Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Mayachand Matthen
Publisher: Vikramnagar

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Page 108
________________ समयसवेगी साधनाएकस वस्त्रादिषुणवत्रविधायक तथा प्रतिस्पुणपाधधकपर जिएस्वासाकमायाचाररहिरतिरक्षस्वतयाधीतथापासवादि। बीजदेवशर प्रकल्प माधीशमादितमप्रशमा असमादिकदेवासणी/कतामअवानादिपिमही दिवपलमविवाषर गृहस्सककपकल्पनिहालीजिकाई जोश्वर मीयूआभरादिकमल दिकश्वविधा निमंत्रशा वनापरवानदीजनहीअनऊतीधीपासमा दिकस्वनीमेवामणमनश्कन्द प्रतवेधकसरि लवामपनिषधानीवीतरागसाउनम्मामुपथकामला JNIविश्री सिमा नामुषथकासमलीपुणकरु33श्रीमुधमीस्वामिनासाकशोचरीगयो साविमादाप्रथानाक्षयाइसकसमाप्तः 112 श्ररिस्क असेबचा सीनादिककंपकपमा एलरसा असावाधावाधायाएका णिमातछा अछा वयावडिया परीश्रादायमाण। निाबमितिश्रीवि गस्तमश्अनिरक्यानाचारसेवादिकन उसदेवकपमतेटालिवासपीएदवश संखुष्पतिवोधमानधर्मावरवासणीउपातिधर्म सोचापयमिततीर्थकरादिकतेदनउपचनसंस अधिकारनासूत्रामशिदोजगमादिमनुध्यनानिलिवयनयुबोर नविषाकिमबद्यातेकदन। अमवयस्कापत्रिक्रमादिजेमप्रेमवयतिधर्मयोपचारणिकारणिमध्य सम्परप्रकारिदियश्अवधारीसमताप्रव मवयश्वझिएककर 2la माझाशयानाहीतीयोद्देशकः|| मनिाम वयसाविपासबुनमाण समुन्निा सोचामेदावी वयाँ बातेकाजेहसाणीसमतानमध्यपण मामार्यतीकिरणिधर्मकातिल अपतेर्माधिकारी कामसायना प्राणजीवनप्रतिपातविनाशते परिपालन रागषनश्शालिवा कारलिसमताआदरतेकदाचारि असिनापीमयाsia नाकारणहारनथाsतथा रवासाद प्रवतरितेकदश्वा Jaasविपश्खण फटाणपिसामिया सम्मियाएवाम्माआयरिएदिपावदिनातत्रणवर्करकमा अणतिवातमा अपरि ममता सावरदिa: महावंतिकहतीसर्वलोकविषश्परियहना दकहताप्राणीयानपरितापनःकरणाकाररवारसनिहायकहतीखाकी सावहिसाफ करीन! मिपापकर्मबहारप्रकारनेअकरत अनावर मोटअयेथबापायसरय यवपरित्सागतीर्थंकरहेछ गाहमाणा| सोपरिणदावतिसबावतिंवर्गालागंमिलिहायदे पारणदिपाकाम अजबमाणाएसमन्द

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