Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Mayachand Matthen
Publisher: Vikramnagar

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Page 19
________________ एमार इणिविषयाविकनअर्थिग नामापकारवालश्करीत्रसकाथसमारंमशवसकायस दिवनिकारणवसकायौवधकुखतेदेपाश्म क" खतउलोकबाप मरसताअनेरामिकरूपमा लीयादण॥ विमितिककबुजिएकारण सनबुधकरइतिकर कामयाकलाजकारणा नाएसरवस्तुमारासखानुनिरण।श्चगढिएलागाजमिणविश्वस्वेदिपाणधिदिसतिशासबेमिााण्यागपञ्चाएवढे एचर्मम कानिचित्र व्याघ्रादिकन एकपरमासनअर्थिकदिएकत्रिसलचित्रवानलीमाणिamalaमंत्रसापकदियध्यायापिनना बमानकामि पिचनश्कानि विणास - विणासा हीनकरणकर॥ काजिस्यय याघ्रादिवि मयूरचाषादि दिविणास३५ णाम | विराम॥ आप्पगे अजिाणए वदंति अपगमंसाण्वदंति/आप्पागमाणियाएवदंतिवंदियायाए।पिनापवसायापिकाए बनेका वामकाजि गasका विधानश्काजि सादिक ने हालेकाजि अषनकाति/ स्तनश्कानिगा अस्तिनका अस्तिमिजानश्काजि तथापकर या अनर्थदेति तथा प्रतीत जराकानवमरीगाम जिमृगादिक श्रृंगासादिकवि कामिनी इत्पादिक वाघविरसमु॥ निशरव महिषवराकादिनवि यादति विणासsa॥ कालिया बिलासरविणासालास॥विणास विणासशा सा । त्यादि। णासा मादीस्वज उल्लापवाला सिंगाप|विसाणा/देताप/दादामहापादासणीपाश्रहीए।अहिमिंजाए। अाए अाए प्राप्पा मदएपउदाता इणिकारिणद तथावर्तमानकालिएमझनाअथवामादरास्व तथाआगामियश्कालिएमकनैहणसश्स्वजाशील सदात्रसकायविश्वास्त्रसमारेस opan जनश्दणबणिकालिदा दिवसकायबधनउकारणदेषामीउदेसउपकरबल गिदिसंसुवानिवदंति आप्पग दिसंतिमेन्निवावदेशिआप्परोहिंसिरमतिमेशिवावदंतिबएसविंसमारंसमाणस्स पाहारनएआरसअपरिझाकावसकायविषश्ससमारंस नदी तेदनश्यारंपरिक्षातका तेत्रसकायणसमारंसजागी अक्षयी यमिता श्चातभारसा अपरिमायासक्सिसमारंसमाणसाशचातआरंसापरिणायासवंतितपरिमायमेदावी

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