Book Title: Aadhunik Hindi Jain Sahitya
Author(s): Saroj K Vora
Publisher: Bharatiya Kala Prakashan

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Page 559
________________ नाम डॉ॰ श्रीमती सरोज, कैलासचन्द्र वोरा अभ्यास- एस. एस. सी. (प्रथम वर्ग) B.A. (प्रथम वर्ग) M.A. (हिन्दी में प्रथम वर्ग) Ph.D. (1980), बाद में एक साल Post Ph.D. (1982) शैक्षणिक अनुभव - पाँच साल S.N.D.T. महिला कालेज में, बाद में O.G.C. की फेलोशिप (चार साल) के दौरान अध्यवसाय रहा। 1987-88 मेंM.S. University में Teaching Assistance का कार्य और बाद में 1994 से अब तक हिन्दी विभाग - आर्ट्स फेकल्टी में लेक्चरर के रूप में कार्यरत । प्रकाशन-1 शौक- जैन समाज की विविध संस्थाओं में निरंतर कार्यरत सक्रिय सदस्य के रूप में धार्मिक व शैक्षणिक संस्थाओं में हार्दिक सहयोग | पढ़ने-पढ़ाने के कार्य में अत्यन्त रुचि । - विविध पत्र-पत्रिकाओं में कवितायें, लेख, निबन्ध, एकांकी आदि रचनायें प्रकाशित, स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी जैन साहित्य नामक जैन 1987, जैनतत्त्व ज्ञान संबंधी लेख (गुजराती में प्रकाशित) । चार बार अमेरिका के सफ़र के दरम्यान वहाँ की धार्मिक, शैक्षणिक एवं सामाजिक संस्थाओं की मुलाकात-भेंटवार्तालाप व प्रबन्ध | भाषाज्ञान- हिन्दी, संस्कृत, गुजराती और अंग्रेजी।

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