Book Title: Wah Zindagi
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 51
________________ में किन्तु प्यार यदि साथ सफ़र में तो सचमुच इस मृत्यु - नगर शाम सुबह की एक कसम है। मरण मनुज का नया जनम है। अगर हवा में प्यार घुला है, हर मौसम सुख का मौसम है मरण मनुज का नया जनम है। प्रेम की दुनिया में मृत्यु, मृत्यु नहीं है बल्कि मरण भी एक नया जन्म है । हवा में प्रेम हो, तो हवा, हवा नहीं, सुख और आनंद देने वाला मौसम है। प्रेम की शक्ति हृदय में हो, तो मुश्किल भी मरहम और आँसू शबनम बन जाते हैं। मन में अगर नफ़रत है तो जीवन का कोई भी सरगम भयंकर मातम ही बन जाता है। हम आएँ प्रेम की दहलीज़ पर । सबको अपने प्रेम का पात्र बनाएँ, सबके प्रेम के पात्र बनें। जीवन को जीएँ प्रेम से । सचमुच, जीवन जीने का रंग ही अनेरा हो जाएगा। जीवन की रिक्तता और निराशाएँ स्वत: मिट जाएँगी । जीवन प्रभु का प्रसाद और पुरस्कार हो जाएगा । अपनी ओर से सबके लिए अमृत प्रेम समर्पित है। ४४ Jain Education International For Personal & Private Use Only ००० वाह ! ज़िन्दगी www.jainelibrary.org

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