________________
करने का मौका दीजिए। बच्चों को सुधारने के लिए सही दिशा-निर्देश दीजिए। उन्हें अच्छी-अच्छी उपदेशप्रद कहानियाँ सुनाएँ।
बच्चों के प्रति लापरवाही होने के कारण बच्चे बिगड़ते हैं। बच्चों को बेजा लाड़-प्यार देने के कारण भी बच्चे बिगड़ते हैं। हम खुद बिगड़े हुए होते हैं, इसलिए बच्चे बिगड़ते हैं। सच्चाई तो यह है कि पहले माँ-बाप बिगड़ते हैं, फिर बच्चे बिगड़ते हैं। जॉर्ज वाशिंगटन की माँ ने, बेटे के द्वारा झूठ बोले जाने पर कहा कि 'झूठे की माँ कहलाने की बजाय मैं पुत्रहीन कहलाना ज्यादा पसंद करूँगी।' जहाँ ऐसी सजगता है, वहीं संस्कार रहते हैं। हमारी स्थिति यह है कि आपके बच्चे ने पड़ौसी के बगीचे से फल-फूल तोड़े। पड़ोसिन शिकायत करने को आई तो आपने कहा, 'मेरा बेटा ऐसा कर ही नहीं सकता। जरूर कोई भूल हुई है।' भीतर बैठे बेटे को प्रोत्साहन मिला। उसे लगा कि गलती कर भी दूंगा तो कोई बात नहीं। डाँट नहीं पड़ेगी। ऐसी स्थिति में आपका कर्त्तव्य होता है कि आप अपने बच्चे के अभद्र व्यवहार पर अंकुश लगाएँ। ___बच्चा बिस्तर पर पेशाब करे, तो तिल-गुड़ खिलाएँ। पेशाब करवाकर फिर सुलाएँ। आदत छूट जाएगी। बच्चों में बाजारू खाना खाने की आदत न पड़े, इसके लिए उन्हें स्कूल जाते समय साथ में टिफिन दें और टिफिन में वही खाना डालें जो उनकी मनपसंद का हो। ___पढ़ाई से बच्चों का मन न उचटे, इसके लिए जरूरी है कि आप उन्हें मातृभाषा में शिक्षा दिलाएँ, उनके रुचिकर विषय भी दिलाएँ। अश्लील साहित्य, भड़कीले टी.वी. चैनल और अव्यावहारिक फैशन से बच्चों को बचाएँ। अंकुश रखें कि आपके बच्चे दुनिया की देखा-देखी ज्यादा तंग और भड़कीले वस्त्र न पहनें। ऐसे वस्त्र इंसान की यौन-भावनाओं को भड़काते हैं। गलत सोहबत और नशे से बच्चों को बचाएँ। ये जो कुछ महत्त्वपूर्ण बातें मैंने कही हैं, इनकी अनुपालना के लिए ज़रूरी है कि कि बच्चों को सुधारने से पहले आप अपने आपको, घर के माहौल को सुधार लें। अच्छा बोलिए, अच्छा खाइये, अच्छा पहिनये। अच्छे लक्ष्य बनाइये और बच्चों को उनके जीवन के अच्छे लक्ष्य दीजिए। ताली हमेशा दो हाथों से बजेगी। थोड़ा उन्हें सुधारिए,
वाह ! ज़िन्दगी
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org