Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Mayachand Matthen
Publisher: Vikramnagar

View full book text
Previous | Next

Page 30
________________ ऋतियनयनमक एवंछयणसमरणार्थी समाप्रमाणसामाणियरपताल कार्यश्करी देउसमादानमा अलिचीनतेस्पंजाऊएलानरकश्म इस्पादन रुपण्वनीमगादिक दिकनउबलमक विघातकरण मनात्मबलादिकम्झएदवा अतिविनासक्तिकर तदनम्बतमुफमा नयास्प। विमामीसयथकाकरियश्प्रधबाबाद थास्प॥ करिया सिप्रतियबालसिकिविणालिसेसमाबलाश्चातदिविस्वस्वेदिकदिंदेडसमायाणे| संपदा सयाकतिपा तथावलीमकनशणिकीय अथवाासकाकहतांत्रज्ञान विश्सनजोगीकिसन करिबीतेक प्रत्यारव्यानपरिझाईपरिदरिक्षोणीयानउघासमारं पापनमोरमसमान पामवक्षनअलिलातेदन दबातेपरिश्तेश्वक्तिकसमानादिक सडकदैलेखर्यापायद नही अनेकमकाथमउबधकर अर्षिअनिकपाणिदानादिक्रिया जरिझाईजाणीमियाधीमिता कर॥ वामारवाति/मनमागचा त्रासंसाएबापरिनाथामदावरमावस्याएपदिकड़ोदि दंडंसमालिकाल अनिशपादिशेश्णइएणकाये श्रनिरखएण३२ आत्मबलादिकार्यदकसमारंसतनुमोदमही दिवऽश्रीसधीस्वामिज आर्यती | देउसमारतावश्नही पतश्कदैवज्ञ एमायदंडसमारंप कर सारव्यानरूप॥ वसंचएएहिंक दिंडंसमारंसावकारितेदिक दिंदैसमारंसातवि/अरोमासमपुजाणका/एसमग/श्रा प्रवेमार्यजी जबजिमणिश्यवीकायादिसमासविषाकसालक पहि विश्त्रीजीपारमीनाबीजउदेससंयमविषपणाकरिवीककालकषाय लीफ करतेकोमा उपसिपातिगनकर शनिवमि० श्रीगुरुशिष्यप्रतिवाद नवनिवासंपनइतिहाकषायमाझियममुष्पनश्मानतेसह उधागायनाउ TNAसगर्वतसमाविमलल्यूवतिमकंकातिनीलाक बिजया पानापरिहारसलानीजहेसनकदीवान॥श्रीसूधमारवामिजप भयवित्तीयोउद्देशकसमाप्तः ॥ a n SMST तश्कदै॥२॥ रिदिविदिए।दनऊसलमावलुप्पिकामिनिबेमितिश्रीलोकविद्याध्ययनिहितीयझिाक बार

Loading...

Page Navigation
1 ... 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146