SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 90
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ थवाऽर्येधपतिं रहतां मईलेखक (सांबीदा रागद्वेषमाऽथ प्रणो रासादिक भाकीधा वातही एकाकीपणा दिपा अथवा स्मशानादिविष भैरव प्राणीया सिंह सर्पादिकप्राण भार दिया समित्र हो शिष्यनधी रक्त तपरिसद दिया से बीज उदेस नई क्लेश करैत तेस्परिक जेश्मक जिमत्तगवतस मपि मे सल्प श्री सुधमरिवामिनो भूमिबान उपाय वव जोगियो ॥ इतिश्रीभूताध्ययने द्वितीयो उद्देश कसमाप्तः कफने उपगरपा एक्लै बी जो उदे सो थीयो २ शात्री जोक है || नेवारीर ममता बी शिंदा शिंवा तारखा ( पाएगा या काल संति ॥ तयासि जुोक्षीरा दियासिकासि निर्देमिम्।। इतिश्री मी विमान थाइते अधिकारते एक दिन आया कर्मय दिवानौकारण एतावताधर्मो तिनो आदिसूत्रं ॥ २॥ यं पूर्वभवा पथकाच्यधिकवस्त्रादिक ते स्विक स्पेश इममा कालंकार। | स० [टालदार मुनिसुया स्वाय ख्यातकरूं ते धर्मजे दम एव ४ध्ये श्रागृहीतसारन निर्वा अप्रवेजेसाक अव निशा दकादिवली के विकतव्य विधूतकतासम्पकारि ल्पवस्त्र ९६उसे फरकपच्या वारजे हाइ एवमुनिया दौरन निवारक यमविपरस्प थाइते किम कद ब॥ २/६/१७ या द्वितीयो का || बः॥ कुसुणी | प्रायाणांसेसा | सुरखायधामा विकाशको सा पतावत्ता प्रतिपल संयमवेत ॥ तेलिन एजमध्यगलिक टीम इतिमन | इवावतारमकल्पइनदी तेस्प3॥ तेमारुरुवत्र नाथय अश्फाटि इलिकार लिइ किाहीग्रस्त स्पतिवार ॐ किम वस्त्र विना सभी विजन व वस्त्र मामि शीतता परित्रा एस्फअस्पशास्र अथवा तेजीवस्त्र संधिवातसूत्र मागिस्पभूईमा गिपासून सूई जीवन वालपरिवृति | तस्सा लघुस्स | मोएवं नवति । परिनामवजे वनं जातिस्यामि सूतंजातिस्सामि | सूतिंजाति बिधिस्प निस्प तथा उच्च न्हाने रौबत फा23 सी वस्प कभी जब रिस्प॥ वाला बाधकीकटकडक टीनोटा वैवेवारिश्रीयाने स्पर्शी अथवा तिलिचलानरविषेप पकरिव परिस्यावरि ऊपनेकरिव रक्कमेतेपराक्रमकरत उत थारुवा मुविनश्यामादिविषचरित्रमणक रतावानाथार अध्यवसाय आध्मान वा रिब्रियॉन इन करे ॥ दव स्सामि | सेधिस्मामि सर्विस्यामि | उद्यमिस्या मिनाकसि स्सामि | परिहिस्सामि | पाउरिणस्सा मि (अपचा | तच परिक
SR No.650010
Book TitleAcharanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorMayachand Matthen
PublisherVikramnagar
Publication Year1736
Total Pages146
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_acharang
File Size75 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy