानवोणितआहारकाबाश्रीसमवेत ज्यायणकालिदिमवेदनानुलेपनागंधकाच ताते।
इतेपरीसमासीकपरगसध्या कहाए एयखुशमियंनस्साशचनारिमादिएमासाबदावपायाजाश्याआगमम असिसशकायविदार
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श्राचारंग
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वितै देवसप्प के तलो कालगत स० तेन देव वस्त्र सगवं तस स्थितिकल्प सर्वती किश्न तेली त्यागी ते वस्त्र वो सिरीचनगार समवंत श्री महावी म तइकवर्षमा सकिएतल को बैतिवार पबेस्वामिचस्त्र मोत्या स्त्रावेल च्याम्बली लगदे 72 3 विहारस्वरूपक है ॥ लित ज्योनही. गकपड
सुचारु सिया तनसिं ||३|| सेवञ्चरं सा धियंमासे | जंगम शिक्का सितलताताचाई।
तावा सिवचम
थपो० रुपमा एति पोर बी एन लेस्पारोमा तिवाल तो तावतानि ५० हिवसे प्रस्ताविसर्गतश्यसमिति वा लतादीति नादर्शन इज थक मति समेत जान होते हज मानजे ईयीसम लिइ जाइयो तैयारी करुनी तिरि०गाला बोलावा बालक सहता कहता। घणा एकता मिल्या ते बालक लिई विस नान अमीपुर सीकरी या गजिविस्तीशी कप पर 5 यी सोध । यषु सजी मिकाते सरी सगवंत नलीन कास्पा कोलाहलकाबली एकदा विषेषुदेईनऽपत लेनिनदृष्टरुषप्रमाणभूमिजोवनात सोश• चिनमा दिसा श्री सगवंत विहरता ॥ ५॥
विधानमाश्वाले। पारिसिंतिरिय निति दषु मासांत से शाति | अश्वरकुती तास दिया । ते देता देता बन्दाव कं दिसु ।।
सय्० किला हीक्स तिने विषैश्यात केवते। विति किसानसेवा वसती रहता नावश्मैक नसेवनदी दर्शता स्त्रीरुषमिव प्रस्ताव तेल गवत श्रीमहावीररतात इणिकारिश्रीगत स्वयं बुद्द आप पेज आप ए ई वैराग्यमा दो काम स्वामी देवी पदवी खोइ काम सेवा उश्प्रिदेशी धर्म सी प्रार्थयतिस्त्रीननरक हरदीव मुक्तिमार्गीलापन उम्र
॥
जैकेयाराक गृहस्व तेदितः ॥
पुरुषमृगने वाला वापरला जाणाख्यानपर
सटाणादिवितिभिस्सदि । इत्री तास परिन्नाय | सागारियासावति स सयंपावसियाका ति ॥६॥जकेशीमगा
तद्यपि सु० ०श्री सर्व नौ स्वरुप कांगलिक स्पेते एकने एक्लै अनेरास• सो हिलोनही। बीज इनानिचा लीनसंकीय इल गवत इसकी बोलाव ताइसा बोल नही। श्रभवाजे गृहस्तादिबस वाइन हरु
अं
तेदसदूत मिश्रलापता बताते दूस तथा गृहस्ते किया दीपक कारवाया स्वामी बाल्यान । हिते अनेक प्रकार मिल देउत खोमी आपणाकार्यविषजे दम तथा तेन वचन मनोमानि नईतेसमवेत धर्मध्यानध्यावज्ञ ॥ नही स्वामी के वाबजूक हर्ता सरल मायारहितासमा धर्म नापास कजी एकी वा ॥ ॥७॥
रचा मी सी लावंपदायास फाति | विपा लिलासिंख | गच्छेति पायं वसती ॥ ७ ला सुकरामाग सिं| सालिला से लि
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इतवारस्वा मी धिकरी
स्कं पुशान बाल तथा बोजान कोई उपसर्यकर573 की भकते) प्राचार्य देसा दिविष विस्तारुषादिककरी स्वामीनदार की तथा प रहितजीजूपाणी तापी माया ना केस लूं याणवीतरागाने की पानधी तथाश्री लयता फरु सा० का महाकठोर वाक्यमा परी सदनादिक
इमजोन वाटा मारणा (दय प्रातदाहिं | ३ सिट
बालहिं फसाइड तिरवाई। प्रति मुणी परक्कम मार
प्रति
बले उधरणा श्रा० यातही कोई महातार तरामायणादिक कथाकदतो तथा गदिवाकयादीस्तान किं जाता मा दोमा एवी स्त्री जनकामास तदेषी ते एाइ प्रस्ताविज्ञान पुत्र श्री महावीररुर्ष विवाद लोकयि नाटक गीत गंधर्व कन्ना पुतला उद्दिमीन 5 ला नाते सामु दिकथावाली कामोद्दीपक शृंगारा रतिमस्वपरावजी निराई उदारते टीम रिस्पोनोअक तथा मुटी युवा देषी विस्मयना दिकथा नेवान विष६ ॥ कुलेपरी सदना कारणजासीदेषी ते स्मरतो रूत । एकाऽयविशश्रीवर्धमा अवधाति के पुल जीवन ही। एसर्व संसारस्वरूप कृतिम जी रकमूलत नयमने विषप्रा परतेपरी सद् ग्पारो नही कफ के तला श्वरजसवंत डबल ज्यारूपी मे दर गिरश्वम्पासंयमविषनिश् काल गीर दिये
घाडगीता | दामुहिक || || गढिए मादा कदा सु | समय मिस्पाटय छात्र वियोगादरकु । एताई
