Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Mayachand Matthen
Publisher: Vikramnagar
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विश्थाहसोपारंमीयवात्रनिदेसर शरीरोषगरणमउवाविधकतमी त्रिनिगाररावनोम्बिीकहीदोबनाएवेवएवेशियर भूतशिव्यूचीवरात्रिनुक। नयामताप्रबलमाद मिणमामाधमाका निक स्कालिकमंत्रनिविपर्वकासाध्याप्रियवयियविदाजयमामत्यादिविवानिमायाकमाइतमोवीन
रमणधरादिकतिकेदवापणाला मंदिकहतीपष्टज्ञानवेतश्तशिष्यतिद-प्राचार्यादिकनासमीपश्यनानकदतीकत जाननौबस्तनदानश्वक आचारंग
उदयउत्कटमोदप्रमाणिनिधावसमेउपसमकमारूप कामियंकहतीकापणउसमादियनिककृतीमा चमि०पकवलीबसचशमय आणतोय अज्ञानीकरोयदेशपना स्चिाकदतीबाही नगर्वसहितबल
दस्तकिममादामोदिमावासितारतीपक मतदानै विषश्वसीनतपरंभाचा ऊरपदवमानमा मालागाश्वम बीमारमन्यांमएदंबकवारपणामकर प्रेसमधानता
बजपलाईवजस्वपणनवजबज्ञ
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एतसिस्मादियायाराउयाशाजावावाश्यातिथिमहावीरहिंपणाणामांतच
दितिसितिणयमारण मुवलक्षादचाउवसम| फाससिटी समादियतिविमित्राबसामिाणताणातिमण
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माम अग्घायू वसाञ्चाणिस्सम्मसमणान्नाजीविस्सामा गणिरकमांत असंसवंताविडशमाणा कामेदिगिः
विकहताज्य मवशिराषवं तीर्थकरनौसाव्य
प्रशासनाकहतांग्रसेवमानपक्षवाशास्वसिपायमोष्टीताप्रेरीताशि केचनाखूजनापरुषनबालकिंनराजेसाक्षतेदनाहीनाकर टीपनि बनविषशास्त्रारकरुता सिषपिकारयरुपमएकवारखोल करवासाल०अठारसहस्रमी लोगश्यानाधरणहरतमासीत्नक०पर उन्हेकाईजारामहीजयसूत्रार्मशष्टगणितनिनिजाणते मानवधायजयकवायनियदत्रिगुप्तपणभएजस्मविषााजाकश्मकार दवनेसऊजागवत्पादिबाज
शीलततथाउपसावकाधनाउपसमयकी से प्रस्तावारीया
में यमा सुशनविष३.पराक्रममारितिक नमिधाई ४ सालमता उबसता सरवायायमा
थम

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