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________________ प्रकारे हदय ऐणेषकारे सन्न प्रकारेस्कंध प्रकारेबाज॥ ऐनेषकारे दाय एयुजिबेट | अपिगदिययमशशअपगेयामशअप्पेगेरकंधमशिश अप्पिगबाऊमशाशअप्पगहामशर अप्पागे णेषकारे नरकदै गबर वेद श्रेणीपरे प्रामपणे उट णे कश होत अंगुलिमश२ अप्पेगेपदमश शअमेगगीवमझ२ अपिगहणुयमशशअपंगहोमश अंपगेदंतमझे अ निकाला गत3 अगावी अ. कर्ण_नासिका पप्रकार शअप्पेगेनिशमशेशअप्पेगतामझेशअप्पंगगेममश शुश्रणगेकर्णमन अगिनासमक्ष अपग समस्तक पतलाअगोपोगप्रतिकर केईएकदमूर्मगत कोईएक्तेदनविपासकादि विते चीकायनामी आष समुद प्रकारेनिलाड सारिश्तदश्वकादिकज्ञप्ति करे सरकरीमागधीरकवतसिन र वनश्रीराक्षबउ बारेमेश्वविदमाउपजशनिमश्या वेदनावयतिमश्यवानजीवनकर्मब दयश्रयाचे निमश अपिगसमुहमशापगमिसाइमश अपिगेसीसमशेर अप्पिसंपसारमशा अप्पेशउद्यापन वितिणकार विषारी गटशियीकायनेवि स्वाधारसकर्मबंधना अपरिजाप्ताइएनावमात्रा अनपदष्टवीकायविषश्प्रसमा एअारनपरिक्षातफण्तावतारAASHIK एवष्माण कर्मनवाया दारा यानपरिमा सखंसमारसमाणसं श्वातआरसा अप्परिणायासवेतिपक्षमवेअसमारंसमासस्म श्वेतारसापरिणाता बिशस्वदसऊदातादिसमारतण कारपरिज्ञाऽश्याश्तश्कशकर्मवाधाamanoms| 3-3०२.
SR No.650010
Book TitleAcharanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorMayachand Matthen
PublisherVikramnagar
Publication Year1736
Total Pages146
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_acharang
File Size75 MB
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