Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Mayachand Matthen
Publisher: Vikramnagar
View full book text
________________
अर्थशमक रूल बरसपातिमप्राणीयतिघाऊनश्वानिवाऊडतायत्राणिकारणिपरिषडयासवाउर्फकरस्याऊत्तागात्रसंकोजेतिही संकोचयाम॥
चामा दिसतिबसिबमिरासंतिसंयामापामा आमच्चसंपततियफरिसंचरकसुमुहागसंघायमावति जितबसंघायमा
मादिशमाहियरितापपीडा अतिदोघीमायामा तिही या क्लिावि व्यारमापूर्ववत बाउकायामि लेयेनकया। पोमश्वरया
सा ऋतितितलपरियारतिजितस्वपरियावजनितितत्वदायीतापल्लसत्वसमारेसमारणसाश्चेतेश्रारसाश्रपरिमा एदवायुकाथनविषप्रसस्त्रअसमास शाश्ना पारंपरिलातका वायुकाथानसमारंमणार स्वयमववाथुशस्वसमारसश्नही
आईतबंध नाणीमभावीपमित यासर्वतिरबसलंअसमारंसमाणसाशचत्तश्रारंभापरिमायासवेति परिमायामदायी निवसयंवाउससमारास अनेरावाहिवायुशस्त्रसमारंसावश्न अनेरासमारंतताना अनुदिनी
जेदनशएवायुकायनासमारंपरिजातजा
कासिवन्नदिवासलेसमारेसावकासिवन्नदिवाउसबंसमारसंतसमाजागोजाजस्तेवाधसत्वंसमारंभापरिन्न ।
मुनिवारित्रियोपरिजातकर्मसर्वारेसप्रत्यारवानकव्वाश्म पदिषामिवासणीस्त्रपारंसीयवैश्वीयुसूसिष्यप्रतकदेव। आपकष्टाचारपेचविषविषादिकनौनारसकरतीकि कदिवषट् जीवनयायनाबधकरणारनरअपायदिषामवासणीत असिव्याखकहताणिवायुकायविषेत्रपिाथकोनरमश्तेशाक्या दियासमादि संयमबापण थाबजावनिकायनाराषवारनाश्यपूर्ण इति॥
श्यत्यादिकमविषाजेन्नारसकरताबाक०कमय नाणावास्यासणीजेएथिया पामयमधारासाब होतावध्यमान जाणितकला
तेस्र्फकारणबश्व तासप्तिासमुजणीयरिणातकम्मा लिाबनिबारपिजाववादीयमाणा|जाधारणरमंतिधारसमा

Page Navigation
1 ... 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146