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आधुनिक हिन्दी-जैन-गद्य साहित्य : विधाएँ और विषय-वस्तु 381 बाद में अपासरे (निवास स्थान) जाकर केवल छाछ और बाजरी की रोटी ही खाते थे। बल्लभीपुर गांव के लोगों ने तो अनेक चमत्कार देखे थे। कच्छ में जन्में मुनि का स्वर्गवास दमण के पास वापी में हुआ तब लेखक महादेव का चातुर्मास राजस्थान के फलोदी गांव में हुआ था। अतएव, अन्त समय में गुरु के पास पहुँच न पाने से उनको बहुत दु:ख होता है। स्वाध्याय, चिन्तन, आसन के द्वारा एकाग्रता, हार्दिक अनुभूति एवं मूर्ति पूजा में अत्यन्त आस्थावान इस मुनि महाराज का उचित आदर नहीं हो पाया, इस बात का लेखक को विशेष
खेद प्रतीत होता है। जीवनी की भाषा-शैली में कहीं-कहीं व्याकरण की गलतियाँ रहने पाई हैं, फिर भी धार्मिक विवेचन के साथ नायक के बाह्य एवं
आंतरिक जीवन और विशेषता का प्रामाणिकता के साथ सुन्दर वर्णन किया गया है।
आचार्य राजेन्द्र सूरि जी की जीवनी उनके विद्वान अनुयायी एवं हिन्दी जैन लेखक मुनि श्री विद्यानंद जी ने सुन्दर शैली में लिखी है। इसमें जीवनी को कलात्मक व विचारात्मक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
जैनाचार्य विजयेन्द्र सूरि जी की जीवनी जैन लेखक श्री काशीनाथ सराक ने रोचक शैली में लिखी है।
इन सबके अतिरिक्त छोटी-छोटी जीवनियाँ भी हिन्दी साहित्य में लिखी गई हैं। जैनाचार्यों एवं जैन मुनियों की जीवनियों एवं जैन मुनियों की जीवनियों-जो उनके अनुयायियों द्वारा लिखी गई हैं, इन के सम्बंध में यह सवाल पैदा होता है कि क्या इनको साहित्य के अन्तर्गत समाविष्ट कर सकते हैं? साहित्यिक योग्यता क्या इन जीवनियों में समाहित-अवशिष्ट है या इनसे हिन्दी जैन साहित्य को कुछ उपलब्ध होता है? इसके प्रत्युत्तर में यही कहा जा सकता है कि इन जीवनियों में चाहे श्रद्धा विशेष के कारण अहोभाव की अनुभूति व्यक्त होने पर भी उनकी प्रामाणिकता में पाठक को आशंका नहीं होती। इसके अलावा सभी जीवनियाँ संपूर्ण साहित्यिक शैली में न लिखी गई हो तो भी हिंदी जैन साहित्य के भंडार की श्रीवृद्धि तो अवश्य हुई है और समाज को-विशेषतः जैन समाज को-अपने धर्म के महान व्यक्तियों का परिचय प्राप्त होने के साथ उनके जीवन की महानता, उदात्त भावनाओं से कुछ प्राप्त होती है। अपने जीवन को भी उदात्त एवं कर्तव्यशील बनाने की प्रेरणा मिल सकती है।
___ तेरा पंथ के संस्थापक आचार्य तुलसी की जीवनी छगनलाल शास्त्री ने 'आचार्य तुलसी जीवन झांकी' नाम से प्रस्तुत की है, जिसमें आचार्य के परिवार