Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Mayachand Matthen
Publisher: Vikramnagar
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मा
अदोश्राथुष्मान रक्षपति
सादरवचनरवनिश्चदउँबादनदि तथापनादरक्वनपरिमाणमहीकही तासमान
श्ताविमनिजागाउमदी आचारंग टासायमियाशेरक भाऊ सोता गादावती गोरकखाताबयाणं आवढाएमी रणारकानातवटा परिजाणा
जैतमाद अर्थिा अशन पानवादि स्वादिना वस्त्र पान3__ कंबल3 पादउँबm30 n मिजोरमममहारप्रसारवाश्मेवा साइमवावजेवायादेवा केबलंवायायपुरवायाणा
जीव मत्व पाणि घातकरी॥ य काय पामित्य आबिद्या अनिष्ट अतिदा । एदवआहाराणी शता नीवाशे सत्ता समारंवासमुहिस्सा काटोपामिञ्च। अनिछ अणिमिसिदाबाद) तथा प्रम्होरका निमात्रयकरावादरूपतिएक आदार पदयात्रा प्रयादरिवायकीविरतनिसानतासिकिमण्यस्मयकरण्याएकरुतां) सेन्तेलिमा अतिमि एतावानाऊंमहीकालिपरिनिवृत्पाश्मकदीनिवदिकरजकोई एहस्तमाकनउयुक्तायुक्त जाणतप्रसन्नतजावानाकरणकिण दीपरिचारित्रीय आरतलनिषेधाएदवदेपासोश्वा वातमिश्रावसदेवा समुसिणामिसिविरात आऊसा गादाता एयरसअकरायायाससिखापरक्कामज
भायताएंवक्षाएकहाताडामपणेआपण अनानारिकारेलकर किदाई वमसानादिविषविदरत तेहनासमीपत्रावी तेमि कोईगदम्बश्रेजतिकरीवादी
चिचिनातिप्रायपकटकर माकन
द्य॥
काजा
छाजावऊरयावाकदिविविदरमाणे तशिखाउसंकमिज गादावती श्रायगतापायदाए असणार

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