Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Mayachand Matthen
Publisher: Vikramnagar
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परसाकवि
बाडष्टाचारी आपणनमउत्साषश्वकरबाबंदोलकामावरतनविषयासक्तबज्ञासंगकताअष्ट सिकसेवामक ब्यवेताहालावधकोश्यतज्ञानादिक भाषणेपेछाक
श्लोक पणमननप्रतिपायपाहाचारपणउत्तरोपऊतायझप विधकमवधक तेस्थकावलीअनताकाललगी नजाणिवीधतेस्करतिकबासर्वसमन्वागपन्न.सर्वनव पनकामलीगर्विषयकायचिश्तेकदम
सेमार माहिरिचमणकरा योनीवनिका बावविशेषसदितपदवाश्मा प्राचारंग यना मारिन कोचिरपतिकहा
[६पाधक गाविणयंतिबेदोवरणीयात्राझाववन्नो पारससनीपकरतिसंग सवसुमसवसमन्नागययमागणण्या कार्यपस्वीपापकर्मपाणात्रिपातादिआदारसदनी विपकपविष तिहारतेदपाव्यसधिकारिजाणी हासावता आपणनकरैअनेरापासनकरावश्करनी
आपणपश्चक्रीवकायनउशस्वममारतश्न६अर्थकाम
मेधावीपतिमीदावता दऽनहीवलीश्मविशेषकदम॥
अनेरापा
धर्माविषयोजनिक ईसावद्यकरश्नही लणेअकरलिकं पावकमाणाअनमितपरिन्नायामहावी नेवसथंबीवनिकायसव समारंसेकानिव दिनानिकायमास्त्रसमारेसाबमबह अनिये आरंमती अमोदैन । आरसकरवाने वागनहजेट एजनीवकायनशास्त्रसजीविड
इतेअधिकार
सलीब जालोर दिवजीवनिकायसवंसमारंभावेजानिवन्नदिवजीवृनिकायसत्तासमारंभातसमणाजारोका जारसतिबझीवनि विभयाध्ययन माश्मजपरिजाइजाएपा प्रत्यारवानपरिक्षा सुनिषव्यारव्यानकर्मकली थी ट्विधर्मस्वामि जेवप्रतेक रोपणकरिव इतिश्रीवामपरिजापनसपूर्णता पतलेपथमाभिनकटाक्ति कट्टीय इतिह घरव्या
जिममैश्वामिकसानल्या निमक ऊर्छ।श्रीआचारण बीजोकहीतियना पसंबंधपहिले अध्ययनिजीनिकायस्वरूकसाना उद्देमाजागि नौषधमापयशसूत्रधूकीविष्यसएप जमर्थधकागुरुममा सोतिमसलायभाधमर्दहीसग्नवैराग्यपणेप्रतिपन्नवचमहावरुवा वापिदित
१. हिने १ स्वायनाविधमहान तमउछा माकनप्रणिपरिसंवादिविषयरूपंती के अथवा रागादिकवाय लीकमचारिणीया कायसखंसमारमापरिमायासतिसऊमुगीवरिपातकामानिबिमिला शस्त्रपरिज्ञाध्ययनंप्रथमश्रधयानान जननी भवी जिगुणेकशाहरुपरमगधम्पविषयतेमुलगणक मूलनिमिनकारणसं इतिश्शाकारणावादिविषयवेतकयायस्वानिवर्तमाहिम मलव इहिवैषमादरागविषात्म
यतिधोए प्रति
य त श्रीश्रा सारनौतम्फकषायतकोस्वामाश्रय अनमूलस्वानतिगुजशाम जायरामाश्रीयनै विषेरागीयपाविषयलवासिनी कतराशप्राहिमामापितादिविषार्थ श्रा किसउतकदsan
सिधवानाधाविनासूिचानाध्मनाक करमहापरितापक वनइतेकदेवजीवनमजणिमाally या शेकरी
माशएश्वास 2/21 जियाणासमूलाजिमलाणामयाब इतिीसगुणहीमदयापरितावासयमालातंऊदी
कषायजिलोकत्तिदनै जीव तिवसी लोकमियनामावी अध्ययमतिब्दीपहिसाबदबाघमदमस्साकस्बजनौस्नेहालेर वितीय उद्देशनपणौकरश२४त्रीयउदिसशी माननकर।उधाउदेसईसोगविषयनकराजपचमसंयमया जिवासी लोकनिश्रायविवरिवः प सरलोकनममत्वनकरइ०६०

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