स्वामी बिगतमा विशलीभीत सिमाका दारकर तशा प्रक्श्रिीनगवंतविरसाधिके राज निपज्याप्रतिपल छायामा गातिथयाइमा एातिया वपरिहार करे! वरसन्न विमेन निरमाना पीतादिवंगत थाना बारश्रीमहावीरजति गीसीतोदकदानमा राम्रा बादादिक परिवस्यातिथ्य एत्रएकत्व सावसावती सोनामका मातापिता तवारित्र ही इतालो रीतिबा रवारित्राबाबत स्वामान ज्ञानोत्री मकाउ हामि एपी इतने पर रहवासिनिक परिवापत उही पडे कल जीतम वचन श्रीगत दिए कि परिखात देवा मामी दिनमा श्रीसिद्धार्थ राजा त्रिसनारावित्रीविराधना टाली ग तथापि क० को धनी झाला आबादी बजे ९६ वासगत उप चारित्रपर अष्टनारा
さ
विरबाईबजे सहितांगाडा एवानी कहती परमार्थनगर श्री महावीराति दो हिला कि एहीसहिजन कवोपरी राणीमपराक्रम कर 83 सम्प ही ककार सम्मान परिषनाथा ॥
मुकुन्दादरी सारालाई बतिपाटय पुत्र मरण १० वोहोरादि नक्रोष हाताल गवतादिसम्पत्क सावनासा बिसात या संते. शो ७०१थवी काव्याच्या अपकाया ति कस्तो दियोइडियेन परिभम्। रहवास गतमसा ते काया का वाकाय ॥ म्हारी विद्यासत्यागीतात ताराचारित्रक दिवा किस
घातक व इमक दबाइ ॥ ११ ॥
विसादिण् डाववा वसे | सीता दगंलाञ्चापिरकांत | एगन्त
| रणग० बीमा करन लोवर दिसतायता ऊतिलिक दवा तथाबी जात्यादक हरी काय पवनस्पतीस लागवी जगमा हिज करीए लोक कदवार प्रवीन तथा ॥
नने निमतिमा विदियचे। सञ्चादिलाय दंसणसात ||१२||७४ विंका
तिवायंचवा उक्कायंच | परागा यबीयदरि
सउजोतिदेव नितलकाड तिवार लगतच्या उदी का व सरजीएगी संसार उसार पण लावना संयमनी पर यदि वा सिर ३७५ तिपन्त संयम नोक दिन किस उत्तेकरे
તેની કણીની
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एमविनजीवजपूतaसकायतमात्रमकायबंड श्या०९४थवीकायादिकजेजयमटिबानगवनश्रीमहावीरतेदनउआरंपरिक्षरीविहिवाटथिवीकायादिकनौवसथावरनश्ले दिकएमवर्षकारितत्वज्ञानानश्मालेकिमक देषामऽवशदिवाबमाहोमादिअनुगमनादिषामा
दिव॥२२॥ आचारंग यासकार्यवसनसोयाना॥२॥ण्याईसनियमिालादाविनमंताशंसश्रमिलायापरिवधियाविदरिला शति nan मीदवैस्लावरटनिचीयाणी अमिबाउसजीववेदीयादिकस्लावरपणे अर्थासत्वजस्लामबजा कता कतेनीबकेहवाक स्पतितत्रसकरुतावदियादिकपऐपरिमिकम कर्मचिसिऊवना॥
सर्वगतिपानियाब॥ बालकेश्वासन विपथावरणाखोकीत्रसपणेऊयजा
श्रीपापणकल्पा संखाणसमदावा अध्यावरायतरसन्नाय तसनीवायथावरताए ऋज्वासचाजाणीटासना कम्मुता सायिक इजीनिवि नगवतश्रीवमानस्वामीमह तथासावाऽमसाबसदेपावसहित निमणीनकर्मसपकार
मापनेपापकर्मसंगवश्रीमा ऊपम४ वजीवनौ स्वरुयनाएपजिवीबाल प्रज्ञान विश्वकर्मा
वीरपबिउबा गायकर व्याकरता ॥ सदा॥
लीय जाएगा। कम्पियाडाडाबाला २४ासगवेधएवमलेसी सावधिएअनुप्मतीबाल कम्मेवसवासासाचा परियारकया २५ वि० कानिऊषकारितेकरियावदिथक कि०क्रियासजमानुष्टावरूपकमनी दणदारीरह आया कमेतदश्जनातनीबनस्वादिपावादादिक नाणिवात मसंपराधिक मतसम्पकप्रकारिजोलाचीमियएमबीबानीमहीएनवीक्रियासरावत यानाकरणातयाममा जीवनउघातायामनवयनकायनायोगट मिहावीकरला मेधावी पक्षिता
साषीकरुवातनानी केवलज्ञानीवलीसंग विज्ञाननिमप्रतियानतिमा लावावासबंधकासर्वका तस्प तेकव्हरन
रेकरी कर्मबंधललीषनामूल जालीन तह.टालि.बाव
ली
बगेसगवाय||ऽविदंसमिञ्चामदावी किरियमरकायमणालिसंनाणाटाणसोटयामश्वाधासाधाजागच
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प्रकाजिसंयमलकरण अतिघातियंपाहि अनाऊटिकस्तोछार्दिमादया पदवीक्ष्याश्रादरीनरायणपअनेजस्मृश्चियजेदनऽस्त्रीपरमार्थधकी सबसमस्तपापनौकारण सूनिया मियाशीनगवादरामरामनरामअकरण्याएवापारस्थRassassaवा
मीप्रत्याश्रमाकहिकेरुवीमा अतिवापानकरसनभएमावश्यावरण परिजाप्तबावरकदधी मजागएउ से।अदषुकहततिषश्य कदी॥६॥ हिनिदीमा
प्रावस्मितसमारस्वतावदीa35मश्री सिगवतश्करके एलान्तरणक
सबासाणचा
अतिवातियअगावहिं सतमानसिंत्रकरणयाए जस्सिन्निजपरिलाया सन्चकम्मावदाक
