Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Mayachand Matthen
Publisher: Vikramnagar
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उनीची
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सर्वकारिष्टालोच्यते॥
जेन्देश्मकहजब
मनायaaan सपन॥
मपरूप॥
सर्वपाण॥
सर्वस्त
अतिरियादिसासुसबाता ऽयमिानदियंचते जनेउपवमाश्स्करह]एवंसासद एयन्ताबापवंयपस्वेदासाबधारणा सके सर्वजीवर सर्वसत्वणिवा यानापिया। कार्यविषश्व्यापा पीडिववा॥ उपजविवा॥ श्दासर्वकारिना दोषनधी अनानिन
रिखा
सूया सोजीसाहसन्ना देतवा अजावयवायशिघतबा परिसावया पदावयबा/एविजाणामचिनदोसो ऋणारि क्वजाणिवा वयंक०श्रमिदमारब मसाधना श्मपन्न इमपरूपत्तेफ सर्वप्रणा॥ सबan सर्वजीक सर्वसत्ता
महानिमायक्वानव बना
यवयणामी वयंवरणएवमाऽरकामि एवंसासामोपवयन्तावमा एवंपरवामा साहयाणा सविस्या सजीवा सबसझा/ एसर्वणि आतापिवानही रियदिवानही परितापिवानही उपविवानही दी धर्मनअर्थि करतादीपनी बार्यनौवनायवैकहैल्सैतेया वानदी।
जार
पिकीबोल्पाकोयामपनसक नदंबानप्रजावतमा परिघेता नपरितावेयवा नबहावयवा एविजाणामचिन्वादासा आयरिवयाणमय
अनायुविवनर बननाविवगा जमिनमनिदनमदहिम्पपरमध्यस्एक्वमकिममदद।ओमणीय संमायाश्कीनिंशापमुक्तिविकलूदीस प्रस्फतिस्पंदीला तिचीनियाममा अहिपाबाकससनअम्हसम्हसपिपलक विभाजिमपरमतनअनापिरणामधूनश्यक्तश्चमबंधणियोध्यातालंगारमात्रबाप्तीनस रता
तालमामबानमा राकिलेसा क-अम्हने सामानकारियवस्ततेऽरककिंत्रामातीकामनश्मा करतहवाचनबारुश्नाचनिक०पाहिलासमू-कल्यागमज जेदनाध्यागमन विपकूतनिकालासा
गाजामामागमनाव बादकारीयनव्हडिएह पस्चाकाऊतमकहरसातवासात क-बापाचनकियकीविपरीक्षाकहियरपरमप्तमीणनायकरिवोरणानाविकमानापति कन्यत्रका रुपमालजीकवितस्थानातालकासासक समस्यतिफकिनच्या अनिवार्यसम्म धान्नययान्नया बिस्सामा सापावाच्या किलासायंरके। उदाऊअसाथ समिया पडिal

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