Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Mayachand Matthen
Publisher: Vikramnagar
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प्रासयविषयपप्तिश्रीगुरुकदैन रविवाश्मनष्टीकरतोम तिमागनीश्राामुषासानपका स्यामानुपादन घणाऊ तेकजणानेजमोधकहताजेअनजोक श्रा-कासगनीसंसाधक खपामीसपरसोगनटीपमहसणाजणमिथावकप
जिवनश्करीलामोपलागधाजलियोसिया मानाजामपणाखाद्यानतिम IPS विRSARRENOसीमा कातएजथानकरीकमनाविचित्रग यकीनधाणामवसाबबुकहतावहवपरमार्थनाst नजोखिमोनोमयकारणीजा विगवक बोझिकिदवासतौर
एबीतक ॥ संघवदेवविगिंवृक्षारामांचे साहामा जिसिया तमामो सियाणामवासाबाबुझंतिजिजणा मादयाउदर
लोकस्त्रीशएवण्यसिकीयाविषयवादाउतेस्वमिश्वशतमागलोक मेऽयकयतेववनातेद् तथामाद तामरण यामरकल वलीनराक तिर्यवयति एतावतातेनुरुषासस विषयवाव्यास्त्रीजामाबतालोकगनिश्मकतेमाकोलाकाएया नऽयमणीधाईसारी अनान लणीयालीयाsm की३६ मीक्षितम कानिरतामृटसूर्षाणि कहताएस्सीससारमादित्राय कलोगनउचानकबहाएदवाक्यमका रीमानसीवीकालली
। लेतेदनफलेकह।
थाई॥ Manामा दिपम्पमा
नाशिकची श्रीनिलाय) पक्षियसोवयंतिण्याअायतज्ञासऽस्कायामाहामाराए। परगाण नरातिरिरकाजाणियाए। कात्यादिकतआणइणिकारणिवलीसंसारमादिपरिचम अप्यमादामहामोपमहामोद अलकूदमाघसघाउकसान मादनकरनेकदेतामेतिक मोकारण तथावजीसिपरका एकशपमवनप्तीर्थकरकवज्ञाएदवाषामा Gensate.shamelinअप्रमादकरतीप्रमादनकरि बानिवणनेप्रमाकरिवन नोएतनस्कदामादयकीसमारत नामादनकरिबी
कतास्वनिसिगात विष निपुणतया प्रेमादाएतावता का समारतसंपदायकता अालोची रबिनस्चसाब जागी
ISOMAT Oक्तीनधीस्फअवलंबानेश्नलाहिवमा उजागीप्रमादनकरिया। सतत मटेधमा मारिजाणति उदाजधाश्रयमादमदामोदेअल ऊसनस्सायमाएणं संतिमरण मयेदाए सिर तथालोगनोगवी झंता/अदोसिष्य मुकना प्रत्ययतथ्य सोगनीवांसादिकपदोमुनि किशष्टीत्रसथावरजी पुरुषवीरक दिवेशदिकर जेरण निवऊप्तिश्रादायायामादानकतासयुमा अप्तिकुरवासमन प गोई मदामध्यविषमदारमनकार रणविषासमही देवाश्वजीक स्तमउतिक अष्टोमवेदनशविष निकण्टे नपाम पीएदबी जाएगी सिना हिसजागी उनमस्पडेकर जाषिपूरीथा
दवा ॥5॥
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तिकिमातकदेव
-- मेवेदा| धामो नालयासाअस्तातएपहियामामुणीमहायानातिदायककेचोएसवीर पसेसिएजेणनीवति आदाणाए।

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