Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Mayachand Matthen
Publisher: Vikramnagar

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Page 41
________________ प्राचारंग बकरी प्रावतिपदवुपियालोधीकामलीगनश्मननकृरिषउजेकामप्रकावेतअमरनीपरिसाचारश्तेदनकदुकस्वश्यकदैन तिमूर्षवायुनामा दटादिकत्रा कर्णदि गमिबोका अपरिन्ना पकानांतकामलोगन स्वरूपतथा नेदरकटुकविपाकप्रमाणादतिकहप्ताजगोवावमा कदती मनाएउजेएकोमन लियाना उत्कनाकारणजालाजमदेकदा तिबेमिकदमांजेऊकउंबएमादरी उपदिशकामतोगपरित्यागरूपक्षार माशूलादिक को टिकाउक इसेवामकर॥ । उहाँकामनोनि यहकरिबीका २५ पहा अपरिम्नाय कंदतिसएबमायाणदानमन्निाबमि तिश्छामिएयवयमाणासिदेतासन्नचित्रापि यउ नयनराजे झाडिकरी यामादि मालधकीविजोज किरणनीकिमानेव्हऊकरिस्फसमा अदनेशनश्कामचिकत्साकर इणिकाणिवालनेस रेसमा जेदबानेशनकाEिRassansaसाजेलालम्पनिरामयविकिस्साकसवै धीज्ञाननिर्मनी घातकरमारखतेऽमतिदाफ उ स्वयं आयएनएकामचिकित्साकर इतनाणदननादिक्रिया मालकहना निदाइसंगिवणपरमयात्राएतावताते किस विशेष जोगाऽतेकक्षा समकशिवायोग्यमयीदवाऽय मऊकक्षा दशवत्वनाजारपन इतना कामानियहकार यपदवी प्रासको नाविलुपिन्नासदवनाअकडाकरिस्मामिन्त्रिमन्नमाण जस्सविथ करे अलंबालस्सा सागणाजवास का कहना पालका मातेचक छोएवेकदतीणीपरिउपदेशअथवायदवीकामचिकित्सा नाकरिव पाचमाउदेवाश्चारित्रियानश्लोकनीनिश्रावर्तिवउपरममत्वनाब सेते तेपूर्वक्तिमनगारतेवरतीर्थिक नाकामचिकि अणगारसायननिकाल्पनिवेमि सशमीस्वामिनिममदावी मकरिघूमनगारमश्एमकल्पशझमक बहश्देशशतिदर्शन नउकामसोगविकिसानमयदेशअथ सापनि एकदा रस्मीविससफंतिम —कबुलिश्री लोकविजयाध्यनेपाचन विशेषकही यश्व॥ आदिसूत्रan ५॥ वाकरिव से मनु कहतांममर्थनलमा उदेसजसमाप्तमसिवा श्री:nall परिशाइजागत पर रती वाले एवंशणगारस्सजा देशका समसंखममहिम कवे दशशि व मव्याधिनी चिक पवरवाणपरिक्षा परिदरतीय जेसणी संयमसर्वसावधनिर्मिक अनेरापासिनकराबैक दिवशिष्यववसगवन एकप्राणातिपातकरश्तेदनशते अपाषकदीय साकरतीक यापक सम्पूकसानादामसुमायककबामदावलणीपापक HASIEमोन थवानरकाईदोषजागकि वामदातकदवई श्रद्धा शिष्यामियातयक वनदोषवाति दर्शककरिश्तेकदनामस्वयापनकर। देतीकदाविती हो पापनसमामिरगयरकताएकथिवा कोयसमारबत कामविकार हमादि निहोनालीचीयशवहविषेषकहवाशाएतलेपथवीनारसब पन विकिरा आयामी समुताए।तम्दायावकम्मेलिवकछा सकारवेसिया तबएगारविष्परामुस्सन्निाबमुऋणयरंमि का शयम "कास कहतादादविघटकाजमकरष्टोतकदमुनिएकोएककपिलानामश्मभककोपकनीकिव्हाएकसश्सनैरापवेषधपा मतिदहीकरीनचितवानाशाएवाहीयकाधीकरीसपश्चीश्यादिजात चाकरताकादी गोसार्या अपत्यही उत्पतितिवारशविताकलदापोन्हीपदारहीनीघटिलागीश्मचिंतामनारधव्या ऊनाममइनेदहीजम्युनही किमहीनखम्पनअर्थदीयोमदीमअमेरीकासक नातवानता सकिने व्यतामहपालनिककलाश्मता पावलावीराजीनाशकासकसे एपदनालियानावाच्योधीआखाज्या २जीनीवली याविषप्रवृश कहा . उप रिलीम AACHAR

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