Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Mayachand Matthen
Publisher: Vikramnagar

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Page 38
________________ प शनमा तयाायरियपत्रात न्यायमानिदेषपदा दीवीएतावनापरमार्थनौ मानि/तेसाकक अनिरापादिश्रकल्प अनेकज्यनीयलेत सर्वसमस्त । रिएका चारित्रयोगप/दती विविष्टबुविधा एवंविविजेसाको जनमनिकरोताचारित्रीयो ल्पनीयननीयलिवरावन उमादेन आगमेधा "परमार्थप्रदाविषश्तेकदम s ma धकहती अणगाशआरिणारियपारियंदसी अयंसेधितिअदरकासेमादियानादित्रावास्याइनेयातासमणुजागतिस आधाकर्मादिदोष (गेवएतावतासटोपनादारजपरिभाजाणी अदिस्मक क्रयविक्रयविषैउपनापेदिताएतावताकयविक्र अनेरापासमोलि अनिशेमोलिजमीअनुमोदैनदी पत्रि नियामानेरति पचाणपरिताऽपचरवी निरामगधवत यरहितएदबोजनउत्तेसाका क्रयकरश्नोप्रयकरी लेवरावनी जनीयरिजननत्रिकपवनत्रिकलेव वाणऽपरिसर्वश्रामन आपश्चिएसम्परधनुष्टानपलिनी ॥९६ आहारादिकल्यानदा नविशेषकदम 13 घणपरिनवकोटिश्युबाआहार बामगंधपरिमायानिरामगोवायरिए अदिस्समामा कयविकासासणकिन्न सकिंणावय कितनसमजाए सिलिकप्तसाककासबसथाबला मायादारादिलवानौषमा खण्वस विणयनुजा आपणासास्त्र सावन अतिप्राय तथापरियदनाविषममताअकरताकालिक्रि जाणजिणिकालिजेकल पूलीसमक्षा राजापारिवय संसारममा रनौजाणणारा दाताराथवाध थानुष्टानादिप्रस्तावतिदाय यात अनुष्टीननउक व्यकरीयप्रदानयजा इतिहनामा विदनी जाए। मिसंसलदारनी रणदाया जोर सिसिरकुकानामा बलाममायारणारखयण वणयविणयन्लासमयणसाबामपरिगदंश्रममायमाणे कालेधार अप अपतितकाचऊपने उदईकदतीबेवश्रागअनावस्वाकूल्यवोलपटयादापात्रकंब पादबकद अगदेकदतीपिचकारवाददेवेशवयहाराजाव्यदक्षपतिवयवासी मिएनौघातकरिवोद लेदीनिकमक्तिमार्य लामीमध्याएतनगीवासीकी उपकर तोरजोदरा यातरासायमिकावयदाताकयसंस्तारकालापाडफलकादिएतलास वाप्रतिक्षाकरेएदव वतियावलीप्राचारविश तथा दिवानकबजी। मर्थपरदस्तनविषारजाणक० सूझगवेषील॥ माके कदेखा अपणिउदाताविनाणियाशवायझिपाद केबलं पायब उगदेवकडास एण्याचवजारकाल

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