Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Mayachand Matthen
Publisher: Vikramnagar

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Page 26
________________ कुलोत्पतिबोधिनासादिप्तरकहतीवसरपामा एमोअर्धपाविलीनी वयूकहतीऊमारादिपणउतायौवन इरानीवितकहताअसंयम सेविषयानि कर्णनाशि नयनमस्त सेपेदापमालीवानश्क्षीरवाणीएकमुनिमात्रणमा सर्ववयमाविवधीवतकतावलीमा विषेषमन्नमध्धेपन्नाव लाबवितीस्ना नाबेदम कदेवन दनकर किसानीधमादनकरकिनेकदैब लिषारकब सजालीप्रमाक्ष्परिदक्विपमार्थथ तासपिघातकारिणीक्रिया वश्वसनीददारयो नदणदार / कीविपरीततकेचाश्तेकदैन। समारसर णार्थी था तरंधरवाश्म सापहामारामजनमयिस्मिायमायणवााचनिशानाशांचा जीविपक्षानयमना सन्दता बासिन्ना गतिलोमा यामादिया विषासादिक पाषाणादिकुनैनापि करैतेस्फे जाणीकरैतेकोकणजेाजलगी अदिवायजेणापत्रकलादिसदितवसनिजकापरणा। दिकर्मकाणनौदण देकरीत्रासनीदेष किणऽमकूसूतिकरिस्मसमानतउपर एकदायमादिनााती अवस्वाईपदिल तदपोसाधना दिद राहार हाशागलहारपदवाकमा लासोतराय विशेषसर्वथावलक्षीपतिकहवाऊ/ शतकदश्वय लुपिता विलुपिन्ना उदविनाउनासना अकडंकरिस्सामिन्त्रिमन्नमाण जदिवासर्विसंवसतितधाएंगगयानि ईसपायोक पबशतसेपासममोरधनतउनिमआपण परतेशुम्टनाणसी/शरणसणीस उपणितिदननाणसणीशरणसणीसमर्थन दिवा रात्रादिकनपोसऽधनादिकशसमानsh धीनही मदतिशकपायधनपणाणसणीनघाईए हवउसावदेषामश्बा थगा/पुछियासंतिसादातनियगोपचापोसड़ा/नालतेतवताणाएवा/सरणाएवा उमपितसिनालेतारणाएवासर उवादितकहतांउपलक्कसोगवतजिवीषय तिदनीसंचयकरै इणसंसारविष असूयमनामयमरहितनमागविया उसेपतिवारपाधनसागविवानश्व विशिष्टराडात धनश्करी सानिधया स्पासना एका साध्यापशतष्ठपतरायनोद सरितदानइएकदावेदनीयकमोश्रोग) यथकीसोगवानसकैपदवोसावदे पनदिवऽरोगकरीपरासयूकद पाम // उथाश्तकदबा गाएवा उवादियासासेएणवा संनिदीचवकिसाहामगेसिं असंजया समास/एगयारोगसमुप्पाया सोयणा

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