दीन दिवेत असा प्राधाकदिकतेवर मजेदसणीसर्वप्रकारचाकमोदिक किंजेकाईयावगंकपतीपाप) तेअवियविकटकहतांपासुकनि सिंगवता रणकसगर्वतनसेवतेस्पासली नसेविका अष्टप्रकारकर्मनउबंधी श्राविवानाकारणतिसगवतषिपाचौपाहारलोगवश्सदोषमर्व REET ज्ञ॥१०॥ शलिकारलितखाश्वती प्रशिक्षण रिहरसर
थापरिदर॥
परमपाचव
सअदरख।।३।।अदाकनासासावासबासाकम्मरणाप्रद जाकिंचिंपावगंलगवातवियम्सुनिश्चरवारमा स्थ सेवनही पताव परपा पारकरपात्रमाविषश्यायव अपमाणअवगणी संवा श्रादाश्पविद्यानास्वान्नतिदासराभायपानशास्पादनादिपानपान सापारकोवर गवत निमनही।
नादारसणीजाइएतावरणकरतअवस्पाजलहीयेतिही कादिवानीमावानमारनामोलि दिरश्नही
तामानिअपमानिसमसावि समश्यात्वासावरविअधीमविज्ञबजे माणशादारणालीलेवअधिकठनही
तिलिविवर॥ परिसदनालिबासणीमान तथा विदवासावजागा सवश्यपरवा परपाएघिसिहासुजिला परिवधियाणमा गइसंखमिश्रसरणापरणमायालअसएं। तयारसमकरस्पनादिकतेदनाविषयवनधीसग सिंहकसुरादिकरादिकलेवउपदवीप्रतिमानकर पिरजकणकादिवास अत्तगवतश्रीवईमानमाग्रिवालतिरब वेतनश्ययासिवसतांपुणरसमझती पबलीप्रमाजीडनदाजिकई अषिमादिपराक्रमकरी काठश्नहीबारी जोवएनांवताजिलिदिमिनाबादि चारित्रसीवश्कदिवकिसडातथाणिमिनीवर-खाजानकरराएकधीश्रीमान35रककराचारजीवि मिटाती नेरीदिमिजीवन सारहितpaasम्पनसावाजमएसअाव्हार
||2011 याणास्स सामुगियरासमुनपकिाल अविपिरायमधिया रमावियकमुयएमुरगीगाय|| पतिरियापदा
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Sadasisastelisse u rnikidase AREETrairatSBESIGER
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अपसारवीशविनुमविदोल्पविनकाबपरंभल्याभलाववाचीइदावकिरण अबश्शीतकालियनपाएनाबाजीasaरिवर्ततऽदेवाह|| हीमागीविषस्न उिनबाना मानवबीजाशाक्यसामुहंजीवनीशीयाराषवासणीयन पवस्त्रवासिरीअशागारसमवं॥
वेतबालिविध स्वामीमा यिजाई॥ २॥ अाचारग एपिउआपदाएलपबुझएपशिलासा द्याय्यदीवारजमाण]२) सिसिरेमिश्रधयमिवान्नातावासिझक्लामा ६८ || पसाच्चाहपसारिपरलचालजीपी समाचाकरीस्कंधिवावलंबीमति ४५९ २२२ एस०एक्रिविदारनीविधिक बालचालाने म०मतिमana-अपमियो व्यरुतबाहसकावईनदी इसकाचरनदासतावताभातकालबाहलाबानकव तावतागीतकालिबादलोबीनकरीब
एके अनेकप्रकार॥ चरा
करतं शागारे यसारिखबातयारकाम रमावलंबियाणकंधमिशएसविदाएफकाता माहाणरमतीमताबजामात्र नियाणार नलगवेतेएकीत निर्जराक्षणीजनावारा सूधास्वामिनप्रकलावित्रीउपधानक्रतामयप्रथमाधदेवाकसमातीशाचरियाककताविहाश दिसावाचस्पानिरासाकमेवेगहिप्तपरमार्थ पहिलवसै गवतश्रीमहावीरमाचीविधिकहानिहाविदारकरतीवसतश्राद हविषवमति lavnाजातिन्नयनुसारियथावाक्तिमा वजधाशताकार व्हावसतिभूउस्वरुपकदीयsasn
घरा यडिन्न लगवयायवेरियत्रितिबिमि |इतिश्रीउपक्षनऋताध्ययभषयमवादशकसमाप्तम्बावरियास। आसततश्रीसधर्मस्वामिजवक्षतईकच्यामिश्रीमहावीर इंसेव्यामिदवीवसतीश्रीवईमानवस्पातकालीसरागनगनास यापधरस
नाम अन्यधरमलायामनगरलोकविधे
लागवतानबसिवानानेमपापानीयालजि विहाचरमपौरुषीरूतिहाईप्रसुजामागीरक्षकेदाकोवामरातिक ॥
दीउल्लकालिलोकभावीपाणी पियई
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शाईसेछाउएगटाउजामवश्याक आश्काताईसयणासणाजाशसविनासमहावीर सावरणासलायवा
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० यिशालादार विदा एकदाश्री अथवा पजिया० लोट्कारादिक ब्रिदांज्यारिस्ते सरोपी उपरिपलाल महावीर उदासथ्य ॥ कनकरी में कई ते हाच विस्वामी एकदावस्पा ।। २॥
करागमनथापलाल असु ॥ कहती
सुशियसालासुर गदा वासा | वायलिया
न. नगरविषेक श्रीलं सु० स्मसान विषैवस्पा०ध | रू० कंपने मूल नैविषेश्री राग तेहि 'रसूनानैविषेवस्याला वेतनावास इ
गत नौ वास ॥
आगे सेमिमामा लोक चावी जिदार है। तिमांगेता रक. दीयते ग्राम मो दिनगर बादि २९ देवा मइ तिहो अथवा आराममोदिजेागा रघेरते मारा मगारति हो ।
