________________
मूल्यों की ओर आकर्षित हो रही है। भविष्य उज्ज्वल है। संतों को चाहिए कि अब वे पूरी मानवता के हो जाएँ। वे एक परम्परा के ही नहीं बल्कि सारी मानव-जाति के संत हो जाएँ। धरती पर यह उनका बड़ा उपकार होगा। सचमुच, कैनवास को आप जितना बड़ा रखेंगे, आप उतने ही विराट चित्र बना सकेंगे। छोटे कैनवास पर बड़े कार्यों की कल्पना ही नहीं की जा सकती। तुम जब तक छोटी सोच रखोगे, तुम निश्चित ही पिछड़े रहोगे। कुएँ के मेढ़कों को सागर दीजिए, सागर की विराटता दीजिए।
साथ ही साथ लोकतंत्र की प्रबंधन-शैली में ही सुधार लाए जाने चाहिए। वोटों की राजनीति ने माहौल को विकृत किया है। आप अच्छे लोगों को, अच्छी प्रतिभाओं को आगे लाइये। हम अपने परिवार या समाज तक ही अपने को सीमित क्यों रखें? सारा विश्व आपका है। आप सारे विश्व के हो जाएँ। आप जहाँ भी हों, जहाँ भी रहें, आपकी खुशबू दूर-दराज तक फैलनी चाहिए। ऐसे जिओ, ऐसा कुछ करो। हक़ीकतों का सामना करो और निर्भयता से कठिनाइयों से पार लगो। जीवन एक तपस्या है और जो व्यक्ति इस तपस्या को उत्साह और ऊर्जा के साथ पूरी करता है, उसी का जीवन धन्य है, सफल है, सार्थक है, उत्सवपूर्ण है। __अपनी ओर से इतना ही निवेदन है। आपके लिए अमृत-प्रेम भी है, प्रणाम भी है और आशीष भी। सत्कार्य और सन्मार्ग-यही हो हमारा पंथ, हमारा धर्म, हमारा कर्म। सुखी रहिए, प्रतिपल आनंदित रहिए।
०००
ऐसे मिटेगी, देश की गरीबी
१०५
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org