Book Title: Wah Zindagi
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 35
________________ कि किसी काम को छोटा न समझें। हमारी छोटी सोच के कारण काम छोटे या बड़े हो जाते हैं। अच्छी सोच होने पर छोटे-से-छोटे काम को बेहतर ढंग से किया जा सकता है। दूसरों पर निर्भर रहने से अच्छा है कि साफ-सफाई का हम खुद ही कर लें। स्वच्छता ही स्वर्ग की जननी होती है। अरे, झाड़ू भ भी लगाओ तो इतने प्रेमपूर्ण तरीके से कि झाड़ू लगाना भी प्रार्थना बन जाए। उस वक्त यदि देवता भी वहाँ से निकलें तो वे भी ठिठक जाएँ कि रज का एक कण भी नहीं है, कहीं मकड़ी का जाला भी नहीं है । इतनी सफाई कि उनका भी शाबासी देने का मन हो जाए। जो व्यक्ति झाडू भी सलीके से लगाता है, वह अपने जीवन के हर कार्य का समुचित प्रबंधन करने में सफल होता है। समय को, अपनी कार्यशैली को, विचारशैली को बेहतर बनाइए । उसे प्रबंधन दीजिए। एक एम. बी. ए. अपने arat भी कीजिए। उसे सही मैनजमेंट दीजिए। जिसमें जो कमी हो, उसे ठीक कर लें। अगर कमी नहीं है तो बहुत ही अच्छा है क्योंकि आप बहुत ढंग जीते हैं। यदि सलीके की जरूरत है तो सलीका अपना लें। सलीके की बात अच्छी होती है, सलीके का वचन अच्छा होता है। हर चीज के पीछे एक प्रबंधन, एक तरक़ीब, एक मनोवैज्ञानिकता, बेहतर सोच और नज़रिया जरूर होना चाहिए । अपनी ओर से आप सभी को इतना ही प्रेमपूर्वक निवेदन है। नमस्कार । २८ Jain Education International For Personal & Private Use Only 000 वाह ! ज़िन्दगी www.jainelibrary.org

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