तिम
| लाल डोजसु एगयावासे ॥ २॥
तारारामागारे (तद सर्वेकिनसूतिकही ते विषेषु निकट्तो जगत्रयन जो ३ ३६ अथवा वर्षाकाल श्रमपविषे सावन के लाकाल स्वर्ग तक है । एतेरस वा से प्रकर्ष ते
नयरे वगयावासा | सुसासुलगा रखा । रुरकालविद्यायावासा ॥३॥ यतदिंमुणीसयादिं । समरणञ्चा सिपात रवर्षरत ने बार वर्ष झरी तिरमा केस एक शेषरूती। सोलगी रातपत्रमा निर्देपियरे प्रमादे रहित स्वामी माघीनकरे लगवंतन बारवरस मोर्हिए स्वारात्रि दिवस तपमानयमानुष्टानविषयकरतकारजेतदशस्व प्रांतरगत लोकल स्वस्तानी बेदिलीरा त्रिनिदास दादिप्रमादिरहिता तथा समाधि समाधिवंत शुक्त प्रमादतेरालीनिन कीधी कदा चिनिया ने नलेऊनीयात्मानेजगा वनिमाया दिनुष्टान विषय वि
ध्यानध्यायं ॥ n
रसवास | राई दियंपि जयमाप मात्र समादियज्ञाति॥४॥ णिहंपि रणाय गामा) सलग उठाए । जग्गाव नामसानि विनाशदान करते प्रतिशतमा जागता इसवी सवेप्रमाद से मारवा बोका र । इम जालीवली मन्त्र बब तिरुवी प्रतिज्ञा न करे विप्रतिज्ञाकरैन वथा ध्यानध्यो शिदाबरता कदाविनिशप्रमादथा इति उ तिमी कती एकदा शीतकालादि ही इम जागी निासलीन ॥ ५॥ विषर रात्रिबाहिरी सूर्त मात्र निप्रमाद रात्रिटालिया सध्या निबैधा ॥ तीथापा | ईसिसाईयासी चाय मिल ॥५॥ संबुकमा || पुरविन | सुलग वंजाए |पिरकम्मयाच्या राज
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आचारंग
॥
निहावायनविषाउकठिकादिकासन बसिसी-बीहामणाकाअ-अशिकरूपशी भूना घरनविषमर्पनाक अप्रथावारममावविष यऐदवास्वानका विषसगवेमनाईनमपस होनादिकावयास मध्यगाकक्षमीलादिप्रोलिया पवियायवादिकव
विरतिक हवा उपव बुद्धिकमियामुन्नाग|सथाणादिंतमयसमा सीमाभासीकाणगरूवाथासेसमगायाजय्यारणा अवाज
ना करमासदहन | अथवाऊचरादिकदतीचौरपारदारका सामरकामामीकोटवासादिकृतावि अथवागामिय० ग्राभधर्मश्रितपतले इश्वकोशस्त्रास्पद खात्र॥ ७॥ दिकतभूत्यरमादिकेविषतिदायका साइली त्रिकावधारादिकविष विषयासवणदारतिवेवभिप्राद नथकीविषयन ईकानि उपपक्का
निवारखानणी उपश्वकरशा देषीउपमर्यकर श्ते उपवरे॥ रचएकदाकोसषउपवास परिकाणाअवचरमिकवरामश्वरति गामरस्कायसनिदवाय अडगामियाउनसमा जीपगतियापुरि
दलान्याएइदलोकमाकीधा मुसब्ब साबीक्षामा अनेक वमपकसरसिपमादिक थानानकरूपशक्षवषुवाणामूक्ष्मारिकधकाऊ नाकीधाउपमर्यपरलाई देवताना प्रकाररूप
उसि० एकऽतिगंधकृयाकलेवरान
मानधास्वानश्चगालवरकरमादिकना कीयउपसर्थ
कावादरवाअरूलप्रतिक्कलउपम दिका
सर्वत्रदीनचिनसअहियास) (सावादालाईयाईपरलोश्या सीमागस्वा अविमुशिडशिगंधा सहाईअगरवाशपात्र ममियार सदासर्वकालमामिणविरूपस्यनामाप्रकारम्पाटाकन्दा असंयमनविषप्रारतितोगानिश संयमावामानविषैषध एवोकणामा मज सावंतपकाधिकमा तपंचममितिममिकामलकवोरमारीदनुमानुपाच) लापनविषरक्षिअनिलीमाचारको बिजवाईघुउबदाबारवरसाए गटाऽत्यादिपृष्णसदेना परिहरीक्षने
लमहीपाश्मीमालदीकिणहीकारलिमित शून्परहादिकविषदेत गषन कर॥
सवादी॥ 00
तीजन करतातीकता व्य प्रकरण
दियासएसमियांसए।कासाविस्वस्वा अतिरतिलिस्यारीयतिमाहरणबजवायाश्यासजाणहित
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पाललीरटिश्सवय बोल्यअन्नदा मामाजभान वितरवासनथाएकवशकसीनीयाएक लाही जणकरीपकदारात्रिविषअथवादित सीमिया वमनप स णी तिवारइमोमीनबोल्यूसिएश्तेकवायचम्बादिकमध्यादिकरताकिवाला3gण गवतसमाधिाण कर्मनीगतिविचित्रदिवालिया जीवनापाजकाभकर्मसागर सजाएी धर्मछानचिननतिपरिसद सम्पराकारसकाइएककासलायविदूलरुपमकत केंदवावपतिवरवाविवाभावानजामनमादमाहाश्व तउपमयसंदिववजीलोकमारबिधान विशेषकक्षामाकनास्वामीनदविवश्वप्रथामा
पमाहिकजणरफवश्मरमातपहने
