Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Mayachand Matthen
Publisher: Vikramnagar

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Page 48
________________ उनुपाणिलाकविषश्मळमनुष्यसदि आरंजीवीमहाआरेमपरियश्कल्याचाजीविकामना विषयासानतानिवथक संसिधमारणारकर्माप्तवमानकतावली पासलदसूपामुषकहतीमुकि काजल एटउरुषाउसथान्कदतोजारीमान हताकममा किरा गजपीमा अरघटनासंसारमादिपरिखम जेदन सीकऽरक मादेषणदार याय करीशविजेवपलता केदवज्धाश्तेकदवश यावे॥२॥धम्मुंबयासंघहमचिदिपारंजीवीवतयाणपसी कमिमुगिहामिद्ययंकरंतिसिसिछमाणवणरेतिगशीर अविसप्तकामगहरूष देतापाणी यानेहणेनेदिक-क्रीमा फरिवानगीपानफलरवाश्चास होय एस्बोने अज्ञामऊश्तेक सम्हापूजेरुसणीमालेमगिवैराधश्तेदसणी आटो आतंक दसकदादातिभेगी सोमानवलीदास्परसवाद्य उत्रणी इत्यादिविरुधवधनबाले जसजसंगकरेते वापरूपासि प्रतिविमरूपावरमे०क० मापदनवा नरकादिहरक सबधवचमएहवाबालादिश्णा तास्मतकूवानलवाजम्मामा वैश्वधार काली अनधिको दिकमहिमासणी सिरपबि॥ हनस गिरोयाउएतावतातान बापापनकर सगटा.लियामकोक। अविसेदासमासमातादीतिमन्नतिप्रिलंबास्तरसमागणावरंवहतिअप्पणम्दातिविपरमंतिमझाायक अनेरापानिकराधाकरता अघानीयायारिकमेमूलकवतांचासी पतिविपक०कअष्टप्रकारवटाणिकम्मदकता पक्तिमरणयकासकाई एतावतासंसारनासयदेषीत अनुमोदमहासवरयलितथा यांच्यारिकममधूवामूलबाधिमाननीयू कर्मरवितात्मा नटेषणादारपूतावासया निवारित्रीयदृष्टमय एक्वजाणीसाहायधीर पाश्मिीजामएमजवुिनि आत्मप्रदेशा नायक थकानिपर। anan थकानूआकरिजिमकरसेल्ने फलकाप आणि Nasi दिसीनकरेतिपाबंअगंधानलचाविगिंधापल्लिादियाणिकम्मदंसी छाएममरणायमची सेजदिरसामु तथालोकवादहत्यामरूपुसद शक्तिएकवीशय्यानोसवणारमथाउव० समि०पंचसमितिश्करीसदितज्ञानादि जालगीकालकाषीकहनीमरणसी कधणारजुनिश्वपापकर्मज्ञानावर नविषपरमकदी माध्यमदनीको कस्लोइंपियनश्यियकाउपसम्प3 कैकरीमस्तिदासर्वदायतकह तोम मापरिक संथमपानशएस्पातही यादिकापाकूरुतीप्रकलास्चित सेयमतेदनउदेषणहार तथा घमादाएदवaan अनुटानकरिथ वेकदइन। कानजीवनपोतेयगोकर्मबधनमा विविक्तस्त्रीधनसकादिससी) तिहटा लिबासलीस्फकरिवी तक कलाकंसिपरमदेसिविविमिजीवीसवीतापासमितमक्षितेसदाजए कालखीपरिचए बऊंचखलुपार्यक

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