Book Title: Wah Zindagi
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 76
________________ उत्साह से भरे लोग तारों के रहस्य को भी खोज निकालते हैं, वहीं निराशावादी लोग एक नया दरवाजा भी नहीं खोल पाते । हर सफलता के पीछे असफलता की कहानी छिपी होती है। जो असफल होकर मनोबल गिरा देता है, वह फिर अगला क़दम नहीं उठा पाता । अरे, जिंदगी तो एक जुआ है, जिसमें आदमी को तब तक चैन से नहीं बैठना चाहिए जब तक वह अपने लक्ष्य को हासिल न कर ले। आत्म-विश्वास से ही व्यक्ति को लक्ष्य निर्धारण की क्षमता उपलब्ध होती है। आत्म-विश्वास से ही किसी बिंदु पर निर्णय लेने की ताक़त उपलब्ध होती है । जिन्हें स्वयं पर विश्वास नहीं होता, वे ही दूसरों के भरोसे चलते हैं। उन्हें दूसरों के सहारे पर चलने के लिए मज़बूर होना पड़ता है। जिसका अपने आप पर यकीन होता है, वह अपनी अन्तर् आत्मा की आवाज़ को ईश्वर की प्रेरणा मानता है । 1 9 - जिसके पास आत्म-विश्वास है, वही परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम होता है। अन्यथा छोटी-सी समस्या आने पर 'हे भगवान्, हे भगवान्, रामजी, हे भोलेनाथजी, हे हनुमानजी न जाने कितने-कितने संकट मोचकों को वह याद कर लेता है। अरे, भगवान ने तुम्हें बुद्धि दी है, दो-दो हाथ दिए हैं, तुम्हें कार्य करने की क्षमता दी है, समस्याओं का सामना करने के लिए बौद्धिक प्रतिभा दी है। तुम दूसरों के सामने नाक रगड़ने और गिड़गिड़ाने के बजाय स्वयं की मानसिक शक्तियों पर विश्वास रखते हुए उनका उपयोग करो । ईश्वर के प्रति तो केवल कृतज्ञता रहे कि प्रभु तूने मुझे बहुत कुछ दिया है। उसकी कृपा तो देखो कि एक पेट को भरने के लिए दो हाथ दिए हैं। प्रकृति की व्यवस्था तो देखो कि अगर एक असफल हो जाए तो दूसरा उसकी मदद कर सके। यह सब मानसिकता पर निर्भर है। एक आदमी तभी तक उदास रहता है जब तक उसके पास खाने को रोटी न हो, पहनने को वस्त्र न हों, लेकिन जब उसकी निगाह पड़ोस में झोंपड़पट्टी की ओर जाती है तो उसे ईश्वर का कृतज्ञ हो जाना चाहिए कि उसने पड़ौसी को झोपड़-पट्टी दी और उसे पक्का मकान दिया है। हो सकता है कि तुम अपने पांव में जूते न देखकर उदासीन हो जाते होगे पर यदि तुम रास्ते से गुजरते हुए किसी अपाहिज, विकलांग को देख लोगे आत्मविश्वास जगाएँ, असंभव का 'अ' हटाएँ Jain Education International - For Personal & Private Use Only ६९ www.jainelibrary.org

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