सगवतबालनही बनिएचराविएगदागातर अचादितिकसाचा पदभारणसमादित्रपडिलाशयमतरंसिकारावं किंवारेकोऽघणाकारणासणीबास्तकिमकृदनाक्षमपदनिकाधरखनिनुवनेक नामवत्यादिप्रसमाभरदिसक्वनको सिंपण्जेमिसरादिकालनविषयक स्त्रीसारणवम् लामबोलतनिडराधारीरुपरविवाद्यश्तउतिट्रारधिवातेदनावी गिताधन विधात जोरगीरीसाणाइल्साइमक अन्दोलितावियवदंतश्वीणावजावली कंपन) कम्वरकोथीनिकलीउसमीतकारणजीबीविदायको नीके लाजमनाइयोश्रय कुस्ती समानेमालिनीतकाजिताइवाजasएकानगाराम धारसाकश्मकरीसी पादस्वरीमवढीबोलतेमौनरवलंबीजनवित हमनेक्षकाघउपस निकपणझोननही॥ १२॥
सउमादसीकाका विकरुनीथोवपर। ऋदमसिन्निसिरक आन्दा प्रयासुन्नमासधाम्म उसिणगीएकसाइएकाशिजमिायागयावयंति सिसि विनिविषनाधरणहारदिमवातिताहिएतत सीतऽपाम्यतिहालिवासपीनिर्यातवानगवेषशायथा । यासंघायशीतार्थनिवारकवस्त्रतिरापशम सायकल्लाईधकाट वामिप्रकालश्रेगोरनी सिगळीगवषअथवापकिदारीवस्त्र केबलादिमागअधवाअनगारसाक जाणेशीasवीपायुम्हएपरिवरस्पणिपर समादंदयपहाजताची प्रणवतायातकालिनिघातस्वानजातागवाक्षादिसदितएदवीधसतिगवेष En
इसाकतिपरीसदेउसहनाणाध्या
एकत्रमारजिनमतविपक्षमता रमारुए पवार्य तस्सिाप्पागणागारा दिमवातणिवायामसंतिम संघामिउपविसिस्सामा एनाटासं सप सहीस माविदक०कंबलादिप्रावृत्तवारी हिमनाइपक्षासहतांगाटावोदिलाइदिवए सि० निशिएदवशीतकालिप्रवर्तक। अपरिचायौनिवचिनीत रहित बैद्धि किर्फ एदवावताप्रवापरलामानास्पा मोटामोटामा डोजायणदारीकालिवह अप० निर्धातिवसतीरदियशएदवीपति ऊपासपूमामवपरिटकिएदवाहविरह सपीकरजेसाली श्रीनगaऽस्फे करतेदेषाकर||२४ा झारहितब॥
ताशीतनी परोसऋदियामकिश्वा ।
बज्ञा मादक्षमा पिहियावासरकामा अतिउरकंदिमयसंकासाथ तसिसगवंत्रपािन्न अधिविगाडया
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याचारग
३० सयमबेसएको जिवारसपताजीनाऽव्या पियतिवार मिवापरलम्पारमाध्यानुथ। एसविराय श्रीमहावीर देवियरमतत्वमाणिएक्रिविधिाचवा
एकतिस्मयकाबाहिरमीकलीमुझ कमिजिनहाभियरधाश्रीनाथक नमात्रिकावरहीवली मोदिआयशपूर तयासाकजेश्मपरीसहस६६ श्मशीपरिमहिऊपनइसमतापरि।
॥१५॥ दियासए दविएणिरकम्मएगदाराम/चाएश्लगवंसमियाए||२५|| एमविदाणाकांता मादरणमतीमता बऊ स्मादिव्यास्पाइवववजाणिव इतिश्रीउपनाताध्यय नेहितीयेउद्देशक दिवऽत्रीमोउदेसोपारसीयबानिदेसश्रीमदाचारमावसतिस्वरूपक दिवति
समानः श्रीरस्कः॥२६॥ सरहतऽनिभयरीसद उपसर्थ सद्यातेश्दी कहिय।। श्री सापडिलिण सगवयाएवरीयंत्रिनिबिमिः ||२२इतिश्रीउयानकताध्ययानक्षितीयवाहसकसमाप्त:बात तणदत्तीविकतनाम आतपादिश्पत्तिथा देवामकसका
आतपादवपातथा देशामकसकालापपदिकाविरुपमानाप्रकारसगवतश्रीवर्धमान उपळीतमा शीतस्पतियादि ।
अाअनादिवश्ववि
धरियामिहोतेऽश्चरपदव काविज्ञा ॥ समितिउंसमितताअदिया स॥ ॥१॥
वाढनामदिशतिब्दी णकासमीयकामयातकफासयदंसमसण्य अव्दियासएसथासमिए कासाईविरुवस्वाशदञ्चर
समित्याभूवन मिरविप्रकारिभूमि अन्य गादिकनिकच्या वसतिलगवंतश्सेवा तथा प्रतिकस्ता लिना लाटेविकालादेशनेविषैतिहाइलगवंतरणास कामविश्वामाश्चिस्वानिविदारकीस्वसहितपERMEREIदिलासहिततधाबायणादिकरकरीविषयप्रातिप्रतिकाल जातिकमदेषामना उबलीनिकुंग
एमएरुवाशनबवश्साकमसेया॥२॥३० ते देवानिवासीलिकतिलगमा लगाडामधारी वधरमिंचसशमिचायतसिधासविसासणयाणिवपाशालासुतस्वसग्गा बहावमा
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मा
सूस देशकणादक तथ्यासातसूक्षसरीषष्ठविरसचं कोक्षकवायाचदिकनश्यताविष्णमयवस्वनापूदिरणदार अव्व्ण्याकउलोकसउसहसमोदिमक । नादाप्रमाक्षणी प्रकाशदिकश्करीज्योतएवउस्वामीइस्लीष्ठातथा वाहनानगमनाउपवकरतिदोस्वामी विवर एकएदवातऋतिशतरूणाकरतानवार केमधीवर॥ । तिलोकश्करमार्थयणकप्रिनितीककराय ऊतिरविणअयच्याउसयतउपरियां दवउकोईनथीकिंऊतिराबिट
विवार॥
तादेवी सामुहालगन एगावयास्नुमिंसु अहनददेसिएलान करातबहिंसियासिवितिसाशापजामणिवरिशीलुसयाएसुग
अतिराशकार के समारोएसियावरनइएश्वानसप्पणकख पतिपव्याख्या १०रहवीश्वक्रिस्वरूपनिणि बहवेधणालीकामासीकहतीवरुणाजिमाण विलगाशा .
मनायी उपवकरइएस्वदेशिनगद देशिनकातिकमयावेतवलीबजाविव रणवत्ताबकोबीयनिमरुपकोईमवल बमासलगीपरीसहसहिवानश्काजिर वालवामिविष।
हीनदनकदधनाकरइएदवदेवान सपना ___ो ॥ ॥
विदीश्रनिराश्रमलशाक्यादिकय समाण बुबुकारंतिआदउसमणेतरादसंडनिधापलिरकएजागामाबदाववछत्रमिकरुसासी थिलाकीदेवप्रमोतियाष्टिकहीयानाधवाना जिय इमणयमादिदाथिलीम मासंकुचाणमुपदिजिब्दीतिहदस्तपादादिकमा विवस्वानस | कहती देयकाच्यास्त्रिगुलअधिकारहवीले समेत उपुकमाउपवाकणकराएदवाजिनामबारती॥
श्याननिवषबासणीतिक्विर ॥ ५॥ लिहिंगदायपालिय समणातबएवंविदरियापारपितविदरता पुवाआदमिसुणएदि संचमाणासु गावोहिला तितोलादेविनाच लोकवि विप्राणीयान विषदककहता सधतिवारीर एवोसिरीवनगा यामकंटककहता पामरलोकनी बोल्याक वरतोटोहिलतिष्ठनायामादिकासहवास घामनवचनकायाश्करीमान रमाकरीलगा
मेरक्वनसम्पर निर्जराजावी अभियान सस्वामीरहवालादेवामाइविवकिमविह स्वाते देवामानशा
गादि|ञ्चरग्गाणितबलाढदि।६ स्मिधायदंडयाणदि।तंकायावासियमणागार अब्दगामकंटरनगव ते
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किमनागकदतीक्षस्सीसंग्रामनामसकियरकटनी निमगवेषणतिचलाडदेशियरीमद सिहालादेशियामविरलाचे वकीमत्रवामिघातिलिकार पीश्यारगामाया॥ (पिथकटकजीवनश्याश्यामीथयाते
हिदाएकालवासासणीया धालियर
सलीवाल्यापश्यामलानदी आचारंग अधियासातअसिसामछायाप्रसंगामसीसिवा पारएतवासमहावीर एवंवितबलाढदि अनमो
तातिदाऽनदातथा जवजातानिष्पासनीप्रधबावामानणीअप्रतिक शणिपरियामका शिवस्तातिदयामयकोनीकलीलोकमावलम्पाउपश्यानिवली मकस्य ।। एकदायामसला पति-शारहिततेश्रामश्रवसयामरहिय३९६वा मावश्यामिवक्रमान श्रारतिक्षशीयकविगतमाह होगाममादिमाविश्मकदास्फकाबउत्तकह।
निसाहिता विएगयागगामा बाउबसंकमंतमपमिन्नं गामतियंपित्रप्पन पमिणिकमिसिंसुगताउपरंपालदिति ह नादेशनेलो किउंगामबाहिर अथबामु टिपदां। अथवा ऊतर फल। अन्नवालेणुकस्तोपाषाणतयाकवालीकह दे०ीदनीनेव-घणाअनार्यनश्यकामा तासगवतराचारदापउसई
तोधमानीवरितश्करी देषउरलौकएकउणकेश्वोकिनेत्रावर करीदक।
इत्यादिअगलगतवनश्करीकलक
लंकीमत यादयञ्चोतनदेमेणं अज्वामुहिरणपुऊताई। फालणंडालखुणाकवाला देतार्दताबहावकंदिर कदाकायश्रवष्टलाश्रोक्रमीवर नानाप्रकारपरीमदकाक्षा मासबद्याज्यातकहताएनसिकस्तानलंयायवापाव तेधानताकरिवाना तथावलीचऊयामी
मिकाविषश्नाव्य
20 मेणिबिनबुवाई उठसियाएगथाकायं परिसदाऽखंविसुअज्वापंसुणा उवकरिमुः। (उच्चाला
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वामन गोदोदिका तथा बी. सराशनकरी समवेत बताते ग्रासन थकी लगाई ताकि वैल्प पा
श्रीमहावीर तो उसका यावेो सिरानी 5. दुषणासदारापरं षमलिवा तेहनी पर तिष्टांत करुन परिसदसदिवान प्रावधान लीप्रति ज्ञानकोश्री मनमाविमा २० जिम सेयाम नइ विषइ रूमा परी सन् उपसर्यथ की उपनाउनुख किम यसमा मस्तु कि सरस व र लिमुषयेई पर सहसा ॥ ॥ १२ ॥ तादिशि शस्त्रले दी 3
यदि प्रिंसु । प्रवाचा सरणाखख सुवासकाए पयासी उरकस दिलवा पन्ति |१२|शरासं संगनामा गत श्रीमदादी र तिमिलाहा दिदशिप्रकपरीमदीमाः खरूपज्ञा स्त्र प्रहार से दान उई तक बोर : रक प्रतिमा सदमे भी परिवनिः प्रप लगवंत चाल्या इलिपरिविदार कि ज्ञानदर्शनचारित्र रूपमा मार्ग की नानी ॥ १३ ॥
संम्लते।
एसवि० एविधिश्री महावीर देवच्या
गामसी |सवा | संतासम दावी र मिसनमा फसाई चाल सगवरीचा १३ एसविदितेो व इत्यादि व्यास्या पूर्वसीय रिजवी ॥] ॥ ॥ इतिश्री उपधानताध्ययने शती यो उद्देशक समाप्तः ||१४||
| दिवश चौथी उसको वो ॥ त्रीये उदेसा मी परीसह उपसर्यस दिवौक है।। इहां रोगपी विकलाने करिव सम्पन है एव3 ॥
मादारण मती मत्ता बऊसोप्प भिन्नएं लगवाया एवंरीयंति तिबेमिः||२४|| इति उपधानाध्ययन अधिकारक है ॥ ३॥ श्रीः ॥ उम०जीत देशम का ज्ञाता ममादिक परीसम की यश्परं उगादी करी नसकी तथा तेलग तक स्वादिकैस्पृष्टएताव लगत रोगी नापाता दिनकालाविल उणे दर्शक रिवाजोक रोग उपयो ताकी अनेक वेदनविषेय० तो मे ना उपसमलली ऊ गोदरी कर श्री वर्धमान सहन कर्मनिर्जना सीकर | स्वासादि हविलगंवं रोगेदि । मुद्दोवा साम्रादा मास
रालोक
श्री परे का सश्वास कर दिय की रोगने
जानिरा
तीय उद्दशकः समाप्तः ॥ः ॥३॥उमोदरि एयंचा एतं
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जास्पहारादियकीपना संज्ञादीनौमम्पयसेवनविश्वाण मा यात्रसंगपन सहस्रपाकादिकश संवा मर्दनादिकरतानाप्रकारमादिएका मदायविवईमवशराहनीवदिकिमश्नथा वरवर सापरिमा निसातादिक उपथकरनदीनानप्रतिकजलादिका अकारीलगववश्नही मानिमचीवा समादेषकालभदंतवणादिकश्नको ऊपन्नो तरुनी बिकस्वावा वमन मदनफल्यदिका
एसर्वचारीर कदारिकवधि।
रक्षा हीतकेरुवीमरावत आचारगर सातितितिश्वाशसोसादचवमपंचागायज्ञगणसिणाणंच सेवादास्यासकप्पे देतपखालचपरि।
२ विरया नित्य केदयकीगांम०३ रीयतित सयमा मुटामाविषयवश्कउपमादणे शिमिर-शीतकालिनगवंतवादवानावे शादिविषयधकापरवेaanश्रीवईमा एप्लिकेश्वहाबक०च्याउबालने एक्वाऊआनथायीकानयापनातावनात्यानाकामा हदाएकदापरतोवि
म्हाकुमासणवासीरवनयधर्मनों अाधारपदया।
शरीरानिलिउपकरीतस्कमकक्ष लाविरएगामधाम्मदिरीयंतिमाहाणाप्रबऊवायीसिसिसिएगदालगवं बायाएकाश्यासीय -प्रासपाली गिम्दापीमति रक्षा उॐ०अउ अनि आतावना अयननंतशधमोक्षारदेक्ष
परनिकोपवादिकईसककहतीबदर एतातिली०६३ विषाकिमनिश तेषदेषाब | सना सादम॥
चणादिकगफिल्माषकतीदकरी दशमन अल्मा पाम॥ शारीरवापनाकाक्षा
तिलिसवावंत
Manor
आयावश्यगिम्हाण अतिउक्त एअमितवि/अऽआवश्वबंदणे उयणमध्य कमासणवारतारण
पतिमasalaruaat HOMERIEAR लाकोलगी तक
आमासमार्यज्ञीरादित्रापाठप रतलाकानजगीरणाश्राक्षारशारीर अ० अर्वमासा अप्रथवामा मासमय अविमा अथवासादा इनिर्वाश्था ॥
हाना
कबिमामा
येता
महीना
तिम्निपमिसाव अम्मासयजावएसगवं अपिश्चएगयासगर्व अधमासंऽवामासियपिय/अविस ७२
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तथा एकदाa55
अथधाक्षम्मासानुणयसलाकालानगीचालीमधीधरामय शत्रिदीक्विस्वाश्र प्राप्रति तथापकदागिनाश्कलनी जानश्यनयर्य मकर पासीयावानी मनमा दिनापविलमपश्चलितरसनापदणमादा)
॥६॥
धितजावमास स्वणिमसिज्वाअपिविता रामवयंअप्पमिल अनगिनाटामगयाखानाबाटणंएग
अथवा
अमर अग्रवाएकदाशामा अथवाएकदावादसमईचमध्यवासासगवतमाहारकस्पालथाविवारीश्नसमावि । तेस्कंकरीनश्याकरुता हेय
जाणवीयरंकदाचितश्मनयाण नाव्यजाएदवानानाप्रकाश्नातयानाकरणहाश्यकिदवा ऊमदिब्यस्वरूपजी गमिश्रा अयफकिस्तानियाणारहित।
श्लगर्वतश्रीमहावीर आपण
याज अवाहदसामण वालसमणएगयामुळे पदमारणसमादित्राप्पमिला| पचाणासन
100 पानी ॥ २० अनेरायाहिं नकरायुका अनेरेकाजमश्चमोद्यानही इमत्रिविध) राम श्रीसगवंत यामणवामगरति
विविध श्रीमहावीरवश्यायनिघध्यमा हांपवेशकरी॥
महावीरागोवियपावगंसयमकासी अलेर्दिवासकारिला कारतपिमाणुमाञ्चिापागामपविणगरे
घाप आहारविषश्तेकेदवाबश्यमा तथा तस्वइत्यादनादोषरहितातया अायतोगशिऊझानकरीसम्परामनववनका अपश्रयवानिव्याचरीनअर्थिईसम अधिकाधमएसबजमदोषरहित एषणादोषनश्यरिहरिवमि मिकरावेसी यध्योगनिधानचक्ष्यणउकरीशमे तासगर्वतनैपंथिमावायसकारलगा दिगंण
न॥ विनामुक्ष्वादारसेवाला कस्तारपश्करीमानवीम्या
वाघासमेसेकडंपराए सुविसुधामसियालगवायतजोगयापासविलापावायसादिगिरि
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त्राचारंग
जिप्रधानअनेराश्मिनायवेषणा काव्यासगवेषणानअर्थिा सनिरंतरकरणादिषाकिरसा-मार्यमस्तकिमिकामा अपवाजालपानी विकार्थिहस्व तापसबियपुमा रकपातमाशयतादियवियादिक जी हारलवामाश्यानिटर देवासदनीतिमउदयननमहलुयश्राव्दारनाथ रिवायादेवी सध्यानमणशाक्पादि मिली अनिरीक विचरैपरतिमनचालइ तिजीqaउपमेष्योसाहारलवा कपरिजानक
ईआयादेवी नवरायथा ॥२०॥
था। सूत्रटवा बाजालराममिणीमात्रा घासेसणाविर्वात सययंणितितियपहाए। अङमादण्वसमणवा गामपि
गागाममा दिपिफगामी तथामावागावालातयामका अथवामानातला प्रागविश्वदिषी सिन्द निमनया मातेदनानिमअपत्यय उमनपणन सीतरीकानयाति
तेद.३३॥ ॥ धिपाऊपाडावwहाश
था। मालगंवातिदिवासोवागमसियारंवा ऊऊरंवावितंपुरानाशावलिनिवजातसिंमप्यनियंपरिन्दरतो तिमलगतामोधा अतिअनेराऊंका आदिक जीवनी हिंसापरि
samma अविवादिकैकरीमालीकाधीसकतेषादि सीnlaपिंक प्रतिसाततया विरेतनधान्यनाउदनमा
रहस्वाना समायणघाइएवीस यासर्व दीसतौनीपायोनयाकमाब गंधाकालीजिवनानीय हरम स्वामी आदार यासगवेव विरमवण कादिका JHaaen श्रेऽदुस०कस्ता
जाय एकबीवियामीर
সহ65ৰপ্ৰমৰ मध्यरक्कमेसगर्व अदिसमाणघासामसिला २२) अविश्वासकंवा सीयपिंडराक्रमासं अजवकसं केदामक्तिरामननाम्पामथान पाम्पमतमागणेउका अथवा श्रीमहावीरउक्कटिकगोदोदिकवीरासन्नावशासनपद्मासनादालतानानोमानानोकोतिरख
उढे श्रदेविरियंचालोकनसागa बिनकरेलिश्रणयाम्पत्याफारिश्रयवापाछ्यैश्यवायोमविकासककम्पारसुरकविक्रियानकर कियध्यानधामध्यानश्चल दनकरीश्रापण अथवादातारमैनिदेनदालिसमाधिदानamasiस्वामी मध्यावर तेकदम
सायधिसध्या तथा जीवनस्वरुप अध्यावश्परअपमानमतिमाण॥२॥
जलनीस्वरूपकर्मनीपरिणाम तथा
बुल्लागेका लापिलादविर॥२३॥अविकातिासमदावीर आसणाचप्रजएकाएं।उहावयतिरियेचा
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________________ व्ययर्यायनितालावरवठचीनवासमाधिअंतक मिचमावि दिविषय विधायगृष्मकारक्षितएव तथा श्रीमहावीरश्वधास्ववतणविविधा रणनीश्वविश्विारापतिजारक्षितनियाणादिक वारसायातयादि बना // अनेक प्रकारसंथमादृष्टानविषयपराक्र प्रतिज्ञायरिदरअायावर वारूपा मकरेत लाएकाध्यसमादिमपडिन्ने // १४||अंकमातीवियगिदीया सहसवेसुमुखिएकाती बधमानविपरिक एकश्वारप्रमादकषायादिकनका स्य स्वियमेवमाफरणीतित्वयरमार्थजाणी आयकरुतीकर्मक्वायज्ञामरूपत्रात्मशु अतिनि० बालथयो।अमाइले स्वामी इणिपरप्रवृत्या स्वयं बुधबतातीर्थ पवनोदिवासणीसा करीमननकायमाञ्यागपतकरी मायारक्षितपक्षतीजावनी वक्षनाथा। विषयकषायनअपना निवा यसयपंचसमितिमानित म्ममाणे नोपमाईसपिकविनगया सथामघातिसमागम अायतजोगमायसोदित अतिणिवुमेश्रामाने गुनगुमाश्वश्वरुपश्रीयसविटीयाशिवास्वपरिजाथकछायारसी दालगीजाचारकहातमादणकहताश्रीवमहावीरउमाईमथाधिकंजामसदिमास महावीरयो 16 // सनता परिक्षाश्यावसिाकदलीयनप्रकारकरीपतिननिदानदिन्नएटकासगवतऽश्वर्यादिगुणसंपलगाऽजिमोचारपा ल्याविनेयन्साशिनरोसाक श्रीसगड नावृस्पेथुपवा शिवमिष श्रीसुक्ष्मीस्वामिक वजेवप्रकाऊंडमक जिमनीलगत् Naसमिविससम्योतिमकयाइतिश्रीअपवानक्रमाध्ययमच उद्देशकसमाव:181 श्रावकदसगर्वसमियसी||२६||एसविधीएफकाता मादमतीमता बऊसोअप्पकिन्नणानगवयाएवं सम्ममप्तिासमाप्तमिदेजप 10 लश्करी प्राचारंगनवप्रथमपहिरन ऋतस्कवनशेययो। शश्रीरस्तः॥ यमक्रप्तस्कंधेसर्वमीलने यथायथमा पक्ष धान क्रमाध्यममा संश्रा श्रीया सच मरिकलबालावबोधवायः संसूरिशोझसमिटा) श्री मध३१७७३शवजिधमासचक्रपतीयानी धालीम बरिलिपीकृतसमभेनमयावयाचेकिमयवेताब 3m यतिनिवेमिः इतिश्रीनावारगेश्यामतरकाईसंपूणास बसंव३३३शवजहमशिचक्रपाकर तीयातिधालौमवासश्त मथनमयावंदलिषतः श्रीचक्रमनगरेः चिरंजीवायुदायुित्सवः श्रीरस्तः ॥श्री॥ याचा MIS